सुमित आंतिल: किन ग्रहों की मदद से सुमित ने जीता गोल्ड मेडल?

टोक्यो पैरालिंपिक में अभी तक भारत को दो गोल्ड समेत आठ पदक मिल चुके हैं। जैवलिन थ्रो में F64 क्लास के खिलाड़ी सुमित आंतिल ने 68.55 मीटर के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। सुमित अंतिल का जन्म 6 जुलाई 1998 को हरियाणा के सोनीपत में हुआ था। सुमित जब सात साल के थे, तब एयरफोर्स में तैनात उनके पिता रामकुमार का बीमारी के चलते देहांत हो गया था। सुमित ने अपने कॅरियर की शुरुआत एक पहलवान के रूप में की थी, लेकिन 5 जनवरी 2015 की शाम को ट्रैक्टर-ट्रॉली ने बाइक पर सवार सुमित को टक्कर मार दी। इस हादसे में उन्हें अपना पैर गवाना पड़ा था। इस हादसे के बाद भी वह हताश नहीं हुए और खेल में अपनी रुचि बढ़ाई। सुमित ने साल 2018 में एशियन चैम्पियनशिप में भाग लिया, जिसमें उन्हें पांचवी रैंक ही मिली। इसके बाद साल 2019 में वर्ल्ड चैम्पियनशिप में रजत पदक अपने नाम किया। इसके अलावा इसी साल नेशनल गेम में सुमित ने स्वर्ण पदक जीत खुद को साबित किया।


कैसे ग्रहों ने सुमित को पदक जीतने में मदद की

सुमित आंतिल की जन्म कुंडली (सूर्य) पर नजर डाली जाए, तो पता चलता है कि सुमित को ऊर्जा योग (अंगारक योग) का आशीर्वाद प्राप्त है। वह बुध की दशा और मंगल की उपदशा से गुजर रहे हैं।  बुध लग्नेश है। भाग्येश मंगल है। अभी लग्नेश की दशा में भाग्येश का अंतर चल रहा है। स्वामी होने के कारण 23 वर्षीय सुमित का बड़े स्तर पर नाम और प्रसिद्धि प्राप्त करने में मदद करता है। सुमित की कुंडली इस ओर इशारा करती है कि आने वाले दिनों में वह और भी कई अन्य विश्व रिकॉर्ड कायम कर सकते हैं। हालांकि कुछ ग्रह इशारा कर रहे हैं कि उन्हें इसके लिए मेहनत का स्तर कुछ और बढ़ाना होगा। नहीं तो आगे वे अपना जेवलिन थ्रो में अपना चार्म बनाकर नहीं रख पाएंगे।


...और मेडल की उम्मीद

टोक्यो पैरालंपिक्स में भारतीय पैरा एथलीट सुमित आंतिल ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। सुमित अंतिल ने जैवलिन थ्रो की F64 स्पर्धा के फाइनल में 3 थ्रो में 3 बार विश्व रिकॉर्ड तोड़ा। उम्मीद है सुमित मेहनत करेंगे और आगे नए पदक अपने नाम जरूर करेंगे।



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