क्यों नहीं होता मांगलिक का विवाह गैर मांगलिक से?
भारत में आम तौर पर माता पिता अपने बच्चे की शादी किसी जातक से नहीं करना चाहते, जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह हो। मंगल ग्रह लाल ग्रह कहा जाता है, इसका प्रभाव भी अत्यधिक बताया जाता है।
माना जाता है कि अगर मंगल ग्रह के जातक की शादी किसी गैर मांगलिक जातक से हो जाती है तो शादी के बाद वैवाहिक जीवन में कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं। इसलिए, भारत में माता-पिता अपने बच्चे के जीवन साथी की तलाश में मंगल से जुड़े तथ्यों पर बात करने से बचते हैं। अगर आप मांगलिक हैं तो हमें पूरा यकीन है कि आपको अपने जीवन साथी से सगाई करने से पहले परेशानी का सामना करना पड़ा होगा। शादी के बाद भी जीवन में कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ रही होंगी।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार मंगल एक उग्र और आक्रामक ग्रह है। यह विवाह में बाधा उत्पन्न करने के लिए जाना जाता है । अगर इसे अनदेखा किया जाता है तो यह जीवन में कई ऐसी दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है, जिसकी आपने उम्मीद नहीं की हो। मंगल के इन्हीं लक्षणों के कारण जातक शादी करने से पहले एक बार उसकी स्थिति की जांच करते हैं। जो लोग मंगल से जुड़ी जांच करने में असफल रहते हैं तो उन्हें इस उग्र ग्रह के क्रोध का शिकार बनना पड़ सकता है।
आज की आधुनिक दुनिया में यह सवाल बड़ा चर्चित है कि मांगलिक गैर मांगलिक से शादी कर सकता है या नहीं? वो भी ऐसे समय जब ज्यादातर युवा प्रेम विवाह करना चाहते हैं। अगर उनमें से किसी एक को प्रेमी मांगलिक मिल गया तो वे अपने रिश्ते को अगले स्तर पर नहीं ले जा सकते।