सबसे लंबा दिन कौन सा होता है, आइए इसके महत्व के बारे में जानते हैं?

वैसे, 2021 में 21 जून साल का सबसे लंबा दिन है। वर्ष का सबसे लंबा दिन सामान्यतः 20 जून से 22 जून के बीच आता है। किसी विशेष वर्ष और किसी देश के स्थानीय समय क्षेत्र पर भी यह निर्भर करता है। साल के सबसे लंबे दिन के बारे में और अधिक समझने के लिए आइए हम संक्रांति का अर्थ जानते हैं।

संक्रांति एक ऐसी घटना है, जो तब होती है जब सूर्य का उदय होता है और भूमध्य रेखा पर उत्तर या दक्षिण की स्थिति में यह अपनी जगह बना लेता है। दुनिया भर के कई देशों में संक्रांति के आधार पर ही ऋतुओं का निर्धारण किया जाता है। सूर्य जिस एक स्थान पर रहता है, वह संक्रांति होता है।


साल का सबसे लंबा दिन

लोगों के मन में अक्सर यह सवाल आता है कि साल का सबसे लंबा दिन कौन सा है। उत्तरी गोलार्ध में साल का सबसे लंबा दिन मुख्य रूप से 21 जून को या उसके आसपास पड़ता है। इस दिन यह देखने के लिए मिलता है कि सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर एकदम लंबवत स्थिति में 23 डिग्री 30′ उत्तरी अक्षांश पर पड़ती हैं। वैसे, किसी खास वर्ष या समय क्षेत्र के आधार पर साल के सबसे लंबे दिन में परिवर्तन भी आ सकता है और यह 20 जून से 22 जून तक में किसी भी दिन हो सकता है।

इस वर्ष का सबसे लंबा दिन 21 जून, 2021 दिन सोमवार को है। उत्तरी गोलार्ध में सूर्य की स्थिति की वजह से इसे उत्तरी संक्रांति भी कहा जाता है।


साल के सबसे लंबे दिन के बारे में रोचक तथ्य

साल के सबसे लंबे दिन 21 जून के बारे में कई दिलचस्प तथ्य मौजूद हैं। कई देशों में इसे एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि कई तरह के त्योहार इसी दिन से नाता रखते हैं। आइए जानते हैं साल के सबसे लंबे दिन के बारे में कौन-कौन से रोचक तथ्य मौजूद हैं।

  • वर्ष के सबसे लंबे दिन का समय पृथ्वी के घूर्णन के मुताबिक बदलता रहता है। आमतौर पर यह 20 जून या 22 जून के आसपास रहता है।
  • संक्रांति का अर्थ सूर्य की स्थिति से है। साथ ही यह इंगित करता है कि सूर्य की स्थिति संक्रांति के दौरान या फिर संक्रांति के आसपास के दिन में दोपहर के वक्त ज्यादा नहीं बदलती है।
  • संक्रांति का पर्व दुनिया भर के कई देशों में मनाया जाता है। इसके अलावा इससे संबंधित कई प्रासंगिक सांस्कृतिक त्योहार भी दुनिया के कई हिस्सों में उत्सव के रूप में मनाए जाते हैं। ऑस्ट्रियाई कार्निवल उत्सव संक्रांति के अवसर पर दुनिया के सबसे बड़े उत्सवों में से एक है।
  • हो सकता है कि आपको मालूम नहीं हो, मगर बहुत से लोग संक्रांति के दौरान सूर्योदय को देखने के लिए एक प्राचीन स्थल चिह्न स्टोनहैंज जाना पसंद करते हैं।
  • वैज्ञानिक समुदाय वैज्ञानिक आविष्कार के लिए संक्रांति को एक काले चरण के रूप में मान्यता है। प्रख्यात वैज्ञानिक गैलीलियो को औपचारिक रूप से सूर्य के चारों ओर घूमने वाली पृथ्वी के अपने सिद्धांत को वापस लेने के लिए नजरबंद कर दिया गया था।

भारत में साल का सबसे लंबा दिन कौन सा होता है

ग्रीष्म संक्रांति या फिर 2021 में भारत में सबसे लंबा दिन 21 जून सोमवार को है। यह दिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। भारत योग को प्रोत्साहित करने और इससे मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में जागरूकता फैलाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत सरकार की तरफ से पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर नागरिकों के लिए योग सत्र का आयोजन किया जाता है।

भारत में किसी भी जाति, पंथ या धर्म के आधार पर बिना किसी भेदभाव के योग दिवस का आयोजन होता है। सामूहिक रूप से लोग सूर्य नमस्कार और योग करते हैं। योग का सबसे महत्वपूर्ण लाभ स्वस्थ मन और शरीर के रूप में मिलता है।

वर्ष के सबसे लंबे दिन को ग्रीष्म संक्रांति के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि दुनिया के अलग-अलग देशों में ऋतुओं को अलग करने में यह मददगार होता है। यदि आप अधिक जानना चाहते हैं, तो हम यहां आपके लिए अलग-अलग संक्रांति लेकर आए हैं।


साल का सबसे लंबा और सबसे छोटा दिन

हर साल 21 जून और 21 दिसंबर के आसपास दो संक्रांति होती है। दोनों संक्रांति की घटनाएं वर्ष का सबसे लंबा और सबसे छोटा दिन होती हैं। इस वर्ष साल का सबसे लंबा दिन 21 जून, 2021 दिन सोमवार को है। वहीं, साल का सबसे छोटा दिन 21 दिसंबर, 2021 दिन मंगलवार को है। सबसे लंबे दिन में सूरज की रोशनी अधिक होती है और साल के सबसे छोटे दिन में सूरज की रोशनी सबसे कम होती है।


ग्रीष्म संक्रांति

साल के सबसे लंबे दिन को ग्रीष्म संक्रांति के रूप में जाना जाता है और यह 21 जून को पड़ता है। कई देशों में ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत के तौर पर भी इसे देखा जाता है। यह तब होता है जब सूर्य कर्क रेखा के ऊपर एकदम सीध में स्थित होता है। वर्ष का सबसे लंबा दिन आकाश में सूर्य की सबसे लंबी यात्रा का प्रतीक होता है और दुनिया इस दिन सबसे अधिक अवधि के लिए सूर्य के प्रकाश का अनुभव कर पाती है।


शीतकालीन संक्रांति

वर्ष का सबसे छोटा दिन 21 दिसंबर या 22 दिसंबर के आसपास पड़ता है। यह शीतकालीन संक्रांति होती है। इस दिन सूर्य आकाश में सबसे कम अवधि के लिए रहता है। शीतकालीन संक्रांति के दौरान रात सबसे लंबी अवधि की होती है। इसे मिडविंटर और डोंगजी जैसे नामों से भी जाना जाता है। शीतकालीन संक्रांति का अर्थ यह भी है कि सूर्य की पृथ्वी से दूरी बहुत अधिक है और सूर्य का प्रकाश लंबे समय तक नहीं मिलने वाला।


वर्ष 2021 के लिए संक्रांति का समय और तिथि

साल 2021 में ग्रीष्म संक्रांति 21 जून, 2021 दिन सोमवार को होगी। वहीं, शीतकालीन संक्रांति 21 दिसंबर, 2021 दिन मंगलवार को होगी। उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्म संक्रांति जून में, जबकि शीतकालीन संक्रांति दक्षिणी गोलार्ध में होती है।

इस वर्ष संक्रांति का समय है

  • ग्रीष्म संक्रांति- 21 जून, 2021 दिन सोमवार को सुबह 9:01 बजे
  • शीतकालीन संक्रांति- 21 दिसंबर, 2021 दिन मंगलवार को सुबह 9:28 बजे

ज्योतिष और संक्रांति का महत्व

ज्योतिष के मुताबिक संक्रांति बड़े महत्व का होता है। यह माना जाता है कि संक्रांति गर्मी एवं सर्दी की शुरुआत होती है और दो मौसम वसंत और शरद ऋतु भी होते हैं। ये मौसम राशि चक्र के कार्डिनल संकेतों से संबंधित होते हैं, जिन्हें कि कार्डिनल एक्सिस भी कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार कार्डिनल अक्ष जन्म कुंडली के कोणों की खोज करने में मददगार होता है।

ग्रीष्म संक्रांति में सूर्य कर्क रेखा के ऊपर रहता है और कर्क राशि के कार्डिनल चिह्न पर असर डालता है। साथ ही शीतकालीन संक्रांति में सूर्य मकर रेखा पर प्रकट होता है और यह मकर राशि के कार्डिनल चिह्न को प्रभावित करता है।



Choose Your Package to Get 100% Cashback On First Consultation