जाने सबसे आध्यात्मिक और धार्मिक राशियां कौन सी हैं


परिचय

अध्यात्म काफी गहरा विषय है। अध्यात्म के मार्ग में धारणा यह है कि आप स्वयं से ज्यादा उस अदृश्य शक्ति पर विश्वास करते हैं, जिन्हें हम ईश्वर कहते हैं। भले ही आप कितने भी आध्यात्मिक हों, इससे यह सिद्ध नहीं होता की आप आस्तिक भी हैं। आस्तिक व्यक्ति आध्यात्मिक हो सकता है। स्वयं से ज्यादा विश्वास उस ऊपरी शक्ति पर होना यह केवल कल्पना का खेल है। हमें उस अदृश्य शक्ति पर भरोसा करने की शिक्षा दी जाती है।

अध्यात्म का मार्ग चुनकर व्यक्ति आध्यात्मिकता प्राप्त करने हेतु, ध्यान, शाकाहार और योग का अभ्यास करते हुए संभोग से परहेज रखता है। इस प्रकार व्यक्ति का मन मजबूत होता है और कल्पना शक्ति बढ़ती है। शायद आप यकीन ना करें परंतु, अध्यात्म का सकारात्मक प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है।

हर व्यक्ति कहीं ना कहीं अध्यात्म से जुड़ा होता है, वे नहीं समझ पाते परंतु लगभग सभी के अंदर अध्यात्म मौजूद होता है। कुछ लोग बहुत आध्यात्मिक होते हैं, और कुछ बहुत ही कम। फिर भी, जीवन में कुछ मात्रा में हर व्यक्ति अध्यात्म से जुड़ा मिलेगा।
वहीं दूसरी ओर आध्यात्मिक व्यक्ति का भौतिक जीवन से मोह कम होने लग जाता है, और नई इच्छाएं उसके उद्देश्य उसके मन में जन्म लेने लगते हैं। अध्यात्म से आप स्वयं को बेहतर तरीके से समझने लगते हैं।

हम सब जानते है कि ज्योतिष द्वारा राशियों को और उनके फलों को 12 भाग में विभाजित किया है। हमने भी इन 12 राशियों को अध्यात्म को ध्यान में रखते हुए अंकित किया है। बिना देरी किए आइए जानते हैं, कौन सी राशि के व्यक्ति अधिक आध्यात्मिक होते हैं और कौन से वाले कम।

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सबसे आध्यात्मिक राशियां - अधिक से कम के क्रम में

कुंभ राशि

कुंभ राशि को सबसे ज्यादा रहस्यमय राशि कहा गया है। उन्हे अपने आसपास होने वाली गतिविधि की पूर्ण समझ होने के कारण, वो अधिक आध्यात्मिक होते हैं। वे समझदार और पढ़े लिखे होते हैं, जो उनके लिए अध्यात्म और उनसे जुड़े बाकी अभ्यास को सहजता से समझने में उनके लिए सहायक होती है। उन्हे बाकियों की चिंता भी होती है, जिसके कारण वे बाकियों के मुकाबले अधिक सहानुभूतिपूर्ण होते हैं।

कुंभ राशि वाले भौतिक संपत्ति से कम ही संतुष्ट होते हैं। उन्हें दूसरे जरूरतमंद की सहायता करने में सुख मिलता है। कुंभ वाले व्यक्ति में परोपकार की भावना अधिक पाई जाती है, यही वजह है कि कुंभ राशि के जातकों में आध्यात्म की भावना श्रेष्ठ होती हैं।

मीन राशि

कुंभ के बाद मीन दूसरी सबसे धार्मिक राशि होती है। उनकी कल्पना और विचार शक्ति बेहद मजबूत होती है। वे धन, लोकप्रियता और सत्ता से कम ही खुश होते हैं। मीन राशि के व्यक्ति अपना समय स्वयं को निखारने और एक आशावादी जीवन कैसे बनाए इसमें खर्च किया करते हैं। वो इस बात की चिंता नहीं करते किस तरह धन अर्जित करें, कैसे लोगों में मशहूर हो, कैसे ताकत जुटाए। इस राशि वालों का ध्यान स्वयं को कैसे बेहतर बनाए और कैसे स्वयं को निखारें, इस बात पर होता है।

उनका दिमाग ही उनका सबसे बड़ा हथियार है, और वे इसी के बल पर अपना सभी कार्य संपन्न करते हैं। मीन राशि वाले पढ़ने के बड़े शौकीन होते हैं, साथ ही वे स्वयं को अलग अलग स्थिति में इमेज करते हैं जिससे उनकी कल्पना शक्ति मजबूत होती है।

धनु राशि

धनु राशि कि बात करें तो, ये लोग उनमें से नही है, जो अपने जीवन में सिर्फ अपने जॉब को महत्व देते है। ऐसे लोग शांत चित्त स्वभाव के होते हैं, और अधिकांश समय जीवन के आनंद लेते हुए गुजारने में विश्वास रखते हैं, ताकि उन्हें बाद में ये पछतावा न रहे की जीवन ऑफिस में ही बीत गया।

एक समय पर धनु राशि के व्यक्ति बुद्धिमान भी हो सकते हैं और आध्यात्मिक भी। इनकी बुद्धि काफी तीव्र होती है, और इनके पास ज्ञान की कोई कमी नहीं होती, यही वजह है कि ऐसे व्यक्ति बुद्धिमान और अनुभवी दिखाई पड़ते हैं। ऐसे व्यक्ति बड़े घर के आदि नही होते है, बल्कि ये अपने छोटे से घर में जो अर्जित किया है उसी में संतुष्ट रहते हैं। वे अपने जीवन में केवल खुशियों को ही महत्व देते हैं।

सिंह राशि

सिंह राशि वालों का स्वभाव कड़ा होता है, ऐसा माना जाता है। ऐसे जातक निडर होते हैं। यही कारण है वे अपने निर्णय और अपनी राय पर अड़े होते हैं। अपने विचारों को उन पर हावी होने नहीं देते। वे अपनी बुद्धिमता से जीवन की हर ऊंचाई हासिल करने में अटल प्रयास करते हैं।

इस प्रकार विचारों पर संयम और मानसिक बल केवल आध्यात्मिक व्यक्ति का ही हो सकता है। सिंह राशि वाले ऐसे ही व्यक्ति है। जो अपने दिमाग की पूर्ण क्षमता का इस्तेमाल कर पाते हैं। वे इस खतरे से पूरी तरह वाकिफ हैं कि दिमाग को पूरी छूट देने से क्या परिणाम हो सकते हैं, परन्तु वो ऐसा होने नहीं देते। उन्हें ताकत और कमजोरी का पूरा अंदाजा है, और हर समय अपने को इंप्रूव करने में लगे रहते हैं।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि भी रहस्यमय राशि में से एक है पर इनमें आध्यात्म की मात्रा औसत स्तर की होती है। कई बार अपने दिमाग से काबू हट जाने के कारण उग्र ये लोग भी हो जाते हैं। इसी के साथ इनकी शान और शौकत में दिलचस्पी कम ही होती है। इन्हें सरल जीवन जीना पसंद होता है। इसमें गुस्से की मात्रा अधिक होने के कारण इन का मन अध्यात्म में कम ही लगता है। सब इनके नियंत्रण में रहे, इस प्रकार की चाहत के कारण इनका मन इन पर हावी रहता है और इन्हें कम आध्यात्मिक बनाता है। हालांकि इनमें दुनियादारी की समझ है। उनका दृष्टिकोण सकारात्मक होता है और वे अपने परिवेश के प्रति सचेत रहते हैं।

तुला राशि

तुला राशि वालों में शान से जीवन जीने की चाहत होती है। किसी भी तुला राशि वाले व्यक्ति को अच्छे कपड़े, बंगला और महंगी गाड़ियां दिखा कर लुभाया जा सकता है। इसका कारण है उनका अध्यात्म और अपने जीवन के प्रति जागरूक न होना।

वो ये नहीं समझ पाते किस प्रकार ये उन्हें प्रभावित करेगी। आध्यात्म में अरुचि का परिणाम इनके दैनिक जीवन में देखा जा सकता है। उनके निजी जिंदगी में सब अस्त व्यस्त ही देखने को मिलेगा, और जल्द ही वे मानसिक बीमारी से जूझने लगते हैं। चूंकि उनका दिमाग इतना कमजोर और नाजुक हो चुका होता है, छोटी सी हर बात भी उन्हें बड़ी चोट पहुंचा सकती है। व्यक्ति के जीवन को संवारना या बिगड़ना निर्भर करता है, व्यक्ति के दिमाग पर। दिमाग में पूरी क्षमता होती है, आपके अंदर के छुपे, अच्छे और बुरे व्यक्तित्व को निखारने की ।

मिथुन राशि

मिथुन राशि भी उन्ही में से है जो भौतिक वस्तु को अधिक महत्व देती है। मिथुन राशि के व्यक्ति कभी-कभी बहुत ही कंपीटिटिव हो जाते हैं, जिसके कारण उन्हें काफी मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ती है।
जब स्पर्धा निष्पक्ष हो तब इनके लिए फायदेमंद होता है। हालांकि, जब हर समय आप का रवैया स्पर्धात्मक रहे, तब वो आप को नुकसान पहुंचाने लगता है। ऐसे व्यक्ति को सिर्फ इस बात से फर्क पड़ता है, कि कैसे मैं अपने को सबसे बेहतर दिखाए, जिससे लोग उन्हें स्नेह और प्रशंसा करें। उनमें स्वयं को तराशने की कोई परवाह नहीं होती। जैसे वे चाहते हैं वैसा कोई उन्हें स्नेह ना करे, तो उनकी यह चाहत उन्हें निराश करती है । बस यही कारण है उनके जीवन में अध्यात्म की जगह नहीं होती।

मकर राशि

बात करें मकर राशि कि तो वो एक परिपक्व और सुव्यवस्थित प्रकार की राशि है। हालांकि जब कोई उनके पास आता है तब वे असहाय हो जाते हैं और इनका स्वभाव कोमल हो जाता है। कोई आप को तब तक हानि नहीं पहुंचा सकता जब तक आप का संकल्प दृढ़ है, और यही ताकत है। जब मन अध्यात्म से जुड़ जाता है।

जब मन का जुड़ाव अध्यात्म से होने लगता है, फिर तब से मन उत्साह और सकारात्मकता खिल उठता है, और आप किसी भी परिस्थिति का आसानी से सामना कर सकते हैं। जिसका मन अध्यात्म में नहीं लगता। ऐसे व्यक्ति का मन आसानी से गलतियां करता है। उसे लोगों से अस्वीकृति झेलनी पड़ती है और बार-बार ब्रेकअप जैसी भावनात्मक समस्या का भी सामना करना पड़ता है।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के व्यक्तित्व में भावुकता झलकती है। आत्मविश्वास की कमी और खुद पर भरोसा न होने के कारण ये भावनात्मक रूप से बहुत कमजोर होते हैं। वृषभ राशि के व्यक्ति छोटी छोटी बातों पर आसानी से प्रभावित हो जाते हैं, और वे तब तक पलट कर जवाब नही देते जब तक उनकी भावना उन्हें कोसने न लगे। नकारात्मक मानसिकता की वजह से इनका मन अध्यात्म में नहीं लगता यह सबसे प्रमुख कारण है।

उन्हे भोग विलास के वस्तु की आशा होती है। वृषभ राशि वाले व्यक्ति सफलता और असफलता को पैसे और फेम से ही तौलते हैं। यही कारण है, कि ऐसे व्यक्ति अपने आपको असफल व्यक्ति समझने लगते है जब तक खूब सारा धन नहीं कमा लेते।

कर्क राशि

कर्क एक महत्वपूर्ण राशि है। उनके मित्र सामान्य स्तर के व्यक्ति होते हैं। वे दूसरे लोगों की राय की परवाह नहीं करते। इन विशेषताओं को देख कर कह सकते की कर्क एक आध्यात्मिक राशि है। परन्तु वास्तव में सच यह है, की कर्क राशि के व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर होते हैं। सरलता से किसी पर भी विश्वास कर लेना और किसी से प्रेम कर बैठने की आदत के कारण इन्हें भुगतना पड़ता है।

अमूमन कोई भी व्यक्ति जल्दी किसी पर विश्वास नहीं करता है। परंतु कर्क राशि के व्यक्ति का मानना है। सभी विश्वास के पात्र है और वे उन्हें घनिष्ट मित्र मानने लगते हैं, और जीवन भर उसे भुला नही पाते।

इसका नतीजा ये निकलता है, कि इन्हें प्रेम संबंधों में बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता है। जब ये किसी के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ जाते है। तब उनके सामने कमजोर पड़ जाते हैं। वैसे तो ये बहुत स्ट्रॉन्ग होते हैं।

मेष राशि

मेष राशि के व्यक्ति चाहते हैं लोग उन्हें देखकर उनकी परवाह करें। फलस्वरूप, इन्हें चकाचौंध में रहना और प्रसिद्धि पाना पसंद होता है। मेष राशि के व्यक्ति सामाजिक होते हैं, और लोग इस बात पर इनकी खूब सराहना करते हैं। हालांकि, ये पूर्ण सत्य नहीं है। हर कोई मेष राशि के व्यक्ति को पसंद नहीं करते, और ये बात उन्हे निराश भी करती है। मानसिक तौर पर यह बहुत कमजोर होते हैं। मेष राशि के व्यक्ति आकर्षक और प्रभावशाली व्यक्तित्व के होते हैं। परन्तु हर कोई इनकी प्रशंसा नहीं करता और कम ही लोग पसंद करते हैं इन्हें।

लोकप्रिय होने की उनकी तीव्र चाहत उन्हें मानसिक तौर पर कमजोर बनाती है। ऐसे व्यक्ति को लोग लालच देकर इनका फायदा लेकर उन्हें तबाह कर सकते हैं। एक सेलिब्रिटी अपने आप को सर्वश्रेष्ठ मानने लगता है मगर हम जानते हैं सत्य क्या है।

कन्या राशि

कन्या राशि वालों की लग्जरी और भौतिक रूप से अमीर बनने की तीव्र इच्छा होती है। इनका जीवन के प्रति नज़रिया अलग होता है, और ऐसे लोग खुशियों को कम ही महत्व देते हैं। यही कारण है अधिक से अधिक धन कमाने के लिए वे स्वयं पर खूब प्रेशर डालते हैं। जिसके कारण उन्हें मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ता है। कन्या राशि वालों में तनाव, नींद नहीं आना और मानसिक पीड़ा अधिक पाई जाती है। ऐसे व्यक्ति अपने स्वास्थ्य पर कभी ध्यान नहीं देते, और इन्हीं कारणों से इन्हे सबसे कम अध्यात्मिक की श्रेणी में रखा जाता है।


सबसे धार्मिक राशि के बारे में जानकारी

चंद्र राशि के कुछ व्यक्ति धार्मिक भी होते हैं, और कुछ व्यक्ति लोगों के सानिध्य में इसका अभ्यास करने लगते हैं। कन्या वाले अधर्मी भी हो सकते हैं, वहीं धनु राशि के कुछ व्यक्ति बहुत ही धार्मिक पाए जाते हैं। जिस प्रकार से आप इन रस्मों को निभाते है, वो आप की राशि के बारे बहुत कुछ कहती है। अगर आप किसी मिथुन राशि वाले व्यक्ति को मंदिर या चर्च जाते हुए देखें तो इस पर अचंभा मत करिएगा।

मेष राशि

मेष राशि के लिए सहूलियत की बात है। जैसे हम बाकी काम करते है, वैसे ही धर्म और रस्में निभाना एक दिनचर्या के काम की तरह है। वो किसी पर बंधन तो नही डालते परन्तु जब आप इन चीजों पर आस्था नहीं रखते, तब उनकी नाराजगी साफ दिखती है। दिन भर के तनाव से छुटकारा पाने के लिए या टाइम पास नहीं होता, इसलिए मेष राशि वाले मंदिर जाते हैं।

वृषभ राशि

वृषभ राशि की आस्था बिल्कुल सच्ची होती है। मगर सही तालमेल नहीं बिठा पाते, और आपकी मुलाकात या तो एकदम भक्ति रस में डूबे भक्त से होगी नहीं तो ऐसे व्यक्ति से मिलेंगे जिसे अध्यात्म में बिल्कुल भी रुचि नहीं होगी। और कुछ ऐसे हैं जो धर्म के विपरीत भी मिलेंगे।

मिथुन राशि

ये आश्चर्य की बात होगी अगर, आप ऐसे मिथुन राशि वाले से मिले जिसे धर्म और रिवाज में बिल्कुल रुचि न हो। त्योहार के दौरान आप पाएंगे कि मिथुन राशि वाले सभी कार्य में आगे होते हैं और पहली पूजा भी यही करते हैं। मिथुन राशि के युवक आप को इसके थोड़े विपरीत मिल सकते हैं पर समय के साथ वो धर्म में विश्वास करने लगते हैं।

कर्क राशि

कर्क राशि वाले अत्यधिक धार्मिक होते हैं। वे अपना हर कार्य जग जाहिर करने में विश्वास रखते हैं। वे हर कार्य से पूर्व प्रभु का स्मरण करने में विश्वास रखते हैं। ये ऐसे व्यक्ति हैं, जो जहां भी दान पेटी देखें या गरीब को झोली फैलाए देखें तो उसमें पैसा डालने से नही चूकते। अपने ऑफिस में ईश्वर की तस्वीर लगाए रहते हैं। उनकी भागती समय के साथ गहरी से गहरी होती जाती है।

सिंह राशि

सिंह राशि वाले तब तक सभी रिवाज को महत्व देते हैं, जब तक उसके पीछे का मकसद उन्हे ज्ञात हो। मान लो उन्होंने कभी व्रत नहीं रखा हो, परन्तु जब उन्हें उसके पीछे के महत्व पता चल जाए तो वे आजीवन व्रत रखना शुरू कर देंगे। उनकी भक्ति लॉजिक से चलती है।

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कन्या राशि

कन्या राशि वाले बिल्कुल भी धार्मिक नही होते, है न आश्चर्य की बात! वो इस बात को नही मानते की धार्मिक होने के लिए धर्म-कर्म करने की आवश्यकता है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं, अगर आप किसी कन्या राशि वाले को मंदिर में बड़ी पूजा करने के बजाय अपने ईश्वर पर ध्यान करते देखें। हालांकि कन्या राशि वाले बुरे समय में कब आप की मदद कर जाए और आप को पता भी न चले।

तुला राशि

धार्मिक कार्य में भी तुला राशि घमंडी प्रतीत हो सकती हैं। कारण वे अपनी सहूलियत के अनुसार धार्मिक कार्य में सहभागी होते हैं। जिसका नतीजा यह हो सकता है त्योहार के दौरान उन्हें भोजन का लुत्फ लेना हो या ना हो, मगर वे एक दिन पहले व्रत नहीं करेंगे। कुछ हद तक वृश्चिक राशि के जातक भी धार्मिक होते हैं, परन्तु वे जाहीर करने में विश्वास नहीं करते।
बल्कि, वे चुपके से रात में सोने से पहले ईश्वर से बाते कर लेते हैं, या तब याद करते हैं जब उन्हें शक्ति की जरूरत महसूस होती है। इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं कि उनके कमरे में किसी ईश्वर की कोई तस्वीर ना मिले या ये भक्त होने का दावा करें।

धनु राशि

धनु राशि के व्यक्ति ऐसे होते हैं जो एक ही बार में श्री भागवत गीता या बाइबल का अध्ययन कर लें, फिर भी उनमें और जानने की जिज्ञासा होती है। इन लोगों को भक्ति के विषय में चर्चा करना पसंद होता है।

मकर राशि

मकर राशि वालों का स्वभाव बहते पानी की तरह होता है। उनके साथ वाले पूजा करते हैं, तो वे भी करने लगेंगे। किसी भी धार्मिक कार्य करने में उन्हे बोझ नहीं लगता। वो स्वयं इन चीजों में विश्वास नहीं करते परन्तु, यदि कोई करे तो वे भी साथ में लग जाते हैं।

कुंभ राशि

कभी-कभी कुंभ राशि वाले धर्म के विपरीत भी हो जाते हैं, और धार्मिक कार्य में शामिल भी नहीं होते। वे तब तक कोई कार्य नहीं करेंगे। जब तब उससे उन्हे कुछ प्राप्त ना हो।

मीन राशि

चाहे देव हो या धार्मिक कार्य इन सब में विश्वास करने के लिए मीन राशि वालों को कोई ठोस कारण चाहिए होता है। मीन राशि वालों को अगर कोई व्यक्ति सही तरीके से समझा और सीखा दे, तब वे कोई तर्क नहीं करते। अपने विस्तृत ज्ञान से वो एक अच्छे गुरु बन सकते हैं। जैसे-जैसे उम्र में इजाफा होता है, उनका कॉन्फिडेंस भी बढ़ता जाता है।

कुंडली में चंद्र राशि, लग्न, 5,9,12 घरों पर पड़ने वाले ग्रहों के प्रभाव, इन भाव स्वामी की प्लेसमेंट, ग्रहों के कारक तत्व, शनि और गुरु द्वारा धर्म की स्थिति को समझा जा सकता है।



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