नवरात्रि का छठा दिन: माता कात्यायनी की करें पूजा, मिलेगी ग्रह दोष से मुक्ति

देवी कात्यायनी मां दुर्गा का छठा स्वरूप हैं, जिनकी पूजा नवरात्रि के छठे दिन की जाती है। नौ रातों तक चलने वाले इस त्योहार की तैयारी जोरों पर है। नवरात्रि वास्तव में भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है और लाखों भक्तों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। हर साल पूरे देश में नवरात्रि बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है। इस दौरान देवी दुर्गा के नौ रूपों या अवतारों की पूजा करते हैं। नवरात्रि की शुरुआत मां शैलपुत्री की पूजा से होती है और इसके बाद मां ब्रम्हाचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा और स्कंदमाता जैसे अन्य अवतारों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के छठे दिन माता के कात्यायनी रूप की पूजा अर्चना की जाती है। अक्सर मां कात्यायनी की पूजा करने से विवाह संबंधी परेशानी दूर होती है। यदि आप भी विवाह नहीं होने, विवाह में सामंजस्य नहीं हो पाने जैसी चीजों से परेशान हो रहे हैं, तो आपको मां कात्यायनी की पूजा के साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करवाना चाहिए। आप समस्याओं से निपटने के लिए वैदिक रीति से की जाने वाली पूजा का लाभ जरूर लें। हमारे विशेषज्ञ पंडित आपके संकल्प के आधार पर आपके लिए व्यक्तिगत पूजा करवाने में आपकी मदद करेंगे। आगे जानिए क्या है मां कात्यायनी का स्वरूप-


मां कात्यायनी का स्वरूप


मां कात्यायनी का महत्व


मां कात्यायनी का ज्योतिषीय महत्व


मां कात्यायनी पूजा विधि


मां कात्यायनी की पूजा के लिए करें इस मंत्र का जाप करें...


माता कात्यायनी कथा



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