लाल माणिक्य (Red Ruby) के ज्योतिषीय लाभ, जो आपको जानने चाहिए


लाल माणिक्य क्या है?

रत्नों का स्वामी लाल माणिक्य(Ruby) को माना गया है, और यह राशि चक्र को नियंत्रित करने वाले सूर्य से संबंधित है जो कि एक मूल्यवान पत्थर है। यही कारण है कि हर कोई इसकी ओर आकर्षित हो जाता है। यह जिंदगी के अनुकूल एक ऐसी शक्ति है, जिसका संबंध अपव्यय से भी है। सूर्य सृष्टि का पोषण करता है। यह हर किसी को व्यापक ऊर्जा प्रदान करता है। यह बिल्कुल कालपुरुष की आत्मा जैसा है।
सामान्य रूबी अन्य किसी भी रत्न की तुलना में महंगा होता है। कई पश्चिमी देशों में प्रचलित रिवाजों के मुताबिक इसे जुलाई में जन्मे लोगों का रत्न भी कहा जाता है।


लाल माणिक्य के ज्योतिषीय लाभ क्या हैं?

लाल माणिक्य का संबंध सूर्य से है। जैसा कि आपको भी मालूम है कि सूर्य नाम, लोकप्रियता, उपलब्धि और कल्याण करने वाला कारक है। जो लोग लाल माणिक्य को धारण करते हैं, वे दूसरों की भलाई के लिए काम करते हैं। उनकी दृढ़ता उल्लेखनीय होती है। वे निडर होते हैं। वे उपलब्धि हासिल करते हैं। नाम और प्रशंसा भी उनकी जिंदगी का हिस्सा बनते हैं। जिस शक्ति का वर्तमान में प्रभाव है, उसके साथ भी संबंधों को बेहतर बनाने में यह मददगार होता है। साथ ही अपने पिता के साथ भी इस रत्न को धारण करने वालों का रिश्ता मजबूत बनता है।
एक बार जब आप लाल माणिक्य धारण कर लेते हैं, तो इससे निश्चित तौर पर आपको अपने आप में सुधार देखने के लिए मिलने लगते हैं। सूर्य को आत्मकारक माना गया है। इस तरह से जो लोग माणिक रत्न धारण करते हैं, उनमें निडरता भी देखने के लिए मिलती है। इसे पहनने वाले को राज्य, सत्ता और संगठन आदि से भी मदद मिलने की संभावना बढ़ जाती है।


लाल माणिक्य का आपकी जिंदगी पर क्या असर पड़ता है?

  • आपकी जन्म कुंडली में यदि सूर्य बहुत ही अच्छी स्थिति में है तो आप बिल्कुल एक शासक की तरह रोजाना की जिंदगी जीते हैं। आपकी अपव्यय वाली दिनचर्या भी जारी रहती है।
  • आप यदि अपने उद्देश्य को निर्धारित नहीं कर पा रहे हैं या फिर पूर्व का ज्ञान आपको नहीं हो पा रहा है, तो हो सकता है कि आपका काम यह देखना है कि आपके पास के मार्ग में अंतर क्या है।
  • यह वास्तव में उन लोगों के लिए है, जो वित्तीय लाभ हासिल करने के लिए फिजूलखर्ची या फिर भौतिकवादी चीजों को सही बताते हैं।
  • आप अपने काम में ज्यादा व्यस्त रहते हैं। साथ ही लाल माणिक्य को धारण करने की वजह से आप सही निर्णय नहीं ले पाते हैं।
  • लाल माणिक्य का संबंध प्रेम और ऊर्जा से भी है। ऐसे में इसे धारण करने से अपने दोस्तों एवं परिवार के सदस्यों के साथ आपका बंधन मजबूत होता चला जाता है।

लाल माणिक्य के लाभ: इसे किसे पहनना चाहिए?

यदि आप लाल माणिक्य को धारण कर लेते हैं तो ऐसे में किसी भी तरह की प्रतियोगी परीक्षा में आपकी सफलता सुनिश्चित हो जाती है। इसलिए इस रत्न को जो लोग धारण करते हैं, उनमें ज्यादातर डॉक्टर, किसान, विधायक व सांसद एवं सरकारी कर्मचारी शामिल होते हैं। जिन लोगों का जन्म में 16 अगस्त से 17 सितंबर तक हुआ है, उन जातकों को लाल माणिक्य का लाभ मिलने की विशेष संभावना रहती है। किसी भी महीने की पहली, दसवीं और अट्ठाइसवीं तारीख को इसे धारण करने वाले लोग इससे कई अचूक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। लाल माणिक्य छात्रों के साथ स्टॉकब्रोकर, भू-वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, विशेषज्ञों, न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं एवं नीति निर्माताओं के लिए भी लाभप्रद होता है। लाल माणिक्य को धारण कर लेने से वे अपने-अपने काम में लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर होते जाते हैं।


लाल माणिक्य पहनने से कौन-कौन से संक्रमण घट सकते हैं?

  • जब आप लाल माणिक्य  धारण कर लेते हैं, तो इसके बाद आपकी उर्जा आपको फिर से वापस मिल जाती है।
  • यदि आपकी आंखों में या फिर खून के बहाव से संबंधित किसी तरह की समस्या हो रही है तो इसमें भी लाल माणिक्य  उपयोगी साबित होता है।
  • यदि आपको लगातार कमजोरी का अनुभव हो रहा है, तो लाल माणिक्य को धारण करने से आप में न केवल उत्साह का संचार होता है, बल्कि मानसिक रूप से भी आपको मजबूती प्राप्त होती है।
  • यदि आप एकाग्रता की कमी, मस्तिष्क की अस्थिरता और हड्डियों से संबंधित किसी भी तरह की परेशानी से जूझ रहे हैं, तो ऐसे में आपको रूबी पहनने की सलाह दी जाती है। एक बार यदि आप लाल माणिक्य धारण कर लें तो इस तरह की समस्याएं खत्म हो जाती हैं।
  • लाल माणिक्य को धारण करने से त्वचा से जुड़ी पर समस्याएं भी दूर हो सकती हैं। हड्डियों से संबंधित क्षय रोग की यदि किसी को समस्या है, तो ऐसे में लाल माणिक्य  धारण करने से ज्यादा लाभ हासिल होते हैं।

किस राशि के जातकों को लाल माणिक्य धारण करने से लाभ मिलते हैं?

सिंह, कर्क, मेष, धनु और वृश्चिक लग्न के जातक लाल माणिक्य को धारण कर सकते हैं।
सिंह राशि के जातकों के लिए तो रूबी बर्थ स्टोन के रूप में जाना जाता है। सिंह लग्न वाले जातकों को तो यह अविश्वसनीय रूप से लाभ पहुंचाता है। सूर्य सिंह लग्न का स्वामी है। यही कारण है कि अच्छे परिणाम के लिए जिंदगी भर के लिए आपको रूबी धारण करने की सलाह दी जाती है।
मेष राशि वालों के लिए सूर्य पंचम भाव का स्वामी है। यह मंगल के लिए मूल्यवान है और लग्न का स्वामी भी है। यदि आप अच्छे परिणाम हासिल करना चाहते हैं, तो आपको लाल मूंगे के साथ लाल माणिक्य को धारण करने के लिए कहा जाता है। सूर्य की महादशा के दौरान भी यह उपयोगी परिणाम देता है।
सूर्य कर्क लग्न के लिए अगले भाव का स्वामी है। इस लग्न का स्वामी चंद्रमा है और सूर्य से इसकी अच्छी बनती है। इसलिए आप रूबी को धारण कर सकते हैं। इससे आंखों से संबंधित किसी भी परेशानी से आप पार पा सकते हैं। इसे पहनने के बाद आप बहुतों के प्रिय भी बन सकते हैं। आपको मोती के साथ रूबी धारण करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि कर्क लग्न के लिए सूर्य मारक ग्रह है।
वृश्चिक लग्न की बात करें तो रूबी आपके काम के लिए बड़ा ही लाभकारी है, क्योंकि सूर्य दशम भाव का स्वामी है। इसलिए यदि आपकी वर्तमान में चल रही महादशा सूर्य की महादशा है, तो ऐसे में आपको अनुकूल परिणाम मिलते हैं।
धनु लग्न का स्वामी सूर्य के अनुकूल होता है और दूसरे भाव का स्वामी सूर्य है। लग्न के भाग्य और उसकी किस्मत से इस भाव का संबंध है। ऐसे में लाल माणिक्य धारण कर लेने से यश, लोकप्रियता और अच्छे भाग्य की प्राप्ति होती है।


इन राशि वालों को नहीं धारण करना चाहिए लाल माणिक्य

मकर, कन्या, वृष, तुला, कुंभ और मीन राशि के जातकों को कभी भी लाल माणिक्य नहीं खरीदना चाहिए।
वृष लग्न के लिए सूर्य चतुर्थ भाव का स्वामी होता है। वृष लग्न के स्वामी शुक्र का सूर्य दुश्मन भी है। यही वजह है कि आपको रूबी को नहीं धारण करने की सलाह दी जाती है। यदि सूर्य दशम भाव में अपनी राशि में होता है, तो लाल माणिक्य आपको इसमें शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है।
मिथुन लग्न के लिए सूर्य तीसरे भाव का स्वामी है। इसलिए आपको लाल माणिक्य को पहनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे धारण करने वालों को वांछित परिणाम नहीं मिल पाएंगे। सूर्य की महादशा के दौरान आप रत्न धारण कर सकते हैं, मगर आपके जन्म कुंडली में सूर्य का अपनी राशि में स्थित होना जरूरी है।
सूर्य कन्या लग्न के लिए 12वें भाव का स्वामी है। इसलिए आपकी यह कोशिश होनी चाहिए कि आप लाल माणिक्य धारण न करें। यदि सूर्य की महादशा के दौरान सूर्य अपनी राशि के 12वें भाग में स्थित होता है तो ऐसे में आप पन्ना के साथ लाल माणिक्य को ना पहने।
तुला लग्न के लिए इसका स्वामी शुक्र होता है, जबकि सूर्य इसका शत्रु है। इसलिए आपका यह प्रयास होना चाहिए कि आप रूबी धारण ना करें। यदि आपकी कुंडली में सूर्य नीच का हो, तो ऐसे में आप रूबी पहन सकते हैं।
मकर लग्न के लिए सूर्य अष्टम भाव का स्वामी होता है और लग्न के लिए यह भाव एक अशुभ भाव होता है इसलिए मकर लग्न वाले यदि लाल माणिक्य धारण करते हैं, तो ऐसे में उन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका बढ़ जाती है।
कुंभ लग्न वालों के लिए सूर्य सप्तम भाव का स्वामी है और कुंभ लग्न के स्वामी शनि से इसकी शत्रुता है। इसलिए यदि आप लाल माणिक्य धारण करते हैं, तो ऐसे में नकारात्मक प्रभाव पड़ने का अंदेशा बढ़ जाता है।
सूर्य छठे भाव का स्वामी है और मीन लग्न के लिए यह भाव बीमारी, जिम्मेदारियां और शत्रुओं से संबंधित है। ऐसे में यदि आप लाल माणिक्य पहनते हैं तो इससे आप पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।


लाल माणिक्य किस ग्रह और किस महादशा के अशुभ प्रभाव में लाभ देता है?

यदि लग्न कुंडली में सूर्य, राहु, मंगल, केतु और शनि के अशुभ प्रभाव से ग्रसित होता है और सूर्य छठे आठवें और बारहवें भाग में स्थित होता है, तो लाल माणिक्य को धारण करने से जीवन में वृद्धि करने के सबसे अधिक अवसर मिलते हैं।
यदि राहु और केतु के बीच में सूर्य सहायक है और सूर्य केतु के साथ युति में होता है, तो ऐसे में आपको लाल माणिक्य धारण करने की सलाह दी जाती है।
अपने लग्न के विषय में विस्तृत जानकारी के लिए, जन्मपत्री जरूर बनवाए। ये जन्म के समय सूर्य की सही स्थिति पता करने में मदद करेगा।
सूर्य और लग्न के स्वामी की स्थिति को जानना महत्वपूर्ण होता है। नहीं तो इस रत्न को धारण करने पर आपको नकारात्मक परिणाम मिलने लगते हैं।


लाल माणिक्य से लाभ पाने के लिए पहनने के नियम

लाल माणिक्य को रविवार को सुबह के वक्त प्रथम पहर में धारण करना चाहिए। घर में पूजा करने के बाद इसे पहना जा सकता है। यह पूजा लगातार की जाती है।
आपको सच्चा लाल माणिक्य धारण करना चाहिए।
आपको सबसे उत्तम लाल माणिक्य मिल रहा है, इसकी जांच आपको ऑनलाइन कर लेनी चाहिए।
लाल माणिक्य को धारण करने से पहले आपको पंचामृत यानी कि दूध, दही, घी, अमृत और चीनी के मिश्रण से इस पर लगे हरेक प्रदूषक तत्व और नकारात्मकता को दूर करने के लिए इसे धो लेना चाहिए।
इसके बाद सुबह के मुख्य घंटे में आपको अगरबत्ती दिखाकर भगवान सूर्य की पूजा करनी चाहिए और ओम सूर्याय नमः के सूर्य मंत्र का कई बार उच्चारण करना चाहिए।
इसके बाद आपको अपने परिवार के इष्टदेव से आशीर्वाद लेना चाहिए और किसी भी हाथ की अनामिका उंगली में अंगूठी को धारण कर लेना चाहिए। आप 18k सोने, कांसे या तांबे की धातु से बनी अंगूठी में रूबी पहन सकते हैं।
4 से 12 कैरेट तक का लाल माणिक्य धारण किया जा सकता है।


लाल माणिक्य के क्या परिणाम होते हैं?

यदि आप कृत्रिम रूबी धारण कर रहे हैं, तो आपकी रोजाना की जिंदगी पर यह हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है।
सूर्य की स्थिति यदि नकारात्मक भावों में रहती है, तो इस बात की आशंका रहती है कि नकारात्मक शक्तियों को यह आकर्षित कर सकता है। यह विनाशकारी हो सकती है। इसलिए आपको सावधान रहना चाहिए और मूल लाल माणिक्य ही प्राप्त करना चाहिए।


आप अपने लाल माणिक्य की देखरेख कैसे कर सकते हैं?

  • गर्म साबुन के पानी से आपको लाल माणिक्य को साफ करने के लिए सही तरीके से धोना चाहिए।
  • रत्न पर अगर कीचड़ या तेल जमा हो गया है, एक पुराने टूथब्रश का उपयोग करके साफ करना चाहिए।
  • ध्यान रखें कि क्लोरीन युक्त सफाई वाले डिटर्जेंट का इस्तेमाल आपको इसकी सफाई के लिए नहीं करना है।

लाल माणिक्य किस उंगली में धारण करना चाहिए?

दोनों हाथों की अनामिका उंगली में लाल माणिक्य पहना जा सकता है।


निष्कर्ष

लाल माणिक्य के ज्योतिषीय लाभ के बारे में आपने इस लेख में पढ़ लिया है। इसे पढ़ने के बाद आपको यह समझ में आ गया होगा कि किन लोगों के लिए लाल माणिक्य को धारण करना सकारात्मक परिणाम देता है। साथ ही लाल माणिक्य का रखरखाव किस तरीके से होना चाहिए, इसका भी ध्यान आपको जरूर रखना चाहिए।



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