पुखराज क्या है, इसके लाभ जानिए


पुखराज क्या है?

पुखराज रंगहीन नीलम के नाम से भी जाना जाता है। संरचना के अनुसार यह बिल्कुल हीरे के जैसा नजर आता है। इसके बारे में यह कहा गया है कि पुखराज में शुक्र ग्रह की ऊर्जा मौजूद होती है। पुखराज के कुछ और चर्चित नाम सफेद पुष्कराज और सफेद पुखराज भी हैं। पुखराज देखने में बड़े ही खूबसूरत और आकर्षक होते हैं। अपनी खूबसूरती की वजह से ये हमेशा मांग में बने रहते हैं।

शुक्र ग्रह के बारे में माना गया है कि जिंदगी में यह ढेर सारा ज्ञान, सौभाग्य और खुशियां लाने वाला होता है। पुखराज को यदि धारण किया जाए तो इससे शुक्र ग्रह से काफी लाभ मिलने शुरू हो जाते हैं। पुखराज की उत्पत्ति थाईलैंड, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, कंबोडिया, बर्मा, मेडागास्कर और तंजानिया जैसे देशों से हुई है। ज्योतिष के नजरिए से पुखराज को धारण कर लेने से आपको धन की प्राप्ति तो होती ही है, साथ ही सुख को भी अपने जीवन की ओर आकर्षित करने के कई अवसर आपको मिल जाते हैं।


पुखराज के ज्योतिषीय लाभ

पुखराज रत्न से मिलने वाले लाभ असीम हैं। इस रत्न को जब आप धारण कर लेते हैं तो न केवल आपके घर में धन-धान्य में बढ़ोतरी होती है, बल्कि आप बेहतर स्वास्थ्य प्राप्त करते हैं। साथ ही खुशियां भी आपकी दोगुनी हो जाती हैं। प्रियजनों के साथ आपका संबंध भी मजबूत होता है। जिंदगी में आपको कभी भी कठिन परिस्थितियों का सामना नहीं करना पड़ता है। यदि आप हॉस्पिटैलिटी, पर्यटन या फिर यात्रा या कला से जुड़े किसी क्षेत्र में काम कर रहे हैं, तो पुखराज आपके लिए बिल्कुल उपयुक्त है।


पुखराज से प्राप्त करें व्यक्तिगत लाभ

संभव है कि कुछ लोगों को आपसे ईर्ष्या हो या फिर भी वे आप से दुश्मनी रखते हों और आपके खिलाफ वे काला जादू कर रहे हों। कई बार उनकी बुरी नजरें भी आप पर होती हैं। कुछ बुरी आत्माओं का भी प्रभाव हो सकता है। इसके बारे में आप क्या करेंगे? चिंता करने की जरूरत नहीं है। आपको बस पुखराज को धारण कर लेना है। इसके बाद आपको अपने जीवन में चमत्कारिक लाभ मिलने शुरू हो जाएंगे।

  • पुखराज को धारण कर लेने के बाद आप अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करने के लिए खुद को बड़ा ही उत्साहित महसूस करते हैं।
  • यह रत्न आपको न केवल हमेशा खुश रहता है, बल्कि आपको शांत भी बनाए रखता है।
  • रिश्तों को बेहतर बनाने में यह रत्न आपके लिए मददगार साबित होता है। वह इसलिए कि इस पत्थर में शुक्र ग्रह की शक्तियां छिपी होती हैं।
  • पुखराज को आप धारण करें। उसके बाद आपको अपनी कलात्मक क्षमताओं में बदलाव देखने के लिए मिलने लगेंगे।
  • पुखराज का इस्तेमाल यदि आप बुद्धिमानी से करते हैं, तो इससे आपको धन की प्राप्ति बड़ी मात्रा में होगी।
  • दूसरों के सामने यदि आप भी आकर्षक व्यक्तित्व की चाहत रखते हैं, तो आपको पुखराज को धारण कर लेना चाहिए।
  • पुखराज को धारण कर लेने के बाद आपको अपने रिश्तों में खुशियों का एहसास होने लगता है।
  • पुखराज को मध्यमा उंगली में धारण करने से आपको यह लाभ मिलता है कि बुरे सपने दिखने बंद हो जाते हैं। इससे आप रात में एक अच्छी और शांतिपूर्ण नींद ले पाते हैं।

पुखराज किन्हें धारण करना चाहिए?

यदि आप अपना कॅरियर फैशन, मनोरंजन, सैलून, ज्वेलरी, फोटोग्राफी, फिल्म, सौंदर्य प्रसाधन, होटल एवं हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में बनाना चाह रहे हैं, तो अत्यधिक लाभ प्राप्त करने के लिए आपको पुखराज को धारण करना चाहिए। यह सूची यहीं पर समाप्त नहीं होती है। कलाकार, रचनात्मक लोग और इवेंट मैनेजमेंट से जुड़े कर्मचारी भी इस रत्न को बड़ी मात्रा में लाभ हासिल करने के लिए पहन सकते हैं। यदि आप एक सेलिब्रिटी हैं, तो पुखराज पत्थर से आपको बहुत से लाभ प्राप्त हो सकते हैं। इससे आपको धन, ख्याति और यश जरूर मिलता है। पुखराज को धारण कर लेने के बाद आपको सफेद उत्पादों का व्यापार शुरू करना चाहिए या फिर व्यापार से जुड़ी समस्याओं का समाधान करना चाहिए। इससे आप भारी लाभ कमाने के रास्ते पर अग्रसर हो जाएंगे।


पुखराज की राहत देने वाली विशेषताएं

क्या आपको मालूम है कि पुखराज में कई प्रकार की बीमारियों को भी दूर करने की ताकत मौजूद है। स्त्री रोग से जुड़ी समस्याओं मधुमेह, मूत्र संक्रमण, गैस्ट्रिक और बांझपन आदि को ठीक करने में यह मददगार होता है। पुखराज ज्योतिष पूरी तरीके से सच है और ज्योतिषियों के मुताबिक इसके पास मुकुट चक्र भी है। यह रत्न रक्त वाहिनियों को मजबूत बनाता है, जिससे कि थायराइड की समस्या में तो आराम मिलता ही है, साथ ही तंत्रिका तंत्र के कार्य करने की क्षमता भी बढ़ जाती है। जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है कि पुखराज को धारण करने से पूर्व के किसी गम को भुला कर रिश्ते को बेहतर बनाया जा सकता है। यदि आप बार-बार होने वाले माइग्रेन या फिर डिप्रेशन से तंग आ चुके हैं, तो ऐसे में पुखराज को आपको धारण करना चाहिए। इसके बाद आपको इसके चमत्कारिक लाभ दिखने शुरू हो जाएंगे। क्या आप जानना चाहते हैं कि आप पुखराज धारण कर सकते हैं या नहीं? ज्योतिषी से अभी बात करें।


यदि आप निम्नलिखित राशि वाले हैं, तो पुखराज धारण करें

पुखराज को सभी राशियों के जातकों को धारण करना चाहिए। फिर भी यदि यह आपके जन्म का रत्न नहीं है, तो ऐसे में इसे आपको नहीं पहनना चाहिए। पुखराज तुला, वृषभ और मिथुन राशि का जन्म रत्न है। ऐसे में जब ये व्यक्ति इस रत्न को धारण करते हैं, तो इससे उन्हें वैवाहिक जीवन का आनंद तो मिलता ही है, साथ ही जीवन में उन्हें विलासिता भी खूब मिलती है। कई अन्य राशियों के लोग भी पुखराज को धारण कर सकते हैं। मकर कन्या और कुंभ राशि के जातकों के लिए भी पुखराज पहनना शुभ साबित होता है। वृषभ राशि के जातक यदि पुखराज को धारण करते हैं, तो इससे उनका भाग्योदय हो जाता है। जिंदगी में उन्हें समृद्धि मिलने लगती है। उनका स्वास्थ्य भी इससे उत्तम बना रहता है। उनके कॅरियर में प्रगति होने लगती है। धन का भी आगमन होने लगता है। जीवन में सभी तरह की सफलताएं उन्हें मिलनी शुरू हो जाती हैं।

यदि आप मिथुन राशि के जातक हैं तो आपको पुखराज को धारण करने का इंतजार बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। मिथुन राशि के जातकों पर शुक्र ग्रह का नियंत्रण होता है। वह इसलिए कि यह पांचवे और बारहवें भाव में स्थित है। ज्योतिष के मुताबिक शुक्र से आपको अनोखा तेज, ज्ञान और संतान की प्राप्ति होती है। इसलिए शुक्र को प्रसन्न करना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। पुखराज को उंगली में धारण कर लेने से कुछ दिनों बाद से सफलता मिलनी शुरू हो जाती है। कन्या राशि के जातकों के दूसरे और नौवें भाव में शुक्र ग्रह का नियंत्रण होता है। पुखराज को यदि कन्या राशि के जातक धारण कर लें तो इससे उनके जीवन की सभी नकारात्मकताएं दूर हो जाती हैं। इससे जीवन बेहद सुगम और सुखमय बन जाता है।

पुखराज को यदि तुला राशि के जातक धारण करते हैं, तो उन्हें भी इससे काफी लाभ मिलते हैं। यदि आप इस रत्न को धारण कर लेते हैं, तो इससे आपको स्वास्थ्य लाभ तो मिलता ही है, साथ ही आपका कॅरियर भी चमक जाता है। आपका वैवाहिक रिश्ता मधुर और मजबूत बनता है। इसके अलावा आप में कलात्मक विकास भी होने लगते हैं। पुखराज को धारण कर लेने से आपके जीवन की सभी नकारात्मकताएं दूर होने लगती हैं। मकर राशि के जातकों को भी पुखराज को धारण कर लेना चाहिए। वह इसलिए कि इससे उन्हें अच्छे भाग्य की प्राप्ति होती है। मकर राशि वालों के लिए शुक्र एक सफल कॅरियर लाने वाला होता है, क्योंकि यह एक योग कारक ग्रह है। ऐसे में पुखराज को धारण कर लेने से हर चीज में आपको सफलता मिलने लगती है।


यदि आप निम्नलिखित राशि वाले हैं, तो नहीं करें पुखराज को धारण

क्या आप मेष राशि के जातक हैं? यदि हां, तो आपको पुखराज धारण नहीं करना चाहिए, क्योंकि मेष राशि के लिए शुक्र ग्रह को मारक ग्रह माना गया है। मारक का अर्थ होता है नष्ट कर देना। ऐसे में पुखराज को पहनने से आपकी सेहत को बड़ा नुकसान पहुंच सकता है। हालांकि, यदि आप शुक्र की महादशा से गुजर रहे हैं, तो आप इस रत्न को पहनने का प्रयास कर सकते हैं। क्या आप जानना चाहते हैं कि आप शुक्र की महादशा में हैं या नहीं? ज्योतिषी से करें बात।

कर्क राशि के जातकों के लिए पुखराज को एक अच्छा रत्न नहीं माना जाता। ज्योतिषियों का यह कहना है कि कर्क राशि के लोगों के चौथे और ग्यारहवें भाव में शुक्र होता है। ऐसे में मेष राशि के जातकों की तरह ही पुखराज को आप केवल उसी स्थिति में धारण कर सकते हैं, जब आप शुक्र की महादशा से गुजर रहे हों।

सिंह राशि के जातकों की जन्म कुंडली में दशम भाव का स्वामी शुक्र होता है। ऐसे में पुखराज को पहनने से कोई भी लाभ नहीं मिलता। वृश्चिक और धनु राशि वालों को भी पुखराज को नहीं धारण करना चाहिए, क्योंकि आप लोगों के लिए शुक्र एक अशुभ ग्रह है। बिल्कुल यही बात मीन राशि के जातकों पर भी लागू होती है। वे इस रत्न को तभी पहने सकते हैं, जबकि वे शुक्र की महादशा से गुजर रहे हों।

क्या आप यह जानना चाहते हैं कि आपकी कुंडली में शुक्र आपके लिए शुभ है या अशुभ या फिर मारक? कुंडली में ग्रहों की स्थिति के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको जन्म कुंडली हासिल करने की सलाह दी जाती है।


अशुभ ग्रहों और महादशा में पुखराज के सर्वोत्तम परिणाम

कई लोग शुक्र की महादशा और शुक्र की अंतर्दशा के नियंत्रण में होते हैं। यदि आप भी इन्हीं लोगों में से एक हैं, तो आपको सलाह दी जाती है कि आप अपनी उंगली में पुखराज को धारण कर लें।


किस प्रकार का पुखराज आपको पहनना चाहिए?

आपके लिए यह जानना आवश्यक है कि किसी भी शुक्रवार को आपको पहली बार पुखराज को धारण करना चाहिए। इस रत्न को धारण करने से पहले आपको घर पर नियमित रूप से पूजा करनी है। यदि आप इससे अधिकतम लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो शुक्रवार के दिन आप पुखराज की खरीदारी भी कर सकते हैं। एक और बात, जिसका आपको विशेष ध्यान रखना है, वह यह है कि आप जिस रत्न का चुनाव कर रहे हैं, वह 5 कैरेट का होना चाहिए। इसे सफेद स्वर्ण या फिर चांदी में बनवाया जाना चाहिए।


पुखराज को सही तरीके से कैसे धारण करें?

आइए जानते हैं पहली बार पुखराज को धारण करने का सही तरीका। अंगूठी को गाय के दूध में आप डुबो दें। इसके बाद अगरबत्ती जलाएं और ओम शुम शुक्राय नमः का 16 बार जाप करना शुरू कर दें। इसके बाद अपनी मध्यमा या फिर छोटी उंगली में इसे धारण कर लें।


पुखराज और इसके दुष्प्रभाव

जैसा कि पहले ही यह उल्लेख किया जा चुका है कि अच्छे या बुरे प्रभाव आपकी जन्म कुंडली में शुक्र की स्थिति पर निर्भर करते हैं। शुक्र यदि अशुभ स्थिति में हो, तो इस रत्न को धारण करने से अशुभ चीजें होने लगती हैं। साथ ही जीवन में अनेक प्रकार की समस्याएं भी आने लगती हैं।

बिना किसी ज्योतिष की सलाह के आपको रत्न की खरीदारी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे आपके जीवन में केवल नकारात्मकता का वास हो सकता है। अपने ज्योतिषी से अच्छी तरह से सलाह लेने के बाद ही आपको कोई भी रत्न खरीदना चाहिए।


समापन

पुखराज के फायदे के बारे में आपने इस लेख में पढ़ा। साथ ही इसके दुष्प्रभावों के बारे में भी आपने जाना। विभिन्न राशियों के मुताबिक भी आपने इसे धारण करने और नहीं धारण करने के बारे में जानकारी हासिल कर ली है। उम्मीद है कि आपको यह जानकारी जिंदगी में बड़ी काम आएगी।



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