वैदिक ज्योतिष में कुंडली के पंचम भाव के बारे में समस्त जानकारी

आपके जन्म के समय आकाश में ग्रहों की क्या स्थिति होती है। यह जन्म कुंडली द्वारा दर्शाया जाता है। इस बात भर भरोसा करना थोड़ा असम्भव लगता है। पर आपकी शंका उस समय दूर हो जाती है जब इसकी हकीकत आप समझते है। इसका विज्ञान आपको समझ आता है। वैदिक ज्योतिष अनुसार आपकी जन्म कुंडली में नौ ग्रहों का अपना एक भाव होता है। जो ग्रह जिस भाव में बैठे रहते हैं। उस हिसाब से अपना फल देते हैं। इसके अलावा हर ग्रह की अपनी एक दृष्टि भी होती है।

आपकी कुंडली के 12 घर आपके अतीत, वर्तमान और भविष्य के बारे में सारी जानकारी देती है। जैसे -जैसे ऊपर ग्रहों का चक्र घूमता है। ठीक वैसे वैसे आपके जीवन में घटनाएं घटती जाती है।
कुंडली में प्रत्येक घर/भाव का अपना एक अर्थ होता है, और यह जीवन के अलग पहलू का प्रतिनिधित्व करता है। यह बारह भाव आपके जीवन को आकर्षक बनाते हैं। कुंडली को समझना हर किसी के बस की बात नहीं है। जब बारह भाव मिलकर आपकी जिन्दगी को लिख देते हैं। तो इनको हर कोई नही पढ़ पाता है। जिसके लिए हमें किसी योग्य ज्योतिषी के पास जाना ही होगा।

लेकिन हम आपको कुंडली को समझने में थोड़ी मदद कर सकते है। यहाँ पर हम सिर्फ पंचम भाव के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। तो देर किस बात की चलिए जानते हैं कुंडली के 5th हाउस के बारे में।


क्या कहता है वैदिक ज्योतिष में पंचम भाव

कुंडली में पंचम भाव इमेजिनेशन, रोमांस और संतान से जुड़ा होता है। यह भाव आपके खुशियों का घर कहलाता है। इस भाव से जो खुशी मिलती है, वो अक्सर आपके रचनात्मक प्रयासों का प्रतिफल होती है।

इसे भाग्य का घर भी कहा जाता है। इस भाव में विराजमान ग्रह दिखाते हैं, कि आपको लॉटरी जैसी चीजों से कितना धन मिलेगा।
दिल दा मामला भी इसी भाव से जुड़ा होता है। पंचम भाव में ग्रहों की स्थिति और राशियों से पता चलेगा कि आप दिल और रोमांस से जुड़े मामलों से कैसे निपटते हैं।

एक बच्चे को दुनिया में लाने के लिए बहुत ही रचनात्मकता की जरूरत होती है। 5वां घर पहली गर्भावस्था या गर्भाधान का भी प्रतिनिधित्व करता है।

इसका संबंध आर्टिस्टिक एबिलिटी, सनकीपन, टेस्ट और पत्नी के भाग्य से मिलने वाली विरासत और बिजनेस में सफलता के बारे में दर्शाता है। 5वां घर मनोरंजन, रिक्रिएशन, रोमांस और ऐसी अन्य रुचियों का भी प्रतिनिधित्व करता है।

कुंडली में पांचवें घर पिछले जन्म के कर्मों के बारे में भी बताता है। यह भाव पूर्व में अर्जित किये गये पुण्य और मेधावी कर्मों का प्रतिनिधित्व करता है।

कुंडली के 5वें घर को लॉटरी, गम्ब्लिंग, पजल्स , कार्ड, शेयर, सट्टेबाजी और स्टॉक एक्सचेंज जैसे अवसरों के लिए भी जाना जाता है।
शरीर में पेट को पंचम भाव से जुड़ा हुआ माना जाता है। पुरे शरीर में पेट वो जगह है जहाँ हमारे द्वारा खाया गया भोजन जाकर एकत्रित होता है, और वही से सब कुछ पैदा होता है। पांचवां घर जीवन के साथ पूर्ण, रचनात्मक और संतुष्ट महसूस करने का प्रतिनिधित्व करता है। मन और मानसिक स्वास्थ्य का भी संबंध पंचम भाव से है।


पंचम भाव के मौलिक सिद्धांत

पंचम भाव का वैदिक नाम

पुत्र भाव

पंचम भाव से जुड़े शरीर के अंग

पेट, अग्नाशय, रीढ़ की हड्डी, पीठ का ऊपरी और निचला भाग।

राशि और ग्रह

सिंह और सूर्य

पंचम भाव के बारे में जानकारी

संतान, रोमांटिक साथी, छात्र, आर्टिस्ट, क्रेअतिव पार्टनर, और वे लोग जिन्हें हम प्यार करते हैं।

पंचम भाव से जुड़ी एक्टिविटी

ऐसा माना जाता है जब हम अपने दिल की इच्छा व्यक्त करते हैं, तो ऐसा हम ५वें घर के माध्यम से करते हैं।

पंचम भाव से जुड़ी हुई कुछ और क्रियाएं

  • क्रिएटिंग आर्ट, टीचर।
  • पार्टनर के साथ रोमांस।
  • ज्योतिषी बनना ।
  • हीलिंग सेशन में भाग लेना।

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पंचम भाव में ग्रह और वैदिक ज्योतिष

हर घर में अलग-अलग ग्रहों का जातकों पर अलग प्रभाव पड़ता है। आइए जानें कि पंचम भाव में स्थित विभिन्न ग्रह आपकी कुंडली के बारे में क्या बताते हैं।

पंचम भाव में सूर्य

5वें घर में सूर्य ग्रह का होना बहुत अच्छा माना जाता है, यह क्रिएटिव दिमाग के साथ, व्यक्ति में जोश भी देता है। राइटिंग, डांस, ड्रामा,सपोर्ट और रोमांस सभी में इस जातक की रूचि होती है। अपनी हॉबी को व्यक्त करने के कई तरीके इनके पास होते हैं। पंचम भाव में सूर्य व्यक्ति के अंदर अहंकार भी पैदा करता है। इस भाव में उच्च का सूर्य यह बताता है, की आपके बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा। हालांकि, यदि आपका सूर्य इस भाव में कमजोर है, तो आप तनाव में रहेंगे और बच्चों को लेकर चिंतित रहेंगे।

पंचम भाव में चंद्रमा

इस भाव में चंद्रमा व्यक्ति के जीवन में झुकाव, कल्पना, संतान, रोमांस, प्रॉफिट इन्वेस्टमेंट और इनकम के बारे में बताता है। 5वां घर आनंद, आत्म-संतुष्टि और कलात्मक अभिव्यक्ति को नियंत्रित करता है। एक पीड़ित चंद्रमा से सभी सकारात्मक प्रभाव कम हो जाते है। जिसकी वजह से आप अपने बच्चे की शिक्षा के बारे में चिंतित हो सकते हैं।

पंचम भाव में बृहस्पति

पंचम भाव में बृहस्पति होने की वजह से आप एक अच्छे मार्गदर्शक और उत्कृष्ट शिक्षक भी बन सकते हैं। आपको दूसरों के साथ, विशेषकर बच्चों के साथ अपनी नॉलेज शेयर करना बहुत पसंद होता है। किसी के पंचम भाव में गुरु होने से वह व्यक्ति के भाग्य, निवेश और करियर के लिए भी फायदेमंद होता है। दूसरी ओर व्यक्ति को जुए और लॉटरी जैसी चीजों से बचना चाहिए।

पंचम भाव में शुक्र

पंचम भाव में शुक्र आपको सुपर आर्टिस्टिक क्षमता प्रदान करता है। आप फाइन आर्ट के पारखी होंगे। यदि आपके बच्चे हैं, तो उनका भी झुकाव उसी तरफ होगा। आपको ऐसे पार्टनर की चाहत होती है, जो हमेशा आपके पास रहे। आप उन लोगों का प्यार और अटेंशन चाहते हैं। शुक्र के इस भाव में होने का अर्थ यह भी है, कि आपको स्पेकुलेशन से लाभ होगा, लेकिन निर्णय लेते समय आपको सावधानी बरतनी चाहिए।

पंचम भाव में मंगल

पंचम भाव में मंगल अपनी क्रिएटिविटी को व्यक्त करने की तीव्र इच्छा से जुड़ा होता है। ऐसे लोगों में एथलेटिक क्षमता बहुत होती है। पंचम में मंगल की वजह से बच्चों को समस्या हो सकती है। जब खेल की बात आती है, तो आप उस स्थिति में कम्पटीशन को पसंद करते हैं। पंचम भाव निवेश से भी जुड़ा होता है, और जब मंगल इस घर में होता है, तो जातक मंगल ग्रह की ताकत के आधार पर सट्टेबाजी और गम्ब्लिंग जैसे रास्तों पर भी जा सकता है। इसलिए हमेशा सचेत रहें। जुआ आपको राजा से रंक कुछ ही घंटों में बना सकता है।

पंचम भाव में बुध

पंचम भाव में बुध होने की वजह से व्यक्ति का दिमाग क्रियेटिव कामों में सबसे ज्यादा लगता है। आप एक अच्छे कम्युनिकेटर भी हो सकते हैं। इसके साथ ही आपको लिखने, मनोरंजक शौक या आकर्षक करियर बनाने की आदत है। आप क्लेवर, रिसोर्सफुल, आविष्कारशील और उत्साही होते हैं। मेंटल गेम्स की ओर दिमाग आपको प्रेरित करता है। पंचम भाव में बुध का होना आपको सुंदरता से ज्यादा व्यक्ति के इंटेलिजेंस की और आकर्षित करता है।

पंचम भाव में शनि

पंचम भाव में शनि होने से जातक को जीवन में प्यार और प्रशंसा की कमी का अनुभव होता है। व्यक्ति खुद को इन्टलेक्चूअली और क्रीऐटिव्ली दोनों तरह से व्यक्त नहीं कर पाता है। आपके जीवन में, रिलेशनशिप में अधिकतर गम्भीरता होती है। इन लोगों में रोमांस और सहजता की कमी होती है। पंचम भाव में शनि होने की वजह से व्यक्ति के बारे में कहा जाता है, की वो बिलकुल नीरस है। उसे किसी भी चीज से कोई फर्क नहीं पड़ता है। यदि अपने पार्टनर के साथ हेल्दी और बैलेंस रिलेशनशिप में बंधे रहना चाहते हैं, तो अपनी भावनाओं को उन लोगों के सामने व्यक्त करें, जो आपके लिए मायने रखते हैं।

पंचम भाव में राहु

पांचवें घर में राहु होने की वजह से व्यक्ति विशेषाधिकार प्राप्त पदों को पाने की तीव्र इच्छा रखता है। जो उन्हें सुर्खियों में रहने की अनुमति देता है। राहु का पंचम भाव में होना राइटर, थिएटर आर्टिस्ट्स और राजनेताओं के लिए फायदेमंद होता है। आप कॉर्पोरेट जगत में आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक सभी पदों पर कार्य करते हैं। राहु, का यहां पर होना, बच्चों या पिता के साथ संबंधों में समस्या पैदा करता है।

पंचम भाव में केतु

कुंडली के पंचम भाव में केतु होने से व्यक्ति दार्शनिक बन सकता है। आपको कई भाषाओं का ज्ञान भी हो सकता है। इस भाव में केतु होने से व्यक्ति कई विदेशी भाषाओं में बात करने में सक्षम हो सकता है। केतु की वजह से फाइनेंशियल गेन में समय तो लग सकता है लेकिन लाभ जरुर होता है। हालांकि, पंचम भाव में केतु की वजह से आप भावनात्मक तृप्ति की कमी का अनुभव कर सकते हैं। पीड़ित केतु बच्चों के लिए नकारात्मक परिणाम दे सकता है और आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।


सामान्य प्रश्न (FAQs)

मैं अपने पांचवें भाव को कैसे एक्टिव करूं?

पंचम भाव को एक्टिव करने के लिए गुरुवार का व्रत रखें। वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति को पंचम भाव का स्वामी माना गया है। व्रत रखने से बृहस्पति मजबूत होगा और बिना किसी संदेह के कुंडली का पंचम भाव मजबूत और सक्रिय रहेगा।

कुंडली में पंचम भाव का स्वामी कौन है?

सूर्य पंचम भाव का स्वामी है, और जातक सिंह लग्न का होता है। प्रत्येक लग्न के लिए स्वामी अलग-अलग होते हैं, जो उनके जन्म के समय ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है।


निष्कर्ष

पंचम भाव हमारे अतीत और भविष्य को निर्धारित करता है, इसलिए यह कुंडली में सबसे प्रमुख भावों में से एक बन जाता है। पंचम भाव को लेकर हिन्दू धर्म में मान्यता है, की अगर आप अपने कर्मों को सुधार लेते है। तो आपका यह जन्म और अगला जन्म धन्य हो जाएगा।

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