बृहस्पति की नौवें भाव में उपस्थिती : जानें इसके प्रभावों के बारे में
बृहस्पति ग्रह -एक परिचय
बृहस्पति ग्रह नवम भाव में क्या करता है?
नवम भाव में बृहस्पति ग्रह द्वारा प्रभावित जीवन के क्षेत्र
- नजरिया
- व्यावसायिक विकास
- व्यावसायिक जीवन
- लंबी यात्राएं
नवम भाव में बृहस्पति ग्रह का प्रभाव
सकारात्मक प्रभाव
यदि बृहस्पति नौवें भाव में हो तो जातक अधिक समझदार और ज्ञानी हो सकते हैं, जिसे वे दूसरों के साथ साझा करना पसंद करते हैं। नौवें भाव में बृहस्पति के जातक अच्छे प्रोफेसर हो सकते हैं क्योंकि वे दूसरों को अपने विचारों और सोचने की प्रक्रिया से अवगत कराते हैं। अपने मन में सदा सकारात्मकता रखने वाले ये जातक शिक्षा, कोचिंग, या खेल-संबंधी गतिविधियों के प्रबंधन में सफल बना सकते हैं। नवम भाव या स्थान कई मायनों में बृहस्पति ग्रह के साथ सहज होता है, और यह ज्योतिष अनुसार आदर्श स्थितियों में से एक है, और इसलिए जातकों को जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। यह योग जातक को विद्वान, आध्यात्मिक रूप से समझदार,और बुद्धिमान बनाता है। ये जातक दूसरों में भी विश्वास और धारणा जगाने के लिए प्रेरित करते हैं। जिन जातकों के नवम भाव में बृहस्पति होता है, उनके धार्मिक कार्यों में शामिल होने की संभावना होती है, और बाद में, वे आध्यात्मिक जगत में किसी ऊंचे पद पर भी आसीन हो सकते हैं। बृहस्पति ग्रह की ऐसी स्थिति वाले जातक धार्मिक सिद्धांतों और मूल्यों में दृढ़ विश्वास रखते हैं। ऐसे जातक अधिक धन कमाने के लिए विदेश भ्रमण भी कर सकते हैं। यह योग धीरे-धीरे उन्हें एक सुखी और सफल जीवन के निर्माण में मदद कर सकता है और इसके परिणामस्वरूप, जातक नए स्थानों की यात्रा में व्यस्त हो सकते हैं। ताजा ऊर्जा से भरे ऐसे जातक हमेशा जीवन में कुछ नया सीखने या करने के लिए तैयार रहते हैं, और यह सब इसलिए है क्योंकि उनके नौवें घर में बृहस्पति है। ऐसे जातक शिक्षा में शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं और उच्च अंकों से उत्तीर्ण हो सकते हैं बाद मे यही लोग आगे चलकर शिक्षा के क्षेत्र मे अच्छे अध्यापक या प्रोफ़ेसर भी बन सकते हैं। ये लोग सदा अपने बहुमूल्य ज्ञान को दूसरों के साथ साझा करने के लिए सभी के संपर्क में रहेंगे।
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नौवें घर में बृहस्पति वाले जातक अन्य संस्कृतियों की सराहना कर सकते हैं, इसलिए वे जहां भी जाते हैं सौभाग्य सदा उनके साथ होता है।
ये जातक जीवन की किसी भी चुनौती को खुले हाथों से स्वीकार करने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे। नई चीजें सीखने का उनका जुनून कभी खत्म नहीं होता है, जो लोगों को अलग-अलग चीजें सीखने के लिए भी प्रेरित करता है।
नकारात्मक प्रभाव
नवम भाव में बृहस्पति ग्रह की मौजूदगी जातकों पर नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकती है, इसलिए यह सलाह दी जाती है कि वे यात्रा करते समय अपने प्रियजनों का ख्याल रखें वरना वे उन्हें पीछे छोड़ सकते हैं। जिन जातकों के मित्रों का बड़ा समूह होता है, वे अपने संबंधों को खराब कर सकते हैं क्योंकि वे नए दोस्तों के साथ रिश्ते बनाने में व्यस्त रहेंगे।इसी तरह, वे अपने पारिवारिक संबंधों को भी खराब कर सकते हैं। इसलिए, यह सुझाव दिया जाता है ऐसे जातक जहां भी जाएं अपने परिवार के सदस्यों को सदा अपने साथ ले जाएं। यदि बृहस्पति अपने शत्रु ग्रहों के स्थान में बैठा हो तो कई प्रकार की समस्या आ सकती है जैसे की जातकों के विवाह में देरी, या विवाह से संबंधित और परेशानियां। जातकों को जीवन में खुशियां बहाल करने के लिए शांति से कठिनाइयों का सामना करना चाहिए।
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