5वें भाव में राहु : जानिए क्या होगा जातक के जीवन पर इसका प्रभाव?
क्या आपकी जन्मकुंडली में भी पांचवें भाव में राहु (Rahu in 5th House) है? यदि ऐसा है तो फिर आपको सावधान होने की जरूरत है। यहां बैठा राहु आपको चिंताओं के सागर में धकेल सकता है, और यह आपको मरने के लिए डूबता हुआ छोड़ सकता है। यद्यपि ज्योतिष विज्ञान में इस स्थिति से निपटने के लिए भी उपाय बता गए हैं। इसलिए आइए हम विद्वान ज्योतिषियों द्वारा बताए गए उपायों और 5 वें घर में राहु की स्थिति पर विस्तृत चर्चा कर उसे समझने का प्रयास करें। पंचम भाव में राहु ‘सर्प के सिर’ के रूप में यह जाना जाता है, भारतीय ज्योतिष के अनुसार राहु हमारे सौरमंडल का अदृश्य ग्रह है।
दरअसल यह चंद्रमा का उत्तरी नोड है, जो अशांति, भय और भ्रम पैदा करता है। किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु की स्थिति को देख कर उस व्यक्ति के बारे में बहुत कुछ बताया जा सकता है क्योंकि जिस भी घर में राहु का कब्जा है, वहा से जुड़ी चीजों पर इसका असर अवश्य पड़ता है। सरल भाषा में कहें तो राहु आपके जीवन को अत्यधिक प्रभावित कर सकता है फिर चाहे वह पॉजिटिव हो या नेगेटिव आस्पेक्ट्स हों। आमतौर पर राहु को मानव जीवन में भौतिकवाद और शरारतों के लिए जाना जाता है।
जन्मकुंडली के पंचम भाव में राहु होने से जीवन में एक बड़ा मोड़ आ सकता है। यहां बैठा राहु क्या कुछ कर सकता है, इसके लिए हमें सबसे पहले पांचवे घर को समझना होगा, उसके बाद राहु के गुण और दोषों का विचार करना होगा तभी हम सुनिश्चित हो पाएंगे कि यहां पर राहु का होना हमारे लिए कितना शुभ या अशुभ है। विद्वान ज्योतिषियों के बताए अनुसार जानकारी आपको यहां बताई जा रही है।
जन्मकुंडली में पंचम भाव किसका कारक है? (What Does The 5th house represent?)
पंचम भाव के राहु का प्रभाव (Influence of Rahu in the 5th House)
- संतान का जन्म
- विवाह संबंध
- प्रोफेशनल लाइफ
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