चौथे भाव में शनि (Saturn) का प्रभाव

शनि (Saturn) देव जातक के चौथे भाव में होने से जीवन में पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों पहलुओं के बारे में बताते हैं। कहने का मतलब यह है, की व्यक्ति के जिन्दगी में अच्छे और बुरे दोनों परिणाम आते हैं। इन जातकों को अपने जीवन में चुनौती और रिवॉर्ड दोनों मिलते है। शनि (Saturn) के चतुर्थ भाव में होने से जातक अपने घर और परिवार के प्रति बहुत समर्पित होंगे। जिसकी वजह से यह लोग अपने घर को सारी सुख-सुविधा देने का प्रयास करते हैं। दूसरी ओर यह परिवार के मुखिया होते हैं, घर में अनुशासन और सुरक्षा बनाए रखते हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो चौथे भाव में शनि (Saturn) होने से जातक विभिन्न पारिवारिक जिम्मेदारियों के बोझ तले दबे होंगे, जिसकी वजह से उन्हें कई प्रकार की मुश्किल का सामना करना पड़ सकता।

चौथे भाव में शनि (Saturn) होने से व्यक्ति अपने परिवार को हमेशा प्यार करता है। इस भाव में शनि (Saturn) होने की वजह से जातक वास्तव में अपने प्रियजनों के प्रति झुकाव रखते हैं। वे उनकी देखभाल हर प्रकार से करते हैं। परिवार उनकी जिम्मेदारी है, यह बात उन्हें हमेशा याद रहती है। इसका एक पहलू यह भी है इन लोगों के दिलों में यह दबी ख्वाहिश होती है, की परिवार भी ठीक वैसा ही उनके लिए भी महसूस करें। जैसा वे अपने परिवार के लिए करते हैं।

इनके उपर परिवार की इतनी जिम्मेदारी होती है की इसका बोझ उन्हें कई बार कठोर और आक्रामक बना सकता है, और उनके आसपास के लोग उन्हें असभ्य और निर्दयी भी समझ सकते है। कुछ झगड़ों का कारण इनका चिड़चिड़ापन वाला स्वभाव है, लेकिन अंदर से यह लोग वास्तव में, बहुत दयालु और दिल से प्यार करने वाले होते हैं।


अलग मिजाज वाले क्या आ सकते हैं साथ


चौथे भाव में शनि (Saturn) के पॉजिटिव पहलू


चौथे भाव में शनि (Saturn) के नेगेटिव पहलू


चौथे भाव में शनि (Saturn) के परिणाम


शनि (Saturn) कुंडली के किन भावों में नहीं होते है शुभ


चतुर्थ भाव में कौन से ग्रह होते है शुभ


निष्कर्ष



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