7 मुखी रुद्राक्ष से जुड़ा हर वह महत्वपूर्ण सवाल और उसका जवाब
रूद्राक्ष के पेड़ का सांटिफिक नाम इलियोकार्पस गेनिट्रस है, इसके पत्ते चैड़े होते हैं और यह दुनिया के कुछ सीमित रूप से पाए जाते हैं। इलियोकार्पस गेनिट्रस से ही रुद्राक्ष के फल या कहें बीज प्राप्त होते हैं। ये पेड़ सदाबहार होते हैं और ज्यादातर हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाते हैं। वे इंडोनेशिया, इटली, नेपाल और भारत में महत्वपूर्ण रूप से उगाए जाते हैं। रुद्राक्ष के महत्व पर एक संपूर्ण उपनिषद है जिसे रुद्राक्ष उपनिषद कहा जाता है। हिंदू वैदिक ग्रंथों और शास्त्रों से संकेत मिलता है कि उनका जबरदस्त महत्व है। रुद्राक्ष संस्कृत के दो शब्दों – रुद्र और अक्ष का मिश्रण है। रुद्र का अर्थ है शिव, और अक्ष का अर्थ है आंख। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, रुद्राक्ष शिव के आंसुओं से बना था।
जब रुद्राक्ष की माला की सतह पर सात हिस्से या 7 रेखाएं होती हैं, तो उन्हें सात मुखी रुद्राक्ष कहा जाता है। इनका आकार गोल होता है। इनकी अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी हैं। 7 मुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह शनि है। ये शनि के अशुभ प्रभाव को दूर करते हैं। वे वृषभ, तुला, मकर और कुंभ राशि के लिए सबसे उपयुक्त हैं। 7 मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र है – ओम हुं नमः।