शिव और शंकर के बीच के अंतर को समझें
बड़े होने के दौरान हम सभी ने भगवान शिव के बारे में एक संहारक के रूप में और उनके कई चमत्कारों के बारे में भी कई किस्से सुने हैं। इनकी सूची का कोई अंत नहीं है। हम उनकी पूजा उनके लिंग रूप में या फिर मानव शरीर के रूप में करते हैं। फिर भी भगवान शिव को ज्यादातर चित्र में ध्यान करते हुए दिखाया गया है। ऐसी में वास्तव में दोनों के बीच बड़ा अंतर है।
हमारे माता-पिता ने हमें यह बताया है कि दोनों एक ही हैं, लेकिन वास्तव में वे एक जैसे हैं नहीं। तो क्या उन्होंने हमसे झूठ बोला था? हमारे निर्दोष मन को जो सवालों का मंथन चल रहा था, उससे वे बचना चाह रहे थे? खैर जो भी हो, पर हम वास्तविकता की अपनी खोज पर वापस आते हैं। निराकार का लिंग दरअसल शिव है, जबकि देवदूत देवता शंकर कहे जाते हैं। इनमें कितनी विभिन्नता है और दोनों कितने संबंधित हैं, यह जानने के लिए हम आपको एक यात्रा पर ले जाने के लिए तैयार हैं। लेकिन थोड़ा रुकिए। इतनी जल्दी भी क्या है? सबसे पहले हम आपको दोनों रूपों के पीछे का अर्थ बताने जा रहे हैं।