किस राशि के साथ जमेंगे संतुलित तुला के प्रेम संबंध (Tula Relationship)


मेष तुला की अनुकूलता

विश्वास

भरोसे के मामले में तुला राशि वाले मेष राशि वालों पर ज्यादा भरोसा नहीं कर सकते हैं। यह उनके लिए असुरक्षा की भावना पैदा करेगा। उन्हें पटरी पर लाने के लिए संबंधों को मजबूत बनाने की जरूरत होगी। दरअसल, ये लोग प्यार और सम्मान को भूखे होते हैं। ये केवल अपने साथी से प्रेम चाहते हैं। वहीं दूसरी तरफ मेष राशि के जातकों को यह सब बेकार लगता है। उनके लिए यह भावनाएं ज्यादा मायने नहीं रखती हैं। मेष राशि वाले हर चीज के बारे में ज्यादा नहीं सोचते हैं, इसलिए तुला राशि के जातकों को अपनी भावनाओं और खुद पर विश्वास रखना, अपना आत्मविश्वास बनाए रखना होगा।

कम्यूनिकेशन

जब बात कम्यूनिकेशन की आती है तो दोनों को ही बिना किसी शर्त के तालमेल बैठना होगा। मेष राशि वालों को अपने साथी पर अपने भरोसे को बढ़ाने की जरूरत होगा, उसके आत्मविश्वास को बढ़ाने और अपने रिश्ते पर भरोसा करने की जरूरत होगी। वहीं तुला राशि वाले को हमेशा अपने रिश्ते के प्रति जिम्मेदारी की भावना बनाए रखने की जरूरत है। यह भावना या यह प्रक्रिया एक दूसरे के प्रति कभी भी खत्म नहीं होगी। यह लंबी चल सकती है। आप इससे परेशान भी हो सकते हैं और आपको यह बोरिंग भी लग सकती है। ऐसे में सतत और सहज कम्यूनिकेशन ही इस रिश्ते को बनाए रखने के लिए एकमात्र रास्ता है।

भावना

इन दोनों राशियों के जातकों के बीच में एक सामान्य भावनात्मक समझ है। तुला राशि के जातक बहुत अंतर्मुखी और संयमित होते हैं। वे अपनी भावनाओं को इतनी आसानी से प्रकट नहीं करते हैं। दूसरी ओर, मेष राशि में तुला राशि वालों को अपनी भावनाओं को प्रकट करने देने का गुण होता है। तुला राशि वाले अपने पार्टनर को गहराई से समझ कर इसकी तारीफ करते हैं और आपस में समझ बनाए रखते हैं।

सेक्शुअल अनुकूलता

इन राशियों के बीच शारीरिक संबंध दोनों की अंतरंगता को अगले स्तर पर ले जाते हैं। इन दोनों के बीच उनके पास कुछ मुद्दे हैं जो अंतरंग होने पर सामने आते हैं। उन्हें एक-दूसरे के प्रति एक तरह का आकर्षण होता है, लेकिन जब वे करीब आते हैं तो वे एक-दूसरे को चोट पहुंचा सकते हैं। उनके मन में भावनाएं नहीं होती है, वे किसी सीमा से बंधे नहीं होते हैं।


वृषभ तुला की अनुकूलता

विश्वास

जब बात विश्वास की आती है तो मामला थोड़ा जटिल होता नजर आता है। वृषभ का विश्वास आसानी से तोड़ा जा सकता है, वो भी उस समय जब उसका साथी तुला राशि का हो, जो हर किसी को पसंद करने लगता है। ऐसे में अगर तुला राशि का जातक इस बात को लेकर कोई फैसला नहीं ले लेता है कि उसका साथी कौन हो सकता है, तब तक स्थिति सही नहीं रहेगी। स्थिति गड़बड़ा सकती है।

कम्यूनिकेशन

वृषभ बहुत कठोर, स्थिर होते हैं वे संबंध में एक दायरे को तैयार कर लेते हैं। वे उसी में रहना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि उनका साथी खुद तक ही सीमित रहे, लेकिन तुला राशि के हंसमुख स्वभाव के कारण विश्वास का मुद्दा बना रहता है। ऐसे में वे असुरक्षित, अविश्वासी महसूस करते हैं। ऐेसे में अगर संवाद भी सही नहीं हो तो गलतफहमी ज्यादा बनती नजर आएगी और रिश्ता बिखर जाएगा।

भावनाएं

अगर ये प्यार में पड़ जाते हैं तो इनके लिए यह एक अलग और अद्भुत अनुभव प्रतीत होता है। लेकिन इस जोड़े के साथ ऐसा होना मतलब असंभव सा ही है। भावनाओं के मामले में वृषभ अपने आप में सीमित रहेंगे और नहीं चाहते कि उनका साथी उनके जीवन में ज्यादा दखल दे, वहीं तुला राशि वालों को उनके बारे में अधिक जानने में बहुत दिलचस्पी होगी।

सेक्शुअल अनुकूलता

शारीरिक या यौन संबंधों के मद्देनजर भी यह दोनों जातक अलग अलग दिशा में जाने वाले नजर आते हैं। ये दोनों ही स्वभाव से अलग होते हैं। वृषभ राशि के जातक भावनात्मक रूप से जुड़े रहना पसंद करते हैं और अपने साथी से जुड़ाव महसूस करते हैं। इसके विपरीत, तुला राशि के जातक आराम की जगह रहना पसंद करते हैं। ऐसे में यह अच्छे से समझा जा सकता है कि दोनों राशियां एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं। ये एक जैसी नहीं है। अगर वे इस मामले में कड़ी मेहनत करते हैं तो भावनात्मक रूप से एक दूसरे के काबिल बन सकते हैं।


मिथुन तुला की अनुकूलता

विश्वास

तुला राशि के जातकों के पास किसी पर भरोसा करने के अपने कारण होते हैं, और वे आमतौर पर ऐसा तब करते हैं जब वे बहुत अधिक विचार-मंथन कर चुके होते हैं। काफी सोच विचार कर ही किस पर भरोसा कर सकते हैं। वे अपने स्वयं के निर्णयों पर संदेह नहीं करते हैं और अपने साथी पर जब तक भरोसा करते हैं, जब तक कि कुछ गलत हो नहीं जाता है। दूसरी ओर, मिथुन अपने साथी की भावनाओं की कद्र करते हैं, जानते हैं कि तुला को छेड़छाड़ पसंद हैं, फ्लर्ट की जा सकती है। अगर इन दोनों राशियों के जातक मिलते हैं, तो उन्हें एक आदर्श जोड़ी मिल जाएगी।

कम्यूनिकेशन

मिथुन बहुत बहिर्मुखी होते हैं और अपने साथी के साथ अधिक बातें साझा करते हैं। ऐसे में वे वार्ता के दौरान अपनी भावनाओं के प्रवाह में साथी को चोट भी पहुंचा सकते हैं। ऐसा इसलिए कि तुला राशि के जातक बहुत ही संवेदनशील होते हैं। वे चीजों को व्यक्तिगत रूप से बहुत आसानी से ले लेते हैं, भले ही दूसरे व्यक्ति का इरादा उनको हर्ट करने या चोट पहुंचाने का न हो, फिर भी ये बुरा मान जाते हैं।

भावनाएं

मिथुन राशि के जातक की तुला राशि के जातक से बहुत अच्छी बनेगी। वे नई चीजों और नए लोगों के बारे में जानने, उनसे मिलने के लिए बहुत ही उत्साहित रहते हैं। तुला के पास भावनात्मक गहराई है, ये बहुत ही आकर्षक होते हैं। इनका संबंध तब तक ही है जब तक इनकी भावनात्मक जुड़ाव है, जब यह भावनाएं नहीं होंगी, इनका संबंंध भी खत्म हो जाएगा।

सेक्शुअल अनुकूलता

यह इन राशियों के लिए एक प्लस पॉइंट है। जब अंतरंगता की बात आती है तो बताना जरूरी है कि कि ये दोनों वायु तत्व से हैं, जो उन्हें आपसी तौर पर सामान्य मानसिक और मौखिक समझ देता है। मिथुन राशि का बातूनी स्वभाव तुला अहंकार को ठेस पहुंचा सकता है। लेकिन अगर एक बार वे पूरी तरह खुल जाते हैं तो सहज हो जाते हैं। ऐसे में मिथुन को अपनी भावनाओं को भी साझा करना होगा। इस तरह, वे एक शानदार शारीरिक और भावनात्मक बंधन को आगे बढ़ा सकते हैं।


कर्क तुला की अनुकूलता

विश्वास

कर्क राशि वाले ऐसे लोग होते हैं जो अपने साथी के साथ अकेले रहना पसंद करते हैं और गोपनीयता चाहते हैं, जबकि तुला इसके ठीक विपरीत है। वे लोगों के साथ बातें साझा करते हैं और उनकी सलाह पर अमल करने से नहीं चूकते हैं। यही कारण है जो कर्क राशि वालों को प्रभावित करता है, यहां तक उनकी रुचि को भी काफी हद तक बदल देता है।

कम्यूनिकेशन

तुला राशि से जुड़े जातक ऐसे लोग होते हैं, जो आमतौर पर संबंध बनाने और अपने बंधन को संभालकर रखने पर जोर देते हैं। वहीं दूसरी तरफ कर्क राशि के जातक कर्क बहुत व्यावहारिक होते हैं और व्यावहारिक सोच पर भरोसा करते हैं। ये रिश्तों में गोपनीयता बनाए रखना पसंद करते हैं। वे ऐसी किसी भी चीज की कल्पना नहीं कर सकते जो वास्तविकता से बहुत दूर हो और उसे मूर्खतापूर्ण लगे। तुला राशि के जातक को कर्क राशि से कहीं ज्यादा एक भावुक हमसफर की जरूरत होती है, वे अपनी बातों को भावनाओं को अपने तक ही सीमित रखते हैं।

भावनाएं

जब भी बात भावनाओं की आती हैं तो तुला राशि के जातक एक आदर्श प्रेम की तलाश में नजर आते हैं। ऐसा प्रेम जो अद्वितीय हो, जैसे प्रेम पहले कभी न हुआ हो। यह जरूर है कि अगर यह तलाश ज्यादा लंबे समय तक चलती रहती है तो कर्क राशि के लोग साथी के नहीं मिलने पर हार मान लेते हैं। इसके बाद वे महज एक ऐसे व्यक्ति की तलाश करते हैं, जो एक आम इंसान हो, जमीन से जुड़ा व्यक्ति हो, उनके साथ सही तरह से तालमेल बैठा सके।

सेक्शुअल अनुकूलता

बात जब उनके यौन जीवन की है, तो कर्क और तुला राशि में अंतरंग संबंधों में उत्साह और जुनून की कमी देखने को मिल सकती है। एक तरफ कर्क इसे बहुत महत्व देता है। वहीं दूसरी तरफ तुला राशि का जातक अपने साथी की देखरेख के प्रति थोड़ी चिंतित रहती है। इससे कर्क के जातक के मन में आ रहे विपरीत विचार बदल जाते हैं, उसे लगता है कि उसकी उपेक्षा नहीं की जा रही है। उसका महत्व अब तक बरकरार है। सुखी जीवन जीने के लिए संबंध विकसित करने के लिए उन्हें एक-दूसरे के साथ पर्याप्त समय बिताने की जरूरत है।

जीवन में खुशियां पाएं, हमारे ज्योतिषियों से सलाह लें


सिंह तुला राशि की अनुकूलता

विश्वास

सिंह और तुला राशि के जातकों का सोचने का तरीका बिल्कुल अलग अलग है। तुला राशि के जातक अपनी बात को लोगों के बीच रखते हैं, उनकी सहमति लेते हैं और फिर आगे बढ़ते हैं, वहीं सिंह राशि के जातक का रवैया अलग है। वह चाहता है कि जब सब कुछ संबंध के दौरान बताया दिया गया है, कुछ छुपाया नहीं गया है तो फिर औरों का दखल सही नहीं है। ऐसे में दोनों के बीच अविश्वास पैदा होता है, स्वभाव की यही विभिन्न उनके बीच संघर्ष का कारण भी बन सकती है।

कम्यूनिकेशन

उनके बीच जैसे एक दूसरे का समर्थन करने के लिए एक पारस्परिक समझौता है, जिसका पालन ये दोनों ही करते हैं। सिंह और तुला के बीच समझ की साझा भावना है क्योंकि वे अच्छी तरह से कम्यूनिकेशन करते हैं और एक दूसरे की बढने में मदद करते हैं। वे हमेशा अपने अच्छे समय में एक-दूसरे के लिए खड़े होते हैं। बुरे समय में भी उनका एक दूसरे के प्रति प्यार उन्हें अलग नहीं करता है, यही कारण है कि ये दोनों एक दूसरे को बेहद चाहते हैं।

भावनाएं

यह जोड़ा प्यार के मामले में बहुत हद तक डूबा हुआ होता है। ये जोड़ा प्यार के बंधन को बखूबी समझता है। ये दोनों जानते हैं कि उनका प्यार न तो नकली है, न ही मेड फॉर इच अदर टाइप का है। वे एक निश्चित रवैये की समझ कर इसे संभाल सकते हैं। यह रवैया उन्हें एक विशेष दिशा में ले जाएगा। हो सकता है कि उन्होंने अपने भविष्य की भी योजना बनाई हो।

सेक्शुअल अनुकूलता

जब उनके यौन जीवन की बात आती है, तो वे प्यार के बारे में सोचने में ज्यादा समय नहीं लगाते हैं। इसके बजाय, उनमें स्वस्थ यौन जीवन जीने और इसका अधिकतम लाभ उठाने का आत्मविश्वास और उसी तरह की यौन भावना होती है। वे उत्साह के साथ नई चीजों को आजमाते हैं और साथ आने पर इसे और भी दिलचस्प बनाते हैं। वे एक-दूसरे के प्रति बहुत भावुक हैं और अगर उन्हें मौका मिलता है तो वे कोई मौका हाथ से जाने नहीं देते हैं।


कन्या तुला की अनुकूलता

विश्वास

तुला एक ऐसा साथी है जो हर समय सही रहना चाहता है, और दूसरी ओर कन्या है जो अपनी बातों को शेयर करना पसंद नहीं करती है। यही उसका स्वभाव है, क्योंकि वे इस बात से डरते हैं कि दूसरे क्या सोचेंगे। यह डर दोनों के बीच अंतर पैदा कर सकता है। तुला राशि वालों को लगता है कि यह जो डर होता है यह रिश्ते में अविश्वास पैदा करता है। उसे लगता है कि उनका साथी उनसे कुछ छिपा रहा है, यहीं से उनके रिश्ते के बीच मौजूद भरोसा अपना अस्तित्व खोने लगता है।

कम्यूनिकेशन

यहां पर जब बात करेंगे कम्यूनिकेशन की तो जब तक उनकी प्रोफेशनल लाइफ और पर्सनल लाइफ अलग अलग है, तब तक सब सही रहेगा। जब इनमें से एक की पेशेवर जिंदगी से जुड़े किसी एक व्यक्ति विशेष के साथ बातचीत ज्यादा हो जाएगी तो यह दूसरे साथी को अखरने लगेगी। ऐसे में दोनों के बीच कम्यूनिकेशन की कमी आ जाएगी तो परेशानी का सबब भी बन सकती है। नतीजतन, वे आहत होंगे, और समझ की कमी से अलगाव हो सकता है।

भावनाएं

अगर हम भावनाओं की बात करें तो ये दोनों राशियां भावना के मामले में बिल्कुल विपरीत हैं। अगर उन्हें इस संबंध को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी चीजें नहीं मिलती हैं तो इनमें असंतोष आ सकता है। ये असंतुष्ट महसूस करेंगे। जैसे-जैसे कन्या राशि का जातक अकेले रहना शुरू कर देता है तो फिर तुला राशि की भावनाएं ने उसके प्रति गौण हो जाती हैं। अपने इस संबंध के प्रति तर्कसंगत हो जाती है।

सेक्शुअल अनुकूलता

इन दोनों राशियों के जातक के अंतरंग संबंध पूरी तरह अच्छे नहीं रहेंगे। जब भी वे एक दूसरे के करीब आएंगे तो कुछ विशेष नहीं कर पाएंगे, दरअसल वे एक दूसरे के प्रति आकर्षित ही नहीं होंगे। ऐसे में आगे सोचना ही बेमानी है। तुला राशि कन्या के मामले में बहुत तेज तर्रार है। ऐसे में उन्हें विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। जब तक वे ऐसी मध्यम स्थिति में नहीं पहुंच जाते हैं जहां तुला की गति थोड़ी धीमी पड़ जाए, जिससे कन्या से उसका संतुलन बन पाएगा। इस दौरान कन्या भी अपनी गति बढ़ाएगी।


तुला तुला की अनुकूलता

विश्वास

जब एक ही राशि के दो जातकों में जब एक दूसरे पर भरोसा करने की बात आती है तो यह जोड़े को जटिलताओं का सामना करना पड़ेगा। दरअसल तुला राशि से जुड़े दोनों साथियों के पास नजरिए की कमी होगी। नजरिए जो उन्हें आने वाले कल के बारे में बता सकता है, आगे की राह दिखा सकता है। इसका मतलब यह नहीं है कि वे एक दूसरे के प्रति असंवेदनशील है। अगर वे विश्वास स्थापित करना चाहते हैं तो उन्हें चुप्पी तोडऩी होगी। बात करनी होगी।

कम्यूनिकेशन

चूंकि दोनों राशियां वायु तत्व से जुड़ी हैं ऐसे में इनका वायु की तरह अप्रत्याशित होना स्वाभाविक है। अगर इसमें भी वे अपना अहम बीच में रखते हैं तो यह और भी कठिन हो जाएगा दोनों के लिए। अगर वे दूसरे लोगों की कमियों को गिनना शुरू कर देते हैं और सवाल खड़े करने लगते हैं तो यह समझने में देर नहीं करनी चाहिए कि इस संबंध के खत्म होने का समय आ गया है।

भावनाएं

दो तुला राशि के लोग एक साथ आने पर एक-दूसरे से चिपके रह सकते हैं। वे लंबे समय तक एक दूसरे के साथ जुड़े रह सकते हैं। यह रिश्ता लंबा चल सकता है। ये एक दूसरे की कम सुनते हैं, ऐेसे में परस्पर विश्वास करना बहुत जरूरी होगा। यदि वे इस रिश्ते में सफल होना चाहते हैं, तो उन्हें व्यावहारिक रूप से सोचना बंद करना होगा, यानी अपनी तार्किक सोच का उपयोग किए बिना और भावनाओं और यौन जीवन शैली पर ध्यान देना होगा।

सेक्शुअल अनुकूलता

दो तुला राशि के लोगों का जीवन तब तक शानदार होगा जब तक कि उनमें से कोई एक दूसरे के किए गए काम के बारे में अपनी राय नहीं देगा, उसे जज नहीं करेगा। जब तक उन्होंने अपनी हद या सीमा तय कर ली है, वे उस सीमा में ही रह रहे हैं तब तक सब शांति से चलता रहेगा। लेकिन जैसे ही वो हद टूटी सब बिखर सकता है। बस जरूरत यही है कि दोनों में से इसके लिए अपनी हद से आगे आकर कोई भी कदम न बढ़ाए।


वृश्चिक तुला की अनुकूलता

विश्वास

विश्वास पर बात करते समय यह बात अहम है कि ये दोनों एक दूसरे को कितना समझते हैं कितना अपना पाते हैं। विश्वास इसमें अहम किरदार निभा सकता है। दरअसल, तुला राशि के जातक को दुनिया के साथ बातचीत करने में बड़ा मजा आता है, वह यह बताने में पीछे नहीं रहते हैं कि वे कितने आकर्षक हैं। यही बात वृश्चिक को नाराज भी कर सकती है। वृश्चिक राशि का जातक हमेशा चाहता है कि तुला का पूरा ध्यान उस पर ही हो। अगर ये दोनों एक दूसरे के इस स्वभाव को अपना लेते हैं, एक दूसरी की समझ को स्वीकार कर लेते हैं तो यकीन मानिए यह रिश्ता शांति के साथ आगे बढ़ सकता है।

कम्यूनिकेशन

कम्यूनिकेशन एक ऐसा बिंदु है जहां तुला और शनि के बीच संबंध काम आएगा। वे अपने साथी के आवेगी स्वभाव को धीमा कर सकते हैं और उसे समझ सकते हैं। इन दोनों के पास आपस में एक सही तालमेल बनाए रखने के लिए आवश्यक समझदारी है।

भावनाएं

जब भावनाओं की बात आती है, तो इन दोनों राशियों में तीव्र भावनाएं देखने को मिलती हैं। तुला राशि के जातक को किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश होती है जो जीवन में सही दिशा लेकर आए। दूसरी ओर वृश्चिक राशि का जातक एक शारीरिक, कामुक और व्यावहारिक साथी पाना चाहता है। तुला से इनकी मुलाकात आसानी से हो सकती है, लेकिन यह वो नहीं है जिसकी तलाश की जा रही है। अनसुलझे मुद्दे कई बार भारी वाद-विवाद का कारण बन सकते हैं। उन्हें एक-दूसरे की भावनाओं को थोड़ी नजाकत से संभालने की जरूरत है।

सेक्शुअल अनुकूलता

इन दोनों राशियों का यौन जीवन एक ही समय में रोमांचक और चुनौतीपूर्ण दोनों होगा। वायु तत्व द्वारा शासित तुला और जल तत्व द्वारा शासित वृश्चिक दोनों अलग अलग राशियां हैं। ये बिल्कुल विपरीत राशियां हैं। यहां एक बात यह जरूर है कि ये दोनों भले ही एक दूसरे की भावनाओं को संतुष्ट करें या न करें, लेकिन शारीरिक रूप से संतुष्ट कर पाएंगे। इन मामलों में वे दोनों एक-दूसरे को लेकर बेहद जुनूनी हैं। यदि उनकी शारीरिक इच्छाएं पूरी तरह संतुष्ट हो जाती हैं तो वे एक दूसरे के साथ जुड़े रहेंगे।


धनु तुला की अनुकूलता

विश्वास

जब अपने साथी पर भरोसा करने की बात आती है, तो वे या तो एक-दूसरे के लिए बहुत भरोसेमंद होते हैं या अपने साथी के लिए अत्यधिक संदिग्ध होते हैं। तुला राशि का जातक अपने साथी को पाने की पूरी मेहनत करता है, ऐसे में अगर रिश्ता संदिग्ध होता नजर आता है, उसे बहुत निराशा होती है। अगर धनु के जातक चाहते हैं कि यह विश्वास या यह संबंध बना रहे तो उन्हें थोड़ा सा खुद को बदलना होगा, थोड़ा सा बनावटीपन लाना होगा। हालांकि धनु राशि के बनावटीपन लाना थोड़ा असंभव सा लगता है।

कम्यूनिकेशन

धनु राशि का बचकाना स्वभाव तुला राशि वालों के लिए बहुत सुकून देने वाला और सुखदायक होगा। उन्हें यह पसंद आएगा कि कोई उनकी गतिविधियों को उनकी बातों को जज नहीं करता है। वहीं धनु को यह पसंद आएगा कि आशावाद, सकारात्मकता और गर्मजोशी, जिसकी वह जरूरत महसूस कर रहे थे, वो तुला की ऊर्जा के जरिए उन्हें मिल रही है। यहां एक समस्या है कि तुला राशि का सूर्य कम प्रभावी यानी हल्का होता है, इसलिए वे जल्दी से अपना नियंत्रण किसी और को सौंप देते हैं, वहीं धनु बिना किसी के कहे अपना प्रभाव अपने अधिकार किसी दूसरे के साथ साझा कर लेता है,उसे कोई आपत्ति नहीं होती है। वह भी तब जब कोई उसे ऐसा करने के लिए न कह रहा हो।

भावनाएं

जब भावनाओं की बात आती है तो तुला और धनु सबसे अनुकूल युगल होते हैं। तुला राशि का झुकाव मानसिक कार्यों, सामाजिक अनुकूलता और लोगों के साथ कम्यूनिकेशन करने की ओर अधिक होता है। धनु का झुकाव समाज में अपनी बात, अपने दर्शन को पहुंचाने के प्रति अत्यधिक होता है। जब भावनाओं की बात आती है, तो दोनों बहुत प्रगाढ़ प्रेमी होते हैं और एक-दूसरे के लिए किसी भी गहराई तक जा सकते हैं।

सेक्शुअल अनुकूलता

जब उनके यौन जीवन की बात आती है तो वे सबसे सही भागीदारों में से एक होते हैं। दोनों में एक-दूसरे के लिए भावनाएं होती हैं, ये भावनाएं तीव्र होती हैं। गहराई तक होती हैं। ऐसे में उनका अंतरंग जीवन और अधिक सुखद हो जाता है। वे बहुत कामुक लग सकते हैं, लेकिन वे गहराई से प्यार करने वाले और यौन प्रक्रिया को दौरान बहुत सक्रिय भी रहते हैं। उनका मुख्य उद्देश्य, सेक्स से ज्यादा एक दूसरे की खुशी होती है।


मकर तुला की अनुकूलता

विश्वास

अगर हम विश्वास के बारे में बात करते हैं तो ये दोनों ही बहुत सही हैं। कभी-कभी तुला के पास सवाल उठाने के लिए विषय हो सकते हैं, लेकिन उसका इस तरह का व्यवहार साथी को दोषी महसूस करवा सकता है, वह अपराध बोध को महसूस कर सकता है। दूसरी ओर, मकर राशि वाले झूठ बोलना पसंद नहीं करते हैं और इस मामले में बहुत सख्त हैं, जिससे तुला अधिक असहज हो जाता है और जानबूझकर नहीं बल्कि अपनी गोपनीयता की रक्षा के लिए चीजों को छिपाना शुरू कर सकता है।

कम्यूनिकेशन

जब बात कम्यूनिकेशन की आती है, तो तुला राशि के जिद्दी होने के कारण कम्यूनिकेशन में वह पूरी तरह भागीदार नहीं हो पाती है। तुला राशि वाले अपने पार्टनर से प्यार करते हैं, लेकिन वे इसे बहुत ही असामान्य तरीके से प्रस्तुत करते हैं। यह कई विवाद के कारण भी हो सकते हैं। ऐसे में दोनों के बीच एक दीवार खड़ी हो सकती है। इससे अगर बचना है जो जरूरी है कि वे तर्कसंगत बने, किसी भी समस्या को तर्क के आधार पर हल करें।

भावनाएं

जब भावनाओं की बात आती है तो वे विपरीत ध्रुव होते हैं। तुला में भावनाएं होती हैं, लेकिन वे इसके प्रति थोड़ा सुरक्षात्मक हो जाते हैँ कि उन्हे जज किया जाएगा। इसके विपरीत, मकर राशि वाले हमेशा ही अपने पार्टनर को जज करते हैं।

सेक्शुअल अनुकूलता

जब यौन संबंध बनाने की बात आती है, तो इन राशियों के जातकों की राय बहुत अलग होती है। दोनों के लिए संभोग जरूरी होता है, लेकिन वे बिना किसी औपचारिकता के इसे सीधे शुरू नहीं कर सकते हैं। इस तक पहुंचने से पहले दोस्ती को औपचारिक तौर पर करना होता है। इसके बाद वे इस अगले कदम पर आ सकते हैं, यही उन्हें आगे बढऩे के लिए प्रेरित भी करता है। यदि वे एक बंधन बनाते हैं, तो वे बहुत सुखद परिणाम दे सकते हैं।


कुंभ तुला की अनुकूलता

विश्वास

ये दोनों राशियां एक जैसी हैं। वे बिना किसी उम्मीद के एक-दूसरे पर भरोसा कर सकते हैं। ये एक दूसरे के मन में पल रही असुरक्षा की भावना को जानते हैं और इसी लिए एक दूसरे को मदद भी करते हैं। वे दोनों धर्म का पालन करते हैं। ये चाहते हैं कि लोग उन्हें पसंद करें। समस्या तब होती है जब केवल तुला ही भावनात्मक रूप से जुड़ जाती है, और दूसरा नहीं। तब उनके बीच कोई समस्या नहीं रहती है।

कम्यूनिकेशन

तुला का जातक चाहता है कि दूसरे लोग उन्हें पसंद करे और जानें कि वे कितने अच्छे व्यक्ति हैं। दूसरी ओर कुंभ राशि के जातकों को यह पसंद नहीं है क्योंकि वे इसके ठीक विपरीत होते हैं। वे अपने निर्णयों पर बहुत दृढ़ होते हैं। कुंभ राशि के जातक तुला राशि की प्रतीक्षा नहीं करते हैं। उनके पास बात करने के लिए बहुत कुछ हो सकता है। इसके लिए उन्हें अपनी भाषा भी मिल सकती है। बावजूद इसके समस्या यह है कि वे मतभेदों को सुलझाने में सक्षम नहीं होंगे। तुला राशि वाले इससे चिपके रह सकते हैं, लेकिन कुंभ राशि वाले किसी भी दबाव को महसूस करने पर उन्हें छोड़ देंगे।

भावनाएं

शुक्र तुला राशि का स्वामी होता है, और यह उन्हें एक भावनात्मक राशि बनाता है। यह अपने साथी के साथ जुड़कर अच्छा महसूस करते हैँ। यह उनके बीच एक ठोस और मजबूत भावनात्मक बंधन बनाता है। दोनों के लक्ष्य अलग अलग होते हैं, फिर भी ये एक साथ जुड़े रहते हैं। इन दोनों राशियों के अलग-अलग लक्ष्य होते हैं। तुला को लगता है कि शादी जरूरी है, जबकि कुंभ इसे बेकार मानता है। इसलिए कुंभ राशि पर कोई दबाव नहीं बनाना चाहिए।

सेक्शुअल अनुकूलता

तुला का जातक अपनी एक विशेष छवि बनाए रखते हैं। वे चाहते हैं कि लोग जानें कि वे कितने सुंदर हैं। हालांकि, कुंभ इसके ठीक विपरीत है। इसमें उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। वे विपरीत दिशा में आगे बढ़ेंगे। कुंभ राशि कभी तुला राशि के जातक का इंतजार नहीं करता है। जबकि तुला कुंभ के इस सहज स्वभाव को पसंद नहीं करती।

क्या आपका जीवन जटिल है? हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषियों से परामर्श करें


मीन तुला की अनुकूलता

विश्वास

इन राशियों के लिए भरोसेमंद रिश्ता बनाना असंभव सा महसूस होता है। तुला को दुनिया को दिखावा करना और लोगों से सहमति लेना पसंद है। यद्यपि मीन राशि वाले इसे आत्मविश्वास की कमी मान सकते हैं। वहीं, दूसरी ओर मीन राशि वालों का बचकाना और गैर जिम्मेदाराना व्यवहार उनके पार्टनर को बेकार खुलापन लग सकता है। उन्हें वास्तव में इसे सहजता से लेने की जरूरत होती है और चीजों को वैसे ही स्वीकार करें जैसी कि वे हैं।

कम्यूनिकेशन

कम्यूनिकेशन के मामले में तुला का जातक मीन राशि वालों के बचकानेपन को सम्मान भी दे सकता है। वह उन्हें परिपक्व और खुशहाल बनाने का प्रयास कर सकता है। हालांकि, वे यह भी नहीं जानते हैं कि ऐसा क्या है जो वास्तव में उनके साथी मीन राशि को सहज बनाएगा। उनके लिए सम्मानजनक बंधन बनाए रखना भी एक चुनौती जैसा ही है। एक-दूसरे को व्यवहार करने का तरीका सिखाने के बजाय, पार्टनर जैसा है उन्हें अपने पार्टनर को वैसे ही स्वीकार करना चाहिए।

भावनाएं

यदि वे अपने अहंकारी रवैये पर काबू पा लेते हैं, तो वे अपने बीच एक प्यारा संबंध बनाना सीख सकते हैं। हालांकि ऐसा बहुत कम ही होगा क्योंकि उनके पास केवल एक-दूसरे के बारे में कुछ छुपी हुई जानकारी होती है। मान लीजिए कि ये दोनों ही एक-दूसरे के व्यक्तित्व का सम्मान करते हैं, और वे विभिन्न चुनौतियों को पार करते हुए भावनात्मक बंधन भी तैयार कर लेते हैं। उस स्थिति में, तुला को अपना सच्चा प्यार मिल सकता है, लेकिन हो सकता है कि उनका साथी उनसे प्यार न करे।

सेक्शुअल अनुकूलता

इनमें से एक राशि वायु तत्व से जुड़ी है और दूसरे जल तत्व से। दोनों में बहुत प्यार है। जब बात यौन संबंध की आती है तो वे अधिक सजग हो सकते हैं। यहां एक दूसरे के प्रति गलत व्यवहार उनके बीच में परेशानी पैदा कर सकता है। मीन अधिक कोमल और कामुक होना पसंद करते हैं जबकि तुला भावुक और तीव्र होना चाहता है।


तुला राशि का तालमेल किसके साथ सही रहेगा

तुला राशि के स्वभाव को देखते हुए उन राशियों के बारे में बताते हैं जिनका तुला के साथ सही तालमेल बैठ सकता है।

तुला - मिथुन

ये दोनों राशियां बहुत उत्सुक, उत्साहित हैं और दर्शकों के साथ जुडऩा बहुत पसंद करते हैं। इसके अलावा, वे एक-दूसरे को समझते हैं और जानते हैं कि वे अपने रिश्ते को खुशहाल बनाने के लिए क्या कर सकते हैं।

तुला - तुला

वे सबसे प्रसिद्ध राशियां है, ये एक दूसरे के लिए सबसे फिट रहने वाली राशियां हैं। वे दोनों चीजों को बहुत अच्छी तरह से संभालते हैं क्योंकि वे उनके बारे में एक-दूसरे के दृष्टिकोण को समझते हैं, उनके बीच विश्वास और भावनाओं का पुल आसानी से बन जाता है।

तुला- सिंह

सिंह के जातक तुला राशि की शैली और आकर्षण को पसंद करते हैं। इसी तरह तुला राशि वाले जातकों को आत्मविश्वास और ईमानदारी पसंद है। इसके साथ ही वे बहुत भावुक हैं और एक दूसरे में सर्वश्रेष्ठ चीजों को ऊपर लाते हैं।


तुला राशि का जीवनसाथी कौन हो सकता है?

तुला - मिथुन

दोनों जीवन में एक दूसरे का सर्वश्रेष्ठ बाहर लाते हैं। वे मेलजोल करना पसंद करते हैं। मिथुन तुला राशि की बातों को पूरे ध्यान से सुनता है। उनके बीच सबसे अच्छी केमिस्ट्री है, जो उनमें मौजूद अच्छी बातों को सामने लाती है।

तुला - तुला

इनके बीच सबसे अच्छी समझ है। इसके साथ में जब वे एक-दूसरे की सकारात्मकताओं और कमियों खामियों को महसूस कर सकते हैं, तो वे अपने रिश्ते में सबसे अच्छा संतुलन बनाते हैं।

तुला- सिंह

सिंह के जातक बहुत ऊर्जावान, आनंद पसंद और मस्ती करने वाले होते हैं और अपने साथी को साथ लेकर चलते हैं। उन दोनों के बीच बहुत अच्छी केमिस्ट्री है। वे बहुत ही रोमांटिक और चुलबुले हैं।

तुला - धनु

वे सिर्फ एक दूसरे के लिए ही बने हैं क्योंकि वे बात करना पसंद करते हैं और एक दूसरे के साथ भावनात्मक स्थिरता रखते हैं। वे दोनों एक बहुत ही प्यार करने वाले और कोमल व्यक्तित्व के हैं। इनके बीच स्नेह बरकरार रहता है।


तुला राशि वालों को किस राशि से प्यार हो जाता है?

जब प्रेम अनुकूलता की बात आती है, तो कुछ राशियां हैं जिनसे तुला राशि की पटरी बैठ जाती है।

तुला - मेष

ये एक ही सिक्के के ही दो पहलू हैं और एक दूसरे के पूरक होते हैं। वे सब कुछ बहुत अच्छी तरह से संतुलित करते हैं क्योंकि वे एक-दूसरे के प्यार और दूसरी जरूरतों को बहुत अच्छी तरह से पूरा करते हैं।

तुला - कुंभ

ये मानसिक तौर पर एक शानदार जोड़ी होती है। कुंभ संबंध में सच्चाई और ईमानदारी तलाशते हैं तो और तुला के जातक समानता और संतुलन की तलाश में रहते हैं यही कारण है कि उन्हें एक दूसरे के पूरक होने में मदद करता है।

तुला - मिथुन

बातचीत के लिहाज से ये सबसे सही साथी है। वे प्यार और देखभाल के जरिए हर समस्या को हल कर देते हैं। वे एक-दूसरे को लेकर बहुत उत्सुक होते हैं। दोनों की एक दूसरे में बहुत रुचि होती है।

तुला - तुला

चूंकि दोनों एक ही राशि के हैं, इसलिए उनके बीच समझ और प्यार का संतुलन बना रहता है। ये एक दूसरे से जिस सम्मान की आशा करते हैं, उन्हें एक दूसरे से वह प्राप्त हो जाता है। ये एक दूसरे की तारीफ करते रहते हैं।


यह लेख किसी विशेष जोड़े के साथ तुला राशि के जीवन के बारे में पूरी जानकारी देता है। लेकिन फिर भी यह जानकारी और अध्ययन पर्याप्त नहीं हो सकता है। दोनों राशियां अपने अन्य ग्रहों की स्थिति का अनुसरण करते हुए अलग परिणाम दे सकती हैं। ऐसे में किसी ज्योतिषी से सलाह लेना उचित है।



Choose Your Package to Get 100% Cashback On First Consultation