दीवाली पूजा में अपनाएं यह विशेष वास्तु टिप्स, होगा लाभ
भारत त्योहारों की भूमि है, और जब दिवाली का समय होता है। उस समय तो देश में इसका उत्साह देखने लायक होता है। हर कोई अपने घर को साफ सुथरा रखने की तैयारी में जुट जाता है। यह देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए हर घर में किया जाने वाला एक पारंपरिक अनुष्ठान है। यह त्योहार 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम की वापसी का भी प्रतीक है, इसलिए लोग इसे बहुत प्यार से मनाते हैं, और अपने घरों को दीयों से सजाते हैं। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है। इस दिन घर का कोना-कोना रोशन किया जाता है। यह पर्व नई शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है। दीवाली के त्योहारों को मनाते हुए, वास्तु के दिशानिर्देशों का पालन करना, नहीं भूलना चाहिए। वास्तु धन और समृद्धि अर्जित करने का सबसे अच्छा तरीका हो सकता है। यहां हम आपको दिवाली के लिए वास्तु टिप्स बताने वाले है, ताकि यह त्यौहार आपके लिए शुभ हो।
दिवाली के लिए वास्तु टिप्स (Diwali vastu)
घर से निगेटिव एनर्जी को दूर करने के लिए अपने घरों से बेकार और बिना उपयोग की चीजों को बाहर निकालना चाहिए। वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार, मुख्य प्रवेश द्वार, अवसरों का प्रतीक होता है, इसलिए हमें दीपावली की रात में इसे खुला रखना चाहिए। हमारा मुख्य द्वार वह जगह होती है, जहां से हम बाहरी अवसरों और दुनिया से जुड़ते हैं, इसलिए, इसे अच्छी तरह से सजाया जाना चाहिए, साफ-सुथरा और स्वागत योग्य बनाना चाहिए। हमें इसके पास कोई भी अनावश्यक या पुराना सामान नहीं रखना चाहिए। इसके बजाय, दरवाजे के पास रंगोली बनानी चाहिए। बंदनवार लटकाना चाहिए।
आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में, जो आपके घर से नकारात्मकता को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं। ये टिप्स आपको सकारात्मकता, खुशी और शांति प्रदान करने में भी मदद करेंगे। इन टिप्स को अपनाकर व्यक्ति बुरी शक्तियों के बुरे प्रभावों से बच सकता है। इससे पहले कि आप इन वास्तु टिप्स को अपनाने से पहले अपने घर या कार्यस्थल के ऊर्जा क्षेत्र को समझना चाहिए। यह ऊर्जा क्षेत्र कॉस्मो-चुंबकीय ऊर्जा है, इसलिए यह हमारी आंखों से दिखाई नहीं देती है। इस क्षेत्र के बारे में सिर्फ एक वास्तु विशेषज्ञ ही पता लगा सकता है।
मंत्र जाप
मंत्रों का जाप व्यक्तियों में सकारात्मकता और शक्ति प्रदान करने वाला माना जाता है। हम विशिष्ट मंत्रों के जाप से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं। परिवार के प्रत्येक सदस्य को अपने घर से नकारात्मकता को दूर करने के लिए मंत्रों का जाप करने की सलाह दी जाती है। यह मंत्र है जैसे – दुर्गा कवच, लक्ष्मी कवच, राम कवच हनुमान कवच, या शिव कवच आदि।
गुग्गल धूप जलाना
घर के वातावरण से तनाव को दूर करने के लिए गुग्गल धूप महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। घर में गुग्गल धूप की धूनी करने से शांति और सद्भाव बना रहता है। वास्तु दिशानिर्देशों के अनुसार वास्तु पुरुष घर की रक्षा करता है। वास्तु पुरुष में कई सारे देवता आते हैं। इसमें द्वारपाल होते हैं जो द्वार की रक्षा करते हैं, जबकि अन्य क्षेत्रों के रक्षक क्षेत्रपाल कहलाते हैं, और दिशा के रक्षक दिक्पाल कहलाते हैं। इसके अलावा, काली चौदस और दीपावली के दौरान, परिवार में खुशी बनाए रखने के लिए गुग्गल धूप का हवन करें। इससे हर प्रकार की नकारात्मकता समाप्त होती है।
नमक के पानी का छिड़काव
यह एक महत्वपूर्ण कदम होता है। जब आपके घर से नकारात्मक वाइब्स को दूर करने की बात आती है, तब नमक का पानी सबसे अच्छा माना जाता है। शुद्ध पानी लें और उसमें समुद्री नमक मिलाएं। इसके बाद इसे अपने घर या कार्यस्थल के कोने-कोने पर छिड़कें। इस पानी का छिड़काव मुख्य रूप से काली चौदस या दिवाली के दिन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि नमक में हवा को शुद्ध करने और किसी भी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने की क्षमता होती है। यह पॉजिटिव ऊर्जा का प्रवाह करके वातावरण को खुशनुमा बनाता है। नमक के पानी का छिड़काव सप्ताह में दो बार करनी चाहिए।
पूजा रूम ध्यान रखने योग्य बातें
पूजा रूम को घर के ईशान कोण में होना सबसे अच्छा माना जाता है। यदि आप इस जगह पूजा रूम नहीं बना सकते तो आप पूर्व दिशा में बना सकते हैं। पूजा रूम जैसी पवित्र जगह को बनाने के लिए आपको काले रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए। भगवान की सभी मूर्तियों और तस्वीरों को साफ करने के लिए हमें हमेशा पूजा कक्ष में एक साफ कपड़ा रखना चाहिए। इस कपड़े का उपयोग किसी अन्य चीज के लिए नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही पूजा करते समय हमें गहरे रंग के कपड़ें नहीं पहनना चाहिए।
भगवान की मूर्ति रखने का सही तरीका
हमारे घर की उत्तर दिशा धन को आकर्षित करने वाली मानी जाती है। इसलिए कमरे की उत्तर दिशा में लक्ष्मी पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा एक ही देवता की दो मूर्तियां एक ही स्थान पर नहीं रखनी चाहिए। देवी सरस्वती की मूर्ति देवी लक्ष्मी के दाहिनी ओर और भगवान गणेश को देवी लक्ष्मी के बाईं ओर रखना चाहिए। इन देवताओं की मूर्तियाँ यदि बैठी हों तो उन्हें ज्यादा शुभ माना जाता है। इसके अलावा, पूजा रूम में पूर्व या उत्तर की ओर कलश रखना चाहिए।
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श्री यंत्र का महत्व
श्री यंत्र को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। यह सकारात्मक ऊर्जा को घर प्रवाहित करता है। श्री यंत्र को सबसे शक्तिशाली यंत्रों में से एक माना जाता है। यह यंत्र शांति, शक्ति और भाग्य के द्वार को खोलता है। इस तरह के यंत्र विशिष्ट नक्काशी और ख़ास संरचनाओं के द्वारा बनाये जाते है। जिससे उनके अंदर से सकारात्मक ऊर्जा बहती रहे। यंत्र के चारों ओर ऊर्जा का क्षेत्र होता है। यह ऊर्जा तब तक ही रहती है जब तक उनकी नियमित रूप से पूजा की जाए।
निष्कर्ष
अंत में जो सबसे ज्यादा चीज मायने रखती है वो है आपका भक्ति भाव। आपकी इच्छा शक्ति। यदि आप वास्तु नियमों का पालन करते हुए विश्वास के साथ पूजा कर रहे हैं, तो आप अपनी जिन्दगी में सौभाग्य पा सकते हैं। हम अपनी दिनचर्या में इतने व्यस्त रहते हैं, कि हम अक्सर वास्तु दिशा-निर्देशों के अनुसार चीजों को रखना भूल जाते हैं। लेकिन, इसे पढ़ने के बाद दिवाली के दिन वास्तु नियमों का पालन जरूर करें।