सुखी वैवाहिक जीवन के लिए अपनाएं यह वास्तु टिप्स
शादी किसी की भी जिन्दगी का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है। क्योंकि यह दो दिलों को प्यार के धागे से बांधता है। यह दो लव बर्ड्स का मिलन होता है, जो एक साथ अपनी पूरी जिन्दगी गुजारने के लिए राजी होते हैं। यह तो जवानी से लेकर अंतिम साँस तक का साथ कहलाता है, हमेशा माना जाता है, की जोड़ी जन्नत में बनती है। पर इस जन्नत से बनी जोड़ीं की धरती पर अपने साथी के साथ पूरी जिन्दगी गुजरना और विश्वास के साथ एक दुसरे से जुड़ें रहना बहुत बड़ी बात होती है। यह रास्ता आसान नहीं होता है। जब हम एक दुसरे से जुड़ जाते हैं, तब हमें अपने पार्टनर की खूबियाँ ही नहीं कमजोरी को भी अपनाना पड़ता है। किसी भी तरह के भेदभाव की परवाह किए बिना एक-दूसरे को समझना बेहद जरूरी होता है।
पति-पत्नी के आपसी संबंधों से उलझने ज्यादा नहीं उलझती। यदि रिश्ता में प्यार हो तो। बल्कि यह लोग आपसी समझ से किसी भी परेशानी का सामना कर सकते हैं। जिन्दगी में कुछ समय ऐसा भी आता है, जब रिश्ता किसी कठिन परिस्थिति से गुजरता है, और जीवन निराशाजनक प्रतीत होता है। शादी होने से दो लोग ही सिर्फ आपस में नहीं जुड़ते, बल्कि दो परिवार भी शामिल होते हैं। इसलिए पति और पत्नी दोनों को परिवार को ध्यान में रखते हुए एक साथ रहने की जरूरत होती है।
अब देखा जाए तो वास्तु इसी तरह के रिलेशन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने में एक अनिवार्य भूमिका निभाता है। वास्तु के टिप्स का उपयोग करके हम अपने रिलेशन को मजबूत और प्यारा बना सकते हैं।
महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स जिनका आपको रखना चाहिए हमेशा ध्यान
पति-पत्नी के रिलेशन में क्या करें और क्या न करें
शादीशुदा जोड़ो को रखना चाहिए इन पांच बातों का ध्यान
प्यार और कमिटमेंट (Love/Commitment)
एक रिलेशन में प्यार और कमिटमेंट सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है। अपने जीवन साथी के प्रति हमेशा हमें प्यार और कमिटमेंट प्रदान करना चाहिए। जो प्यार और कमिटमेंट टीवी पर या रोमांटिक किताबों में बताया जाता है यह उससे ज्यादा है। जब कोई रिश्ता बनता है तो उसमें भावनाएँ सबसे ज्यादा महत्व रखती है। यही भवनाये हम अपने प्यार और कमिटमेंट के द्वारा अपने पार्टनर को दर्शाते हैं।
प्यार भरा शारीरिक जुड़ाव (Physical Affectionate)
शादी के बाद हमारे जीवन में सिर्फ अंतरंगता ही शामिल नहीं होती है, बल्कि इसके अलावा कुछ और भी चीजे शामिल होती है। हम अपने पार्टनर से तन, मन और धन से साथ अपनी आत्मा से भी जुड़ते है। जब हम यौन संबंधो द्वारा अपने पार्टनर के साथ जुड़ते हैं, तो यह सिर्फ आपका शारीरिक सुख नहीं होता है, बल्कि अपना सब कुछ सर्पित करने का पहला कदम होता है। जब हम भावुकता और प्यार से जुड़ी हुई फोटो को देखते हैं तब शरीर में एक अजीब सा कम्पन्न महूसस होता है। हम हर पल अपने साथी के साथ गुजारने के लिए यौन तपस्या भी करते हैं।
माफी (Forgiveness)
माफ़ी की आदत किसी भी शादीशुदा जिन्दगी में सबसे जरूरी होती है। शादीशुदा जिन्दगी वही सफल होती है, जब हम अपने पार्टनर को उसकी गलती के लिए माफ़ कर सकें। इन लोगों को अपने रिलेशन में निडरता से कमियों को स्वीकार करना चाहिए। यदि आप सच में अपने रिलेशन से जुड़ें रहना चाहते हैं, जो गलती एकबार कर चुके है उसे कभी भी न दोहराए, और छोटी-छोटी गलतियों को माफ़ करने की आदत डाले।
टाइम और स्पेस (Time And Space)
एक रिश्ता तब तक नहीं चल पाता, जब तक आप अपने पार्टनर को टाइम और स्पेस नहीं देते हैं। भई शादी की है तो अपने पार्टनर को समय देना भी जरूरी होता है। जरूरत से ज्यादा टाइम और स्पेस भी रिलेशन को खराब कर सकता है। हमेशा अपने पार्टनर से चिपके रहना भी खराब आदत है, और जरूरत से ज्यादा उनको छूट देना भी आपके लिए ही समस्या पैदा कर सकता है, इसलिए इन दोनों चीजों में सामंजस्य बना कर चले।
आपसी समझ (Mutual Understandings)
शादी की बॉन्डिंग की मजबूती इस बात पर निर्भर करती है, कि कपल अपने रिलेशन में एक-दूसरे को कितना समझने की कोशिश करते हैं। जब वे अपनी जिन्दगी के महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए एक दुसरे की समझ को सराहने लगते हैं तो ज़िन्दगी बहुत आसान हो जाती है। यदि वे आपसी समझ को डेवलप करने में विफल रहते हैं, तो वे अपने रिलेशन में एक खाई पैदा करना शुरू कर देते हैं। एक समय ऐसा आता है कि फिर यह खाई भर नहीं पाती। एक कपल को अपने बीच ज्यादा से ज्यादा आपसी समझ को बढ़ाना चाहिए। तभी इनका रिलेशन मजबूत हो।