प्लॉट का वास्तु : जानिए कैसा शेप और साइज़ है सही आपके प्लॉट के लिए

प्लॉट वास्तु : घर की भूमि या प्लॉट की साइज और शेप

वास्तुशास्त्र के अनुसार किसी भी भूखंड (प्लॉट) को खरीदना एक श्रमसाध्य कार्य माना जाता है। जमीन खरीदते समय वहां पर चट्टान आदि की उपस्थिति, मिट्टी का उपजाऊपन, उसकी गंध, रंग आदि देखे जाते हैं। प्राचीन समय में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था होने के कारण भूमि खरीदते समय इन सभी पॉइंट्स को चेक किया जाता था। आज भी कोई भूखंड खरीदा जाता है तो उसका आकार-प्रकार, वर्ण (रंग), भूमि का स्वभाव, उसका ढाल जैसी सभी चीजों को परखा जाता है, उसके बाद ही विचार किया जाता है कि उस भूमि को लेना चाहिए या नहीं।

किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदते वक्त सबसे पहले उसका आकार देखा जाता है। वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार चौकोर भूमि बिल्डिंग बनाने के लिए सर्वोत्तम मानी गई है। वर्गाकार (Square) जमीन उस स्थान पर रहने वालों के जीवन में शांति, समृद्धि और खुशी लेकर आती है।

भूमि खरीदते वक्त दूसरी चीज उस जगह का लेवल (Slope या ढाल) देखा जाता है। यदि जमीन का ग्राउंड लेवल नॉर्थ ईस्ट की ओर ढलान वाला है तथा साउथ-वेस्ट में ऊंचा है तो ऐसी प्रॉपर्टी जीवन में समृद्धि लाने में मदद करती है।

इन दोनों चीजों को देखने के बाद प्लॉट खरीदने के लिए कई अन्य चीजें भी देखी जाती हैं। उन्हीं के आधार पर पता लगता है कि वह जमीन किसी व्यक्ति विशेष के लिए लाभदायक होगी या हार्मफुल रहेगी। आइए जानते हैं इन सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में-


भूमि के आकार से जुड़ी वास्तु टिप्स (Vastu Tips For Plot Shape)


प्लॉट के अलग-अलग शेप्स तथा उनका प्रभाव (Effects of Irregular Shape of the Plots)


प्लॉट की शेप्स देखते समय इन चीजों से बचें (Vaastu For Plots Shapes : Things to Avoid)



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