कैसा होना चाहिए व्यावसायिक परिसर के लिए वास्तु टिप्स (Complex Vastu)

वास्तु शास्त्र, वास्तुकला और निर्माण का पारंपरिक भारतीय विज्ञान है। हमारे पूर्वजों के अनुसार प्रत्येक संरचना या व्यावसायिक परिसर का निर्माण वास्तुकला की कला और विज्ञान, यानी वास्तु शास्त्र के आधार पर किया जाना चाहिए।

वास्तु पांच पर्यावरणीय तत्वों जल, अग्नि, पृथ्वी, वायु और अंतरिक्ष को संतुलित करके काम करता है। वास्तु के नियमों की पालना करके हम अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। वास्तु के जरिए मिलने वाली सकारात्मक ऊर्जा हमारे जीवन को अच्छे स्वास्थ्य, धन, समृद्धि और खुशियों से भर देती है।

अपने व्यवसाय की सफलता के लिए वास्तु शास्त्र का पालन करना आवश्यक होता है। धन हर किसी के जीवन के लिए एक अहम तत्व होता है। पैसा व्यापार से आता है। जब व्यापारिक या व्यावसायिक परिसर की बात आती है तो वास्तु का पालन करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

किसी भी कार्यालय को खरीदने से पहले व्यावसायिक परिसर से जुड़े वास्तु के नियमों की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। इसकी वजह है कि हम उस जगह पर अपना अधिकतर समय बिताते हैं। इसके लिए जरूरी नहीं है कि हम वास्तु विशेषज्ञ हों। हम आपको बता रहे हैं कि किस तरह जरूरी टिप्स का पालन कर सकते हैं।


कमर्शियल परिसर के लिए वास्तु के टिप्स


कमर्शियल परिसर: क्षेत्र का अनुपात और आकार सही हो


खुला हो परिसर


मुख्य द्वार की दिशा


सामान्य टिप्स


दुकानों और कार्यालयों के लिए वास्तु टिप्स


सामान्य प्रश्न (FAQs)



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