कैसा हो फ्लैट का वास्तु : इन टिप्स का जरूर रखें ध्यान

अगर हम किसी अपार्टमेंट के लिए वास्तु की बात करते हैं तो सबसे पहले यह ध्यान रखना होगा कि अपार्टमेंट के लिए वास्तु पद्धति के विज्ञान पर आधारित है। इसमें फ्लैट और अपार्टमेंट के लेआउट, योजना, ज्यामिति, माप, संरचना और डिजाइन के संबंध में विशेष निर्देश दिए गए हैं। इस पारंपरिक वास्तु पद्धति का मुख्य उद्देश्य घर में सही दिशा और सही दिशा का उसके मुताबिक उपयोग करना है। वास्तु के सिद्धांत समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। घर में कुछ निर्माण करते समय हमें इनका ध्यान रखना चाहिए और उसी के मुताबिक क्रियान्विति करनी चाहिए। जिस तरह बंगले, कारखाने, कार्यालय और अन्य भवनों पर वास्तु के नियम लागू होते हैं, उसी तरह फ्लैट्स या अपार्टमेंट पर भी वास्तु के नियम लागू होते हैं।

अगर आप एक फ्लैट खरीद रहे हैं या किराए के अपार्टमेंट में शिफ्ट होने की योजना बना रहे हैं, तो आपको उससे पूर्व वहां मौजूद वास्तु से जुड़े नियमों पर नजर डालनी चाहिए। जानना चाहिए कि क्या वहां वास्तु के नियमों को ध्यान रखा गया है। इसकी जांच की जानी बहुत जरूरी है। हालांकि कई लोग हैं, जो वास्तु शास्त्र में विश्वास नहीं करते हैं और मानते हैं कि वास्तु शास्त्र की आवश्यकता तभी होती है जब आपका घर भूतल पर हो। लेकिन निवास कहीं भी हो पर वास्तु शास्त्र अपने तरीके से काम करता है।

भले ही आपका घर किसी भवन के टॉप फ्लोर पर ही क्यों न हो, या फिर आप भूतल यानी ग्राउंड फ्लोर पर रहते हैं। सभी पर वास्तु के नियम लागू होते हैं। घर छोटा हो या बड़ा, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें आपके परिवारजन खुश रहने चाहिए। उन्हें संतुष्टि महसूस होनी चाहिए। उनकी खुशी किसी तरह की नकारात्मक भावना या ऊर्जा से प्रभावित नहीं होनी चाहिए। ऐसे में फ्लैट के लिए भी विभिन्न वास्तु उपाय होते हैं जो घर से नकारात्मक ऊर्जा के दुष्प्रभाव को खत्म करने में प्रभावी साबित होते हैं।


वास्तु के अनुसार अपार्टमेंट में रहने के लिए कौन सी मंजिल सबसे अच्छी है?


वास्तु शास्त्र के अनुसार फ्लैट की दिशा के बारे में महत्वपूर्ण टिप्स


वास्तु शास्त्र के अनुसार दिशा


वास्तु में विभिन्न दिशाएं


घर की दिशा की जांच कैसे करें?


मुख्य द्वार या फ्लैट के प्रवेश द्वार की दिशा


टॉयलेट सीट और उसकी स्थिति


क्या दक्षिण मुखी फ्लैट वास्तु के लिए अच्छा है



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