वास्तु शांति पूजा के लाभ और अनुष्ठान
वास्तु शास्त्र को वास्तुकला का विज्ञान माना जाता है। वास्तु का अर्थ है वास या आवास, जबकि शास्त्र का अर्थ है शिक्षा का सिद्धांत। वास्तु शास्त्र प्रकृति को वास्तुकला से मिलाने कि दिशा में काम करता है क्योंकि यह पांच तत्वों के साथ जुड़ता है, जो आपको व्यावसायिक और गैर-व्यावसायिक अगर आपके किसी भी स्थान पर, जगह पर घर या कार्यस्थल पर, ऑफिस पर वास्तु दोष लगता है तो तुरंत आपको वास्तु शास्त्र की मदद लेनी चाहिए। यह प्राचीन पद्धति या शास्त्र आपके स्थान को पुन:स्थापित कर वास्तु दोष को हटा देगी।
प्राचीन हिंदू वेदों और शास्त्रों के अनुसार वास्तु शास्त्र को वास्तुकला और निर्माण का मस्तिष्क कहा गया है, ऐसा इसलिए है क्योंकि यह हमें प्रकृति में मौजूद सकारात्मक तत्वों जैसे पृथ्वी, आकाश, वायु, जल और अग्नि के लाभों को प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन करता है। वास्तु सिद्धांत मुख्यत: पांच तत्वों की सहायता से ग्रहों की स्थिति और उनके संबंधित प्रभावों पर विचार करता है। आइए इस विषय पर अधिक प्रकाश डालें।