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चौघड़िया चंडीगढ़ के लिए

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अगर आप कोई नया काम शुरू करने जा रहे हैं तो शुभ मुहूर्त देखते हैं, लेकिन अगर आपको जल्द से जल्द कोई कार्य करना हो तो चौघड़िया मुहूर्त महत्वपूर्ण हो जाता है। इसी शुभ मुहूर्त की जांच के लिए चौघड़िया या यूं कहें चोगड़िया का प्रयोग किया जाता है। हालांकि, परंपरागत रूप से चौघड़िया का उपयोग यात्रा मुहूर्त का पता लगाने के लिए किया जाता है, लेकिन आसान होने के कारण इसका उपयोग किसी भी मुहूर्त के लिए किया जाता है। किसी भी शुभ काम को शुरू करने के लिए चार अच्छे चौघड़िया हैं। इन चार चौघड़िया अमृत, शुभ, लाभ और चर को शुभ और उत्तम माना जाता है। इसी तरह तीन खराब चौघड़िया रोग, काल और उदवेग से बचने की बात कही जाती है। सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच के समय को दिन का चौघड़िया और सूर्यास्त और अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को रात का चौघड़िया कहा जाता है।

आज का चौघड़िया Wed, 09 Apr 2025

Chandigarh
शुभ
अशुभ
सामान्य
Rahu kaal राहु काल
Full Sun दिन चौघड़िया
Half sun लाभ- उन्नति 06:00 – 07:36
Half sun अमृत- सर्वोत्तम 07:36 – 09:12
Half sun काल- हानि 09:12 – 10:48
Half sun शुभ- अच्छा 10:48 – 12:24
Half sun रोग- अमंगल watch 12:24 – 14:00
Half sun उद्वेग- अशुभ 14:00 – 15:36
Half sun चल- सामान्य 15:36 – 17:12
Half sun लाभ- उन्नति 17:12 – 18:48
Full Sun रात चौघड़िया
Half sun उद्वेग- अशुभ 18:48 – 20:11
Half sun शुभ- अच्छा 20:11 – 21:35
Half sun अमृत- सर्वोत्तम 21:35 – 22:59
Half sun चल- सामान्य 22:59 – 00:23
Half sun रोग- अमंगल 00:23 – 01:47
Half sun काल- हानि 01:47 – 03:11
Half sun लाभ- उन्नति 03:11 – 04:35
Half sun उद्वेग- अशुभ 04:35 – 05:58

क्या होता चौघड़िया

किसी भी काम को करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाना आम बात है, लेकिन यदि जल्दी में किसी कार्य को करना है और शुभ मुहूर्त देखने विलंब है, तो चौघड़िया देखकर काम शुरू किया जा सकता है। पहले चौघड़िया का प्रयोग केवल यात्रा के लिए किया जाता था, लेकिन तेज भागते जीवन में अब चौघड़िया का उपयोग किसी भी शुभ काम को करने से पहले किया जा सता है। किसी भी शुभ काम को शुरू करने के लिए चार अच्छे चौघड़िया हैं। इन चार चौघड़िया अमृत, शुभ, लाभ और चर को शुभ और उत्तम माना जाता है। इसी तरह तीन चौघड़िया में कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता है। ये चौघड़िए हैं रोग, काल और उदवेग। सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच के समय को दिन का चौघड़िया और सूर्यास्त और अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को रात का चौघड़िया कहा जाता है। इन चौघड़िया का समय सूर्योदय से शुरू होकर 1.30 घंटे तक रहता है।

जानिए क्या है वार वेला, काल वेला और काल

दिन और रात के चौघड़िया में वार वेला, काल वेला और काल रात्रि का भी समय होता है। ये वार वेला, काल वेला और काल रात्रि किसी भी शुभ चौघड़िये के दौरान भी हो सकती है। वार वेला और काल वेला दिन के समय में होती है, जबकि काल रात्रि रात के समय प्रबल होती है। इस दौरान किए गए मांगलिक कार्य फलदायी नहीं होते हैं। इस समय को छोड़ा जाना चाहिए।

कौन सा चौघड़िया शुभ और कौन सा अशुभ होता है?

सप्ताह में सात दिन होते हैं। ज्योतिष और मुहूर्त शास्त्र के अनुसार प्रत्येक दिन का एक स्वामी ग्रह होता है। हर दिन के पहले मुहूर्त पर उस दिन के स्वामी का शासन होता है। इसे एक उदाहरण से समझें तो रविवार को पहले चौघड़िया मुहूर्त पर सूर्य का शासन होता है, उसके बाद के मुहूर्त पर शुक्र, बुध, चंद्रमा, शनि, बृहस्पति और मंगल का शासन होता है। दिन के अंतिम मुहूर्त पर भी उस दिन के स्वामी ग्रह का शासन होता है।

दरअसर एक दिन में 24 घंटे होते हैं और चौघड़िया 1.30 घंटे की अवधि का होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र, बुध, गुरु और चंद्रमा को शुभ ग्रह माना जाता है, इसलिए इन वार पर पहला चौघड़िया हमेशा अच्छा होगा, लेकिन सूर्य, मंगल, शनि पाप ग्रह है, इन वार पर पहला चौघड़िया हमेशा नकारात्मक होगा।

महत्वपूर्ण शुभ मुहूर्त

उद्वेग चौघड़िया
ज्योतिष में सूर्य के प्रभाव को आमतौर पर अशुभ माना गया है इसीलिए इसे उद्वेग के रूप में चिह्नित किया जाता है। हालांकि, इस चौघड़िया में सरकारी कार्यों को किया जा सकता है।
चर चौघड़िया
शुक्र को एक शुभ और लाभकारी ग्रह माना जाता है। इसलिए इसे चर या चंचल रूप में चिह्नित किया गया है। शुक्र की चर प्रकृति के कारण, चर चौघड़िया को यात्रा उद्देश्य के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
काल चौघड़िया
शनि एक पापी ग्रह है इसीलिए इसे काल के रूप में चिह्नित किया गया है। काल चौघड़िया के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। हालांकि, कुछ मामलों में धनोपार्जन हेतु की जाने वाली गतिविधियों के लिए यह लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
शुभ चौघड़िया
बृहस्पति अत्यंत ही शुभ ग्रह है और यह लाभकारी ग्रह माना गया है। इसलिए इसे शुभ के रूप में चिह्नित किया जाता है। शुभ चौघड़िया को विशेष रूप से विवाह समारोह आयोजित करने के लिए उपयुक्त माना जाता है।
लाभ चौघड़िया
बुध ग्रह भी शुभ और लाभदायक ग्रह है इसलिए इसे लाभ के रूप में चिह्नित किया गया है। लाभ के चौघड़िया में शिक्षा या किसी विद्या को सिखने का कार्य प्रारंभ किया जाता है तो वह फलदायी होता है।
अमृत चौघड़िया
चंद्र ग्रह अति शुभ और लाभकारी ग्रह है। इसीलिए इसे अमृत के रूप में चिह्नित किया गया है। अमृत चौघड़िया को सभी प्रकार के कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है।
रोग चौघड़िया
मंगल एक क्रूर और अनिष्टकारी ग्रह है। इसलिए इसे रोग के रूप में चिह्नित किया गया है। रोग चौघड़िया के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। लेकिन युद्ध में शुत्र को हराने के लिए रोग चौघड़िया की अनुशंसा की जाती है।

त्यौहार कैलेंडर

सभी देखें

5 Jun

गंगा दशहरा

गंगा दशहरा ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दौरान आता है और अंग्रेजी कैलंडर के अनुसार मई या जून के महीने में आता है। गंगा दशहरा को गंगावतरण के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है गंगा का अवतरण।

5 Jun

विश्व पर्यावरण दिवस

औद्योगिक क्रांति के साथ विश्व विकास की ओर आगे कदम बढ़ा रहा है। लेकिन विकास की इस दौड़ में हम प्रकृति को भूल गए। इसी का नतीजा है कि आज हमें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

6 Jun

निर्जला एकादशी

निर्जला एकादशी को भगवान विष्णु के देवताओं द्वारा सबसे शुभ और फलदायी एकादशी माना जाता है। अधिकांश हिंदू देवता जो भगवान विष्णु का अनुसरण करते हैं और उनकी पूजा करते हैं, इस दिन 24 घंटे उपवास रखते हैं।

6 Jun

गायत्री जयंती

गायत्री जयंती देवी गायत्री की जयंती मनाती है। उन्हें वेद की देवी कहा जाता है, और इसलिए भक्त उन्हें वेद माता के रूप में भी याद करते हैं।

9 Jun

वैकासी विसाकम

भगवान मुरूगन यानि कार्तिकेय के जन्मदिवस के रूप में वैकासी विसाकम को मनाया जाता है। ज्यादातर वैकासी विसाकम का त्योहार मई या जून के महीने में पड़ता है। जब विशाखा नक्षत्र पूर्णिमा के साथ आता है, तभी वैकासी विसाकम को मनाया जाता है।

10 Jun

ज्येष्ठ पूर्णिमा

हिंदू पंचांग के अनुसार, हिंदू कैलेंडर का तीसरा महीना ज्येष्ठ है। इस समय पृथ्वी जबरदस्त गर्म हो जाती है। यही कारण है कि कई नदियां और तालाब सूख जाते हैं या उनका जल स्तर कम हो जाता है।

14 Jun

कृष्णपिंगला संकष्टी चतुर्थी

कृष्ण पिंगला संकष्टी चतुर्थी जिसको संकट गणेश चौथ के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन भगवान गणेश का होता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान गणेश पृथ्वी पर ही विराजमान होते हैं।

15 Jun

21 Jun

योगिनी एकादशी

योगिनी एकादशी निर्जला एकादशी के बाद औऱ देवशयनी एकादशी के पहले आती है। अगर इसकी तिथि की बात करें तो उत्त भारतीय पंचांग के मुताबिक यह आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष और दक्षिण भारतीय पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में आती है।

21 Jun

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

आज के दौर में काम का अनियंत्रित समय मानव जीवन पर महत्वपूर्ण असर डाल रहा है। इससे उपजे तनाव, चिंता, नकारात्मकता और हताशा से समय-समय पर छुटकारा पाना जरूरी हो गया है।

25 Jun

आषाढ़ अमावस्या

हिन्दू धर्म में चंद्रोदय का कफी महत्व होता है। इसी से शुक्ल और कृष्ण पक्ष का निर्धारण होता है। जहां तक अमावस्या की रात की बात करें तो यह हर माह में एक बार आती है। इस दिन पूजन और दान-पुण्य का काफी महत्व है और इस व्रत से काफी शुभ फल की प्राप्ति होती है।

27 Jun

जगन्नाथ रथयात्रा

भारत के सबसे बड़े धार्मिक त्योहारों में से एक जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा इस साल 27 जून 2025 से शुरू हो रही है। यह त्योहार इस मायने में अनूठा है कि तीन हिंदू देवताओं को उनके मंदिरों से एक जुलूस में उनके भक्तों से मिलवाने के लिए ले जाया जाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

चौघड़िया क्या होता है?

चौघड़िया का मतलब होता है चार और घड़िया यानी घड़ी, इस तरह दोनों शब्दों को मिलाकर एक शब्द बनता है चौघड़िया। सूर्यास्त से सूर्योदय के बीच के सम को 30-30 घड़ी और उस 30 घड़ी को 8 भागों में विभाजित किया गया है। हिंदू समयानुसार एक घड़ी 24 मिनट के बराबर होती है और एक चौघड़िया 4 घड़ियों के बराबर यानी करीब 96 मिनट की होती है। इस हिसाब से एक चौघड़िया की अवधि करीब डेढ़ घंटे की होती है। इसी के मुताबिक चौघड़िया का मुहूर्त देखा जाता है।

चौघड़िया मुहूर्त के विभिन्न प्रकार क्या हैं?

चौघड़िया में वार वेला, काल वेला और काल रात्रि का भी स्थान होता है। हालांकि, वार वेला, काल वेला और काल रात्रि के दौरान कोई भी शुभ कार्य वर्जित होता है। अब समय के हिसाब से इसे देखें तो वार वेला और काल वेला दिन के समय प्रबल होते हैं जबकि काल रात्रि रात के समय प्रबल होती है। इस दौरान किए गए मांगलिक कार्य फलदायी नहीं होते हैं।

क्या होगा यदि एक शुभ चौघड़िया मुहूर्त वेला, काल या रात्री के अशुभ समय के साथ मेल खाता है?

यदि किसी शुभ चौघड़िया में वेला, काल या रात्री का अशुभ समय रहता है, तो ऐसे समय को छोड़कर दूसरा चौघड़िया देखा जाना चाहिए।

क्या होगा अगर एक शुभ चौघड़िया मुहूर्त वेला, काल या रात्रि के अशुभ समय के साथ मेल खाता है?

चौघड़िया शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है- चो यानी चार और घड़िया यानी घड़ी। प्रत्येक घड़ी, हिंदू समय के अनुसार, 24 मिनट के बराबर होती है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक 30 घड़ियां होती हैं जिन्हें 8 से विभाजित किया जाता है। इसलिए, 8 दिन चौघड़िया मुहूर्त और 8 रात चौघड़िया मुहूर्त होते हैं। एक चौघड़िया 4 घड़ी (लगभग 96 मिनट) के बराबर होता है। तो, एक चौघड़िया लगभग 1.5 घंटे तक रहता है।

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