
हर किसी का सपना होता है कि उसका एक घर हो जिसे वो अपना कह सके और उस घर में वे अपने परिवार के साथ सुकून से रह सके| पर हम भारतीय लोग कुछ भी खरीदने या शुरू करने से पहले मुहूर्त और शुभ दिन की बहुत ही परवाह करते हैं|
इसलिए, जब भी संपत्ति खरीदने या हमारे अपने घर में प्रवेश की बात आती है, जो वास्तव में एक बड़ी बात है, तो शुभ दिन पर विचार करना बहुत ज़रूरी होता है । ऐसा माना जाता है कि शुभ दिन पर घर में प्रवेश करने से सौभाग्य, समृद्धि आती है और पूरे परिवार का जीवन आसान बनता हैं|
शुभ दिनों के अलावा, भारतीय लोग अक्सर गृह प्रवेश से पहले गृह प्रवेश की पूजा करते हैं।
वास्तु विशेषज्ञ और ज्योतिषी शुभ दिन पर पूजा करने की सलाह देते हैं और वह भी शुभ मुहूर्त के अनुसार। गृह प्रवेश के लिए वसंत पंचमी, अक्षय तृतीया, गुड़ी पाड़वा, और दशहरा सबसे शुभ त्योहार और दिन माने जाते हैं। ख्याल रखें की ऐसे दिन भी होते हैं, जिन पर कभी गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए जैसे कि होली, अधिक मास और श्राद्ध पक्ष|
गृह प्रवेश की पूजा में देवी-देवताओं से प्रार्थना की जाती है कि घर में समृद्धि आए, सभी को अच्छे स्वास्थ्य और खुशियों का आशीर्वाद मिले| गृह प्रवेश करते समय, शुभ मुहूर्त और तिथियां महत्वपूर्ण होती हैं। ज्यादातर घर खरीदने वालों की मान्यता होती है की वो अपने नए घर में किसी शुभ दिन ही प्रवेश करें ताकि उनके जीवन में खुशहाली बनी रहे|
वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार, एक घर प्रकृति और जीवन के पांच प्रमुख तत्वों से बना होता है, जैसे कि पृथ्वी, सूर्य, जल, वायु और अग्नि। इनका पर्याप्त सही सम्मिश्रण अच्छे स्वास्थ्य, कल्याण, समृद्धि और खुशी का परिणाम देगा।
गृह प्रवेश के लिए वास्तु: कुछ टिप्स
यहां हम कुछ गृह प्रवेश और वास्तु पर टिप्स दे रहे हैं जिन पर आपको ध्यान देना चाहिए
- गृह प्रवेश करने से पहले घर पूरी तरह से बन जाना चाहिए, घर की सभी खिड़कियां, दरवाजे और छत पूरी तरह से तैयार हो जानी चाहिए|
- स्टोव, कुकिंग गैस को छोड़कर, वास्तु पूजा पूरी होने तक घर में कोई फर्नीचर न लाएं। सभी बाधाओं को दूर करने के लिए आपको घर में प्रवेश करने से पहले एक नारियल तोड़ना चाहिए।
- हमेशा अपना दाहिने पैर पहले घर मे रखें, फिर घर मे प्रवेश करें क्योंकि ऐसा करने से समृद्धि बढ़ेगी| भगवान की मूर्ति को पूर्वी दिशा मे स्थापित करें|
- समृद्धि का प्रतीक दूध उबालें और बुरी आत्माओं को भगाने के लिए शंख बजाएं।
- गृह प्रवेश पूजा के बाद कम से कम तीन दिनों तक घर को खाली न छोड़ें।
- यदि घर की कोई महिला गर्भवती है या हाल ही में परिवार में किसी की मृत्यु हो गई है, तो गृह प्रवेश पूजा नहीं की जानी चाहिए। ऐसा करना अशुभ होता है।
- घर को शुद्ध करने के लिए कलश में रखे जल को आम के पत्तों की मदद से छिड़कें|
अतिरिक्त वास्तु दिशा निर्देश गृह के लिए
वास्तु के अनुसार गृह प्रवेश के लिए कई अन्य बातों का ख्याल रखना चाहिए, उनमें से प्रमुख हैं
- गृह प्रवेश के दौरान मुख्य द्वार को शुभ वस्तुओं जैसे कि स्वस्तिक से सजाया जाना चाहिए, और घर की दहलीज पर देवी लक्ष्मी के पैर की तस्वीर बना सकते हैं ऐसा करना अति शुभ माना जाता है।
- चौखट पर गेंदे के फूलों और ताजे आम के पत्तों का तोरण लटकाएं।
- मंदिर या पूजा का स्थान का मुख उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए, और इसे गृह प्रवेश के दिन तय किया जाना चाहिए।
- नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए हवन करें, इसके बाद गणेश पूजा, नवग्रह शांति (नौ ग्रहों की पूजा), और वास्तु पूजा करें।
- गृह प्रवेश की पूजा में पंडित और मित्रों को सात्विक भोजन कराएं|
- पूजा करने से पहले घर को अच्छी तरह से साफ कर लें।
- फर्श पर रंगोली बनाएं, जो चावल के आटे से बनी हो और विभिन्न चमकीले रंगों में हो।
गृह प्रवेश शुभ मुहूर्त की तिथियां साल 2025 में
तारीख | प्रारंभ समय | अंत समय | नक्षत्र | हिन्दू तिथि |
---|---|---|---|---|
गुरुवार 06, फरवरी | 10:54:00 पी.एम. | शनि, फ़रवरी 08, 06:37:00 ए.एम. | रोहिणी | दशमी |
गुरुवार 06, मार्च | 01:08:00 ए.एम. | 10:51:00 ए.एम. | रोहिणी | अष्टमी |
शुक्रवार 14, मार्च | 06:19:00 ए.एम. | 12:24:00 पी.एम. | उत्तरा फ़ाल्गुनी | पूर्णिमा |
बुधवार 30, अप्रैल | 05:52:00 ए.एम. | 02:12:00 पी.एम. | रोहिणी | तृतीया |
गुरुवार 01, मई | 11:24:00 ए.एम. | 02:20:00 पी.एम. | मृगशिरा | पंचमी |
बुधवार 07, मई | 06:17:00 पी.एम. | गुरुवार, मई 08, 12:29:00 पी.एम. | उत्तरा फ़ाल्गुनी | एकादशी |
शनिवार 10, मई | 00:09:00 ए.एम. | 05:48:00 ए.एम. | चित्रा | त्रयोदशी |
बुधवार 28, मई | 05:45:00 ए.एम. | गुरुवार, मई 29, 00:29:00 ए.एम. | मृगशिरा | द्वितीया |
बुधवार 04, जून | 11:54:00 पी.एम. | गुरुवार, जून 05, 03:35:00 ए.एम. | उत्तरा फ़ाल्गुनी | दशमी |
शुक्रवार 06, जून | 06:33:00 ए.एम. | शनिवार, जून 07, 04:48:00 ए.एम. | चित्रा | एकादशी |
बुधवार 02, जुलाई | 05:50:00 ए.एम. | 11:07:00 ए.एम. | उत्तरा फ़ाल्गुनी | सप्तमी |
शुक्रवार 04, जुलाई | 04:32:00 पी.एम. | 04:50:00 पी.एम. | चित्रा | दशमी |
सोमवार 07, जुलाई | 11:10:00 पी.एम. | मंगलवार, जुलाई 08, 01:11:00 ए.एम. | अनुराधा | त्रयोदशी |
सोमवार 28, जुलाई | 11:24:00 पी.एम. | मंगलवार, जुलाई 29, 05:57:00 ए.एम. | उत्तरा फ़ाल्गुनी | पंचमी |
गुरुवार 31, जुलाई | 02:42:00 ए.एम. | शुक्रवार, अगस्त 01, 00:41:00 ए.एम. | चित्रा | सप्तमी |
सोमवार 04, अगस्त | 05:58:00 ए.एम. | 09:12:00 ए.एम. | अनुराधा | दशमी |
गुरुवार 07, अगस्त | 02:01:00 पी.एम. | 02:28:00 पी.एम. | उत्तराषाढ़ा | त्रयोदशी |
शुक्रवार 08, अगस्त | 02:12:00 पी.एम. | 02:28:00 पी.एम. | उत्तराषाढ़ा | पूर्णिमा |
सोमवार 25, अगस्त | 06:00:00 ए.एम. | मंगलवार, अगस्त 26, 03:49:00 ए.एम. | उत्तरा फ़ाल्गुनी | द्वितीया, तृतीया |
बुधवार 27, अगस्त | 03:44:00 पी.एम. | गुरुवार, 28 अगस्त, 08:43:00 ए.एम. | चित्रा | पंचमी |
बुधवार 03, सितंबर | 11:08:00 पी.एम. | गुरुवार, सितंबर 04, 04:22:00 ए.एम. | उत्तराषाढ़ा | एकादशी |
बुधवार 24, सितंबर | 06:01:00 ए.एम. | 04:16:00 पी.एम. | चित्रा | तृतीया |
शुक्रवार 26, सितंबर | 10:09:00 पी.एम. | शनिवार, सितंबर 27, 06:01:00 ए.एम. | अनुराधा | पंचमी |
बुधवार 01, अक्टूबर | 07:01:00 पी.एम. | गुरुवार, अक्टूबर 02, 09:13:00 ए.एम. | उत्तराषाढ़ा | दशमी |
सोमवार 06, अक्टूबर | 12:24:00 पी.एम. | मंगलवार, अक्टूबर 07, 04:01:00 ए.एम. | उत्तरा भाद्रपद | पूर्णिमा |
शुक्रवार 24, अक्टूबर | 04:51:00 ए.एम. | शनिवार, 25 अक्टूबर, 01:20:00 ए.एम. | अनुराधा | तृतीया |
बुधवार 29, अक्टूबर | 06:05:00 ए.एम. | 09:23:00 ए.एम. | उत्तराषाढ़ा | सप्तमी |
सोमवार 03, नवंबर | 06:06:00 ए.एम. | 03:05:00 पी.एम. | उत्तरा भाद्रपद | त्रयोदशी |
सोमवार 24, नवंबर | 09:53:00 पी.एम. | मंगलवार, 25 नवंबर, 06:16:00 ए.एम. | उत्तराषाढ़ा | पंचमी |
गुरुवार 04, दिसंबर | 02:54:00 पी.एम. | शुक्रवार, 05 दिसंबर, 04:44:00 ए.एम. | रोहिणी | पूर्णिमा |
सामान्य सवाल (FAQs)
क्या हम गृह प्रवेश से पहले नए घर में सो सकते हैं?
हां, घर के मालिक गृह प्रवेश की पूजा से पहले नए घर में सो सकते हैं।
गृह प्रवेश के लिए कौन सा माह उपयुक्त है ?
माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ का महीना घर प्रवेश के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है, जबकि आषाढ़, सावन, भाद्र,अश्विन ,पूस ,माह गृह प्रवेश के लिए अच्छे नहीं होते|
अपने घर में सभी वास्तु से संबंधित परेशानियों को अलविदा कहें, विशेषज्ञों से बात करें।