
अश्लेषा नक्षत्र 27 नक्षत्रों में से 9वां है, कर्क राशि के 16 डिग्री 40 मिनट से लेकर 30 डिग्री कर्क राशि तक इसका प्रभाव होता है। इसके 4 पद इस प्रकार हैं-
पद | राशि | स्वामी ग्रह | प्रमुख क्षेत्र |
---|---|---|---|
1 | धनु | गुरु | कड़ी मेहनत, शत्रुता, रोग |
2 | मकर | शनि | महत्वाकांक्षी, कब्जा, छल, धोखा |
3 | कुम्भ | शनि | भोगी, षडयंत्रकारी, चतुर |
4 | मीन | बृहस्पति | भोले, संवेदनशील, भावुक |
ज्योतिष में अश्लेषा नक्षत्र का वर्णन (Overview of Ashlesha Nakshatra in Astrology)
अश्लेषा नक्षत्र एक बहुत ही अनोखा और रहस्यमय नक्षत्र है। अश्लेषा शब्द की उत्पत्ति ‘श्लेशा’ से हुई है, जिसका अर्थ है किसी चीज को गले लगाना या जकड़ना। इसके देवता नाग होने के कारण, अश्लेषा जातक अत्यधिक बुद्धिमान और अलौकिक ज्ञान रखने वाले हो सकते हैं। वे स्पष्टवादी, चालाक, कामुक, मोहक व्यक्तित्व वाले, धोखेबाज, फंसाने वाले, आध्यात्मिक और काफी चतुर होते हैं।
वे बहुत जोड़-तोड़ करने वाले हो सकते हैं और उनमें धोखा देने की प्रवृत्ति भी होती है। लेकिन वे अपने दोस्तों और परिवार को लेकर काफी प्रोटेक्टिव होते हैं। ऐसे लोग समाज में बदलाव लाने के लिए भी लड़ते हैं। उनका स्वभाव सहज और सर्व-समावेशी अर्थात् सबमे घुलने-मिलने वाला होता है।
केतु के प्रभाव के कारण उनमें अलगाव या वियोग की भावना होती है। यह सलाह दी जाती है कि अश्लेषा नक्षत्र में जन्मे जातकों या लोगों को भूल से भी अपमानित न करें क्योंकि वे उस दंश को कभी नहीं भूलते। चाणक्य और महात्मा गांधी अश्लेषा नक्षत्र के सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं। चाणक्य ने अपनी रणनीति से यूनानियों को कैसे भारत से बाहर रखा, यह देखकर मन प्रफुल्लित हो जाता है और इसी तरह गांधीजी ने ‘स्वदेशी’ रणनीति की शुरुआत करके अंग्रेजों के बिछाए जाल पर सीधे प्रहार करके अंग्रेजों को बाहर निकाला। इसी नक्षत्र में इंदिरा गांधी का जन्म भी हुआ था।
ऐसे लोगों को वैकल्पिक और पारंपरिक जड़ी-बूटियों और दवाओं का गहरा ज्ञान होता है। एक दिलचस्प कहानी है। चाणक्य बचपन से ही चंद्रगुप्त मौर्य को जहर की छोटी-छोटी खुराक देते थे, जिसके कारण उनके अंदर जहर के प्रति इम्यूनिटी डवलप हो गई और उन्हें जहर का प्रयोग कर समाप्त नहीं किया जा सकता था। एक बार चंद्रगुप्त मौर्य और उनकी पत्नी भोजन कर रही थी। खाने में जहर था। जहर के कारण उनकी पत्नी की तुरंत मृत्यु हो गई, लेकिन चंद्रगुप्त मौर्य बच गए।
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इन जातकों की कम्यूनिकेशन स्किल्स बहुत अच्छी होती है और ये आत्मनिर्भर होते हैं। उनके पास मौलिक यौन ऊर्जा है जिसके चलते उनमें कामाग्नि बहुत ज्यादा तीव्र हो सकती है। इन्हें डिवाईन ड्रेगन भी कहा जाता है। अश्लेषा नक्षत्र में जन्मे लोगों में इस प्रकार की स्थिर ऊर्जा होती है जो एक लक्ष्य का निर्माण करती है और फिर वे उसी दिशा में सतत प्रयास करते रहते हैं। वैसे आध्यात्मिक ज्ञान के लिए यह एक उत्तम नक्षत्र है। ये लोग गुप्त रहस्यों के स्वामी होते हैं और उनमें एक विचित्र सा रहस्यमय संतुलन बनाए रखते है। इसके अलावा, उनके पास दूसरों को सम्मोहित कर लेने वाली आंखें होती हैं जिसके प्रभाव से वे अपना काम सहज ही पूरा कर लेते हैं।
अश्लेषा नक्षत्र से प्रभावित जातकों की रिलेशनशिप बहुत ही मजबूत होती है। उनके संबंध में हमेशा गहरी आत्मीयता रहती है। वे जमीन से जुड़े होते हैं और अपने प्यार के लिए कुछ भी कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, अपमानित होने पर वे अत्यन्त उग्र हो जाते हैं। और जब सामने वाल पूरी तरह से निश्चिंत होकर खुद को सुरक्षित समझने लगता है तब वे अचानक ही बिना किसी उकसावे के वापस हमला करते हैं और प्रतिद्वंदी को चौंका देते हैं। इन जातकों को जीवन में घोर अपमान का सामना करना पड़ता है। और यही बात उन्हें अपनी पूरी शक्ति से वापस उठने के लिए प्रेरित करती है। वे कुशल रणनीतिकार होते हैं और सही समय का इंतजार कर सकते हैं। आमतौर पर, उनका अपने निकट और प्रियजनों के साथ सत्ता संघर्ष होता है।
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अश्लेषा नक्षत्र में जन्मे पुरुषों का व्यक्तित्व (Characteristics of Ashlesha Male)
अश्लेषा नक्षत्र में जन्मे पुरुष जहां भी होते हैं, वहां पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्शाते हैं। हो सकता है कि वे दिखने में बहुत अच्छे न हों, लेकिन उनके व्यक्तित्व में कामुक आकर्षण होता है जो सहज ही दूसरों को अपनी ओर खींच लेता है। वे हमेशा एक सीक्रेट, व्यावहारिक एजेंडा रखते हैं जिस पर लगातार काम करते रहते हैं। वे अपने भ्रामक व्यवहार के कारण सामाजिक सरोकारों से दूर रहना ही पसंद करते हैं।
वे अच्छे मनोवैज्ञानिक की तरह किसी को भी एक किताब की तरह पढ़ सकते हैं। उनके इस गुण के कारण उन्हें अपने आसपास के माहौल में सम्मान मिलता है और उनकी बात मानी जाती है। वे एक साथ ही कई आयामों में रहने वाले प्राणी होते हैं। दूसरों को समझाने की उनकी स्किल्स और जिस तरह से वे हेरफेर करते हैं वह अद्भुत होता है। वे आंख मूंदकर किसी पर विश्वास नहीं करते फिर भी वे अक्सर धोखा खा जाते हैं, इसलिए वे दूसरों पर विश्वास करने से बचते हैं।
चूंकि उन पर बुध और चंद्रमा का प्रभाव होता है, जो उनके व्यक्तित्व पर बहुत अलग तरह से असर डालते हैं, वे अपनी भावनाओं को लेकर भ्रमित रहते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि बुध उन्हें तार्किक रास्ते पर ले जाता है, और चंद्रमा उनकी भावनाओं को तीव्र ऊंचाइयों तक ले जाता है जहां कोई तर्क काम नहीं करता है। इस नक्षत्र में चंद्रमा कर्क राशि के ठीक मध्य में है। इसलिए, उनमें इमोशन्स को लेकर एक अलग ही रूझान होता है। इसका असर उनके व्यक्तित्व पर पड़ता है और वे कई बार अपने आपको प्रेक्टिकल नहीं बना पाते।
वे अपने परिवार की देखभाल करते हैं और कभी-कभी अत्यधिक प्रोटेक्टिव हो जाते हैं। उनका साथी आमतौर पर जीवन से निपटने के उनके तरीके को नहीं समझता है। उनके साथी उन्हें भ्रमित करने वाले और कभी-कभी ठंडे दिमाग वाले लगते हैं।
वे डॉक्टर, केमिस्ट, पारंपरिक औषधियों के स्वामी, मनोवैज्ञानिक, सम्मोहनकर्ता, चिकित्सक, व्यसन परामर्शदाता, जुआरी, मानसिक, ज्योतिषी, रहस्यवादी बन जाते हैं। वे प्राय: मानसिक बीमारी से ग्रस्त रहते हैं और गंभीर रूप से अवसाद से पीड़ित हो सकते हैं। इसके अलावा, वे नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं। उन्हें पाचन तंत्र, घुटने और पेट में दर्द से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
अश्लेषा नक्षत्र में जन्मी महिला के लक्षण (Characteristics of Ashlesha Female)
अश्लेषा नक्षत्र में जन्मी महिलाएं अश्लेषा नक्षत्र में ही जन्मे पुरुषों के सामान्य लक्षणों वाली होती हैं। लेकिन वे भावनाओं के स्तर पर भिन्न होते हैं क्योंकि महिलाएं चंद्रमा के साथ अधिक मेल खाती हैं। वे शर्मीली होती हैं और यदि उनके चार्ट में मंगल या शुक्र मौजूद है, तो वे रहस्यमय रूप से सुंदर हो जाती हैं।
अश्लेषा नक्षत्र में जन्मी महिलाएं बहुत कामुक होती हैं। उनका एक स्वभाव ‘परवाह नहीं करना’ उनका रवैया हो सकता है। वे अपने साथी से प्यार करती है और जब तक संभव हो तब तक उन्हें बांध कर रखती हैं, यहां तक कि यदि उनका साथी उन्हें छोड़ना चाहे तो भी उन्हें नहीं जाने देती। वे आदर्शवादी होती हैं और वे अक्सर बाद में धार्मिक हो जाया करती हैं। वे चाहती है कि उनके परिवार के साथ-साथ दूसरे भी उनका सम्मान करें। उन्हें अपने ससुराल से बहुत प्यार नहीं होता है। साथ ही उनमें तीखे तेवर भी होते हैं।
वे काम और घर दोनों में बहुत अच्छी प्रबंधक हैं। उनके पास चीजों को व्यवस्थित करने का एक व्यवस्थित तरीका है जो उनमे जन्मजात होता है। कॅरियर और पेशे में वे अच्छी ज्योतिषी, मनोचिकित्सक, चिकित्सक या कृषि, फैशन, मछली पकड़ने और चमड़े से संबंधित उद्योग में कार्य करती है।
वे नर्वस ब्रेकडाउन, हड्डी और पाचन संबंधी समस्याओं से ग्रस्त हो सकती हैं।