बुध आदित्य योग (Budh Aditya Yog) का जीवन पर क्या असर पड़ता है?

बुध आदित्य योग (Budh Aditya Yog) का जीवन पर क्या असर पड़ता है?

बुध-आदित्य योग वैदिक ज्योतिष में सबसे शुभ योगों में से एक है। प्राचीन वैदिक शास्त्रों में इसे निपुण योग के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिष में सूर्य ऊर्जा, सहनशीलता और जीवन शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। वहीं दूसरी ओर बुध वाणी, बुद्धि और समझदारी दर्शाता है। इसी तरह जातक की कुंडली के एक घर में सूर्य और बुध की युति को बुध-आदित्य योग के रूप में जाना जाता है। जिस जातक की कुंडली में यह योग होता है वह व्यक्ति अत्यधिक बुद्धिमान और सभी कार्यों में निपुण होता है।
यह योग जातक के लिए एक बेहतरीन स्थिति और सम्मानजनक कार्य को दर्शाता है। जिसकी कुंडली में यह योग होता है, उसे सभी सुख-सुविधाएं और खुशियां प्राप्त होती हैं।


बुध-आदित्य योग का प्रभाव

बुध-आदित्य योग के परिणाम राशि और घर के स्थान पर निर्भर करते हैं। मिथुन, सिंह और कन्या राशियों में यह योग शुभ फल देता है। इसके विपरीत मीन और तुला राशि में यह अच्छे परिणाम नहीं बताता है। लग्न और दसवें भाव में बनने पर यह योग सर्वोत्तम होता है। जब यह छठे और बारहवें घर में बनता है तो यह अच्छा नहीं होता है।


वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध-आदित्य योग के नियम

किसी कुंडली में इस योग के बनने के लिए पहली शर्त यह है कि इस योग में शामिल होने वाले सभी ग्रह शुभ स्थिति में हों। बुध-आदित्य योग के निर्माण के लिए कुंडली में सूर्य और बुध दोनों का स्थान शुभ होना चाहिए। जब जातक की कुंडली में यह मौजूद रहता है तो जातक को बुद्धि, रचनात्मकता, आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता, संचार और गणितीय कौशल मिलता है। स्वाभाविक रूप से जातक के जीवन में सफलता और प्रसिद्धि आती है।


बुद्ध-आदित्य के लाभ

  • प्रथम घर में सूर्य और बुध की युति नाम और प्रसिद्धि देती है। यह एक सफल कॅरियर को तय करता है।
  • दूसरे घर में जातक को धन, वैभव सुख की प्राप्ति होती है।
  • तीसरे घर में जातक रचनात्मक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करता है। यात्रा के जरिए अधिक धन कमाता है।
  • चतुर्थ घर में जातक एक सफल वैवाहिक जीवन का आनंद लेता है और विदेश यात्रा पर जा सकता है।
  • पंचम घर यह योग जातक को नेतृत्व गुणों का आशीर्वाद देता है, और रचनात्मक प्रतिभा का विकास होता है।
  • छठे घर में बुधादित्य योग व्यक्ति को वकील, डॉक्टर और जज बनाता है।
  • सातवें घर में जातक को प्रसिद्ध जीवनसाथी मिलता है। उनकी संवाद क्षमता भी अच्छी होती है।
  • आठवें घर में यह उत्तराधिकार में संपत्ति प्राप्त करने का संकेत देता है।
  • नवम घर में जातक अत्यधिक धार्मिक और आध्यात्मिक हो जाता है।
  • दसवें घर में यह आविष्कार करने की अच्छी क्षमता के साथ नाम और प्रसिद्धि देता है।
  • ग्यारहवें घर में जातक लॉटरी और शेयर बाजार से कमाई करता है।
  • बारहवें घर अध्यात्म की ओर झुकाव रहेगा। साथ ही आप विदेशी में नाम कमा सकते हैं।

अंत में...

बुध-आदित्य योग एक ऐसा योग होता है जो जीवन बदल देता है। यह व्यक्ति को शक्तिशाली, तेजस्वी व बौद्धिक प्रतिभा से धनी बनाता है। जातक की कुंडली में जब भी यह योग बनता है तो जातक की धारणा, विचार और वाणी स्वत: ही शक्तिशाली हो जाती है। यह योग एक सफल कॅरियर और व्यवसाय देता है। जातकों को एक सुखी और समृद्ध जीवन का आनंद लेने की संभावना बन जाती है।

जब जन्म कुंडली में सूर्य और बुध एक साथ होते हैं, तो जातक के उद्यमशीलता शानदार हो जाती है। इस योग को बहुत शुभ माना जाता है। जातक तेज दिमाग और अच्छी शिक्षा प्राप्त करता है। यह योग जीवन की दिशा को बिल्कुल ही बदल देता है ।