प्रथम भाव में केतु, आपके जीवन पर डालेगा कैसा प्रभाव
चंद्रमा का दक्षिण नोड केतु जातकों के लिए परेशानी का सबब बनता है। यह अपने जातकों पर कभी दया नहीं दिखाता है अपितु यह भ्रम, गलत कार्यों का कारण बनता है और यह मन में अलगाव या वैराग्य का भाव पैदा करता है। यह क्रूर ग्रह आपको खुशनुमा जिंदगी का आनंद लेने से दूर रखता है। यह आपको जीवन के रस नहीं लेने देगा। इसके कारण जीवन में अवसाद, तनाव या टेंशन हो सकती है। इसके नकारात्मक लक्षणों के कारण आपको मानसिक तनाव या उच्च रक्तचाप हो सकता है।
राहु की तरह केतु का भी कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है। यह ग्रह भौतिक रूप से सामने नहीं होते ये अदृश्य होते हैं। इस ग्रह के कारण आपकी प्रतिष्ठा को आघात लग सकता है, यह आपकी बनी बनाई छवि को खराब कर सकता है। यह आपके रिश्ते में भी बाधा डाल सकता है। आपको अपने वैवाहिक जीवन में असंतोष का सामना करना पड़ सकता है। वहीं अगर सकारात्मक पक्ष की बात करें तो केतु आपको कॅरियर में शिखर तक पहुंचा सकता है। यह आपको लक्ष्य तक पहुंचने में पूरी मदद करेगा।
केतु के प्रथम भाव में होने से जातकों को समान परिणाम प्राप्त होते हैं। यहां केतु अतिरिक्त प्रयास चाहता है। अतिरिक्त प्रयास करने के चक्कर में आप परेशानियों में फंस सकते हैं। अपने जीवन की चुनौतियों से पार पाना और अपनी पसंद के भविष्य का निर्माण करना, ये दोनों ही काम उस समय मुश्किल हो जाते हैं, जब केतु प्रथम भाव में होता है। ऐसे में कहा जा सकता है प्रथम भाव या प्रथम घर में केतु का मौजूद होना, प्रतिकूल स्थानों में से एक होता है। जीवन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर इसके प्रभावों को जानने के लिए हम इस विषय पर अधिक प्रकाश डालेंगे लेकिन इससे पहले, आइए देखें कि केतु प्रथम भाव का क्या प्रतिनिधित्व करता है।
प्रथम भाव में केतु किसका प्रतीक है?
यदि केतु प्रथम भाव में हो तो आपका जीवन कठिनाइयों, संघर्षों और बाधाओं से भरा रहेगा। हो सकता है कि आपको अपने कार्य लक्ष्यों को पूरा करना आसान न लगे, कई उतार चढ़ाव देखने को मिलें। पापी ग्रह केतु आपको अपनी सीमा से परे जाने के लिए प्रेरित करेगा, या आप अपने किसी कार्य को पूरा करने के लिए अधर्मी या गलत तरीके चुन सकते हैं। हम इस बात से सहमत है कि आप अपने ज्ञान का बुद्धिमानी से उपयोग करेंगे, आप कोशिश करेंगे कि समस्याओं का समाधान तलाश सकें, लेकिन आप इतने प्रयास करने से भी परेशान हो सकते हैं, असहज हो सकते हैं।
राहु की यह स्थिति दर्शाती है कि आपके मन में आत्मविश्वास और शांति की कमी हो सकती है। जीवन अस्त व्यस्त करने के लिए यह आपके मानसिक तनाव को बढ़ाने के लिए काफी होगा। इसके अलावा आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ मधुर और मज़ेदार संबंध विकसित करने में विफल हो सकते हैं। हालांकि आपको अपने पिता से अच्छा सहयोग मिल सकता है। आपको अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि प्रथम भाव केतु उस पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा।
यदि प्रथम भाव में केतु की क्रूर दृष्टि से पीड़ित है, तो आप कार्यस्थल पर अपना उच्च पद खो सकते हैं। आपको अपने नौकरी में पदावनति मिल सकती है और आपका अत्यधिक खर्च हो सकता है। आपको मध्यम आयु पाने के बाद कोई स्थित नौकरी मिल सकेगी। इस स्थान वाले जातकों के वैवाहिक जीवन में कठिन समय आ सकता है।
प्रथम भाव में केतु के कारण आप अपने जीवन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए संघर्ष करेंगे। एक पल में आप अपनी महत्वाकांक्षाओं को, अपने सपने छोडऩे का फैसला कर सकते हैं। लेकिन आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि जीवन में आपको आगे बढऩा है तो आपको बताई गई सभी बातों को नजरअंदाज करना होगा।
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प्रथम भाव में केतु का प्रभाव
- व्यक्तित्व
- सामाजिक स्थिति
- वैवाहिक संबंध
- नौकरी- व्यवसाय
प्रथम भाव में केतु का आपके व्यक्तित्व पर प्रभाव
जिन व्यक्तियों के लग्न भाव में केतु होता है, उनका व्यक्तित्व रहस्यमय लगता है। संभव है कि आप यह नहीं समझ पा रहे हों कि इनसे किस तरह बात शुरू की जाए और किस तरह बातचीत को खत्म किया जाए। ये हमेशा हर बात का गहन अर्थ निकालने की कोशिश करेंगे। केतु की यह स्थिति आपको मानसिक क्षमताओं और अंतर्ज्ञान से जुड़ी शक्ति व क्षमता को विकसित करने में मदद कर सकती है। आप अपने आस-पास के लोगों से खुश नहीं रह पाएंगे। सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होना, गतिविधियों में भाग लेना आपको पसंद नहीं आएगा।
लग्न भाव में केतु समाज में आपकी अच्छी छवि में बाधा डाल सकता है। यह आपकी प्रतिष्ठा और पद को बर्बाद कर सकता है, उसे बुरी तरह खराब कर सकता है। आप दूसरे लोगों की नजर में अपना सम्मान खो सकते हैं। आपका ज्यादातर समय आमतौर पर मुश्किलों से जूझने में निपटने में बीत सकता है। केतु और प्रथम भाव का यह संयोजन व्यक्तित्व और हाव भाव पर प्रतिबिंबित कर सकता है। इसके साथ ही इससे आपकी निर्णय क्षमता प्रभावित हो सकती है, आप सही समय पर सही फैसला नहीं ले पाएंगे। यदि आप आध्यात्मिक गतिविधियों में भाग लेते हैं तो आप दक्षिण नोड से अच्छे सहयोग की उम्मीद करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि केतु को आध्यात्मिक ग्रह कहा जाता है।
आपके विवाह पर केतु का प्रथम भाव में प्रभाव
अगर आपकी कुंडली के प्रथम भाव में केतु विराजमान है, तो यकीन मानिए आपको सहज कभी पसंद नहीं आएंगे। आसान संबंध आपकी प्राथमिकता नहीं होंगे। आप अपने साथी से अत्यधिक असंतुष्ट रहेंगे। आप उसके निर्णय या उसके विचार सुनना ही पसंद नहीं करेंगे। यदि आप लंबे समय तक ऐसा करना जारी रखते हैं, तो आप अपने संबंधों में बड़े अंतर पैदा कर सकते हैं। इस युति से आपके जीवनसाथी से हमेशा अलगाव की संभावना बनी रहेगी।
यहां तक कि जो लोग अपने डेटिंग के दौर में हैं, जो अपने पार्टनर से प्यार करते हैं, वे भी अपने साथी की अनदेखी महसूस कर सकते हैं। उन्हें लग सकता है कि उनका साथी उन्हें नजरअंदाज कर रहा है। आप कितना ही प्रयास कर लें, अपने साथी से प्यार और उसका सहयोग मांग ले, लेकिन अंत में आपको असफलता ही हाथ लगेगी। आपको अपने प्रेम संबंधों को उच्च स्तर पर ले जाने के अवसर कम ही मिलेंगे। एक बार जब आप जीवन के विवाह चरण में प्रवेश करते हैं, आपकी शादी हो जाती हैं तो आपका रिश्ता बहुत विपरीत स्थिति में पहुंच सकता है। आपका रिश्ता मानो आपके लिए नरक ही बन सकता है। प्रथम भाव में बैठे केतु का विवाह के घर पर सीधा प्रभाव पड़ेगा, जिससे आपको सुखी वैवाहिक जीवन बनाने में कठिनाई हो सकती है।
आपके कॅरियर पर केतु का प्रथम भाव में प्रभाव
इस भाव या इस स्थिति के जातक अपने कॅरियर के विकास के संबंध में मदद और राहत के लिए दूसरों की तरफ देख सकते हैं। कॅरियर के शुरुआती चरणों में आपको रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है। मध्य आयु के बाद आपको अपने पसंदीदा क्षेत्र में सफलता मिल सकती है। प्रथम भाव में केतु का अर्थ है कि आपको अतिरिक्त प्रयास की आवश्यकता हो सकती है और अपने कॅरियर में स्थिर विकास प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। यदि केतु शुभ ग्रह की दृष्टि में हो तो आपको सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।
वहीं दूसरी ओर यदि केतु चंद्रमा के साथ युति बना रहा है, तो आपको अपने कॅरियर और पेशे में अनुकूल परिणाम नहीं मिल सकते हैं। इसके साथ ही पीडि़त केतु के कारण आपकी मानहानि भी हो सकती है। इसके अलावा आप अपनी मौजूदा नौकरी को छोडऩे पर मजबूर हो सकते हो। आपको 30 साल की उम्र के बाद ही एक स्थिर नौकरी मिल सकती है, लेकिन आपके पेशेवर जीवन में उतार-चढ़ाव आएंगे।
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प्रथम भाव के उपचार में केतु
- बंदर को गुड़ खिलाना शुरू करें
- माथे पर तिलक लगाएं
- गरीबों को कंबल या कपड़े दान करें
- भैरों के मंदिर के दर्शन करें
- भगवान भैरों के सामने मंत्र का जाप करें
समापन
अगर हम सब कुछ संक्षेप में जानें तो हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि लग्न भाव में स्थित केतु अपने जातकों पर काफी प्रभाव डालता है। पहला घर में केतु किसी भी जातक के जीवन को आसान नहीं बनाता है। यह खास तौर पर प्रेम संबंधों को नुकसान पहुंचाता है, कई बार गंभीर नुकसान भी झेलना पड़ सकता है। आप अपने जीवनसाथी से निराश हो सकते हैं। कॅरियर के मोर्चे पर केतु आपके वांछित कॅरियर लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आपसे बहुत अधिक मेहनत और अत्यधिक प्रयास चाहता है। इसके साथ ही प्रथम भाव का केतु समाज में आपकी स्वच्छ छवि को धूमिल कर सकता है।