तीसरे भाव में शनि और उनके प्रभाव

शनि (Saturn) ग्रह किसी भी भाव में हो, यह उस भाव से मिलने वाली चींजों के लिए कड़ी मेहनत करवा लेता है। अब आप इस बात को किस रूप में लेते हैं। यह आपके ऊपर निर्भर करता है। आप इसे पसंद करते हैं या नहीं, यह एक अलग बात है लेकिन, शनि (Saturn) ग्रह यह सुनिश्चित करेगा, कि आप अपने लक्ष्य तक पहुँचने से पहले अधिक पसीना बहाएँ। शनि (Saturn) ग्रह बिलकुल उस टीचर के जैसे होते है। जो बच्चों की जरा सी भी लापरवाही और कामचोरी पसंद नहीं करते हैं। उनकी ऐसी हरकतों के लिए उन्हें दंड भी देते हैं। यदि यह आपकी जन्म कुंडली के तीसरे भाव में मौजूद है, तो आपको निगेटिव की तुलना में पॉजिटिव रिजल्ट ज्यादा मिल सकते हैं।

यदि शनि (Saturn) और सूर्य (Sun) की युति कुंडली में हो तो, यह पिता के साथ संबंध खराब कर सकती है। यहाँ पर शनि (Saturn) देव की ब्राइटर साइड यह है की, यह नये काम के लिए स्ट्रेटेजीज को डवलप करने के लिए हमेशा प्रेरित करेंगे। अब आप यह जानने के लिए उत्सुक होंगे, कि जब शनि (Saturn) तीसरे भाव में होते हैं, तो इसका क्या प्रभाव जीवन पर पड़ता है।


तृतीय भाव में शनि (Saturn) का महत्व

तीसरा घर भाई-बहन और वीरता से जुड़ा है। राशि चक्र में यह भाव मिथुन राशि का होता है। तीसरे भाव में स्थित शनि (Saturn) आपको अच्छे रिजल्ट तो दे सकता है, लेकिन आपको यह नहीं भूलना चाहिए, कि शनि (Saturn) एक अशुभ ग्रह भी होता है। तो इसकी वजह से अनावश्यक बाधाएं जीवन आ सकती है। तृतीय भाव में शनि (Saturn) होने से व्यक्ति किसी भी प्रोजेक्ट को हैंडल करने में अच्छे होते हैं। जब भी आपका काम चल रहा होता है, तो आप बिलकुल भी अपना समय बर्बाद नहीं करते हैं। पूरा फोकस सिर्फ काम पर लगाते हैं।

इसके अलावा, इन लोगों को सीक्रेट इन्फोर्मेशन इकट्ठा करना भी पसंद हो सकता है। विदेश में काम करने के भी अवसर मिल सकते हैं, या फिर बिज़नस से जुड़ीं हुई, विदेश की यात्रा भी कर सकते हैं। यदि तीसरे भाव में शनि (Saturn) नीच का है, तो यह आपके भाई-बहन या करीबी दोस्त के संबंधों को नुकसान पहुंचा सकता है। इस भाव में शनि (Saturn) की उपस्थिति आपकी सफलता में देरी तो करवा सकती है, लेकिन काम के प्रति आपका समर्पण उच्च स्तर की सफलता भी दिलवा सकता है। तीसरे भाव में शनि (Saturn) होने वाले जातकों को वाहन चलाते समय सावधान रहना चाहिए। शनि (Saturn) का इस भाव में होना आपको शत्रुओं पर जीत दिलाता है।

तृतीय भाव में शनि (Saturn) का प्रभाव

  • कम्युनिकेशन स्किल
  • प्रोफेशनल लाइफ
  • एटीट्यूड
  • पर्सनालिटी

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तृतीय भाव में शनि (Saturn) का व्यक्तित्व पर प्रभाव

तृतीय भाव शनि (Saturn) होने की वजह से व्यक्ति को स्पीच से संबंधित समस्या होने की संभावना भी रहती है। जिसकी वजह से इन लोगों को दूसरों के साथ बातचीत करने में कठिनाई हो सकती है। आप अपनी रियल इमेज दूसरों के सामने प्रकट नहीं कर सकते हैं, इसलिए आपका शर्मीला होना सामान्य है। आपके पास शार्प मेमोरी और एनालिटिकल माइंड भी हो सकता है। यदि शनि (Saturn) वक्री हुआ तो खुद को एक्सप्रेस नहीं कर पाएंगे, इसके साथ ही बात करते समय भी कम्युनिकेशन गेप हो सकता है।

आपके ये सब गुण जल्दबाजी में निर्णय लेने से रोक सकते हैं। जल्दी निर्णय न ले पाना आपके लिए समस्या भी पैदा कर सकता है। हालांकि, आप एक अच्छे लिसनर हो सकते हैं। जिसकी वजह से आपकी थिंकिंग प्रोसेस बहुत ही शानदार हो सकती है। आप कभी भी किसी की कोन्फ़िदेन्तिअल इनफार्मेशन लीक नहीं करते हैं, क्योंकि आप दूसरों के बारे में इन्सिक्युर फील करते हैं। आपकी वोर्किंग स्ट्रैटजीज़ अच्छे परिणाम दे सकती हैं। यहाँ पर शनि (Saturn) होने की वजह से व्यक्ति एग्जाम में चीटिंग में का भी सहारा ले सकते हैं।


तृतीय भाव में शनि (Saturn) का शादी पर प्रभाव

तीसरे भाव में शनि (Saturn) की वजह से व्यक्ति की शादीशुदा जिन्दगी में कई प्रकार की समस्या आ सकती है। आपसी सहयोग विकसित करने के लिए अपने साथी के साथ सपोर्ट और ट्रस्ट के मामलों पर काम करना चाहिए। इस भाव में शनि (Saturn) होने की वजह से आपको एक ऑनेस्ट और लोयल पार्टनर भी मिल सकता है। आप अपने सच्चे प्यार की तलाश में मीलों दूर जा सकते हैं।

हालांकि, एक बार जब आप अपने सोलमेट को ढूंढ लेते हैं, तो आप अपने रिलेशनशिप को अच्छे से निभा सकते हैं। तृतीय भाव का शनि (Saturn) पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिताने का मौका दे सकता है। आप और आपके साथी शनि (Saturn) के इस प्लेसमेंट की वजह से एक सौहार्दपूर्ण संबंध बना सकते हैं। यहाँ पर विराजमान शनि (Saturn) देव शादी को लेकर पॉजिटिव रिजल्ट भी दे सकते हैं।


तृतीय भाव में शनि (Saturn) का कॅरियर पर प्रभाव

इस भाव में शनि (Saturn) एजुकेशन के मामले में अच्छे नहीं माने जाते। पढाई को लेकर कई तरह की समस्या उत्पन्न हो सकती है। जिसका रिजल्ट यह निकलकर आता है, की आप अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते। इसके अलावा यह लोग अपने मन मुताबिक कॅरियर भी नहीं चुन पाते। आपके पास किसी भी क्षेत्र का पर्याप्त ज्ञान हो सकता है, लेकिन तीसरे भाव का शनि (Saturn) आपकी नॉलेज का सही तरीके से उपयोग नहीं करने देता है।

इन्वेस्टिगेटर और रेसेअर्चेर को अपने प्रोफेशन के रूप में चुन सकते हैं। आप लोग अपने काम को बखूबी करते हैं, जिसकी वजह से सीनियर ज्यादा काम आपको देते हैं। यदि आप बिज़नस से जुड़ें हुए है, तो मिडिल ऐज के दौरान आप विदेशों में भी घुमने जा सकते हैं। शनि (Saturn) तीसरे भाव में होने की वजह से आप अपने लक्ष्य को पाने में कई तरह की प्रॉब्लम का सामना करते हैं।


तृतीय भाव में शनि (Saturn) के उपाय

  • कुत्तों की देखभाल करें।
  • चावल और अनाज का दान करें।
  • हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • शनिवार को शनि मंदिर में जाकर दर्शन करें।

निष्कर्ष

यदि आप कड़ी मेहनत करते हैं, तो तृतीय भाव शनि (Saturn) आपके भाग्य को बदलने की ताकत रखता है। यह प्लेसमेंट आपके वैवाहिक जीवन में सहयोग प्रदान करता है। यह आपको अपने जीवनसाथी के साथ एक मजबूत बंधन बनाने में भी मदद करता है। शादीशुदा जीवन में आपको सफलता तो मिल सकती है, लेकिन हो सकता है कि कॅरियर और प्रोफेशन को लेकर जिन्दगी में उतनी अच्छी न हो जितना आप सोचते हों।

तृतीय भाव का शनि (Saturn) आपको अच्छी कम्युनिकेशन स्किल नहीं दे सकता। इसके साथ ही यह पढ़ाई को भी पूरा नहीं करने देता है। यदि आप ऊपर दिए गये उपायों को अपनाते हैं तो शनि (Saturn) के नकारात्मक प्रभावों से बच सकते हैं।