गुरु ग्रह शांति पूजा (Guru Graha Shanti Puja)- बृहस्पति से जुड़ा एक प्रभावी समाधान

बृहस्पति प्राकृतिक रूप से एक लाभकारी ग्रह माना जाता है। सही मायनों में मानें तो यह ग्रह सौरमंडल के नौ ग्रहों में से सबसे अधिक लाभकारी ग्रह है। यह सबसे बेहतर माना जाता है। यह ग्रह 5 घरों को नियंत्रित करता है, दूसरा, 5वां, 9वां, 10वां और 11वां घर, इसमें शामिल होते हैं। दूसरा घर पारिवारिक जीवन और धन के बारे में माना जाता है। 5 वां घर कला, रचनात्मकता और बच्चों के बारे में होता है। 9वां घर गुरुओं, शिक्षकों, वर्तमान जीवन काल में अच्छे कर्मों, उच्च बुद्धि और पिता के साथ संबंधों के बारे में है। 10 वां घर काम के माहौल, कॅरियर, सम्मान और सामाजिक प्रतिष्ठा के बारे में माना जाता है। 11वां भाव लाभ का होता है। इसके अलावा बृहस्पति रिश्तों और विवाहों का भी स्वामी ग्रह माना जाता है, यह उन मुद्दों पर भी शासन करता है, जो 7 वें घर से संबंधित होते हैं।

बृहस्पति उच्चतम विचार, सिद्धांत, नैतिकता, दर्शन और कानून का ग्रह है। गुरुवार का दिन बृहस्पति से जुड़ा होता है और इसका अंक 3 होता है। यह एक बहुत ही आध्यात्मिक ग्रह होता है, यह ग्रह भौतिक पूर्ति भी प्रदान करता है। पांच घरों में बृहस्पति का होना अच्छे परिणाम देने के बारे में संकेत देता है। इसके साथ ही 7 वें घर की पूर्ति भी करता है।

प्राकृतिक अशुभता जहां मुश्किल माहौल पैदा करेगी, विपरीत परिस्थितियां पैदा करेगी तो वहीं प्राकृतिक लाभ आपको अनुकूल वातावरण देगा। एंबियंस का मतलब है फील-गुड फैक्टर जो आपके पास हमेशा रहता है। यहां सबसे पहली खास बात यह है कि यहां पहले उन ग्रहों व घरों में देखना होता है,जहां ये ग्रह विराजमान रहते हैं।  घर के स्वामी, ग्रह, नक्षत्र और नक्षत्र स्वामी कौन हैं, यह उसका प्रभाव तय करता है। यदि बृहस्पति छठे, आठवें या बारहवें भाव के नक्षत्र में अष्टम भाव में हो तो ऐसी दशा जीवन में तबाही मचा सकती है।


कमजोर, अशुभ या दुर्बल बृहस्पति के संकेत

कुंडली में कमजोर, नीच या पाप ग्रह से पीडि़त होने पर बृहस्पति बहुत ही नकारात्मक परिणाम देता है। आइए देखते हैं कुछ संकेत-

  • आपका अपनी इंद्रियों पर कोई नियंत्रण नहीं है।
  • आप बहुत कामुक हैं और अपनी इच्छाओं को पूरा करना चाहते हैं
  • किसी भी तरह से कामुकता से ग्रस्त रहते हैं।
  • आप व्यसन से ग्रस्त रहते हैं।
  • आप आसानी से रोगग्रस्त हो जाते हैं। बृहस्पति जीव-कारक के साथ जुड़ा हुआ होता है और जीव-कारक एक इंसान है। तो जब बृहस्पति पीड़ित हो, तो आपका स्वास्थ्य कभी भी अच्छा नहीं रहेगा।
  • आपको वजन से संबंधित समस्याएं होती हैं।
  • आप अहंकारी, स्वार्थी और क्षमाशील हैं।
  • आपको लिवर, गॉल ब्लैडर या वाणी से संबंधित बाधा से संबंधित रोग हो सकते हैं।
  • आप शिक्षा से जुड़ी परेशानी का सामना कर सकते हैं।
  • आप बच्चे को गर्भ धारण करने में असमर्थ हो सकते हैं, आपको इसमें परेशानी आ सकती है।
  • आपको पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • आप धन और वित्तीय अस्थिरता से जूझ सकते हैं  और संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। आप धन संचय करने में असमर्थता महसूस कर सकते हैं।
  • आपके अपने माता-पिता, विशेषकर अपने पिता, गुरुओं और शिक्षकों के साथ अच्छे संबंध नहीं होंगे, परेशानी महसूस कर सकते हैं।
  • लोग आपको संकीर्ण सोच वाला मानते हैं।
  • बड़े भाई-बहनों के साथ आपके संबंध मधुर नहीं हैं।
  • अपने मेहनत का, अपने काम का, आपको अपने श्रम का फल नहीं मिलता है।

यदि आप ऊपर बताई गई समस्याओं से गुजर रहे हैं, तो सबसे अधिक संभावना है कि आपका बृहस्पति नीच का है। गुरु ग्रह शांति पूजा आपके लिए एक समाधान हो सकती है। किसी जानकार पंडित से सलाह लेने के बाद ही इसके लिए जाएं।


गुरु ग्रह शांति पूजा के लाभ

यदि कोई ज्योतिषी आपको इस पूजा को करने की सलाह देता है, तो इसे मानना आपके लिए सही साबित होगा। यह एक बुद्धिमानी भरा कदम साबित होगा। बृहस्पति सबसे अधिक लाभकारी ग्रह है क्योंकि यह एकमात्र ऐसा ग्रह है, जो बुरे घरों और अन्य ग्रहों की नकारात्मकता को कम करने की शक्ति रखता है। यह आपके जीवन के अधिकांश क्षेत्रों को नियंत्रित करता है। यदि आपका बृहस्पति कमजोर या नीच का है, तो आपको गुरु ग्रह शांति पूजा से लाभ होगा। इससे आपको क्या फायदा होगा?

  • यह आपके जीवन में धन और प्रचुरता लाएगा।
  • आप पारिवारिक सुख का अनुभव करेंगे।
  • समाज में मान सम्मान अर्जित करेंगे।
  • आपके बुद्धिमत्ता के स्तर में वृद्धि होगी।
  • आप अपनी रचनात्मकता को दिशा देने में सक्षम होंगे।
  • आप कला या मंच पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे।
  • आप गुरुओं, शिक्षकों और अपने पिता के साथ अच्छे संबंध बनाए रखेंगे।
  • आप जीवन में उच्च स्तर को हासिल करने की राह पर आगे बढ़ सकेंगे।
  • यह आपके लिए अपार भाग्य लेकर आएगा।
  • आपकी शिक्षा में बाधाएं दूर होंगी और आप उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित होंगे।
  • आपको काम का अच्छा माहौल और कॅरियर मिलेगा।
  • कार्यक्षेत्र में आपको उच्च पद या पद प्राप्त होगा।
  • आपको अपने बड़े भाई-बहनों से प्यार और सहयोग मिलेगा।
  • आप जीवन में जबरदस्त लाभ देखेंगे।
  • ज्ञान, बुद्धि और रचनात्मकता के लिए आपका सम्मान किया जाएगा।
  • आपकी वाणी में सुधार होगा और आप बहुत मुखर होंगे।
  • आपके पास उच्च जीवन शक्ति ऊर्जा होगी और आपके स्वास्थ्य में सुधार होगा।
  • आप आत्म-संतुष्ट और क्षमाशील होंगे।

ध्यान रखने योग्य अन्य बातें

यहां हम आपको कुछ ऐसे काम बताने जा रहे हैं जिन्हें करने से आप पर गुरु (बृहस्पति) की कृपा बढ़ सकती है। ग्रह शांति का ज्योतिषीय समाधान भी उतना ही जरूरी है जितना कि पूजा करवाना। ऐसे में यहां हम कुछ अलग तरीकों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। यहां अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए नीचे कुछ संकेत दिए गए हैं।

एक दीपक जलाएं

आग एक प्राकृतिक सफाई करने वाला तत्व माना जाता है। यह आपके शरीर में से ऊर्जा को साफ करता है, जिससे जीवन शक्ति ऊर्जा को आपके माध्यम से प्रवाहित करना आसान हो जाता है। इसमें विनाशकारी ऊर्जा पैटर्न को तोडऩे और आपको सक्रिय करने की शक्ति है। अपने पूजा घर में सुबह और रात को जहां सोते हैं वहां दीपक जलाएं। सुनिश्चित करें कि आप सोते समय अपने पैरों को उसकी ओर न रखें।

मंत्र

ओम गुरुवे नम: मंत्र का प्रतिदिन सुबह 108 बार जाप करें। अगर हर सुबह इस मंत्र का जाप करना संभव न हो तो कम से कम हर गुरुवार को करें। ध्वनियां हमारे जीवन के कल्याण में, हमारी  और आपकी भलाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह ध्वनि चिकित्सा के रूप में कार्य करती हैं और अधिक पूर्ण जीवन के लिए संबंधित चक्रों को सक्रिय करता हैं।

गुरु के प्रति समर्पण

यदि आपको कोई प्रबुद्ध गुरु मिलता है, तो गुरु के मिलन से बढ़कर ऐसा कोई दूसरा आशीर्वाद नहीं है। एक प्रबुद्ध गुरु के प्रति अपना सर्वस्व समर्पण करें और उन्हें प्रकाश की तरह आपका मार्गदर्शन करने दें। उनका कहना मानें, बृहस्पति ग्रह भी ऐसा ही करता है। एक प्रबुद्ध गुरु स्वयं बृहस्पति के भौतिक अवतार के समान है।

 

पीले वस्त्र

गुरुवार के दिन पीले वस्त्र धारण करें। पीला भगवान विष्णु और बृहस्पति का प्रतीकात्मक रंग है। पीले रंग की तरंगें मणिपुर चक्र को सक्रिय करती हैं, जो जीवन शक्ति, स्वास्थ्य और ऊर्जा संतुलन प्रदान करते हैं।

 

माथे पर हल्दी या चंदन टीका

भौंहों के बीच का क्षेत्र संवेदनशील होता है और आज्ञा चक्र का स्थान भी होता है, जो स्पष्टता और ज्ञान लाता है। इस स्थान पर हल्दी या चंदन का टीका लगाना बहुत फायदेमंद होता है और गुरु की कृपा को आमंत्रित करता है।

किसी की कुंडली में बृहस्पति उस ज्ञान या समझ का प्रतिनिधित्व करता है जो वे सीखने के लिए यहां इस दुनिया में आए हैं। यह जीवन के सभी पहलुओं में विस्तार का भी प्रतिनिधित्व करता है। यह देखना महत्वपूर्ण है कि इसे किस घर में रखा गया है, इसे किस भाव में जगह मिली है, इसके साथ ही यह दूसरे घरों को कैसे देख रहा है। यदि यह एक ग्रह नीच का है, तो आपका संपूर्ण जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। इसका उपाय ज्योतिषी ही बता सकते हैं। गुरु ग्रह शांति पूजा सबसे प्रभावी उपाय है।

यह पूजा पुजारियों और ज्योतिषियों द्वारा की जाती है। जरूरी नहीं कि जिस स्थान पर यह पूजा की जाती है, वहां आपको शारीरिक रूप से उपस्थित होना हो, अगर ऐसा होता है यह बेहतर साबित हो सकता है। वहीं दूसरी तरफ आपके पास इस पूजा को ऑनलाइन चुनने के विकल्प हैं, और पुजारी इसे आपके लिए करेंगे। इन दिनों कोई उपाय करना बहुत सुविधाजनक हो गया है। जब आपके पास इसे करने का विकल्प हो तो अपने जीवन को बेहतर बनाने का मौका न चूकें।