पूर्व मुखी घर योजना : वास्तु शास्त्र के अनुसार एक उत्कृष्ट विकल्प

पूर्व मुखी घर योजना : वास्तु शास्त्र के अनुसार एक उत्कृष्ट विकल्प

इस बात से हम अच्छी तरह वाकिफ हैं कि उत्तर दिशा में घर का मुख्य द्वार रखने की योजना काफी लोकप्रिय है और वास्तु सलाहकार के अनुसार यह सबसे बेहतर दिशा है। हालांकि तथ्य यह है कि बहुत से लोग घर खरीदते समय पूर्व मुखी(East facing)घर वास्तु के अनुसार भाग्यशाली मानते हैं।

शास्त्रों के अनुसार पूर्व की ओर मुख वाला घर जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सद्भाव लाता है। दिशा के अलावा घर की समृद्धि और खुशी, उसकी डिजाइन, योजनाएं, उपयुक्त स्थान, और एक्सक्यूशन पर भी निर्भर करती है, जो घर खरीदने वाले की जरूरत के अनुसार किया जाता है।

यदि आप भी वास्तु शास्त्र योजना के अनुसार पूर्व दिशा की ओर मुंह वाला घर खरीदने या निर्माण करने का विचार कर रहे हैं तो यह संपत्ति के लिए सबसे अधिक समृद्ध और पसंदीदा स्थान होगा। यह माना गया है कि पूर्व दिशा में स्थित घर सौभाग्य और समृद्धि लाता है। बड़े और कम ऊंचाई वाले घरों को सबसे भाग्यशाली संपत्ति माना जाता है।


पूर्व दिशा में मुख्य द्वार के लिए सबसे अच्छे वास्तु शास्त्र टिप्स

वास्तु टिप्स के अनुसार घर के प्रवेश द्वार या मुख्य द्वार परिवार के सदस्यों के साथ ही बाहरी लोगों के लिए भी आकर्षण का केंद्र माना जाता है। घर का मुख्य द्वार या निकास जीवन में विजय, प्रगति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। मुख्य प्रवेश द्वार को पूर्व, उत्तर या उत्तर पूर्व दिशा में बनाना चाहिए। प्रवेश द्वार को इस तरह से बनाया जाना चाहिए कि जब आप अपने कदम बाहर रखें तो आपका चेहरा उत्तर पूर्व की ओर या पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।

  • पूर्व दिशा में घर के मुख्य द्वार के लिए कुछ बेहतरीन वास्तु टिप्स नीचे दिए गए हैं।
  • घर का मुख्य द्वार बनाने के लिए बेहतरीन गुणवत्ता वाली लकड़ी का उपयोग किया जाना चाहिए। ऐसा ही घर के अन्य दरवाजों पर ही इस्तेमाल होनी चाहिए।
    घर का द्वार अव्यवस्थित नहीं होना चाहिए।
  • मुख्य द्वार के बाहरी हिस्से में फव्वारा नहीं बनाना चाहिए और न ही कोई सजावटी सामान रखना चाहिए।
  • जैसा कि पूर्व मुखी घरों के लिए वास्तु सुझावों में बताया गया है कि मुख्य द्वार पर निकलने पर जूते की रैक डस्टबिन या झाड़ू नहीं रखना चाहिए। यह घर में नकारात्मकता ला सकता है।
  • घर के मुख्य द्वार के पास बाथरूम बनाने से बचना चाहिए।
  • घर के प्रवेश द्वार की पेंटिंग के लिए गहरे रंगों का इस्तेमाल न करें।
  • पूर्वमुखी घर की योजना के अनुसार सुनिश्चित करें कि मुख्य द्वार रोशनी से जगमग रखना चाहिए।
  • फैंसी नेम प्लेट, तोरण और सजावटी घंटियों के उपयोग से घर के अंदर सकारात्मकता और गर्मजोशी आती है।
  • सुनिश्चित करें कि मुख्य द्वार को घड़ी की दिशा में खुलना चाहिए।

पूजा कक्ष के साथ पूर्व मुखी घर के लिए वास्तु शास्त्र योजना

घर बनाते समय अक्सर हम सोचते हैं कि पूजा कक्ष के लिए सबसे उपयुक्त स्थान कौन सा होगा। पूजा कक्ष के साथ पूर्व मुखी घर वास्तु शास्त्र योजना के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं। या तो आप अपनी जरूरतों के लिए mypandit.com पर ऑनलाइन सर्च कर सकते हैं या आप अपने पूजा कक्ष के लिए दक्षिण पूर्व दिशा वाले घर की तलाश कर सकते हैं।


पूर्व मुखी घर बनाने के लिए वास्तु शास्त्र के दिशानिर्देश

ऊंची इमारतों और बहुमंजिला अपार्टमेंट्स के लिए उनका पूर्व मुखी होना सबसे अच्छी पसंद माना जाता है। पुराने समय से ही यह माना जाता रहा है कि पूर्व दिशा समृद्धि और सौभाग्य लाती है। हालांकि स्वतंत्र घरों कॉटेज और बंगलों को इस सूची में शामिल नहीं किया गया है।

जब भी आप ईस्ट फेसिंग प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बनाते हैं, तो कुछ उसके लिए कुछ निर्देश और मानदंड होते हैं जिन्हें आपको याद रखना चाहिए। वहीं आप एक पूर्व मुखी घर के लिए भूखंड/भूमि तलाश सकते हैं।

जब भी आप वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्वमुखी घर की योजना बनाते हैं तो यह ध्यान रखें कि ऊंची इमारतों और अपार्टमेंट के लिए पूर्व दिशा या दक्षिण पूर्व मुखी घर वास्तु योजना को सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है।

यदि आप बंगले जैसी स्वतंत्र संपत्तियां खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आप पूजा के कमरों के साथ पूर्व की ओर मुख वाले घर लेने पर विचार कर सकते हैं।

पूर्व मुखी घर के गुणों के अलावा आप अपनी जरूरतों के अनुसार वास्तु योजनाओं के मुताबिक दक्षिण-पूर्व मुखी घरों को भी देख सकते हैं। यदि आप पूरी तरह से पूर्व मुखी प्रवेश द्वार वाले घरों की तलाश नहीं कर रहे तो उत्तर- पूर्व घर योजना आपके लिए सही विकल्प होगा।

यदि आप एक पूर्व मुखी घर के मालिक हैं तो मुख्य प्रवेश द्वार बनाते समय सतर्क रहें। पूर्व मुखी घर में दिए गए निर्देशों के अनुसार सुनिश्चित करें कि प्रवेश द्वार ठीक केंद्र में बना होना चाहिए। मुख्य द्वार के स्थान के लिए दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशाओं को अशुभ माना जाता है।

यदि आपका मुख्य द्वार उत्तर-पूर्व की ओर है तो सुनिश्चित करें कि दीवार और प्रवेश द्वार के बीच 6 इंच का अंतर होना चाहिए।

mypandit.com के अनुसार यदि आपका प्रवेश द्वार दक्षिण-पूर्व की ओर है तो आप प्रवेश द्वार के दोनों ओर तीन पिरामिड, स्वस्तिक, ओम या त्रिशूल चिन्ह रख सकते हैं।
घर से नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए आप सिद्ध यंत्र या सिद्ध वास्तु कलश को भी लटका सकते हैं।


वास्तु शास्त्र के अनुसार ध्यान कक्ष बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ सुझाव

वास्तु शास्त्र की योजना के अनुसार जब आप अपने घर में एक ध्यान कक्ष डिजाइन करने की योजना बनाते हैं तो पूर्व मुखी घर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ध्यान और प्रार्थनाएं रहस्यवाद व शांति को बढ़ाती हैं और घर में सकारात्मक तरंगों को आकर्षित करती हैं। मेडिटेशन आपके आंतरिक मन और आत्मा से जोड़ता है।
मेडिटेशन रूम बनाते समय याद रखने योग्य कुछ बातें इस प्रकार है।

  • मेडिटेशन रूम बनाने के लिए पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा चुनें। इन दिशाओं को योग, ध्यान और अन्य आध्यात्मिक गतिविधियों को करने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
  • मेडिटेशन रूम के साथ पूर्व मुखी घर वास्तु योजना वातावरण में सकारात्मकता और शांति बढ़ाती है।
  • ताजे फूल, मोमबत्तियां और अगरबत्ती की खुशबू मेडिटेशन रूम में सुंदरता बढ़ा देती है।
  • कमरों की दीवारों को सफेद हरे, पीले रंगों के जीवंत संयोजन या मटमैले रंग से रंग दें।

पूर्व मुखी घरों की सजावट और दीवार पर रंग के लिए वास्तु योजना

पूर्व की ओर वाले प्रवेश द्वार वाले घरों के कमरों में सुबह के साथ ही पूरे दिन प्राकृतिक रोशनी आती है। दोपहर की तुलना में सुबह के समय आम तौर पर रोशनी तेज होती है। इसकी अपेक्षा दोपहर में रोशनी कम होती है और आपको अपने कमरे में कृत्रिम प्रकाश का उपयोग करना पड़ सकता है।

इसलिए जब आप अपने पूर्व की ओर प्रवेश द्वार वाले कमरे के लिए रंग का चुनाव करें तो आप कल्पना कर सकते हैं कि सुबह की प्राकृतिक रोशनी और कृत्रिम रोशनी में रंग कैसा होगा।

आम तौर पर लोग पूर्व मुखी कमरों की दीवारों को रोशन करने के लिए नीला और हरा रंग चुनते हैं। नीले के साथ हल्के भूरे रंग का संयोजन घरों में ठंडक देता है, जबकि एक्वा और हल्के हरे रंग वाला कमरा ताजगी और शांति का प्रतीक है। हल्के गुलाबी और सफेद रंग का जीवंत संयोजन कमरों को न्यूट्रल शेड देने के लिए एकदम सही है।

ऊपर दिए गए निर्देशों और दिशानिर्देश आपको इस बारे में एक विचार देंगे कि आपको पूर्व मुखी घर की वास्तु योजना के लिए कौन सी चीजों पर विचार करना चाहिए। पूर्वमुखी घर बनाते या डिजाइन करते समय ऊपर बताए वास्तु टिप्स फायदेमंद होते हैं। हालांकि बेहतर समाधान के लिए विशेषज्ञों से मदद लेना ठीक रहता है। आप अपनी जरूरत के अनुसार अनुकूलित योजना का विकल्प भी चुन सकते हैं।



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