उत्तरमुखी घरों के लिए वास्तु टिप्स

उत्तरमुखी घरों के लिए वास्तु टिप्स

वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व तथा उत्तरमुखी (North Facing Home) घरों को रहने के लिए सर्वाधिक शुभ माना गया है। धन के स्वामी कुबेर उत्तर-पूर्व दिशा के स्वामी हैं। भारतीय आध्यात्म में यह दिशा शुभ मानी जाती है और सौभाग्य एवं धन प्राप्त करने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करती है। यही कारण है कि अधिकतर लोग उत्तरमुखी भूखंड पर अपना घर बनाना पसंद करते हैं। हालांकि यहां यह बात ध्यान रखने योग्य है कि सभी उत्तरमुखी भूखंड या बिल्डिंग्स सभी के लिए अनुकूल नहीं होती हैं। इसलिए जब भी आप उत्तर मुखी घर खरीदते हैं या बिल्डिंग बनाना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखने की विशेष आवश्यकता होती है। इन बातों के आधार पर आप अपने लिए अनुकूल संपत्ति खरीद सकते हैं।

वास्तु के अनुसार पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर फेसिंग वाले घर भाग्यशाली माने जाते हैं। उत्तर दिशा धन और समृद्धि के देवता कुबेर को समर्पित होने के कारण उत्तरमुखी घर में रहना शुभ माना जाता है। अधिकांश लोगों की यह धारणा होती है कि सभी दिशाएं घर बनाने के लिए शुभ नहीं होती वरन उत्तर तथा पूर्व जैसी दिशाओं में घर बनाने से अधिक लाभ होता है। जबकि वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, सभी दिशाएं शुभ होती हैं हालांकि उस स्थान का अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए बिल्डिंग में सभी चीजों को सही स्थान पर बनाना चाहिए।


उत्तरमुखी घर के लाभ (Benefits of North facing House)

उत्तरमुखी घर वहां रहने वाले परिवार के प्रत्येक व्यक्ति के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण और लाभदायक होता है। विशेषकर बच्चों को ऐसे घर ज्यादा अनुकूल रहते हैं। ऐसी मान्यता है कि उत्तरमुखी घर नॉर्थ पोल से निकलने वाली ऊर्जा का सही तरीके से अवशोषण करते हैं और वह स्थान अपने आप में पॉजिटिव एनर्जी से भरपूर रहता है।

उत्तर दिशा जल तत्व का प्रतीक है और समृद्धि जल के ही समान होती है। उत्तर दिशा की ओर फेसिंग वाला घर इस बात को दर्शाता है कि उत्तर दिशा के स्वामी कुबेर की आप पर कृपादृष्टि है और आप एक समृद्ध और सुखमय जीवन जिएंगे।

उत्तर दिशा का प्रतिनिधित्व बृहस्पति ग्रह करता है। बृहस्पति या गुरु ग्रह ज्ञान का कारक है। हम इस बात को भलीभांति जानते हैं कि किसी भी बिल्डिंग में रहने वाले लोग उस घर तथा उसके आसपास की ऊर्जाओं से अत्यधिक प्रभावित होते हैं। उत्तरमुखी घर में बृहस्पति के प्रभाव के कारण परिवार के बच्चों को अपने कॅरियर और पढ़ाई में नित नए अवसर मिलते हैं जिससे वे जीवन में सफलता प्राप्त कर पाते हैं।


उत्तरमुखी घरों के लिए वास्तु टिप्स (Tips for North-facing House plan)

उत्तरमुखी घरों में ढलान की दिशा (Slopes in the North-facing homes)

यदि आपके उत्तरमुखी घर में ढलान पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर है तो इसे शुभ नहीं माना जाता है परन्तु यदि उत्तर दिशा की ओर ढलान है तो ऐसे भूखंड को खरीदना आप और आपके परिवार के लिए फायदेमंद होगा।

रसोई (Kitchen)

दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा रसोई बनाने के लिए एकदम सही स्थान है। ईशान (उत्तर – पूर्व दिशा) कोण में किचन बनाने से बचें।

व्यवस्थित रखें (Clutter-free)

घर के उत्तर या उत्तर-पूर्व कोने में कचरा या गंदगी रखने से बचें। ऐसा करने से परिवार की वित्तीय स्थिति और बच्चों के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

उत्तर मुखी घर में बाग-बगीचे (Greens in a North-Facing home)

कभी भी अपने घर की उत्तरी दिशा में पेड़ न लगाएं। यदि संभव हो तो दक्षिण-पश्चिम दिशा में लगा सकते हैं।

धार्मिक प्रतीक (Religious symbols)

स्वस्तिक, ॐ जैसे धार्मिक पवित्र चिन्हों तथा चित्रों को अव्यवस्थित रूप से नहीं रखना चाहिए वरन इन्हें पूजा कक्ष अथवा किसी शुद्ध स्थान पर ही रखें।

विद्युत सर्किट बोर्ड (Electricity Circuit Board)

घर में ऊर्जा के संतुलन और समान वितरण को बनाए रखने के लिए इलेक्ट्रिक सर्किट बोर्ड को घर के दक्षिण-पूर्व कोण में रखना चाहिए।

सेप्टिक टैंक का स्थान (Location of Septic Tanks)

घर की उत्तर-पूर्व दिशा में भूल से भी सेप्टिक टैंक न रखें। ऐसा करना आपके पूरे परिवार पर गलत प्रभाव डाल सकता है।

उत्तरमुखी घर में शयन कक्ष/ शौचालय (Bedroom/ Toilets in a North-facing home)

घर का मुख किसी भी दिशा में हो परन्तु शयन कक्ष सदैव दक्षिण-पश्चिम दिशा में ही होना चाहिए। उत्तर-पूर्व क्षेत्र में शौचालय और स्नानघर के निर्माण से बचें।

पूजा कक्ष (Pooja Room)

घर में पूजा कक्ष और बैठक कक्ष बनाने के लिए के लिए उत्तर-पूर्व स्थान सर्वाधिक उपयुक्त है।

अतिथि कक्ष (Guest Room)

अतिथि कक्ष के स्थान के लिए उत्तर-पूर्व दिशा बिल्कुल उपयुक्त है।


उत्तरमुखी प्लॉट में सीढ़ी का स्थान (Placement of a staircase in a North-facing property)

हमारे वास्तु एक्सपर्ट्स की सहायता से आप अपने नॉर्थ फेसिंग घर में वास्तु के अनुसार विभिन्न कक्षों तथा अन्य वस्तुओं को उचित स्थान पर बना सकते हैं। यहां पर आपके लिए कुछ जरूरी टिप्स दिए जा रहे हैं जिनकी सहायता से आप भी अपने घर का वास्तु सही रख सकते हैं।

  1. उत्तरमुखी घर में सीढ़ियां उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं होनी चाहिए। ऐसा करना आपके लिए आर्थिक परेशानियां ला सकता है। अत: इस दिशा में सीढ़ियां बनाने से बचें।
  2. वास्तु एक्सपर्ट्स के अनुसार उत्तर- पूर्व दिशा में सीढ़ियों के निर्माण से तंत्रिका तंत्र संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
  3. उत्तरमुखी घर में सीढ़ियां बनाने के लिए दक्षिण, पश्चिम, दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा का उपयोग किया जा सकता है।
  4. सीढ़ी का निर्माण दक्षिणावर्त दिशा (clockwise direction) में करना चाहिए।

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उत्तरमुखी घर और घर में रहने वाली महिलाओं पर इसका प्रभाव (North-facing home and Its effect on Women Living in The Household)

घर की फेसिंग तथा उसके वास्तु (चाहे अच्छा हो या बुरा) का प्रभाव घर में रहने वाली महिलाओं पर निश्चित रूप से पड़ता है। विशेषकर एक प्रोफेशनल महिला की सफलता घर के वास्तु शास्त्र पर निर्भर करती है। इसलिए जीवन में सफलता और निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए वास्तु दोषों को दूर करना आवश्यक है। इसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखें –

  1. दक्षिण-पूर्व दिशा का प्रतिनिधित्व शुक्र को प्रदान किया गया है। यह ग्रह स्त्री का कारक है, यदि घर में वास्तु दोष है तो उस स्थान पर रहने वाली महिलाओं को कॅरियर में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
  2. यदि मुख्य द्वार या शयनकक्ष का प्रवेश द्वार दक्षिण-पूर्व क्षेत्र की ओर खुलता है, तो उस स्थान पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।
  3. घर में रहने वाली महिलाओं के लिए खुले और चौड़े क्षेत्र अच्छे माने जाते हैं, ऐसा होना कॅरियर में ग्रोथ देता है। उत्तर-पूर्व में पानी की टंकी या पानी का स्रोत होना भी अच्छा माना गया है।
  4. दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पश्चिम या पश्चिम क्षेत्र का गलत वास्तु स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों अथवा कॅरियर में अड़चनों का कारण बन सकता है।

उत्तरमुखी प्लॉट और व्यवसाय (North-facing Properties and Professions)

नॉर्थ फेसिंग प्लॉट किसी न किसी रूप में प्रोफेशनल्स से जुड़े होते हैं। कुछ खास राशियों के लिए उत्तरमुखी प्लॉट को भाग्यशाली माना गया है। जो लोग फाइनेंस, अकाउंट्स, बैंकिंग और निवेश, शेयर बाजार और किसी व्यापार से संबंधित व्यवसाय या पेशे में हैं, यदि वे लोग उत्तरमुखी प्लॉट पर अपना घर बनाते हैं तो उनके लिए कॅरियर में विकास के नित नए रास्ते खुलते हैं। इसी प्रकार ज्योतिषियों, टूर और ट्रैवल एजेंट्स, आतिथ्य क्षेत्र, कम्यूनिकेशन और ई-सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए भी नॉर्थ फेसिंग घर उपयुक्त माने गए हैं।

इनके अलावा, कर्क, वृश्चिक या मीन राशि के जातकों के लिए भी उत्तरमुखी घर सौभाग्यशाली रहते हैं।


नॉर्थ फेसिंग घर तथा सीनियर सिटीजन्स के लिए वास्तु टिप्स (Vastu Shastra for North-facing homes and Senior Citizens)

वरिष्ठ नागरिकों (सीनियर सिटीजन्स) के निवास करने के लिए उत्तर, पूर्व और दक्षिण-पूर्व दिशा को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस स्थान पर वे अपना समय आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों में बिता सकते हैं। यदि सीनियर सिटीजन्स रिटायर्ड हैं तो वे दक्षिण-पश्चिम या दक्षिणमुखी घर में भी रह सकते हैं।


उत्तरमुखी प्लॉट खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? (Things to Avoid while Buying a North-facing Property)

नॉर्थ फेसिंग प्लॉट खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए-

  • उत्तर-पश्चिम दिशा में मुख्य द्वार का निर्माण न कराएं।
  • उत्तरमुखी घर में वास्तु के नियमों का पूरी तरह से पालन करते हुए उत्तर-पूर्व कोने में शौचालय,
  • शयनकक्ष या रसोई घर नहीं होना चाहिए।
  • वेस्टवाटर चैनल को दक्षिण या उत्तर दिशा में न रखें।
  • वास्तु एक्सपर्ट्स की सलाह के बिना नॉर्थ फेसिंग घर न खरीदें।
  • दरवाजे को छठे पद में न बनाएं।
  • उत्तर-पश्चिम दिशा में बगीचे और नर्सरी लगाने से बचें।
  • उत्तर-पश्चिम दिशा में भूमिगत पानी का टैंक ना बनवाएं।
  • घर को लाल या मैरून रंग से न रंगवाएं।
  • उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में भूल से भी सेप्टिक टैंक नहीं बनाना चाहिए।
  • घर के दक्षिण या दक्षिण-पूर्व कोने में शीशा नहीं लगाना चाहिए।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ’s)

क्या उत्तरमुखी घर शुभ है? (Is the North Facing House Good?)

जी हां, वास्तु शास्त्र की दृष्टि से उत्तरमुखी घर खरीदना शुभ माना जाता है। वास्तु एक्सपर्ट्स के अनुसार उत्तर दिशा किसी भी अन्य दिशा की तुलना में अधिक अनुकूल है।

उत्तरमुखी घर में रहने के क्या लाभ हैं? (What are the Benefits of a North Facing House?)

वास्तु शास्त्र में उत्तर दिशा का विशेष महत्व है। धन के देवता कुबेर इस दिशा के स्वामी हैं। इसलिए, उत्तरमुखी प्लॉट्स में निवास करने वाले लोग आर्थिक रूप से सम्पन्न होते हैं।

उत्तरमुखी घर का क्या अर्थ है? (What Does a North- facing House mean?)

एक ऐसा घर या प्लॉट जिसमें मेन एंट्रे्स उत्तर दिशा की ओर हो, उसी को उत्तरमुखी या नॉर्थ फेसिंग कहा जाएगा। इस दिशा को वास्तु के साथ-साथ भारतीय आध्यात्म में भी शुभ माना गया है।