शुभ मुहूर्त 2024

क्या आप साल 2024 में आप नई योजनाएं बना रहे हैं। शादी के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त, रिंग सेरेमनी या ग्रह प्रवेश के लिए शुभ दिन ढूंढ रहे हैं। यहां आपके इन सभी सवालों का जवाब मिलेगा। हम आपको सबसे सटीक हिंदू पंचांग के अनुसार 2024 के शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी देने वाले हैं। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए तिथि, नक्षत्र, दिन और शुभ समय की जानकारी यहां हम आपको उपलब्ध करवाने वाले हैं। अगर आप हमारे ज्योतिष विशेषज्ञों से बात करना चाहते हैं, तो अभी कॉल करें। ज्योतिषी से ऑनलाइन बात करें: पहले परामर्श पर 100% कैशबैक पाएं

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मुहूर्त क्यों महत्वपूर्ण हैं?

जब हम अपना सारा प्रयास और प्रतिबद्धता किसी लक्ष्य को पूरा करने में लगाते हैं, तो चीजों को सही ढंग से शुरू करना महत्वपूर्ण है। जैसा कि वे कहते हैं, अच्छी शुरुआत तो आधी हो जाती है!

वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए वैदिक ज्योतिष हमेशा कुछ भी महत्वपूर्ण शुरू करने से पहले शुभ मुहूर्त, या विशेष दिन और समय निर्धारित करने पर निर्भर रहा है। यह समझ में आता है कि मुहूर्त की गणना करने की प्रथा सदियों से चली आ रही है, क्योंकि चीजों को तुरंत शुरू करना कितना महत्वपूर्ण है।

मुहूर्त क्या है? क्या कोई अशुभ मुहूर्त होते हैं?

इससे पहले कि हम शुभ मुहूर्त 2024 में शामिल हों, आइए सबसे पहले परिभाषित करें कि मुहूर्त क्या है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, दिन के 24 घंटों को 30 मुहूर्तों में विभाजित किया गया है, प्रत्येक मुहूर्त 48 मिनट तक रहता है।

जब मुहूर्त की प्रकृति की बात आती है, तो वे शुभ या अशुभ हो सकते हैं। यहां सभी 30 मुहूर्तों और उनके ज्योतिषीय महत्व की सूची दी गई है।

मुहूर्तशुभ/अशुभ
अहिअशुभ
मित्रशुभ
पितृअशुभ
वासुशुभ
वराहशुभ
विश्वदेवशुभ
विधिशुभ (सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर)
सुतामुखीशुभ
पुरुहुतअशुभ
वाहिनीअशुभ
नकटनाकारअशुभ
वरुणशुभ
आर्यमनशुभ (रविवार को छोड़कर)
भागाअशुभ
गिरीशअशुभ
अजपदाअशुभ
अहीर बुध्न्य शुभ
पुष्यशुभ
अश्विनीशुभ
यमअशुभ
अग्निशुभ
विदार्थशुभ
कांडाशुभ
अदितिशुभ
जीव/अमृत अत्यंत शुभ
विष्णुशुभ
द्युमद्गद्य्युतिशुभ
ब्रह्म अत्यंत शुभ
समुद्रमशुभ

शुभ 2024 मुहूर्त: पंचांग के तत्व

2024 के शुभ मुहूर्त की गणना करते समय किन कारकों पर विचार किया जाता है? आइए, हम उन पांच तत्वों के बारे में बात करते हैं-

तिथि (हिंदू पंचांग में तिथि) | वार (हिंदू पंचांग में दिन)

नक्षत्र | योग | करण

इन तत्वों का सही संयोजन ज्योतिष को शुभ मुहूर्त को परिभाषित करने में मदद करता है। आइए इन तत्वों के बारे में विस्तार से जानते हैं…

शुभ तिथि

2024 के शुभ मुहूर्त की गणना में एक तिथि महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हिंदू पंचांग में तिथि सूर्योदय से शुरू होती है और अगले दिन सूर्योदय पर समाप्त होती है। हालांकि, कई बार एक दिन में दो तिथियां हो सकती हैं।

एक मास की 30 तिथियां होती हैं, जिन्हें 15-15 दिनों में विभाजित किया जाता है। इन्हें शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के नाम से जाना जाता है। कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है।

नीचे दोनों पक्षों की तिथियां बताई गई है…

कृष्ण पक्ष तिथि (ढलता चंद्रमा) शुक्ल पक्ष तिथि (उगता चंद्रमा)
प्रतिपदाप्रतिपदा
द्वितीयाद्वितीया
तृतीयातृतीया
चतुर्थीचतुर्थी
पंचमीपंचमी
षष्ठीषष्ठी
सप्तमीसप्तमी
अष्टमीअष्टमी
नवमीनवमी
दशमीदशमी
एकादशीएकादशी
द्वादशीद्वादशी
त्रयोदशीत्रयोदशी
चतुर्दशीचतुर्दशी
अमावस्या (नया चंद्रमा) अमावस्या (नया चंद्रमा)

शुभ वार या दिन

सप्ताह के सातों दिनों की अपनी एक अलग महत्ता है। हर दिन अलग अलग कार्य करने के लिए शुभ माने जाते हैं। कुछ काम करने के लिए शुभ होते हैं और कुछ कैसे नहीं। मुहूर्त की गणना करने में दिन भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए, गुरुवार और रविवार को कुछ नया शुरू करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। हिंदू पंचांग भी ग्रेगोरियन कैलेंडर की तरह सात दिनों से ही बना है।

  • सोमवार
  • मंगलवार
  • बुधवार
  • गुरुवार (बृहस्पतिवार)
  • शुक्रवार
  • शनिवार
  • रविवार

शुभ नक्षत्र या जन्म सितारे

सूर्य के वार्षिक पथ को 12 भागों में विभाजित किया गया है, जिसके अनुसार 12 राशियां होती है। इसी प्रकार 27 (कभी-कभी 28) भागों में विभाजित किया जाता है, उसे नक्षत्र कहा जाता है।  उनका नाम उनके निकटतम प्रमुख ग्रह के नाम पर रखा गया है। दिन और तारीख की तरह, शुभ 2024 मुहूर्त की गणना में नक्षत्र भी एक महत्वपूर्ण कारक है। आइए नक्षत्रों की सूची के बारे में जानते हैं…

शासक ग्रह नक्षत्र
बृहस्पति पूर्व भाद्रपद, विशाखा, पुनर्वसु
केतु माघ, अश्विनी, मूल
बुध अश्लेषा, ज्येष्ठ, रेवती
चंद्रमा रोहिणी, हस्त, श्रवण
राहु स्वाति, आर्द्रा, शतभिषा
शनि पुष्य, अनुराधा, उत्तरा भाद्रपद
सूर्य कृतिका, उत्तरा आषाढ़, उत्तरा फाल्गुनी
शुक्र पूर्वा आषाढ़, पूर्वा फाल्गुनी, भरणी

ज्योतिष में शुभ योग

ज्योतिष शास्त्र में कई चीजों की तरह, योग की गणना भी सूर्य और चंद्रमा की स्थिति का उपयोग करके की जाती है। शुभ मुहूर्त की गणना करने में भी इनकी बहुत बड़ी भूमिका होती है। ये आपके कार्य को शुभ और अशुभ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहाँ सूची है:-

योगप्रकृति
ऐंद्राशुभ
अतिगंदअशुभ
आयुष्मानशुभ
ब्रह्मशुभ
धृतिशुभ
ध्रुवशुभ
गण्डअशुभ
हर्षनशुभ
पारिअशुभ
प्रीतिशुभ
साध्यशुभ
सौभाग्यशुभ
शिवशुभ
शोभानशुभ
शूलअशुभ
शुभशुभ
शुक्लशुभ
सिद्धिशुभ
सुकर्माशुभ
वैधृतिअशुभ
वज्रअशुभ
वरियाशुभ
विशकुंभअशुभ
वृद्धीशुभ
व्याघताअशुभ
व्यतिपातअशुभ

करण

सीधे शब्दों में कहें तो एक करण आधा दिन होता है। एक दिन को दो करणों से समझा जा सकता है। हिंदू पंचांग में विभिन्न प्रकार के 11 करण होते हैं। उनमें से 4 स्थिर हैं, और अन्य चल (जंगम यानि विचरण करने वाले) हैं। शुभ मुहूर्त की गणना करते समय ज्योतिषी भी इन करणों को मानते हैं।

यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि विष्टी / भद्र करण उन सभी में सबसे अशुभ माना जाता है।

करणप्रकृति
बालव जंगम (चल)
बावा/भव जंगम (चल)
चतुष्पाद फिक्स्ड (स्थिर)
गार जंगम (चल)
कौलव/कोलव जंगम (चल)
किंस्टुघन फिक्स्ड (स्थिर)
नाग फिक्स्ड (स्थिर)
शकुनि फिक्स्ड (स्थिर)
टेटिल/टेटिल जंगम (चल)
वनिज जंगम (चल)
विष्टी/भद्रा जंगम (चल)

2024 में शुभ मुहूर्त के दौरान क्या किया जा सकता है?

मुहूर्त 2024 आपकी मदद कर सकता है…

  • मुहूर्त देखकर ही किसी भी नए व्यवसाय या नौकरी की शुरुआत कर सकते हैं।
  • वैदिक ज्योतिष की सहायता से बच्चों का नामकरण कर सकते हैं।
  • रिंग सेरेमनी और शादी के लिए भी विशेष मुहूर्त हैं।
  • मुहूर्त में गृह प्रवेश करने से घर में शांति और खुशियां आएगी।
  • संपत्ति और वाहन मुहूर्त देखकर ही खरींदे।
  • बच्चों के लिए विद्यारंभ करवाने के लिए भी विशेष मुहूर्त है।

अंतिम नोट्स

इस लेख में दिए गए मुहूर्त की गणना प्रामाणिक हिंदू पंचांग से की जाती है। किसी भी कार्य की शुरुआत आप बिना मुहूर्त न करें, यह आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं। यह आपका कार्य कब शुरु करना है, इसके लिए मार्गदर्शन के तौर पर काम करता है।

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