निपाह वायरस: वैज्ञानिक कर पाएंगे स्थिति को नियंत्रण!

निपाह वायरस: वैज्ञानिक कर पाएंगे स्थिति को नियंत्रण!

भारत में कोरोना के कहर की शुरुआत केरल से हुई थी। इसके बाद लॉकडाउन हुआ। आर्थिक प्रगति रूक गई। कोरोना की दूसरी लहर में भी केरल जैसा प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित रहा। अब केरल से ही जानलेवा निपाह वायरस फैलने की खबरें सामने आ रही है। केरल में निपाह से एक मौत हो गई है। यहां हम ग्रहों के सामंजस्य से यह जानने की कोशिश करेंगे कि क्या निपाह भी भारत के लिए कोरोना जैसा कहर बरपाएगा।


निपाह वायरस: तोड़ निकाल पाएंगे वैज्ञानिक

निपाह वायरस को लेकर देश का चिंतित होना जायज है, लेकिन निपाह की सबसे पहली खबर देश में पांच सितंबर को मिली। यदि इस दिन की कुंडली पर गौर करें, तो पांच सितंबर की कुंडली ज्यादा नेगेटिव नहीं थी। इसलिए कह सकते हैं निपाह वायरस को लेकर वैज्ञानिकों का प्रयास रंग लाएगा और जल्दी ही इसे कंट्रोल में करने के सरकारी प्रयास भी सफल रहेंगे। केरल में कोरोना आने की तारीख से यदि पांच सितंबर के ग्रहों की स्थिति का तुलनात्मक अध्ययन किया जाएं, तो वहां कोरोना को फैलाने के लिए जिम्मेदार ग्रह काफी पावरफुल थे।

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कोरोना की तीसरी लहर की भी चिंता

इधर, सरकार को कोरोना की तीसरी लहर की भी चिंता है। कई विशेषज्ञों ने दावा किया है कि कोरोना की तीसरी लहर का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर होगा, क्योंकि वे वैक्सीनेटेड नहीं होंगे। इस दौरान हमें केवल सरकारी की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करना है। मुंह पर मास्क लगाना है और भीड़ में जाने से बचना होगा।