गुरुवार के उपाय, जिनसे जिंदगी में मिलेगी कामयाबी और खुशियां


गुरुवार के व्रत से भगवान शिव की कृपा

सभी जातकों की जन्म कुंडली में बृहस्पति ग्रह का अनुकूल स्थान पर होना जरूरी होता है। यदि ऐसा नहीं होता है, तो इसकी वजह से अपनी जिंदगी में जातकों को कई तरह की परेशानियों से दो-चार होना पड़ सकता है। इसलिए गुरुवार का व्रत किया जाता है। गुरुवार का व्रत करने से न केवल बृहस्पति मजबूत होता है, बल्कि भगवान विष्णु का आशीर्वाद हासिल करने में भी कामयाबी मिलती है। जैसा कि हम सभी को यह मालूम है कि बृहस्पति देवताओं के गुरु हैं। वैदिक ज्योतिष भी यह बताता है कि बृहस्पति देव संसार में व्याप्त किसी भी समस्या का आसानी से हल निकाल सकते हैं।


गुरुवार के व्रत में बृहस्पति का महत्व

बाकी कई चीजों के साथ बृहस्पति को वैवाहिक स्थिति, बुद्धि एवं भाग्य का भी सूचक माना गया है। यही वजह है कि यदि कोई गुरुवार का व्रत करें और गुरुवार को सौभाग्य प्राप्त करने के लिए कुछ विशेष तरह के कदम उठाए, तो उसके जीवन की सभी कठिनाइयां दूर हो सकती हैं। अब हम आपको गुरुवार के व्रत की विधि और इस दिन किए जाने वाले विशेष कार्यों के बारे में बताते हैं।

ज्योतिष यह बताता है कि किसी भी व्यक्ति के वैवाहिक जीवन के साथ उसकी बुद्धि और उसके भाग्य जैसे बहुत से कारकों को बृहस्पति नियंत्रित करता है। इसलिए गुरुवार का व्रत करने के दौरान यदि गुरुवार को कुछ उपाय किए जाते हैं, तो इन सभी समस्याओं पर नियंत्रण पाने में हमें मदद मिलती है।

गुरु दोष से किसी भी व्यक्ति के जीवन पर असर पड़ सकता है। उस व्यक्ति की जन्म कुंडली में इसकी मौजूदगी से ऐसा होता है। इसका परिणाम यह होता है कि विवाह में देरी की आशंका बढ़ जाती है। साथ ही जिन लोगों का विवाह हो चुका है, वैसे जातकों के जीवन में कठिनाइयों का अंबार खड़ा हो जाता है। आज हम इस विषय पर बात कर रहे हैं कि आपकी कुंडली से गुरु दोष को किस प्रकार से दूर किया जा सकता है और इस कठिन वक्त में भी जिंदगी में सकारात्मक दृष्टिकोण रखा जाना कितना महत्व रखता है।

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गुरुवार का उपवास: ऐसे करें अनुष्ठान

गुरुवार के दिन आपको सुबह जल्दी नहा लेना है। इसके बाद आपको पीले रंग का वस्त्र धारण करना है। भगवान विष्णु के मंदिर में आपको पीले रंग का फूल, पीले रंग की मिठाई, हल्दी एवं अन्य प्रसाद के साथ पूजा करनी है। गुरुवार के व्रत के दौरान आपको केले के पेड़ की भी पूजा करनी चाहिए और केले के पेड़ की जड़ में दाल रखने चाहिए। इसके बाद मोमबत्ती जलाकर केले के पेड़ के प्रति सम्मान प्रकट करना चाहिए। यदि संभव हो तो आप केले के पेड़ के समीप बैठ जाएं और गुरुवार की व्रत कथा भी पढ़ें। शाम के वक्त आरती भी करनी है। इस दौरान नमक का सेवन करने से आपको बचना है। कोशिश करें कि आप केवल पीले रंग के बर्तन में ही कुछ भी ग्रहण करें।


गुरुवार का व्रत: गुरुवार के ज्योतिषी उपाय

किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में यदि बृहस्पति अपने अनुकूल स्थान पर होता है, तो इससे उस व्यक्ति की बुद्धिमता में बढ़ोतरी होती है। जीवन में उसे संतान का सुख मिल पाता है। समय पर उसका विवाह हो पाता है। साथ ही भाग्य भी कदम-कदम पर उसका साथ देता है। वहीं ऐसे जातक, जिनकी कुंडली में गुरु का स्थान कमजोर होता है, इनके विवाह में देरी होती है। संतान प्राप्ति में भी कठिनाई होती है। जीवन के बाकी कई क्षेत्रों में भी उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यही वजह है कि विवाह के लिए गुरुवार के उपाय करना कठिन भी प्रतीत होता है। बृहस्पति देव के नकारात्मक प्रभावों को यदि आप रोकना चाहते हैं, तो आपको गुरुवार को ये उपाय करने पड़ेंगे।
गुरुवार का व्रत करने के दौरान यदि आप विद्वानों द्वारा रचित ज्ञान प्रदान करने वाली पुस्तकों का दान करते हैं, तो इससे बृहस्पति के नकारात्मक प्रभावों से बचाव हो सकता है।

गुरु दोष से मुक्ति पाने के लिए आपको नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी मिला लेना चाहिए और गुरुवार का व्रत रखते हुए आपको स्नान करना चाहिए। साथ ही स्नान करते वक्त ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप भी करना चाहिए। स्नान करने के बाद आपको माथे पर केसर का तिलक लगाना चाहिए।

गुरुवार का व्रत आपको अवश्य करना चाहिए। यदि संभव हो तो केले के पौधे में आपको जल भी अर्पित करना चाहिए। इससे आपके विवाह के रास्ते में आ रही रुकावटें दूर हो जाएंगी।

गुरुवार के दिन भगवान विष्णु से आपको प्रार्थना करनी चाहिए। विशेषकर सूर्योदय से पहले उठने का और स्नान करने का आपका प्रयास होना चाहिए। इसके बाद आपको विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करना है।

बृहस्पतिवार के दिन यदि आप अपनी कुंडली में गुरु के स्थान में सुधार लाना चाहते हैं तो इस दिन किसी को भी उधार देते वक्त आपको विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ध्यान रहे कि बृहस्पति गरीब है। ऐसे में यदि आप इस दिन धन का लेन-देन करते हैं, तो इसकी वजह से आपको आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसे गुरुवार का पैसों के लिए उपाय भी कहते हैं।

यदि आप गुरुवार का उपवास कर रहे हैं, तो इस दिन सत्यनारायण की व्रत कथा आपको जरूर सुननी चाहिए।

बृहस्पति देव की यदि आप विशेष कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो गुरुवार के दिन आपको उचित विधि-विधान के साथ पीले वस्त्र पर बृहस्पति देव की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। साथ ही चंदन एवं पीले फूलों से उनकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए। आपको चना दाल और गुड़ प्रसाद में शामिल करने चाहिए।

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गुरुवार के व्रत के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

इन सभी बातों के अलावा और भी कुछ ऐसी बातें हैं, जिनका गुरुवार के दिन ध्यान रखना बहुत ही जरूरी हो जाता है। हिंदू संस्कृति में गुरुवार के दिन बालों को धोना, शेविंग करना और साबुन, शैंपू एवं वाशिंग पाउडर का उपयोग करना भी वर्जित माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस दिन यदि कोई बाल कटवाए, तो इस वजह से आर्थिक लाभ के अवसर घट सकते हैं। इतना ही नहीं, संतान की प्राप्ति में भी बाधाएं आती हैं। इस दिन बाल को धोना बड़ा ही अशुभ माना जाता है और कहा जाता है कि इसकी वजह से विवाह में देरी होती है। इसके अलावा विवाहित महिलाएं यदि गुरुवार के दिन अपने बाल धोती हैं, तो इससे उनके वैवाहिक जीवन में समस्याएं आ सकती हैं। ऐसा कहा जाता है कि गुरुवार के दिन विशेषकर पुरुषों को अपने बाल या दाढ़ी नहीं काटनी चाहिए। इससे उनकी उम्र घट सकती है।


आर्थिक परेशानियों को दूर रखने के लिए गुरुवार के मंत्र

बृहस्पति के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए एवं उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गुरुवार के दिन निम्नलिखित मंत्रों का 19 हजार बार जाप करना चाहिए। इससे न केवल हमारी आर्थिक समस्याएं सुलझ जाती हैं, बल्कि लंबे अरसे से मौजूद कई अन्य समस्याओं से भी निबटना बहुत ही आसान हो जाता है। गुरुवार के दिन निम्नलिखित मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए:

ॐ बृं बृहस्पतये नमः।
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:।
ॐ गुं गुरवे नम:।
ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:।