बुध ग्रह (budh grah) का क्या है महत्व, यह आपके जीवन पर कैसे असर करता है?

बुध ग्रह (budh grah) का क्या है महत्व, यह आपके जीवन पर कैसे असर करता है?

जीवन की शुरुआत ही अगर शानदार जीवन शैली के साथ हो, सभी जरूरी सुख-सुविधाएं मिलें तो कैसा रहेगा। जी हां ये या तो कड़ी मेहनत के बल पर संभव है या फिर बुध की मेहरबानी से। दरअसल बुध सूर्य के सबसे नजदीक और सबसे छोटा ग्रह होता है। यह सूर्य की परिक्रमा करता है। इसे बुद्ध के नाम से भी जाना जाता है, यह ज्ञान का प्रतीक होता है।

बुध सौर सिस्टम के सबसे लाभकारी ग्रहों में से एक है। यह संवाद के कौशल के साथ बेहतर मानसिक क्षमता और बुद्धिमत्ता को प्रदान करता है। जब आपकी राशि में बुध उच्च राशि में होता है, प्रबल होता है तो ये सारी विशेषताएं आपको सहजता से मिल जाती हैं। अगर बुध पर नीच या क्रूर ग्रहों की दृष्टि होती है तो आपको इन सबसे महरूम रहना पड़ता है। हम आपको यहां विस्तृत रूप से बुध की भूमिका और महत्व की जानकारी देने जा रहे हैं। आइए बताते हैं कि आपको कुछ जरूरी बातें।


बुध ग्रह के लक्षण

  • मानसिक शक्ति
  • बौद्धिकता
  • निर्णय लेने का कौशल
  • तार्किक
  • भाई-बहन से संबंध
  • विचारशील
  • संवाद क्षमता
  • वाकपटुता
  • चेतना

ज्योतिष में बुध का महत्व

बुध ग्रह ईश्वर का दूत कहा जाता है और यह मिथुन और कन्या राशियों का स्वामी होता है। बुध जातक को अपनी वाक पटुता और संवाद का कौशल शानदार होता है। इसके साथ ही जातक बुध की मदद से अपनी छवि को बेहतर कर सकते हैं। यह वायु तत्व का प्रतिनिधित्व करता है। बुध शुभ ग्रह होता है। नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव को कम करने की कोशिश करता है। यह आपके सोचने की प्रक्रिया और चेहरे के भावों पर नियंत्रण रखता है। जिन जातकों की जन्म कुंडली में बुध प्रबल होता है उनका अपनी वाणी पर, अपने शब्दों पर बेहतर नियंत्रण होता है। वे जानते हैं कि दूसरों के साथ किस तरह संवाद करना है। उन्हें दूसरों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने में मदद मिल सकती है। यदि आपकी कुंडली में बुध अनुकूल स्थिति में है, तो आप बातचीत शुरू करने और उसे समाप्त करने के गुर सीख सकते हैं। इसके अलावा बुध भी तीन नक्षत्रों (नक्षत्रों) का स्वामी है। यह अश्लेषा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र और रेवती नक्षत्र का स्वामी है।


बुध का अन्य ग्रहों से संबंध

मित्र : सूर्य और शुक्र
तटस्थ : शनि, मंगल और बृहस्पति
शत्रु : चंद्र

बुध ग्रह के अध्ययन में एक बात साफ है कि इसके दुश्मन कम हैं और दोस्त ज्यादा हैं। ऐसे में अब आपके लिए समझना थोड़ा आसान हो जाएगा कि जब बुध दूसरे ग्रहों के साथ मिलता है तो उसके क्या परिणाम होते हैं।


बुध और सूर्य की युति

बुध सूर्य का मित्र होता है, जब ये दोनों मिलते हैं तो बुधादित्य योग बनेगा। दो ग्रहों बुध और सूर्य की युति आपको विश्लेषणात्मक कौशल और बुद्धि जैसी अच्छी विशेषताओं से सम्पन्न करती है। यह आपको एक महान व्यक्तित्व बनाने में मदद करती है।


बुध और शुक्र की युति

बुध और शुक्र का मिलन यानी सुंदरता और बुद्धि का मिलन। यह युति मौखिक और गैर मौखिक संवाद की क्षमता से सम्पन्न करती है। जातक का झुकाव गणित व विज्ञान जैसे विषयों की तरफ होता है। उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होती है।


बुध और शनि की युति

बुध और शनि का एक ही घर में मौजूद होना जातक के लिए व्यवसायी या वकील बनने का संकेत देता है। जातक को श्वसन से संबंधी परेशानी होती है,स्वास्थ्य की समस्या होती है। इन ग्रहों की यह युति संतान के लिए परेशानी पैदा कर सकती है।


बुध और मंगल की युति

यदि बुध और गुरु एक साथ आते हैं तो जातक जीवन में कई नई चीजें जल्दी सीख सकता है। आप बिना वजह नए झगड़े और विवादों में उलझ सकते हैं। बृहस्पति की उपस्थिति आपके जीवन में आध्यात्मिकता और उच्च ज्ञान विकसित करने में मदद कर सकती है।


बुध और चंद्रमा की युति

दोनों आपस में शत्रु होते हैं, ऐसे में अनुकूल परिणाम की उम्मीद करना ही गलत है। चूंकि बुध एक लाभकारी और शुभ ग्रह है, ऐसे में संभव है कि जीवन में कोई बड़ी परेशानी न आए। दोनों ग्रहों के एक ही भाव में होने पर आप जीवन में कोई बड़ा फैसला नहीं ले पाएंगे।


बुध और राहु/केतु की युति

यदि बुध राहु के साथ युति करता है तो आप जीवन में नए नए विचारों पर काम कर सकते हैं, बुद्धि का विकास हो सकता है। अपने पसंदीदा विषय पर वाद-विवाद का मौका मिलेगा, जिसे आप बेहद पसंद करेंगे। यदि बुध केतु के साथ एक ही स्थान पर है, तो आप एक शोधकर्ता रूप में अपना कॅरियर बना सकते हैँ। आप आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके बहुत सारी जानकारी एकत्र करना पसंद कर सकते हैं।

दूसरे ग्रहों के साथ बुध का होना, क्या परिणाम लाएगा, यह उस घर की स्थिति, राशियों व उसकी प्रबलता पर निर्भर करता है। जानिए आपकी कुंडली में बुध अनुकूल है या नहीं। जन्मपत्री के जरिए जानिए..


कुंडली के 12 भावों में बुध की स्थिति

कन्या राशि के छठे भाव में होने पर बुध सकारात्मक परिणाम दे सकता है। बुध का पहले, दूसरे, चौथे, पांचवें और सातवें भाव में होना समान परिणाम देता है। यदि बुध तीसरे, आठवें, नौवें, दसवें, ग्यारहवें और बारहवें भाव में स्थित हो तो आपको प्रतिकूल परिणाम मिल सकते हैं। आइए जानें बुध की विभिन्न भावों में स्थिति के बारे में।

प्रथम भाव में बुध

इस संयोग के जातक नई चीजें सीखने के लिए उत्सुक रहते हैं। रहस्यों या जटिल समस्याओं को सुलझाने में ये लोग सक्षम होते हैं। यह संयोग आपके विचारों को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। आप किसी भी चीज को तेजी से सीख सकते हैं और बुद्धिमान बन सकते हैं। आपकी याददाश्त तेज हो होगी।

दूसरे भाव में बुध

दूसरा घर धन और समृद्धि से जुड़ा है। इस भाव में अगर बुध मौजूद है तो आपकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सकती है। आपको पैसे कमाने के अलग-अलग तरीके मिल सकते हैं। आप एक शिक्षक, प्रबंधन या सलाहकार जैसे पेशे में जा सकते हैं।

तृतीय भाव में बुध

तीसरे भाव में बुध के व्यक्ति दूसरों को समझाने में अच्छे होते हैं। आप उन्हें गलत जानकारी भी दे सकते हैं। आप व्यापारिक यात्राओं में बिजी रहते हैं। अगर यह अशुभ ग्रहों से युक्त हो तो जातक के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। आपके इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार विभाग में काम करने की संभावना होती है।

चतुर्थ भाव में बुध

चतुर्थ भाव चंद्रमा द्वारा शासित होता है, जो बुध का शत्रु है। ऐसे में यह स्थिति अच्छे परिणाम लाने वाली नहीं होती है। बुध की यह स्थिति माता के साथ आपके संबंधों को खराब कर सकती है, या आप पारिवारिक विवाद में फंस सकते हैं। शोध कार्यों में व्यस्त रहेंगे। घर से काम करने का विकल्प भी आपके पास हो सकता है।

पंचम भाव में बुध

पंचम भाव संतान और ज्ञान से जुड़ा होता है। यदि बुध इस भाव में बैठा हो तो आप दूसरों के साथ संवाद करने में अच्छे होंगे। आपका कार्य आपके शब्दों से अधिक बोलेगा। यदि कोई बच्चा उच्च राशि कन्या या मिथुन राशि में जन्म लेता है तो उसके पास बौद्धिक क्षमता भरपूर रहेगी।

छठे भाव में बुध

छठे भाव में बुध होना यानी आप में धैर्य की कमी होगी। आपको मानसिक तनाव, चिंता या अवसाद जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आप सामाजिक गतिविधियों में व्यस्त रहेंगे। विवादों को सुलझाने के लिए आपके बीच वाद-विवाद भी हो सकते हैं। मन की शांति नहीं मिल पाएगी।

सातवें घर में बुध

यह विवाह का भाव होता है, यदि बुध विवाह भाव में स्थित हो तो आप अपने भावी जीवन साथी के बारे में सोचने में बहुत समय बर्बाद कर सकते हैं। आपको एक ऐसा जीवन साथी खोजने में भी मदद करता है जिसके पास तेज दिमाग और बेहतर सोचने की क्षमता हो। यदि बुध एक पाप ग्रह के प्रभाव में है, तो आप अपने वैवाहिक संबंधों में समस्या पैदा कर सकते हैं।

आठवें भाव में बुध

बुध का आठवें घर में रहना विवाह, प्रोफेशन और वित्तीय समृद्धि के मामले में आपके काम आ सकता है। संभव है कि आप शिक्षा पूरी करने से पहले ही पैसा कमाने का तरीका सोचना लगें। आप झुकाव धीरे-धीरे आध्यात्मिक जीवन की तरफ हो सकता है। आप अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में एक्सपर्ट होंगे।

नौवें घर में बुध

आप अपने सहकर्मियों के साथ अच्छी तरह बातचीत कर सकते हैं। आपका रुझान अध्यात्म की ओर हो सकता है और बाद में आप आध्यात्मिक वक्ता बन सकते हैं। नवें भाव में बुध आपकी उच्च शिक्षा को पूरा करने में आपकी मदद कर सकता है। आप विदेश यात्रा कर सकते हैं या विदेश में बसने की योजना बना सकते हैं।

दसवें भाव में बुध

कॅरियर और पेशे के घर में बुध की उपस्थिति का मतलब है कि आपके पास उत्कृष्ट संचार कौशल हो सकता है। आप अपने कॅरियर के लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त करेंगे। अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपने ज्ञान का बुद्धिमानी से उपयोग कर सकते हैं। यह आपको कॉपीराइट या स्पीकर जैसे पेशे में सफल परिणाम दे सकता है।

ग्यारहवें भाव में बुध

ग्यारहवें भाव में बुध आपकी मित्र मंडली का विस्तार करने में आपकी मदद कर सकता है। आप अपने करीबी लोगों के विचारों का खुुले मन से स्वागत करेंगे और अपनी बात साझा करेंगे। बाद में जाकर जीवन में आप आध्यात्मिक कार्यों में रुचि लेने लगेंगे। बुध ग्रह के साथ आप आईटी में एक सफल कॅरियर बना सकते हैं।

बारहवें भाव में बुध

बुध यदि बारहवें भाव में बैठा हो तो आप अपने शब्दों का सही इस्तेमाल करना जान पाएंगे। आप का संवाद कौशन और भी बेहतर हो सकेगा। यदि इस भाव में बुध की युति हो तो आपके लिए मानसिक शांति प्राप्त करना कठिन होगा। आप खुद को नुकसान पहुंचा सकते हैं और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं के शिकार हो सकते हैं। आप खुद को गैरकानूनी कामों के लिए सलाखों के पीछे भी जा सकते हैं।

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जब बुध कमजोर हो, तो क्या होता है?

यदि कुंडली में बुध नीच का या कमजोर होता है तो आपको व्यवसाय में हानि हो सकती है। जीवन में वांछित सफलता नहीं मिल पाती है। आपको अपनी वाणी से जुड़े समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। यह आपके जीवन में दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं को भी दर्शाता है। आप मानसिक तनाव या अवसाद से पीड़ित हो सकते हैं। आप त्वचा रोग से भी पीडि़त हो सकते हैं या आकस्मिक चोट लगने का खतरा हो सकता है। कमजोर बुध आपकी निजी जिंदगी में भी उथल-पुथल मचा सकता है। नतीजतन, आप अपने जीवनसाथी या भाई-बहनों के साथ संबंध खराब कर सकते हैं। नीच के बुध के कारण शराब की ल भी लग सकती है।

ये करें उपाय

  • रात को सोते समय अपने तकिए के नीचे सौंफ रख दें।
  • शराब या मांसाहार से दूर रहें।
  • जरूरतमंद लोगों को दूध और चावल का दान करें।
  • उगते सूर्य को जल अर्पित करें
  • चांदी की चैन पहनें।

बुध किसका प्रतीक है?

बुध बौद्धिक कौशल, अच्छी स्मरण शक्ति और परिवहन का कारक है। आपकी जन्म कुंडली में जन्म के समय अगर बुध है तो यह आपकी सोच और विचारों को नियंत्रित कर सकता है। यह हमारे दिन-प्रतिदिन के जीवन की घटनाओं को भी दर्शाता है। मसलन, आप कठिन परिस्थितियों को संभालने में कितने अच्छे हैं? आप दूसरों के साथ कैसे तालमेल बैठाते हैं? या आप अपने सहकर्मियों से किस तरह बातचीत करते हैं?

बुध पर अगर किसी शुभ ग्रह की नजर है तो शुभ ग्रह से दृष्टि प्राप्त करने वाला बुध आपको अपने जीवन में सकारात्मक परिणाम दे सकता है। यदि यह पाप ग्रहों के प्रभाव में है, तो यह कमजोर हो सकता है और आपके लिए प्रतिकूल समय हो सकता है। बुध यह भी दर्शाता है कि जातक दूसरों को समझाने में कितना अच्छा होता है। बुध की स्थिति के गहन विश्लेषण से जातकों के निर्णय लेने के कौशल का भी पता चल सकता है।


अंत में...

हमने वैदिक ज्योतिष में बुध के महत्व की विस्तृत चर्चा की है। हमने पाया कि इस लाभकारी ग्रह का हमारे मन, वाणी और संवाद कौशल पर अत्यधिक महत्व है। यदि यह ग्रह अपने शत्रु ग्रह के प्रभाव में है तो यह समय को बहुत ही चुनौतीपूर्ण बना सकता है। नीच का बुध अपने जातकों को न तो सहायता प्रदान करता है और न ही कोई मदद हासिल होने देता है। आप ऊपर बताए गए उपायों की मदद से कमजोर बुध के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं।

हमने 12 घरों में बुध की स्थिति को गहराई से जाना है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि सबसे छोटे ग्रह के कारण किन घरों को लाभ मिलता है और कहां परेशानी होती है। इसके साथ, हम आशा करते हैं कि आपको ज्योतिष में बुध की भूमिका और महत्व के बारे में स्पष्ट रूप से समझ में आ गया होगा।



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