
आज का होरा इंदौर के लिए

ज्योतिष शास्त्र में होरा काफी महत्वपूर्ण है। वैदिक ज्योतिष में जितना महत्व ग्रह-नक्षत्र, मुहूर्त, तिथि, वार आदि का है, उतना ही महत्व होरा का भी है। होरा भारत में समय की गणना का एक प्राचीन उपाय है। होरा का कुल योग 96 मिनट है, जो मोटे तौर पर प्रत्येक मंडल में 24 मिनट के बराबर है।
|
05:52 – 06:58 |
|
06:58 – 08:05 |
|
08:05 – 09:12 |
|
09:12 – 10:19 |
|
10:19 – 11:25 |
|
11:25 – 12:32 |
|
12:32 – 13:39 |
|
13:39 – 14:46 |
|
14:46 – 15:52 |
|
15:52 – 16:59 |
|
16:59 – 18:06 |
|
18:06 – 19:13 |
|
19:13 – 20:06 |
|
20:06 – 20:59 |
|
20:59 – 21:53 |
|
21:53 – 22:46 |
|
22:46 – 23:39 |
|
23:39 – 00:33 |
|
00:33 – 01:26 |
|
01:26 – 02:19 |
|
02:19 – 03:13 |
|
03:13 – 04:06 |
|
04:06 – 04:59 |
|
04:59 – 05:53 |
अपनी पहली कॉल या चैट हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषियों से निःशुल्क करें – अभी बात करें!
सभी देखेंहोरा का महत्व
होरा में प्रत्येक वार का महत्व है। हर वार के हिसाब से गणना भी अलग-अलग होती है। आइए यहां प्रत्येक होरा के महत्व के बारे में जानते हैं।
सू्र्य यानी रवि होरा
सूर्य होरा की बात करें तो इस होरा मुहूर्त का उपयोग राजनीतिक कार्यों, सरकारी अधिकारियों से मिलने, नौकरी के लिए आवेदन करने, कोर्ट से संबंधित लेन-देन और खरीदारी आदि के लिए सूर्य होरा मुहूर्त को शुभ माना जाता है। सूर्य होरा माणिक्य धारण करने के लिए भी शुभ माना जाता है।
चंद्रमा होरा
चंद्रमा होरा में स्थान परिवर्तन किया जाता है। इस होरा का उपयोग आवास में परिवर्तन, यात्रा, संपत्ति से संबंधित मामलों, प्रेम संबंधों में प्रिय से मुलाकात, आभूषण की खरीदारी,, कपड़ों आदि की बिक्री, पानी से जुड़े कार्यों के साथ ही रचनात्मक और कलात्मक कार्यों के लिए किया जाता है। चंद्रमा की होरा में मोती धारण किया जा सकता है।
मंगल होरा
कृषि से जुड़े मामलों, वाहन की खरीद-बिक्री, इलेक्ट्रिकल और इंजीनियरिंग के कार्यों के लिए मंगल होरा का उपयोग होता है। इसके साथ ही ऋण देने और लेने, युद्ध कला आदि के लिए भी शुभ है। नई नौकरी में शामिल होने के लिए समय अच्छा है। इस होरा में मूंगा या कैट आई धारण कर सकते हैं।
बुध होरा
व्यवसाय और दवा से संबंधित मामलों के लिए बुध की होरा शुभ मानी जाती है। इसके अलावा सीखने-पढ़ने, ज्योतिष, धार्मिक कार्यों, लेखन, प्रिंटिंग आदि कार्यों, आभूषण की खरीदारी के लिए भी बुध होरा शुभ होती है। बुध की होरा में पन्ना रत्न धारण किया जा सकता है।
बृहस्पति होरा
देव गुरु बृहस्पति की होरा सभी शुभ कार्यों के लिए शुभ मानी जाती है। इस होरा में नौकरी ज्वाइन करने, व्यापार शुरू करने, कोई नया कोर्स शुरू करने के साथ ही कोर्ट कचहरी से जुड़े मामलों के लिए बुध की होरा शुभ है। इसमें धार्मिक कार्य, तीर्थ यात्र आदि के लिए भी यह होरा शुभ है। इस होरा में पुखराज धारण कर सकते हैं।
शुक्र होरा
प्रेम और विवाह, आभूषण की खरीद बिक्री, एंटरटेनमेंट, वाहन की खरीदारी आदि के लिए शुक्र की होरा शुभ होती है। इस होरा में हीरा, ओपल या नए वस्त्र भी धारण कर सकते हैं।
शनि होरा
मेहनतकश लोगों के लिए शनि की होरा अच्छी मानी जाती है। इसके अलावा तेल और लोहे से संबंधित व्यापार के लिए भी शनि की होरा उपयुक्त होती है। इस होरा काल में नीलम या गोमेद धारण किया जा सकता है।
महत्वपूर्ण शुभ मुहूर्त
स्थान अनुसार होरा
View All
त्यौहार कैलेंडर
सभी देखें
गौरी व्रत
गौरी व्रत महत्वपूर्ण उपवास अवधि है, जो देवी पार्वती को समर्पित है। यह गौरी व्रत मुख्य रूप से गुजरात में मनाया जाता है। गौरी पूजा का व्रत मुख्य रूप से अविवाहित लड़कियां अच्छे पति की इच्छा में रखती हैं।
देवशयनी एकादशी
मानसून भारत में आता है और अपने साथ देश में लाखों लोगों द्वारा मनाए जाने वाले कई त्योहार और व्रत या पूजा लाता है। हिंदू कैलेंडर में आषाढ़ और श्रावण के महीने, मुख्य रूप से जून और जुलाई में, पवित्र दिनों की एक श्रृंखला होती है।
वासुदेव द्वादशी
वासुदेव द्वादशी भगवान कृष्ण को समर्पित है। यह देवशयनी एकादशी के अगले दिन, आषाढ़ मास के दौरान मनाया जाता है। यह चतुर मास (मानसून के चार पवित्र महीने) की शुरुआत का प्रतीक है।
जया पार्वती व्रत
हिंदू कैलेंडर के अनुसार जया पार्वती व्रत या गौरी व्रत आषाढ़ के महीने में मनाया जाता है। इस अवसर पर विवाहित और अविवाहित महिलाएं अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए 5 दिन तक उपवास रखती हैं।
आषाढ़ पूर्णिमा
हिंदू महीने आषाढ़ में होने वाली पूर्णिमा के दिन को आषाढ़ पूर्णिमा के रूप में जाना जाता है। इस शुभ अवसर पर, लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और गोपदम व्रत का पालन करते हैं।
आषाढ़ पूर्णिमा व्रत
आषाढ़ पूर्णिमा व्रत आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह महीना हिंदू कैलेंडर में चौथा महीना है और ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार जुलाई-अगस्त के महीने में पड़ता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार अधिकांश पूर्णिमा का दिन महीने के एक महत्वपूर्ण त्योहार से जुड़ा होता है।
व्यास पूजा
व्यास पूजा आषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। इस दिन को वेद व्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, शिष्य गुरुओं की पूजा करते हैं और उनका सम्मान करते हैं। इस पूजा के दौरान आचार्यों के तीन समूहों कृष्ण पंचकम, व्यास पंचकम और शंकराचार्य पंचकम की पूजा की जाती है।
कोकिला व्रत
कोकिला व्रत आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि कोकिला व्रत उन वर्षों में किया जाना चाहिए, जब आषाढ़ अधिक मास होता है। दूसरे शब्दों में, कोकिला व्रत तभी रखा जाना चाहिए, जब आषाढ़ मास दो माह के लिए आता है।
गुरु पूर्णिमा
हिंदू संस्कृति में गुरु या शिक्षक को हमेशा भगवान के समान माना गया है। गुरु पूर्णिमा (guru purnima in hindi) या व्यास पूर्णिमा हमारे गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करने का दिन है। गुरु एक संस्कृत शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ है वह जो हमें अज्ञान से मुक्त करता है।
मंगला गौरी व्रत
मंगला गौरी व्रत एक हिंदू व्रत अनुष्ठान है जिसे विवाहित महिलाएं अपने पति की भलाई और दीर्घायु के लिए रखती हैं। यह श्रावण माह के दौरान मंगलवार को मनाया जाता है और यह वैवाहिक सुख और समृद्धि की प्रतीक देवी पार्वती को समर्पित है।
कर्क संक्रांति
संक्रांति का अर्थ है सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन। कारक संक्रांति भगवान सूर्य की दक्षिणी यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है। दक्षिणायन, जो छह महीने का होता है, कारक संक्रांति से शुरू होता है।
कामिका एकादशी
श्रावण मास, कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है। इस वर्ष यह एकादशी बुधवार 21 जुलाई 2025 को पड़ी है। कामिका एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है।
सावन शिवरात्रि
शिवरात्रि को महादेव की उपासना का पर्व माना गया है। हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। वहीं साल में एक बार महाशिवरात्रि मनाई जाती है, जो माघ माह की मासिक शिवरात्रि होती है।
हरियाली अमावस्या
पवित्र महीने सावन या श्रावण के दौरान आने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या के रूप में मनाया जाता है और इसे अत्यधिक शुभ माना जाता है। हरियाली अमावस्या आमतौर पर प्रसिद्ध हरियाली तीज से तीन दिन पहले आती है।
नाग पंचमी
इस दिन नागलोक या फिर कहें कि पाताल लोक के स्वामी की आराधना की जाती है। यह भारत के अलावा पड़ोसी मुल्क नेपाल सहित दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है। नाग का नाम सुनते ही हमारे मन में डर की भावना आ जाती है।
कल्कि जयंती
कल्कि जयंती सभी हिंदुओं के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक है क्योंकि यह भविष्य में कल्कि के रूप में भगवान विष्णु के जन्मदिन का प्रतीक है। कल्कि भगवान विष्णु के दसवें और अंतिम अवतार होंगे।
तुलसीदास जयंती
तुलसीदास जयंती का दिन गोस्वामी तुलसीदास की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो एक महान हिंदू संत और कवि थे। वह महान हिंदू महाकाव्य रामचरितमानस के प्रशंसित लेखक भी थे।
आगामी पारगमन
सभी देखें
शुक्र का कर्क राशि में गोचर
शुक्र प्रेम, खुशी, विलासिता, खूबसूरती, कला, खेल, नृत्य, आभूषण, सौंदर्य प्रसाधान, फैशन आ…
सूर्य कर रहे हैं कर्क राशि में प्रवेश (Sun Transit In Cancer), कैसा होगा आपकी राशि पर असर
ग्रह लगातार भ्रमणशील रहते हैं। इस क्रम में वे एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं…
कुंभ राशि में शुक्र और मंगल की युति: आपकी राशि पर पड़ेगा कैसा प्रभाव?
8 अप्रैल 2022 को एक प्रमुख ज्योतिषीय घटना होने वाली है यानि कुंभ राशि में शुक्र और मंगल…
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
होरा क्या होता है?
ज्योतिष में होरा का काफी महत्व है। यह कुंडली विश्लेषण के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। होरा की अवधि एक गंटे की मानी जाती है। एक दिन यानी 24 घंटे में कुल 24 होरा होती है। हर दिन यानी वार की होरा सूर्योदय से शुरू होती है।
होरा का क्या महत्व है?
होरा का ज्योतिष में काफी महत्व है। इसके जरिए धन-संपत्ति के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। किसी भी तरह की कठिन परिस्थितियों में होरा का उपयोग होता है। इसमें ग्रहों की अहम भूमिका होती है।
होरा चार्ट क्या है?
होरा चार्ट फलादेश के लिए तैयार किया जाता है। हर व्यक्ति की एक राशि होती है और उसी आधार पर उसका स्वभाव और अन्य बातें तय होती हैं। इसी के आधार पर होरा चार्ट भी तैयार किया जाता है।