छठे भाव का केतु, सेहत और संबंधों का रखें ध्यान

छठे भाव का केतु, सेहत और संबंधों का रखें ध्यान

कुंडली में छठे स्थान पर केतु सुनकर ही भय सा लगने लगता है, लेकिन ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है। केतु अशुभ ग्रह होने के कारण परेशानी भले ही पैदा करे, लेकिन यह कुछ खास बातें भी लेकर आता है। मसलन यह आपको एक अच्छा सलाहकार बनाता है। सजगता के साथ ही विश्लेषण करने का खास गुण भी देता है। कुल मिलाकर बात यह है कि अगर केतु मित्र ग्रहों के साथ है तो यह आपको गुण प्रदान करेगा और यदि यह शत्रु ग्रहों के साथ है तो आपके लिए परेशानी पैदा कर सकता है, जीवन में आपको विपरीत परिणामों के लिए तैयार रहना होगा।

कुंडली में छठा घर केतु का सबसे पसंदीदा और आरामदायक घर होता है, जहां रहना केतु को पसंद आता है। इससे दुश्मनों का प्रभाव कम रहता है। इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता है। छठे घर में केतु दोनों तरह के परिणाम दे सकता है, आपकी मदद भी कर सकता है और विपरीत परिस्थितियों में आपको फंसा भी सकता है। ऐसे में यह स्थिति बहुत ही दिलचस्प रहती है कि जातकों के जीवन पर इसका क्या असर होगा।


छठा घर क्या दर्शाता है?

वैदिक ज्योतिष में छठे भाव को ‘अरि भाव या ‘शत्रु भाव के नाम से जाना जाता है। यह भाव इसलिए, क्योंकि यह स्वास्थ्य, रोग, गुप्त शत्रु और धन ऋण से जुड़ा भाव होता है। छठे भाव का स्वामी बुध आपको केतु के हानिकारक प्रभावों से बचने में मदद कर सकता है। यदि केतु चंद्रमा या मंगल के साथ युति बना रहा होता तो सबसे पहले यह ननिहाल पक्ष के साथ आपके संबंध खराब करता है।

इसका सीधा असर आपकी मां के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। यदि केतु शुभ ग्रह बृहस्पति के साथ स्थित होता है तो यह आपकी माता को दीर्घायु प्रदान कर सकता है। आप उनके साथ मधुर और प्रेमपूर्ण संबंध बन सकते हैं। राशि चक्र में यह भाव कन्या राशि का होता है।

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छठे भाव में केतु का प्रभाव

  • आध्यात्मिकता
  • स्वास्थ्य
  • हालात

छठे भाव में केतु का आपके व्यक्तित्व पर प्रभाव

छठे भाव में केतु आपके मानसिक तनाव को कम कर सकता है, आपकी चिंताओं को दूर कर सकता है। आपको जीवन की विभिन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए शारीरिक क्षमता प्रदान करता है। इस दौरान आप सामाजिक गतिविधियों में व्यस्त रह सकते हैं। समाज में आपके कार्य को सराहना मिलेगी, दूसरे लोग आपका सम्मान करने लगेगा। आगे सरपट दौड़ के जीवन में अपने लक्ष्यों का पीछा करेंगे। सफलता को हासिल करके ही रहेंगे। आपकी दृढ़ इच्छाशक्ति आपके दुश्मनों को नष्ट करने में आपकी मदद कर सकती है। केतु की यह स्थिति आपके खराब स्वास्थ्य को ठीक करने में मदद कर सकती है। बीते हुए जीवन की घटनाओं को पीछे छोड़ना आपके लिए संभव नहीं होगा। आस पास में आप ऐसे व्यक्ति हो सकते हैं, जिसकी सबसे ज्यादा तारीफ की जाती है।


छठे भाव में केतु का वैवाहिक जीवन पर प्रभाव

छठे भाव में केतु जातकों के वैवाहिक जीवन को सद्भाव और शांति से भर सकता है। यदि केतु छठे भाव में शुक्र या राहु के साथ होता है तो रिश्ते में सकारात्मक परिणाम ला सकता है। आप जीवनसाथी के साथ अच्छे प्रेम संबंध बनाने में सक्षम होंगे। आपका वैवाहिक जीवन रोमांस की महक से खिल उठेगा। छठे भाव में केतु की उपस्थिति एक जोड़े के रोमांस और अंतरंगता से संबंधित होती है।

ऐसा माना जाता है कि यदि आप शादी में अपने ससुराल वालों से बेड (पलंग) उपहार स्वरूप प्राप्त करते हैं तो आप पुत्र को जन्म दे सकते हैं। इसके साथ ही इस बिस्तर के कारण केतु का नकारात्मक प्रभाव कम हो सकता है। यदि छठे भाव में केतु और चंद्रमा एक साथ हों तो आपको अपने रिश्ते में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इन मामलों को सुलझाने के लिए आपको अदालत तक जाना पड़ सकता है।


छठे भाव में केतु का कॅरियर पर प्रभाव

छठे भाव में केतु के बारे में वैदिक ज्योतिष बताता है कि जातकों को अपने कॅरियर के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त प्रयास की आवश्यकता हो सकती है। छठे भाव में केतु आपके रास्ते में बाधा बन सकता है, लेकिन कॅरियर में सफलता प्राप्त करने के लिए धीरे-धीरे आ रही सभी बाधाओं को दूर कर सकते हैं। सफलता प्राप्त कर सकते हैं। आप दूसरों को आध्यात्मिकता का पालन करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं, ऐसे में आप एक अच्छे वक्ता भी बन सकते हैं। सार्वजनिक समारोहों में लोगों को संबोधित करना पसंद कर सकते हैं। घर से बहुत दूर जाकर उच्च शिक्षा को पूरा करने का मौका मिल सकता है। आप में से कुछ लोगों को विदेश जाने का मौका भी मिल सकता है। आप ज्योतिष के क्षेत्र में एक शानदार कॅरियर विकसित कर सकते हैं या एक शोधकर्ता के रूप में नाम कमा सकते हैं।


छठे भाव में केतु के उपाय

  • कान में सोना या बाएं हाथ की अंगुली में सोने की अंगूठी पहनना शुरू करें।
  • कुत्ता पालें व उसकी देखभाल करें।
  • केसर के साथ दूध का सेवन करें।
  • बुधवार या रविवार को गरीबों को कंबल दान करें।

समापन

हमारे सामने स्पष्ट है कि छठे घर में केतु के प्रभाव क्या क्या हो सकते हैं। केतु शत्रुओं के साथ मिलकर आपकी दुनिया को उल्ट सकता है। ननिहाल पक्ष के साथ आपके विवाद होने की संभावना बनी रहती है। आपके वैवाहिक संबंधों में आपको अच्छा समय मिलेगा।

अपने कॅरियर के संबंध में, आपको कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। मुश्किलों के बाद आपको सफलता जरूर मिलेगी। केतु छठे भाव में गोचर में संकेत करता है कि आपको अपने स्वास्थ्य का अत्यधिक ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही इसकी स्थिति दर्शाती है कि आपको अपनी मां और जीवनसाथी के स्वास्थ्य के प्रति चौकस रहना चाहिए।