जानें क्यों महत्वपूर्ण है अंक ज्योतिष (Numerology)?

जानें क्यों महत्वपूर्ण है अंक ज्योतिष (Numerology)?

क्या आपने कभी यह सोचा है कि 1 से लेकर 9 तक के ये अंक कुछ राशियों से जुड़े हुए क्यों हैं? या फिर क्या इन अंकों का लोगों की जिंदगी पर वास्तव में कोई प्रभाव पड़ता है? यदि हां तो कैसे?

अंक ज्योतिष के मुताबिक ज्योतिष शास्त्र के कुछ ऐसे पहलू और विशेषताएं हैं, जिनका जुड़ाव अंक ज्योतिष से है। अंक ज्योतिष किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व की विशेषताओं को प्रभावित करता है। साथ ही यह एक अर्थपूर्ण तरीके से उसकी भविष्य की जिंदगी पर भी प्रभाव डालता है। यदि किसी कुशल ज्योतिषी के बताए गए सिद्धांतों का सटीक तरीके से अनुसरण किया जाए, तो इससे एक बेहतर भविष्य का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।


अंक ज्योतिष क्या है?

क्या आपने कभी यह सोचा है कि 1 से लेकर 9 तक के ये अंक कुछ राशियों से जुड़े हुए क्यों हैं? या फिर क्या इन अंकों का लोगों की जिंदगी पर वास्तव में कोई प्रभाव पड़ता है? यदि हां तो कैसे?

अंक ज्योतिष के मुताबिक ज्योतिष शास्त्र के कुछ ऐसे पहलू और विशेषताएं हैं, जिनका जुड़ाव अंक ज्योतिष से है। अंक ज्योतिष किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व की विशेषताओं को प्रभावित करता है। साथ ही यह एक अर्थपूर्ण तरीके से उसकी भविष्य की जिंदगी पर भी प्रभाव डालता है। यदि किसी कुशल ज्योतिषी के बताए गए सिद्धांतों का सटीक तरीके से अनुसरण किया जाए, तो इससे एक बेहतर भविष्य का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।

दोस्तों हम आपको भारतीय तड़का लगाते हुए अंक ज्योतिष के बारे में बताने के लिए बड़े ही उत्साहित हैं। क्या आपको समझ में नहीं आया? ठीक है, तो इसके लिए आपको यह पूरा ब्लॉग पढ़ना चाहिये।


अंक ज्योतिष का इतिहास क्या है?

अंको के विचार 1907 से भी पहले से अस्तित्व में थे, लेकिन तब तक अंक ज्योतिष की खोज नहीं हो सकी थी। वैसे तो प्राचीन मिश्र, चीन, रोम, जापान और ग्रीस से कई रिकॉर्ड मिलते हैं, मगर ग्रीक दार्शनिक पाइथागोरस अंक ज्योतिष के जनक माने गए हैं।

अंक उनके लिए एक रहस्य से कहीं बढ़कर थे। वे जिंदगी में सभी चीजों से अंकों का संबंध पता लगा सकते थे। वे एक महान गणितज्ञ और दार्शनिक थे। वैसे तो उनकी जिंदगी का अधिकांश हिस्सा एक रहस्य ही रहा, लेकिन अंकों के लिए उनका जुनून अच्छी तरह से दस्तावेजों का हिस्सा बन गया। इनके बहुत से प्रमाण भी मौजूद हैं। वे चेल्डियन अंक ज्योतिष का अध्ययन करने के लिए 22 वर्षों के लिए मिश्र भी गए थे।

उनका विश्वास था कि 1 से लेकर 9 तक के सभी अंक बड़े ही महत्व वाले हैं और जिंदगी की सभी चीजों को इसमें परिवर्तित किया जा सकता है। इसलिए अक्षरों से अंकों के मूल्यों को जोड़ने का विचार ही पाइथागोरस अंक प्रणाली के रूप में जाना गया है।

इतना ही नहीं, दुनिया भर की बहुत सी धार्मिक किताबों में अंकों के महत्व को देखा जा सकता है। किताब 888 ईसा मसीह का प्रतिनिधित्व करती है। वहीं 666 जानवरों से संबंधित है।

उसी तरह से टैरो में सभी कार्ड के अंक हैं और इन सभी का अपना खुद का महत्व भी है।


अंक ज्योतिष चित्र (Numerology Portrait) क्या है?

अंक ज्योतिष चित्र एक ज्योतिषीय नेटल चार्ट की तरह है। यह एक ऐसा व्यक्तिगत मार्गदर्शक है, जिसकी मदद से कोई भी व्यक्ति अपनी शक्तियों, कमजोरियों और इस बात का पता लगा सकता है कि इससे क्या हो सकता है।

ज्योतिष शास्त्र में आप अपनी व्यक्तित्व का चित्र अपनी जन्म की तारीख, समय और जगह के आधार पर तैयार कर सकते हैं। अंक ज्योतिष में यह थोड़ा आसान है। यहां इसकी गणना अंक ज्योतिषी चार्ट में केवल छह अंक के आधार पर की जाती है। इन छह अंकों से तीन की गणना जन्म की तारीख के आधार पर होती है, जबकि अन्य तीन की गणना एक व्यक्ति के नाम के अक्षरों से निकाले गए अंकों के आधार पर होती है।

अन्य महत्वपूर्ण अंकों की बात करने के दौरान भाग्यांक सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इसकी गणना सभी 6 अंक जन्म की तारीख से लेकर माह और वर्ष को एकल अंक में करके की जाती है। इसी तरह से अंक ज्योतिष प्यार को लेकर भी भविष्यवाणी करता है। भाग्यांक उस सबसे अच्छे रास्ते के बारे में बताता है, जिस पर चलकर कोई व्यक्ति अपनी जिंदगी को पूरी तरीके से जी सकता है।

अंक ज्योतिष चार्ट (संख्यात्मक चित्र) में जो 6 अंक सबसे महत्वपूर्ण हैं, वे हैं:

आत्मा का अनुरोध: यह किसी की अंदरूनी इच्छाओं से नाता रखता है।
व्यक्तित्व अंक: एक चरित्र की विशेषताएं।
शक्ति अंक: एक चरित्र की शक्ति।
जन्मदिन अंक: यह एक चरित्र के पहले प्रभाव के बारे में होता है।
भाग्यांक: वह रास्ता जिसे जीवन में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए अपनाया जाना चाहिए।
दृष्टिकोण अंक: सफल होने के लिए जिंदगी के प्रति दृष्टिकोण का होना जरूरी है।

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जन्म अंक ज्योतिष क्या है?

जन्मदिन अंक का जन्म अंक ज्योतिष कुछ ऐसा है, जो उस दिन को दिखाता है, जिस दिन उस व्यक्ति ने जन्म लिया था। किसी भी व्यक्ति का जन्मदिन अंक यह दिखाता है कि बाहरी दुनिया में उसकी पहली छाप कैसी रही है। यह बहुत ही मायने रखता है, क्योंकि इसके अलग-अलग अर्थ भी होते हैं। यदि किसी भी इंसान का भाग्यांक उसके जन्मदिन अंक से मेल खाता है, तो उसके लिए पढ़ाई करना आसान हो जाएगा। यदि ये समान नहीं हैं, तो उन्हें पहचानने के लिए लोगों को कुछ वक्त की जरूरत पड़ेगी।

जन्मदिन अंक की गणना करने के लिए जन्मदिन की तारीख के अंकों को लेकर उन्हें जोड़ दिया जाता है (दो अंकों की संख्या के मामले में)।


नाम अंक ज्योतिष क्या है?

नाम ही वह पहली चीज है, जिसे बता कर लोगों को हम अपना परिचय देते हैं। वास्तव में यही हमारी पहचान है, जिसकी वजह से दुनिया में लोग हमें जानते हैं। हमारे नाम के हर अक्षर में गुप्त अंक छिपे होते हैं, जो हमारे अंक ज्योतिष का चित्र तैयार करते हैं।

इतना ही नहीं, दिल की इच्छा अंक, व्यक्तित्व अंक और शक्ति अंक, ये सभी अंक नाम से ही खींचे गए हैं। चाहे व्यक्तिगत जिंदगी हो, कॅरियर हो या फिर पेशेवर जिंदगी, इस दुनिया में हमारे नाम से ही सब कुछ नियंत्रित होता है।

उदाहरण के लिए आदित्य प्रताप सिंह सिसोदिया के बारे में कोई भी नहीं जानता और उनका स्टेज वाला नाम बादशाह दुनिया भर में मशहूर है। यही वजह है कि किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को अपने जीवन में शुरू करने से पहले अपने नाम का अंक ज्योतिषीय विश्लेषण कर लेना बहुत ही जरूरी होता है।

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ज्योतिष क्या है?

इंसानों के पेशेवर, व्यक्तिगत और कॅरियर के मार्ग पर ब्रह्मांडीय ऊर्जा के साथ ग्रहों और सितारों का जो प्रभाव पड़ता है, वही ज्योतिष है। जितने भी लोग होते हैं, इन सभी के जीवन पथ और जिंदगी में इनके लक्ष्य इन ग्रह पिंडों से बड़े पैमाने पर प्रभावित होते हैं। यही कारण है कि ग्रहों की स्पष्ट स्थिति को सही तरीके से मालूम करने के लिए जन्म चार्ट यानी कि जन्म कुंडली तैयार की जाती है।

जन्म कुंडली को तैयार करने के लिए उस व्यक्ति के जन्म की तारीख, समय और जगह की आवश्यकता पड़ती है। इसमें सौरमंडल में मौजूद सभी बड़े ग्रह शामिल होते हैं। वैसे तो इन सभी की अपनी-अपनी विशेषताएं हैं, फिर भी इन ग्रहों की स्थिति यह दर्शाती है कि किसी भी व्यक्ति के पेशेवर या फिर व्यक्तिगत जीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ने वाला है।


वैदिक ज्योतिष बनाम पश्चिमी ज्योतिष

वैदिक ज्योतिष और पश्चिमी ज्योतिष के बीच यदि हम अंतर का पता लगाने के लिए बैठते हैं, तो इसमें हमें बहुत से अंतर मिलते हैं। यहां हम इनके बीच के सबसे प्रमुख पांच अंतरों के बारे में बता रहे हैं:-

उत्पत्ति

जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि वैदिक शास्त्र से वैदिक ज्योतिष को अपना नाम मिला है। हजारों वर्ष पहले प्राचीन ऋषि-मुनियों ने इसे विकसित किया था। इस तरह से इंसानों के लिए वैदिक ज्योतिष को भगवान की तरफ से दिया गया एक पवित्र उपहार भी माना गया है।
प्राचीन ग्रीस के समय के दौरान पश्चिमी ज्योतिष के निशान मिलते हैं। हालांकि यूरोपीय लोगों के दिमाग की खोज का नतीजा आधुनिक पश्चिमी ज्योतिष को अधिक कहा जा सकता है।

ज्योतिषीय गणना

वैदिक ज्योतिष की बात करें तो एक निश्चित ग्रह के साथ एक निश्चित राशि के बारे में यह होता है, जो कि नक्षत्र राशि के रूप में भी जाना जाता है। सूर्य के चारों तरफ एक चक्कर पूर्ण करने के लिए पृथ्वी जितना समय लेती है, नक्षत्र इसी का प्रतिनिधित्व करता है। साथ ही उष्णकटिबंधीय वर्ष पर यह 20 मिनट अतिरिक्त लंबा होता है।
अब पश्चिमी ज्योतिष की बात करें तो यह घूर्णन कर रही राशियों के आधार पर काम करता है। यह पृथ्वी द्वारा सूर्य के घूर्णन पर आधारित है और यह उष्णकटिबंधीय राशि के तौर पर भी जाना जाता है।

ग्रह

वैदिक ज्योतिष में कुल ग्रहों की संख्या 9 है। इनमें सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि और राहु-केतु शामिल हैं। वैदिक ज्योतिष में ज्योतिष के 12 संकेतों का प्रयोग करते हुए 27 चंद्र नक्षत्रों को भी इस्तेमाल में लाया जाता है।
वहीं पश्चिमी ज्योतिष में ठीक वैदिक ज्योतिष के विपरीत किसी भी व्यक्ति के भविष्य के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए यूरेनस, नेप्चून, और प्लूटो का इस्तेमाल किया जाता है।

समय प्रणाली

वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के गोचर का विश्लेषण करने वाली विशोमत्तरी दशा प्रणाली को लागू किया जाता है।
वहीं पश्चिमी ज्योतिष ग्रहों के गोचर का अध्ययन उनकी प्रगति और उनकी चाल के आधार पर करता है।

सौर और चंद्र प्रणाली

सूर्य की चाल और इसकी स्थिति पर पूरी तरह से पश्चिमी ज्योतिष आधारित होता है। पश्चिमी ज्योतिष में हमेशा किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के साथ उसके चरित्र एवं मनोविज्ञान पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
वहीं वैदिक ज्योतिष प्रणाली चंद्रमा पर आधारित होता है और जीवन के सभी पहलुओं पर इसमें ध्यान केंद्रित किया जाता है।


किस प्रकार का ज्योतिष ज्यादा सटीक है?

किसी भी व्यक्ति के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए वैदिक ज्योतिष को सबसे उन्नत और सबसे सिद्ध तरीका माना जाता है। नक्षत्रों, दशा प्रणाली और मंडल चार्ट पर केंद्रित करने वाली यह वास्तव में एक बड़ी ही असर डालने वाली एवं जटिल प्रक्रिया है, जिससे किसी भी इंसान के जीवन में गहराई से झांकने के लिए अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है।

पश्चिमी ज्योतिष सूर्य राशि पर आधारित होता है, जिसमें कि 1 महीने में बदलाव आता है। वहीं, वैदिक ज्योतिष चंद्र राशि पर आधारित होता है और हर 2.25 दिनों में यह बदल जाता है। यह अधिक बार होता है। अब चूंकि इस दुनिया में सारी चीजें ज्यादा बार बदलती हैं, यही वजह है कि वैदिक ज्योतिष को सबसे सटीक और श्रेष्ठ माना जाता है।


ज्योतिष में सबसे शक्तिशाली अंक कौन सा है?

हमेशा यह सुनने में मिलता है कि 1 से 9 तक के एकल अंक सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं, मगर फिर भी हमेशा एक अपवाद जरूर होता है।

यही वजह है कि दो अंकों की संख्या 11, 22 और 33 को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है और साथ ही मास्टर अंक भी इन्हें कहा जाता है। अन्य अंकों की तुलना में इनके पास कहीं अधिक क्षमता मौजूद होती है।

वास्तव में ये अंक इतने ताकतवर होते हैं कि यदि ये किसी भी व्यक्ति के अंक ज्योतिष वाले चार्ट में आ जाएं, तो उस व्यक्ति को इसकी उम्मीदों पर खरा उतरना पड़ता है और इसके एकीकरण के लिए समय और परिपक्वता की भी जरूरत होती है।

हालांकि, वे अपने साथ बहुत से लाभ भी लेकर आते हैं। यदि कोई व्यक्ति इसके साथ सामंजस्य बैठा पाने में सक्षम नहीं होता, तो उस व्यक्ति के नजरिए को यह विस्तार देता है और ऊंचा लक्ष्य रखने के लिए उसकी क्षमता में भी बढ़ोतरी करता है।


मैं अंक ज्योतिष और ज्योतिष कैसे सीख सकता हूं?

इनका अध्ययन करने के लिए और इन्हें समझने के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है इन अंकों के व्यक्तिगत अर्थ को समझना। इनके कुछ निश्चित नियम बने हुए हैं, जिनमें हरेक अंक शामिल हैं:

0: पूर्णता
1: अहंकार, अपने जीवन पर ध्यान केंद्रित करें
2: संतुलन, पारस्परिक संबंध
3: तत्वों के बीच बातचीत और प्रवाह
4: नए विचारों का सृजन
5: आगे बढ़ने और लक्ष्यों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करना
6: जीवन में गति
7: मानसिकता
8: शक्ति
9: बदलाव
10: पुनर्जन्म और नई आशा

इसके साथ ही आप निम्नलिखित कार्य करना शुरू कर सकते हैं:

परिवार के सदस्यों और संबंधियों पर निःशुल्क पढ़ने का अभ्यास शुरू कर दें।
अंक ज्योतिष के बारे में बार-बार पढ़ना शुरू करें।
अंक ज्योतिष की अलग-अलग श्रेणियों जैसे पाइथागोरस, चेल्डियन और अब्रकदबरा की खोज करें।
दुनिया के मशहूर लेखकों और अंक ज्योतिषों के बारे में पढ़ना शुरू कर दें।

ज्योतिष सीखने के लिए कुछ कदम निर्धारित किए गए हैं, जिनका पालन किया जाना चाहिए:

  • फ्लैश कार्ड बनाएं।
  • आधारभूत बातों की बार-बार समीक्षा करें।
  • कुछ चार्ट के साथ प्रैक्टिस करें।
  • एक ज्योतिष शिक्षक के साथ काम करें।
  • ज्योतिषीय समूह की बैठक में शामिल हों।
  • ज्योतिषीय कैलेंडर का अनुसरण करें।
  • ग्रहों की स्थिति के साथ पंचांग के बारे में जानकारी हासिल करें।
  • कुंडली के बारे में जानें।

तो दोस्तों हमें उम्मीद है कि आपको अंक ज्योतिष, ज्योतिष और राशि अंक ज्योतिष के बारे में पढ़ने और सीखने में आनंद का अनुभव हुआ होगा। हम यह भी उम्मीद रखते हैं कि जब भी आपको अपने अंक ज्योतिष राशिफल के बारे में जानने की जरूरत होगी, तो आप अब इसे आसानी से समझ पाएंगे, क्योंकि इसकी बुनियादी चीजों को आप समझ चुके हैं। तो हमारी ओर से अब बस इतना ही। अलविदा कहने का वक्त आ गया है।



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