वास्तु का क्या असर है स्वास्थ्य पर

वास्तु का क्या असर है स्वास्थ्य पर

जीवन में कभी-कभार हमें ऐसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जो किसी भी इलाज से संभव नहीं होती है। ऐसा हमारे जीवन में वास्तु दोष के कारण होता है। हम सभी यह सोच रखते हैं, कि जीवन में किसी तरह की समस्या उत्पन्न न हो, और पूरा परिवार खुशहाल जीवन व्यतीत करें। एक पुरानी कहावत है कि स्वास्थ्य से बढ़कर कोई धन नहीं होता है। हमारी जीवन शैली को संतुलित रखने के लिए हमारा स्वास्थ्य ठीक होना आवश्यक है।

जब हम किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे होते हैं, तब जीवन में तनाव आने लगता है, जो हमारी जीवन शैली को असंतुलित कर देता है। इसके साथ जिंदगी में दुखों का आगमन महसूस करते हैं। एक स्वस्थ शरीर सुखी और लंबे जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। यह आपके जीवन को समृद्ध, अधिक आरामदायक और पुनर्जीवित करता है। अगर आपके जीवन में स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे हल नहीं होते हैं, तो आपको वास्तु दोष की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहिए। वास्तु हेल्थ टिप्स आपके जीवन में आवश्यक भूमिका निभाता है। यह जानना आवश्यक है कि हमारा घर हमारे स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है।

वास्तु शास्त्र आपके जीवन में काफी महत्वपूर्ण है। यह प्राचीन भारतीय विज्ञान के अनुसार आपके जीवन पर काफी प्रभाव डालता है। वास्तु शास्त्र सिर्फ भूखंड की दिशाओं और आकार के बारे में नहीं है, यह आपको अपने जीवन को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखने में काफी मदद करता है। यदि हम स्वास्थ्य और धन के लिए वास्तु युक्तियों का पालन करते हैं, तो हम एक फिट और सक्रिय जीवन जी सकते हैं। भारतीय वास्तु विज्ञान आपको आनंदित और उत्साही जीवन प्राप्त करने में अंतिम समाधान प्रदान करता है।


बेहतर जीवन के लिए स्वास्थ्य-दोषों को कम करने के लिए करें ये उपाय

स्वस्थ भोजन करना और अच्छी तरह से व्यायाम करना एक अच्छी आदत है। यदि आप एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे हैं, तो आपको स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अपनी स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़े समाधानों के लिए वास्तु विशेषज्ञों से सलाह लेनी चाहिए। आपके घर का दिशाएं भी आपके स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है। हम आपको एक सही घर की वास्तु दिशाएं साझा कर रहे हैं।

  • शौचालय निर्माण के लिए उत्तर-पूर्व का स्थान सहीं नहीं है। यह कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकता है और इसके प्रभाव से आपकी जीवन शैली भी प्रभावित हो सकती है। उत्तर-पूर्व कोने में अतिसंवेदनशील है और आपके जीवन को प्रभावित करता है।
  • घर में बेडरूम का स्थान भी जीवन को प्रभावित कर करता है। अगर कोई कपल उत्तर-पूर्व साइड के बेडरूम का इस्तेमाल कर रहा है, तो गर्भावस्था के दौरान समस्या होने की संभावनाएं होती हैं। कभी-कभी यह असामान्य प्रसव हो सकता है। पूर्वोत्तर क्षेत्र से आने वाली ऊर्जाएं आपके स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकती है। आपको अपने घर की दिशाएं वास्तु के अनुसार ही रखनी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर पूर्व की दिशा पवित्र है, इसका इस्तेमाल वास्तु शास्त्र के अनुरूप ही किया जाना चाहिए।
    आपको इस बात का भी अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि सोते समय अपना सिर उत्तर-पूर्व में न रखें, क्योंकि उत्तरी ध्रुव से निकली ऊर्जा आपकी नींद में बाधा डालती है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा करती है।
  • भगवान वरुण उत्तर-पश्चिम कोने के शासक हैं, यह कोने अच्छे स्वास्थ्य और लंबे जीवन का प्रतीक है। इस क्षेत्र में वास्तु दोष होने से परिवार में असमय मृत्यु की आशंका हो सकती है।
  • उत्तर-पश्चिम कोने में वास्तु दोष शारीरिक समस्याओं का कारण हो सकता है। उत्तर-पश्चिम का स्थान कपल के बेडरूम के लिए अशुभ है। इस क्षेत्र में अस्थमा, श्वास रोग, खांसी, सर्दी और गले में खराश सहित सांस लेने में समस्या हो सकती है।
  • दक्षिण-पश्चिम दिशा में बोरवेल, भूमिगत पानी के टैंक, स्विमिंग पूल स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। यह बदले में तनाव और अवसाद जैसे मानसिक मुद्दों का निर्माण करते हैं। इसीलिए वास्तु के अनुसार ही आपके घर का निर्माण करना चाहिए।
  • दक्षिण-पूर्व क्षेत्र इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए सही स्थान है। इस कोने में यदि आप बेडरूम का निर्माण करवाते हैं, तो यह उच्च रक्तचाप और गंभीर चिड़चिड़ापन हो सकता है। इससे वैवाहिक रिश्तों में झड़प हो सकती है। इसके अलावा सामान्य दृष्टि से देखा जाए, तो भी दक्षिण-पूर्व में बेडरूम होने से प्रचुर मात्रा में धूप मिलती है, जो गर्मी का कारण बनती है। इसलिए अधिकांश वास्तु विशेषज्ञ दक्षिण-पूर्व कोने में बेडरूम का निर्माण नहीं करने का सुझाव देते हैं।
  • घर के पूर्वी क्षेत्र में आपके कोई भी भारी वस्तु नहीं रखना चाहिए। इसका कारण यह कि सूर्य सूर्य को ऊर्जाओं का पावर हाउस कहा जाता है। यदि आप पूर्व भारी वस्तुओं को रखते हैं, तो वह ऊर्जा आने से रोकता है। जिससे आपको या आपके परिवार के सदस्य आंखों से संबंधित समस्याओं, स्ट्रोक, पक्षाघात और गंभीर सिरदर्द से पीड़ित हो सकते हैं।
  • वास्तु के अनुसार अगर छत पर बारिश का पानी पश्चिम की ओर बहता है, तो पुरुषों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए हम आपसे आग्रह करना चाहते हैं कि कभी भी घर के निर्माण के समय वास्तु विशेषज्ञ के अवश्य सलाह करें।

नोट: वास्तु के अनुसार, अच्छे स्वास्थ्य और लंबे जीवन के लिए सूर्य के प्रकाश के सात रंग हैं। यह सात चक्रों से जुड़कर मानव शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। स्वस्थ जीवन के लिए सुबह की सूरज की किरणों का आनंद लें।


जीवन में स्वास्थ्य, धन और समृद्धि को आकर्षित करने के लिए वास्तु टिप्स

अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना जीवन में अत्यंत आवश्यक है। स्वस्थ जीवन के लिए वास्तु टिप्स के अनुसार हमारे घर का हर हिस्सा किसी न किसी तरह हमारे स्वास्थ्य को बहुत प्रभावित करता है। आपके घर में बेडरूम, डाइनिंग रूम, घर, रसोई और बाथरूम का प्रत्येक कोना नकारात्मक और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है, जो हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। फिट बॉडी और स्वस्थ दिमाग के लिए वास्तु सिद्धांतों को लागू करते समय निम्न बातों को ध्यान में रखा जाना चाहिए:

  • उत्तर-पूर्व दिशा को शुभ माना जाता है, क्योंकि यह अच्छे स्वास्थ्य का समर्थन करती है। इसलिए, आपको इस दिशा में प्रतिदिन एक मोमबत्ती जलानी चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जाओं का घर में प्रवेश होता है।
  • पाइपों में रिसाव, सिंक जाम होना और नल का रिसाव नकारात्मक ऊर्जा को उत्पन्न करता है, जो आपको और परिवार वालों के स्वास्थ्य पर काफी गहरा प्रभाव डालता है। आपके घर में इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  • सीढ़ियों के नीचे पड़ी खाली जमीन का इस्तेमाल रसोई, शौचालय और स्टोर रूम के रूप में नहीं करना चाहिए। यह परिवार के सदस्यों के बीच मनमुटाव को बढ़ावा देती है। साथ ही आपके लिए हृदय रोग का कारण भी बन सकती है।
  • पढ़ाई या काम करते समय उत्तर या पश्चिम की ओर मुंह करके बैठना शुभ होता है, यह आपके मन को तनाव मुक्त रखता है। घर में तुलसी का पौधा रखें, इससे घर की हवा और वातावरण शुद्ध रहता है। इसके अलावा कांटेदार पौधों जैसे रबड़ के पौधे, बोनसाई, कैक्टस और अन्य दूधिया पौधों को रखने से बचें। यह पौधे जीवन में तनाव का कारण बनते हैं।
  • वास्तु शास्त्र में बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी भी दी गई है। घर के पूर्वोत्तर भाग में सीढ़ियों या शौचालय के निर्माण से बचें। यह स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है और बच्चों के विकास को बाधित कर सकता है।

बेडरूम वास्तु टिप्स

  • उत्तर-पूर्व दिशा में मास्टर बेडरूम के निर्माण से बचें। इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। मास्टर बेडरूम डिजाइन करने के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा एकदम सही स्थान है।
  • हमेशा शांतिपूर्ण और स्वस्थ जीवन शैली के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा में सोना शुभ होगा। वास्तु टिप्स के अनुसार उत्तर दिशा की ओर सोना उपयुक्त नहीं है, क्योंकि यह तनाव और दर्द का कारण बनता है।
  • उत्तर-पूर्व दिशा में सोना गर्भवती महिला के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि इससे गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है।
  • कमरे में हमेशा साधारण लकड़ी के बिस्तर रखें। लोहे के बेड पर न सोएं। इसके अलावा, आपको भंडारण स्थान के साथ बिस्तर से बचना चाहिए, क्योंकि यह मस्तिष्क और हृदय रोगों को बढ़ावा देता है।
  • आपको सोते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि लाइट बीम के नीचे न सोएं। क्योंकि यह अवसाद, सिरदर्द और भूलने की बीमारी को पैदा करता है। इसके अलावा बिस्तर के सामने आईना रखने से भी बचना चाहिए, यह बुरे सपने का कारण बनता है।
  • अपने बिस्तर को बाथरूम की दीवार के साथ न लगाएं, क्योंकि यह पर्यावरण में नकारात्मकता लाता है।
  • बेहतर और अच्छी नींद के लिए, बिस्तर पर जाने से पहले मोबाइल का इस्तेमाल करने से बचें। सोते समय उन्हें बिस्तर से दूर रखें।

किचन से संबंधित वास्तु टिप्स

दक्षिण-पूर्व दिशा रसोईघर (किचन) बनाने के लिए एकदम सही स्थान है। इसके अलावा खाना पकाना और बनाना पूर्व की दिशा में होने चाहिए, क्योंकि यह पाचन और अच्छे स्वास्थ्य को उत्तेजित करता है।

उत्तर-पूर्व दिशा में रसोईघर का निर्माण न करें। यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं और दुर्घटनाओं की ओर इशारा करता है।

रसोई घर और शौचालय का निर्माण एक साथ नहीं करना चाहिए। एक-दूसरे से दूरी बनाए रखें। इससे नकारात्मक ऊर्जाओं का प्रवाह होता है, जो आपके स्वास्थ्य से संबंधित गड़बड़ी पैदा कर सकता है।


वास्तु टिप्स का पालन कर अपने स्वास्थ्य में सुधार करें

वास्तु शास्त्र में दक्षिण-पूर्व क्षेत्र को अग्नि कोण या अग्नि का केंद्र माना जाता है। अग्नि की गर्माहट और जलन स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। रसोई घर डिजाइन करने के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा एकदम सही है। वास्तु शास्त्र के अनुसार गलत दिशा में किसी भी कमरे या रसोई घर का निर्माण स्वास्थ्य की गंभीर समस्याओं का कारण बनता है। इसलिए घर में सही पौधे और रंग का उपयोग कर वास्तु दोषों को संतुलित किया जा सकता है। एक बात आपको कभी नहीं भूलनी चाहिए कि वास्तु एक विज्ञान है, जो एक ऐसे समय में पेश किया गया था जब बिजली नहीं थी। सूर्य और हवा की चाल के अनुरूप घर की दिशा निर्धारित की गई थी।


नाम में सब कुछ है

वास्तु सुझावों के अनुसार घर के मालिक का नाम, स्वास्थ्य से संबंधित चीजों का प्रतीक है। घर बनाते समय ही आपको वास्तु निर्देशों का पालन करना चाहिए। ताकि किसी तरह की समस्या न हो। इसलिए, घर में रहने वाले सदस्यों की भलाई और उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए वास्तु टिप्स के पालन करने की सलाह दी गई है।


सही रंग का चुनाव करें

जीवन में रंगों का भी विशेष महत्व है। पीले और नारंगी जैसे जीवंत रंग नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करते हैं। दीवारों को रंगने के लिए इन रंगों का उपयोग करें। इसके अलावा आप घर के कोनों में मोमबत्तियाँ, तौलिये, कृत्रिम फूल और छोटे सजावटी चीजें रख सकते हैं। अव्यवस्थित कमरे, लीकेज की समस्या, क्लॉटेड नालियां घर में नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं। यदि परिवार में कोई भी सदस्य अवसाद, मानसिक तनाव या एलर्जी से पीड़ित है, तो आप इन जीवंत रंगों का उपयोग अपने बिस्तर, सोफे या पर्दे पर कमरे को सजाने के लिए कर सकते हैं। ये रंग घर से नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करते हैं।


इको-फ्रेंडली बनें

हर कोई अपने घर को बाहर या अंदर सजाने के लिए कई तरीके अपनाता है। कई लोग मनी प्लांट लगाना पसंद करते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार यह माना जाता है कि घर पर मनी प्लांट कुछ विशिष्ट क्षेत्रों में अच्छे हैं। वास्तु टिप्स के अनुसार स्वस्थ जीवन के लिए घर के किसी भी कोने में मनी प्लांट न रखें, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा पैदा कर सकता है। इससे बेहतर होगा कि आप अपने घर में हरे पौधे को लगाए, इससे घर में सकारात्मक ऊर्जाओं का संचार होगा, और परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ रहते हैं।


हवा के संचालन का ध्यान रखें

जब भी आप घर का निर्माण करें, तो सुनिश्चित करें कि आप घर में उचित धूप और वायु का संचार हो सके। यदि घर में पर्याप्त रोशनी मिलेगी तो आपको सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होगी। ताजी हवा और धूप के लिए सुबह के समय खिड़कियां खुली रखें। वातावरण में सकारात्मकता लाने के लिए आप पानी के फिल्टर या गमले के पास शाम को भी तेल का दीया जला सकते हैं।

आशा करते हैं कि आपको इस बात का एहसास हो गया होगा कि गलत दिशाओं और घर पर चीजों के गलत इस्तेमाल से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अच्छे स्वास्थ्य और धन के लिए वास्तु टिप्स का पालन करके, आप सुंदर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।

किसी भी समस्या से संबंधित जानकारी से लिए ज्योतिषी से परामर्श ले सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमारे ज्योतिषियों से संपर्क करें!



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