जानिए देव उठनी एकादशी के उपाय और तुलसी पूजा का विशेष मुहूर्त

जानिए देव उठनी एकादशी के उपाय और तुलसी पूजा का विशेष मुहूर्त

देव उठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadsahi) इस साल यानी 4 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन तुलसी पूजा का विशेष महत्व है। पिछले चार महीने से बंद पड़े सभी तरह के शुभ काम Dev Uthani Ekadashi के दिन से शुरू हो जाते हैं। माना जाता है कि देवोत्थान एकादशी या देव उठनी ग्यारस को भगवान विष्णु अपनी निद्रा से जागते हैं। जानते हैं इस दिन के कुछ खास उपाय और तुलसी पूजा का खास मुहूर्त…


देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का मुहूर्त

देवउठनी ग्यारस पर तुलसी पूजा का विशेष महत्व है। पूरे कार्तिक महीने तुलसी की पूजा का विशेष लाभ प्राप्त होता है। 4 नवंबर को देव उठनी ग्यारस (एकादशी) पर तुलसी विवाह या तुलसी पूजा इस विशेष मुहूर्त पर की जा सकती है। 

पूजा का मुहूर्त

एकादशी तिथि शुरू – 07:30 अपराह्न 03 नवंबर, 2022
एकादशी तिथि समाप्त – 06:08 शाम 04 नवंबर, 2022

 


15 नवंबर को भी कई जगह मनाएंगे देव उठनी एकादशी

पंचांग भेद के अनुसार कई जगहों पर देव उठनी एकादशी 4 नवंबर को भी मनाई जाएगी। हालांकि एकादशी तिथि की शुरुआत 3 नवंबर शाम 07:30 से हो जाएगी। इसलिए उदयकालीन तिथि के अनुसार देव उठनी एकादशी पर्व 4 नवंबर को शुभ माना गया है।

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देव उठनी एकादशी के कुछ उपाय

  • देवउठनी ग्यारस पर भगवान विष्णु का दूध में केसर मिलाकर अभिषेक करना चाहिए।
  • धन वृद्धि के लिए देवउठनी एकादशी पर किसी विष्णु मंदिर में खीर का भोग लगाएं। इसके बाद किसी कन्या को यह खीर खिलाएं।
  • गरीबों को जरूरत का सामान विशेषकर अन्नदान करने से अटके काम बनने लगेंगे।
  • देव उठनी एकादशी पर तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक लगाएं। इससे आपके घर में सुख शांति बनी रहेगी।
  • देव उठनी एकादशी पर भगवान शिव के मंदिर में दीपदान करने से भी विशेष फलों की प्राप्ति होती है।


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