सूर्य राशि या चंद्र राशि – जीवन में सफलता के लिए किसे प्रमुख मानना चाहिए?

हम सभी के जीवन पर ग्रहों का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। यदि सितारे आपके पक्ष में हों तो आप बड़ी आसानी से अपने हर लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। यदि ग्रह प्रतिकूल हो जाए तो आप मामूली चीज पाने के लिए भी तरस जाएंगे।

हमारे जीवन का कोई भी क्षेत्र चाहे वो फाइनेंस, स्वास्थ्य, प्रेम संबंध अथवा वैवाहिक जीवन हो, ग्रहों तथा राशियों से ही निर्धारित होता है। हालांकि कुछ चीजों को आप खुद भी अनुभव के आधार पर परख सकते हैं। प्रचलित विभिन्न ज्योतिष पद्धतियों की बात की जाए तो वर्तमान में सूर्य राशि (Sun Sign) तथा चन्द्र राशि (अथवा लग्न) (Moon Sign) को महत्वपूर्ण माना गया है। इन्हीं दोनों राशियों को देख कर आप किसी भी व्यक्ति के बारे में कोई भविष्यवाणी कर सकते हैं, फिर चाहे उनकी नाम राशि कुछ भी क्यों न हो।

ज्योतिष के विद्वानों के अनुसार जातक के सटीक व्यक्तित्व को जानने के लिए लग्न तथा चन्द्र राशि का अध्ययन करना चाहिए। यदि आप केवल राशियों के आधार पर ही उस व्यक्ति का भूत, भविष्य या वर्तमान बताने का प्रयास करेंगे तो आपकी भविष्यवाणी गलत भी हो सकती है।


ज्योतिष में सूर्य राशि का महत्व (Significance of Sun Sign in Astrology)

वैदिक ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है। इसी की ऊर्जा से पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति तथा संरक्षण होता है। देखा जाए तो सूर्य न केवल पृथ्वी के जीव जगत वरन हमारे पर्सनल जीवन में भी बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब हम सूर्य राशि की बात करते हैं तो सबसे पहली जो चीज हमारे दिमाग में आती है, वह है व्यक्ति का व्यक्तित्व। सूर्य हमारे गुण, अहंकार, आंतरिक चेतना और हमारी आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है। आपकी सूर्य राशि दर्शाती है कि आप इस जीवन में क्या पाना चाहते हैं। साथ ही, यह भी इंगित करता है कि आपकी इच्छा पूरी करने के लिए आपको विरासत में क्या कुछ मिलेगा।

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ज्योतिष में चंद्र राशि का महत्व (Significance of Moon Sign in Astrology)

सूर्य राशि आपके चरित्र की जिन विशेषताओं को नहीं बता पाती है, उसे जानने के लिए चन्द्र राशि का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा आपकी चंद्र राशि आपकी सूर्य राशि के प्रभाव को भी संतुलित करने का कार्य करती है। चंद्र राशि से जातक की मूल आदतों, भावनाओं और विशेषताओं को सटीक रूप से जाना जा सकता है। हांलाकि, चंद्रमा की राशि आपकी भावनाओं, आपके अवचेतन मन और आत्मा को प्रकट करने का एक माध्यम है परन्तु इससे आप अपने अंदर छिपी क्षमताओं को भी पहचान सकते हैं।

जहां तक तत्वों का प्रश्न है, चंद्र राशि, सूर्य राशि से बहुत अलग है क्योंकि वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी तत्व चंद्र राशि से संबंधित हैं। आपके निजी जीवन और पारिवारिक जीवन का पूर्वानुमान केवल चंद्र राशि पर ही आधारित है। चंद्रमा सभी राशियों में तेजी से चलता है और सभी 12 राशियों को पूरा करने में लगभग एक महीने का समय लेता है, जबकि सूर्य को सभी 12 राशियों से गुजरने में पूरा एक वर्ष लगता है।

यही कारण है कि चंद्र राशि का निर्धारण सूर्य राशि से अधिक सटीक होता है। आप अपनी जन्मतिथि के जरिए अपनी सूर्य राशि को आसानी से जान सकते हैं परन्तु इसके लिए आपको अपने जन्मस्थान का भी पता होना चाहिए। इसी प्रकार चंद्र राशि का पता लगाने के लिए जन्मस्थान के साथ ही जन्म के समय का भी पता होना चाहिए। जन्म के समय में मिनट तक का सटीक पता होने से ही सही चंद्र राशि ज्ञात कर जातक के व्यक्तित्व तथा उसके भाग्य को पढ़ा जा सकेगा। आइए, चन्द्र राशि से संबंधित तत्वों पर गहराई से चर्चा करें।

वायु तत्व से संबंधित राशियां (Air Signs)

चन्द्र राशियों में मिथुन, तुला और कुंभ राशियां वायु तत्व से संबंधित हैं जो एक वस्तुनिष्ठ दृष्टिकोण को बताती हैं। जब आपको बाहरी दुनिया के साथ बातचीत करने का मौका दिया जाता है, तो आप निश्चित रूप से अपने अंदर एक अलग सी भावना का अनुभव करते हैं।

पृथ्वी तत्व से संबंधित राशियां (Earth Signs)

वृषभ, कन्या और मकर राशियां पृथ्वी तत्व से जुड़ी हुई हैं एवं स्थिरता और धैर्य को दर्शाती हैं। यदि चन्द्र लग्न में इनमें से कोई भी एक राशि हो तो जातक अपने लक्ष्य का अंत तक पीछा करते हैं और दूसरों के बजाय स्वयं से ही निकटता अनुभव करते हैं।

अग्नि तत्व से संबंधित राशियां (Fire Signs)

ज्योतिष में बताई गई 12 राशियों में से मेष, सिंह और धनु राशियां अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करती हैं। इनमें से कोई एक चन्द्र राशि होने पर जातक में भरपूर आत्मविश्वास तथा ताकत होती है जिसका वे सही समय पर उपयोग भी करते हैं।

जल तत्व से संबंधित राशियां (Water Signs)

सभी चन्द्र राशियों में से कर्क, वृश्चिक और मीन राशि को जल तत्व से संबंधित माना गया है। जल तत्व होने के कारण ये राशियां संवेदनशील तथा भावनाप्रधान व्यक्तित्व को दर्शाती हैं। विशेषकर जब जातक की भावना बहुत गहन होती है तो वह अपने अंदर झांकने की क्षमता प्राप्त कर लेता है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)

भारतीय ज्योतिष में चन्द्र राशि क्या बताती है? (What does Moon Sign Equate to in Hindu Astrology?)

भारतीय ज्योतिष के अनुसार, चंद्रमा हमारे मन का प्रतिनिधित्व करता है। इसी कारण चन्द्र राशि को प्रधानता देते हुए सभी शुभ कार्यों की शुरूआत चन्द्र राशि के आधार पर ही की जाती है। प्राचीन वैदिक ज्योतिष में गणना भी चन्द्र राशि को ही महत्व देते हुए की जाती है।

भविष्य में रिश्तों में सामंजस्य स्थापित करने के लिए दोनों में से कौन अधिक सटीक है? (Which of the Two are more Accurate to attain harmony in Relationships in the Future?)

किसी भी रिश्ते की सफलता पूरी तरह से रिश्ते से जुड़े दोनों लोगों पर निर्भर करती है। फिर भी ज्योतिष में कुछ ऐसे नियम हैं जिनके आधार पर हम किसी संबंध के सफल अथवा असफल होने की भविष्यवाणी कर सकते हैं। उदाहरण के लिए-

वृषभ और तुला राशि: इन दोनों ही राशियों का स्वामी ग्रह शुक्र है।

वृषभ और मिथुन राशि: दोनों राशियों के स्वामी ग्रह आपस में मित्र हैं।

कर्क और सिंह राशि: दोनों राशियों के स्वामी आपस में मित्र हैं।

मुझे सूर्य राशि अथवा चंद्र राशि में से किसे महत्व देना चाहिए? (Should I follow Sun Sign or Moon Sign?)

पाश्चात्य ज्योतिष पूरी तरह से सूर्य राशि पर आधारित है जबकि भारतीय वैदिक ज्योतिष इसके उलट चन्द्र राशि पर आधारित है। सूर्य राशि से व्यक्ति के बाहरी गुणों का अंदाजा लगाया जा सकता है परन्तु चन्द्र राशि से विस्तृत और सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है। चन्द्र राशि के आधार पर की गई गणना से नतीजे भी सटीक आते हैं इसलिए चन्द्र राशि का अनुसरण करना बेहतर है।

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क्या सूर्य राशि और राशि एक ही हैं? (Are the Sun Sign and Zodiac Sign the Same?)

यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस ज्योतिष प्रणाली का अनुसरण कर रहे हैं। यदि आप पाश्चात्य ज्योतिष के नियमों का पालन करेंगे तो वे सूर्य राशि को ही राशि मानते हैं। जबकि भारतीय ज्योतिष के अनुसार जातक की जन्मपत्रिका में जिस राशि में चन्द्रमा स्थित होता है, उसे चन्द्र राशि माना जाता है। इस प्रकार आप किस पद्धति का अनुसरण करते हैं, उसी के आधार पर राशि का निर्धारण किया जाता है।

अधिकतर रत्न चन्द्र राशियों के बजाय सूर्य राशियों से क्यों संबंधित हैं? (Why are the Gemstones mostly related to Sun Signs and not the Moon Signs?)

वैदिक ज्योतिष के अनुसार रत्नों के लिए जन्मकुंडली का उचित अध्ययन करना आवश्यक है। उपयुक्त रत्नों के प्रयोग से जातक के जीवन से विभिन्न समस्याओं को सहजता से दूर किया जा सकता है। वैदिक ज्योतिष में लग्न, पंचम तथा नवम भाव को बहुत शुभ माना जाता है। इससे हमें लक्ष्य प्राप्ति के लिए आवश्यक शक्ति और सकारात्मकता मिलती है। अत: सूर्य राशि के अनुसार रत्नों का सुझाव दिया जा सकता है परन्तु इसके साथ ही अन्य कारकों पर भी हमें विचार करना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात आपको कभी भी चंद्र राशि के अनुसार रत्न धारण नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे जीवन में बहुत सारी अनावश्यक समस्याएं पैदा होंगी। वास्तव में रत्न धारण करने के लिए आपको जन्मकुंडली का विस्तुत विश्लेषण करना चाहिए अन्यथा लाभ के स्थान पर हानि भी हो सकती है।


समापन

वैदिक ज्योतिष के विद्वानों के अनुसार हमें केवल सूर्य राशि तथा चन्द्र राशि को ही नहीं देखना चाहिए वरन लग्न एवं उसके स्वामी ग्रह की भी जांच कर लेनी चाहिए। सरल शब्दों में कहा जाए तो किसी भी व्यक्ति का प्रारंभिक व्यक्तित्व सूर्य राशि से तथा उसका मूल व्यक्तित्व चन्द्र राशि के द्वारा ज्ञात किया जा सकता है। परन्तु व्यक्ति के बारे में विस्तार से जानने के लिए सूर्य और चन्द्र राशि के साथ ही अन्य कारकों यथा ग्रहों की महादशा, अन्तर्दशा, ग्रहों की पारस्परिक युतियां तथा गोचर का भी अध्ययन करना चाहिए।



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