रत्न (Gemstone) आपके जीवन पर क्या प्रभाव डालते हैं, जानिए?

रत्न अपनी खूबसूरती और उनकी रहस्यमयी शक्तियों की मदद ने सभी का दिल जीत लेते हैं। यह सच है कि रत्न किसी ने किसी ग्रह से संबंधित होते हैं। यह जीवन में बड़ा परिवर्तन लाने में भी सक्षम होते हैं। रत्नों का व्यक्ति के जीवन से  भावनात्मक जुड़ाव से होता है। इन करामाती पत्थरों से निकलने वाली ऊर्जा से हमारा जीवन प्रभावित रहता है। जीवन में ऊर्जा, भावनाएं, आदतें, सोचने का तरीका और विश्वास, सभी पर यह रत्न प्रभाव डालते हैं। रत्न नकारात्मक वाइब्स को सकारात्मक तरंगों में बदलने की शक्ति रखते हैं।  लोग आमतौर पर उन्हें इसलिए पहनते हैं ताकि वे कमजोर ग्रहों को शक्ति प्रदान कर सकें। रत्नों के ऊर्जा पैटर्न सीधे भावनात्मक और मानसिक शक्ति को प्रभावित करते हैं। पहनने वाले को इन्हें पहनने के बाद सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।


जेमोलॉजी के बारे में जानकारी

मूल रूप से जेमोलॉजी रत्नों की कृत्रिम और प्राकृतिक सामग्री से संबंधित प्रक्रिया को कहा जाता है। रत्न धारण करने का मतलब महज अपने गहने को सुंदर बताना या फैशन को दिखाना नहीं है, बल्कि उनका मुख्य उद्देश्य ग्रहों को शक्ति प्रदान करना है। प्रौद्योगिकी और विज्ञान के साथ लोग इसे महसूस कर रहे हैं और इससे लाभ प्राप्त कर रहे हैं। रत्नों के बारे में कई प्रमाण और शास्त्र लिखे गए हैं जो भाग्य में बड़ा बदलाव लाने में सक्षम होते हैं।  इन पत्थरों की रहस्यमय और अदृश्य शक्तियां आपको एक स्थायित्व मन और मस्तिष्क के साथ सफलता हासिल करने में मदद करती हैं।

वैदिक ज्योतिष में रत्नों को व्यक्ति की कुंडली के अनुसार माना और पहचाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि उपयुक्त रत्न धारण करने से आप जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर कर सकते हैं। जेमोलॉजी कहती है कि यदि ग्रहों के कारण असफलता या दुख हो तो रत्न धारण करने वाले को उनसे छुटकारा पाने में मदद कर सकते हैं। आप अपने जीवन में सुख और समृद्धि वापस ला सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह भाग्य और सौभाग्य भी लाने में भी समक्ष हो सकते हैं। जीवन के मुश्किल दौर को पार करने के लिए पहनने वाले के लिए यह एक वरदान के रूप में काम कर सकता है। जेमोलॉजी हमें पत्थरों के बारे में एक विचार और दृष्टिकोण देती है। जेमोलॉजी हमें बताती हैं कि हमें किस तरह की कटिंग का रत्न पहनना चाहिए। यह आपको एक उचित रत्न चुनने में भी मदद कर सकती है। हालांकि, इसे पहनने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह लेने की सलाह दी जाती है, ताकि आपको ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके।


रत्नों से जुड़ी कुछ बातें

यहां हम रत्न की कुछ विशेषताएं बता रहे हैं, जो आपके लिए उपयुक्त रत्न चुनने में आपकी सहायता करेंगी।

रत्न की गुणवत्ता

एक ही वजन के दो रत्नों की कीमत उनके ज्योतिषीय महत्व के कारण अलग-अलग हो सकती है। रत्नों की विभिन्न दक्षताओं की तुलना करना बहुत महत्वपूर्ण है।

रत्न का रंग

रत्नों के रंग और गुण हमेशा छिपे रहते हैं। रत्न में तीन विशेषताएं होती हैं जैसे कि रंग, पूर्णता और उसकी टोन। जब हम उसकी गुणवत्ता की जांच कर रहे हों तो हमें उसके रंगों की अच्छी तरह से जांच करनी चाहिए। कोई भी रत्न मूल रूप से केवल अपने विशेष रंग और आकार में ही उपलब्ध हो सकता है।

रत्न की उत्पत्ति

हर रत्न एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इस पर कई कारक काम करते हैं। हर रत्न कीमती नहीं होता है। कुछ रत्न अत्यधिक महंगे होते हैं जो पूरी तरह से इसकी भौगोलिक स्थिति पर आधारित होते हैं, जहां यह पाया जाता है। मूल रूप से रत्न का  मूल्य उसकी गुणवत्ता और अन्य मानदंड तय करते हैं।

रत्न का उपचार

अपनी झलक और शक्ल-सूरत को सुधारने के लिए रत्न कई प्रक्रियाओं से गुजरते हैं। वैदिक ज्योतिष में मूल और गैर-मूल रत्नों को उनके उपचार के आधार पर विभेदित किया जा सकता है। रत्न का लेप, रंगाई और तपन उसके लिए आवश्यक होते हैं, यह इनकी मुख्य विशेषताओं में से एक होता है। 


रत्न के प्रकार

यहां विभिन्न प्रकार के रत्नों की सूची दी गई है, जिन पर ध्यान देना आपके लिए जरूरी है।

नीलम

जिन लोगों की कुंडली में शनि दोष होता है उन्हें नीलम धारण करने की सलाह दी जाती है। यदि कोई शनि के नकारात्मक प्रभावों से जूझ रहा है, तो उसे निजात पाने के लिए और लाभ प्राप्त करने के लिए इस रत्न को पहनना शुरू कर देना चाहिए। यह शनि का रत्न है, इसलिए आपको इसे उचित ज्योतिषीय परामर्श के बाद ही धारण करना चाहिए।

पुखराज

अधिक धन को आकर्षित करने और सर्वांगीण समृद्धि प्राप्त करने के लिए पीला नीलम यानी पुखराज सबसे अच्छा माना जाता है। इस रत्न को तर्जनी अंगुली में धारण करना चाहिए। इसमें उपचार के गुण भी होते हैं, इसलिए व्यक्ति हैजा और पीलिया से उबर सकता है। यह शुभ बृहस्पति द्वारा शासित पत्थर है।

पेरीडॉट

पेरिडॉट आपके धन में वृद्धि के लिए आपकी मदद कर सकता है। इसे पहनने के बाद आपके पास जीवन में शानदार चीजें हो सकती हैं। आपके सपने सच हो सकते हैं। मिस्र में, यह फैरोज द्वारा यह बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। जीवन में समृद्धि लाने या कर्ज को दूर करने के लिए यह रत्न बहुत फायदेमंद होता है।

पन्ना

यह रत्न आपकी दिमागी शक्ति और बुद्धि कौशल को बढ़ा सकता है। यह मस्तिष्क से संबंधित संकायों को सुधारता है। इनमें स्मरण शक्ति, संचार कौशल, बौद्धिक क्षमता और सीखने के कौशल में सुधार कर सकता है। पन्ना रत्न गुर्दे की बीमारियों के लिए फायदेमंद हो सकता है। यह तंत्रिका तंत्र की समस्या को ठीक करने में भी मदद करता है। यह शारीरिक शक्ति में सुधार करता है।

लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं? इनसे छुटकारा पाने के लिए विशेषज्ञ उपाय अपनाएं। एक्सपर्ट ज्योतिषी से बात करें।

गोमेद

यह रत्न आपको राहु के नकारात्मक प्रभावों से बचा सकता है। गारनेट आपको अपेक्षा से कम समय में त्वरित सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही यह आपको खुशी, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि को बहाल करने में मार्गदर्शन कर सकता है।

ओपल

ओपल (दूधिया पत्थर) का स्वामी शुक्र ग्रह होता है। इसे पहनने से आपको अपने प्रेम या विवाह संबंध में सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। इस रत्न को धारण करने से आपके वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी। यह रत्न समाज में एक अच्छी आत्म-छवि बनाने में आपकी सहायता कर सकता है।


रत्न धारण करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

रत्न धारण करते समय आपको जिन  बातों पर विचार किया जाना चाहिए, या जिनका ध्यान रखा जाना चाहिए, वे नीचे दिए गए हैं। यहां सभी रत्नों के लिए स्टेप बाय स्टेप जानकारी दी गई है।

  • अगर कोई गारनेट पहन रहा है तो गंगाजल से धोकर ही गारनेट पहनना चाहिए। फिर राहु बीज मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। इसके बाद गरीबों को काले रंग के वस्त्र दान करें।
  • यदि आप माणिक धारण कर रहे हैं, तो आपको इसे गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए और सूर्य मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए क्योंकि यह सूर्य द्वारा शासित है। आपको सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। शेष गंगाजल को धारण करने से पहले पौधों पर छिड़कना चाहिए।
  • नीलम को लेकर कम से कम 108 बार शनि मंत्र का जाप करें और नीले फूल चढ़ाएं। तिल और चावल का प्रसाद बनाएं और काला कपड़ा गरीब लोगों को दान करें। बचा हुआ गंगाजल पौधों या नदी में डालें और फिर धारण करें।
  • पन्ना धारण करने वाले जातक भी इसे ध्यान से गंगाजल से धोकर कम से कम 108 बार बुद्ध मंत्र का जप करें। इसके बाद मां सरस्वती की पूजा करें और उसे धारण करें।
  • ओपल को एक चम्मच शहद, घी, तुलसी और दही में लगभग 10 मिनट तक डुबोकर रखना चाहिए। शुक्र मंत्र का 108 बार जाप करें और फिर अंगूठी निकाल लें। फिर, अंगूठी को गंगाजल से धो लें और ओपल की अंगूठी पहनने से पहले शेष गंगाजल को पौधों में डाल दें।

 

जेमोलॉजी के अनुसार आपको किसी ज्योतिषी से परामर्श के बाद ही उचित रत्न धारण करना चाहिए। इसके साथ ही इसे पहनने से पहले आपको उनकी सलाह का पालन करना चाहिए। वैदिक ज्योतिष के अनुसार विभिन्न रत्न समृद्धि, चहुंओर सफलता के साथ अच्छा स्वास्थ्य और धन लाते हैं। इसे खरीदने से पहले इसकी स्पष्टता, गुणवत्ता, रंग और कीमत का ध्यान रखना चाहिए। कई नकली रत्न भी होते हैं जो असली पत्थरों की तुलना में अधिक दरों पर बेचे जाते हैं। किसी भी रत्न को खरीदते समय ईमानदार विक्रेताओं से ही खरीदनी चाहिए। रत्नों में आपके जीवन को पूरी तरह से नए स्तर पर बदलने की जादुई शक्ति होती है, इसलिए जीवन में बदलाव देखने के लिए इन्हें पहन सकते हैं।


समापन

हमने विभिन्न प्रकार के रत्नों और उनकी विशेषताओं के बारे में विस्तार से समझा। भाग्यशाली रत्न वह है जो जातक के भाग्य को अनुकूल रूप से बदल देता है। जन्म तिथि और कुंडली को देखकर  भाग्यशाली रत्न का निर्धारण किया जा सकता है। व्यक्तियों की कुंडली के अनुसार रत्न सभी को विशिष्ट तरीकों से प्रभावित करता है। आशा है कि आपके मन में रत्न के बारे में स्पष्ट तस्वीर थी।