इन वास्तु टिप्स का ध्यान रखने से घर में आएगी पॉजिटिव एनर्जी

वास्तुशास्त्र जिसे “साइंस ऑफ आर्किटेक्चर” भी कहा जाता है, का प्रयोग किसी खास जगह पर नेचुरल एलिमेंट्स और एनर्जी का परफेक्ट बैलेंस बनाने में किया जाता है। जब आप वास्तु के अनुसार कोई बिल्डिंग बनाते हैं तो यह बहुत जरूरी होता है कि उस स्थान से नेगेटिव एनर्जी को पूरी तरह से हटा दिया जाए और उसकी प्लानिंग इस तरह की जाए कि वहां पर पॉजिटिव एनर्जी का फ्लो कंटिन्यू बना रहे ताकि वहां रहने वाले लोगों का जीवन खुशहाल और सुखद बना रहे।

आज के इस प्रतियोगिता पूर्ण वातावरण में लोगों में स्ट्रेस, एंजाइटी और डिप्रेशन बढ़ता जा रहा है। यदि घर को वास्तु के नियमों के आधार पर बनवाया जाए तो घर में पॉजिटिव एनर्जी का फ्लो बढा़कर मेंटल स्ट्रेस को काफी हद तक खत्म किया जा सकता है। वास्तु घर में फ्रेश एयर और नेचुरल लाइट् का सही तरह से अरेंजमेंट करता है जिससे घर की नेगेटिविटी दूर होकर मन को शांति मिलती है और दिमागी तनाव खत्म होता है। इसलिए घर को वास्तुशास्त्र के अनुसार ही बनवाया जाना चाहिए ताकि उस घर में रहने वाले लोग स्वस्थ, समृद्ध तथा प्रसन्न रह कर अपना जीवन बिता सकें।


घर में पॉजिटिव एनर्जी बढ़ाने के लिए वास्तु टिप्स (Vastu Tips For Positive Energy In Home: Do's)

वास्तु में कुछ ऐसे पैरामीटर बताए गए हैं जिनके आधार पर हम जान सकते हैं कि घर में पॉजिटिविटी है या नहीं। घर को बनवाते समय वास्तु की कुछ बहुत ही जरूरी बातों जैसे कौन सी चीज कहां होनी चाहिए, दीवारों का कलर क्या हो, घर की फेसिंग (मुख) किस दिशा में हो, का ध्यान रखने से घर में सकारात्मक वाइब्स बढ़ती हैं और वहां रहने वाले लोग भी अपने आपको प्रसन्न अनुभव करते हैं।

  • किसी भी बिल्डिंग का एंट्रेंस (मेन गेट) उस बिल्डिंग का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जो उस जगह पर एनर्जी का एक्सचेंज करने में अहम रोल निभाता है।
  • घर के एंट्रेंस गेट को हमेशा साफ, सुथरा रखना चाहिए। गेट के आसपास किसी भी तरह का कोई कचरा न हो बल्कि देखने में सुंदर दिखाई दें और देखते ही मन मोह लें। ऐसी बिल्डिंग में घुसते ही शांति का अहसास होता है।
  • घर की दीवारों पर हमेशा लाइट कलर्स यूज करने चाहिए। ये आंखों को तो अच्छे लगते ही हैं साथ में घर में रोशनी को भी मेंटेन करते हैं।
  • नमक को शुद्धता का प्रतीक माना जाता है यही कारण है कि रेकी हीलर सप्ताह में एक बार घर में समुद्री नमक का पोछा लगाने की सलाह देते हैं। वास्तु के अनुसार एक कटोरी में समुद्री नमक लेकर घर के नॉर्थ-ईस्ट या साउथ-वेस्ट दिशा में रख दीजिए। ऐसा करने से घर की समस्त नेगेटिव एनर्जी को वह नमक अपने में सोख लेगा। हर पन्द्रह दिन में एक बार इस नमक को फेंक दीजिए। ऐसा करने से घर से नेगेटिव एनर्जी दूर होकर पॉजिटिव एनर्जी का वास होता है.
  • कुछ लोग घरों में कबाड़ भर कर रखते हैं। यह कबाड़ अनुपयुक्त या खराब घर का सामान हो सकता है, रद्दी हो सकती है या फिर कोई भी ऐसी चीज जो अब किसी भी तरह से आपके काम की नहीं है परन्तु आपने रखी हुई है। ऐसा कबाड़ घर में नेगेटिव एनर्जी पैदा करता है और घर का वास्तु पूरी तरह से सही होते हुए भी बेकार हो जाता है। इसलिए घर से सभी कबाड़ को निकाल फेंके। खास तौर पर घर के चारों कॉर्नर में तो किसी भी तरह का कचरा या कबाड़ होना ही नहीं चाहिए। पूरे घर को साफ-सुथरा तथा आकर्षक बनाए रखें।
  • हरे रंग को सुख और मानसिक शांति का कलर माना गया है। इसलिए घर में पेड़-पौधे लगाएं, उनकी देखभाल करें। गमलों में सुंदर फूलों के पौधे सजाएं। ऐसा करना आपके मूड को तो रिफ्रेश करेगा ही, आपके आस-पास के वातावरण में ऑक्सीजन की कमी भी नहीं होने देगा और पॉजिटिव एनर्जी मिलना इसका सबसे बड़ा बेनिफिट है। पौधों में आप बैम्बू प्लांट्स, मनीप्लांट्स मैरीगोल्ड जैसे पौधे लगा सकते हैं।
  • वर्तमान में विंड चाइम्स का फैशन काफी चल रहा है। चाइनीज फेंगशुई के अनुसार ये घर से नेगेटिव एनर्जी दूर करती हैं तथा इनकी मधुर आवाज मूड को शांत करती हैं। आप भी विंड चाइम्स लाकर अपने घर में ऐसे स्थान पर लटकाएं जहां हल्की-फुल्की हवा आती हो, ताकि वो स्वत: ही बजती रहें और आपके घर में मधुर संगीत की धुन गूंजती रहे।
  • घर के वास्तु में आइना (मिरर) भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। गलत दिशा में और गलत जगह पर शीशा लगाना एनर्जी के संतुलन को बिगाड़ सकता है। इसलिए मिरर को ऐसी जगह लगाएं जहां वो अधिकतम पॉजिटिव एनर्जी को रिफ्लेक्ट कर पूरे घर में फैला सके। आम तौर पर पूर्व और उत्तर दिशा को शीशा लगाने के लिए उत्तम माना जाता है।
  • किसी भी बिल्डिंग में केंद्रस्थान यानी ब्रह्म स्थान अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। ध्यान रखें कि यहां पर किसी भी तरह का कोई पिलर, बीम या रुकावट नहीं होनी चाहिए। ऐसा होने पर उस घर में रहने वाले लोगों की तरक्की रुक जाती है और उन्हें आर्थिक व पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
    घर में अधिकतम पॉजिटिव एनर्जी रहे, इसके लिए जरूरी है कि आप सुबह जल्दी ही घर के सभी खिड़की-दरवाजे खोल दें ताकि सूर्य की रोशनी बिल्डिंग में आ सकें।
  • यदि आपने घर में पूजा रूम बनवाया है और उसमें भगवान की कोई प्रतिमा स्थापित की है तो यह बहुत जरूरी है कि आप उस प्रतिमा की नियमित रूप से पूजा करें। पूजा रूम के लिए नॉर्थ-ईस्ट कॉर्नर सबसे बढ़िया दिशा है। यदि ऐसा संभव न हो तो नॉर्थ या ईस्ट डायरेक्शन में भी पूजा रूम बनाया जा सकता है।
    यदि घर में मकड़ी के जाले हों या दीमक की बांबी हो, अथवा अन्य किसी अन्य प्रकार के जानवर हों तो साफ-सफाई कर उन्हें दूर करें।
  • आपको घर के मेन गेट पर दोनों तरफ स्वास्तिक का निशान बना कर लगाना चाहिए। इससे भाग्योदय होता है।
  • घर में रहने वाले सभी लोगों के अच्छे भाग्य की मनोकामना पूरी करने के लिए प्रतिदिन गाय के लिए कुछ खाना अथवा चारा आदि देना चाहिए।

घर में पॉजिटिव एनर्जी लाने के लिए क्या न करें (Vaastu Tips For Positive Energy: Don’t’s)

वास्तु के अनुसार कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें करना आपके लिए दुखों का कारण बन सकता है। इसलिए इन चीजों से पूरी तरह बचें और अपने जीवन को शांतिपूर्ण बनाएं।

  • बेडरूम में मिरर ऐसे स्थान पर नहीं होना चाहिए जहां उसमें बेड या बेड पर सोने वाले का रिफ्लेक्शन दिखाई दें।
  • बिस्तर पर बैठ कर कुछ भी खाने से बचना चाहिए अन्यथा स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां तथा अनिद्रा के शिकार हो सकते हैं।
  • किचन में कभी भी दवाइयां नहीं रखनी चाहिए।
  • घर के दरवाजे के ठीक सामने कभी भी कोई वृक्ष या खंभा नहीं होना चाहिए। यह उस घर में रहने वालों के लिए अशुभ माना जाता है।
  • घर का फर्नीचर ऐसा होना चाहिए जिसमें तेज किनारें न हो ताकि बच्चों या अन्य किसी को चोट नहीं लगे।
  • घर की दीवारों पर रेड, ब्लैक या ग्रे कलर का प्रयोग करने से बचना चाहिए
  • बाथरूम एवं टॉयलेट का दरवाजा सदैव बंद रखना चाहिए एवं घर के सभी रूम में रूम फ्रेशनर का प्रयोग करना चाहिए।


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