ऑफिस के लिए जरूरी वास्तु नियम (vastu for office)

ऑफिस के लिए जरूरी वास्तु नियम (vastu for office)

वास्तु संरचनात्मक रचना, निरूपण, व्यवस्थित तैयारी और योजनाबद्ध कला है। यह नकारात्मकता और सकारात्मक कला के बीच समन्वय स्थापित करती है। प्राचीन समय में, आज के दिनों की तुलना में व्यापार का इतना विस्तार नहीं होता था। अधिकांश व्यापारिक सौदे घर से ही किए जाते थे। किसी भी व्यापार के लिए पूंजी उसकी आत्मा और उसका ह्रदय है। प्रकृति के लिए वास्तु शास्त्र के अनुसार पारंपरिक स्थापत्य कला के द्वारा स्वीकृत तरीके से ही ऑफिस का निर्माण करना जरूरी होता है। छोटे व्यापार के लिए वित्तीय प्रवाह और लेनदेन भुगतान, धन के प्रवाह और प्राप्ति पर निर्भर करता है। इसी तरह, बड़े व्यापारिक संस्थान अपनी आय के स्त्रोत को स्थिर रखते हैं।

व्यापार में आ रही समस्याओं से बचने के लिए ऑफिस वास्तु शास्त्र के अनुसार होना चाहिए। साथ ही सजावट की चीजों को उनके सही स्थान पर और सही दिशा में रखने से सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होती है। वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार, आप तभी सफलता प्राप्त कर सकते हैं, जब आपके ऑफिस का वातावरण पवित्र और जीवंत हो। इसलिए ऑफिस के वास्तु के अनुसार, सजावट का स्थान, बैठने की व्यवस्था और कार्यालय में प्रवेश का ढंग ना सिर्फ धन के प्रवाह को सुनिश्चित करते है, बल्कि यह व्यक्ति के भाग्य और व्यवसाय के उत्थान में लाभकारी होते हैं। इसलिए, कार्यालय के वातावरण और काम करने के तरीके में समन्वय स्थापित करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वास्तु शास्त्र के नियमों का पूर्ण रूप से पालन किया जाए जो आपके ऑफिस पर सकारात्मक ऊर्जा और शांति को आकर्षित करता है।


ऑफिस और कार्यालय के लिए महत्वपूर्ण वास्तु नियम

एक सकारात्मक ऊर्जावान और आनंदमय किसी भी व्यापार में उन्नति का प्रमुख कारण होते हैं। वास्तु शास्त्र‘ स्थापत्य का विज्ञान प्रबंधन और कर्मचारियों दोनों के लिए एक खुशनुमा और व्यावसायिक कार्य वातावरण बनाने में सहायक होता है। अगर आप ऑफिस के अंदर और बाहर निर्माण, योजना और संरचना बनाने में वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करते हैं तो यह अच्छे भाग्य, सफलता और समृद्धि को आकर्षित करता है। यहां पर कुछ वास्तु के नियमों को बताया जा रहा है जिनके द्वारा ऑफिस में सकारात्मकता और उन्नति को प्राप्त किया जा सकता है।

  • शेर मुखी भूखंड कार्यालय, फैक्ट्री या अन्य व्यावसायिक निर्माण के लिए उत्तम होता है। शेर मुखी भूखंड पीछे से छोटे और आगे से चौड़े होते हैं। आप व्यस्त मार्गों के किनारे भी भूखंड खरीद सकते हैं।
  • उत्तर, उत्तर पूर्व और उत्तर-पश्चिम की इमारतें उत्तम मानी गई है क्योंकि ये सकारात्मक ऊर्जा और अच्छे भाग्य को आकर्षित करती है।
    ऑफिस की इमारत का मुख्य द्वार या प्रवेश स्थान पूरब या उत्तर दिशा में होना चाहिए। वास्तु के अनुसार ऑफिस के प्रवेश द्वार के पास कोई अवरोध नहीं होना चाहिए।
  • ऑफिस का स्वागत कक्ष पूर्व या उत्तर पूर्व कोने में होना चाहिए।
  • इमारत का मध्य भाग खाली होना चाहिए। वास्तु के अनुसार कार्यालय में मालिक का कक्ष दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए जबकि वह उत्तर दिशा की तरफ बैठे। मालिक के बैठने के स्थान के पीछे कोई मंदिर या दैवीय मूर्ति नहीं लगानी चाहिए। उसकी मेज आयताकार होनी चाहिए और उसके पीछे कांच की कोई मूर्ति भी नहीं रखनी चाहिए।
  • उत्तर और पूर्व दिशा, कर्मचारियों के लिए उत्तम है। कर्मचारियों के मुंह उन्हीं दिशाओं की तरफ होने चाहिए। इमारत के उत्तर पश्चिम स्थान में किसी भी प्रकार के नकारात्मक लोग या नकारात्मक कार्य धन के प्रवाह को प्रभावित करते हैं। साथ ही इन स्थानों पर शौचालय का निर्माण भी नहीं करना चाहिए। सफेद घोड़े का चित्र इन स्थानों पर रखने से धन के प्रवाह को प्रगति देने में सहायता मिलती है।
  • उत्तर और पूर्व किनारा उत्तम स्थान होते हैं और जो कर्मचारी धन और बैंकिंग व्यवस्था से जुड़े होते हैं उनको पूर्व और उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके बैठना चाहिए। अपने वित्तीय विवरण अभिलेखों का लेखा-जोखा गलत स्थान पर नहीं रखना चाहिए। इन्हें केंद्रीय उत्तर या दक्षिण पश्चिम किनारे पर रखना चाहिए।
  • व्यापार वित्तीय प्रवाह पर निर्भर करता है। वास्तु शास्त्र इसके लिए एक समर्थन प्रणाली की तरह कार्य करता है चाहे वो नया काम हो या पैसो का भुगतान, वास्तु हर चीज को आसान बना देता है।
  • किचन या भोजन का स्थान उत्तर दिशा में नहीं बनाना चाहिए।
  • लाल या गुलाबी रंग से उत्तर दिशा की दीवारों को नहीं रंगना चाहिए। उत्तरी किनारे पर हरे रंग के प्रयोग से भी बचना चाहिए। यहां पर हरे पौधे लगाए जा सकते हैं।
  • संगोष्ठियों के स्थान के लिए उत्तर पश्चिम दिशा उत्तम है।
  • घर में गोल्ड फिश ना रखें साथ ही मछलीघर (Aquarium) उत्तर दिशा में रखना चाहिए। अक्वेरीयम में काले रंग की मछली रखें।
  • कार्य करने के स्थान या मेज आयताकार होनी चाहिए।
  • एल संरचना वाले फर्नीचर को ऑफिस में नहीं रखना चाहिए।
  • विद्युत उपकरणों को रखने के लिए दक्षिण पूर्वी किनारा सबसे उत्तम है।
  • यदि आप किसी चीज का उत्पादन करते है तो व्यापार दक्षिण किनारे से शुरू करके उत्तर और पश्चिम दिशा की ओर बढ़ना चाहिए।

घर से काम करने के लिए उत्तम वास्तु सलाह

इन दिनों घर से काम करने का एक नया प्रचलन शुरू हुआ है। बहुत सारे घर से काम करने वाले व्यवसायी और उद्योगपतियों ने घर से काम करने के अवसर का बेहतर इस्तेमाल किया है घर से काम करने में आप समय की सीमा में अपने हिसाब से परिवर्तन कर सकते हैं। घर से काम करने वाले अधिकांश लोग अपने घर के एक आरामदायक कोने में काम करना चाहेंगे, जिसमें डाइनिंग टेबल, बेडरूम का कोना, गेस्ट बेडरूम या पैसेज का कोना शामिल है। एक संतुलित वातावरण में अपने ऑफिस के लिए उपयुक्त स्थान स्थापित करने से प्रोडक्टिविटी में वृद्धि होती है।

घर से काम करने के लिए वास्तु के अनुसार, अपने गृह कार्यालय में सकारात्मकता और अच्छे वाइब्स के लिए वास्तु शास्त्र के मानदंडों का पालन करना महत्वपूर्ण है। यहां कुछ प्रभावी वास्तु शास्त्र उपाय दिए गए हैं जिन्हें आपको अपने घर में कार्यक्षेत्र स्थापित करते समय ध्यान में रखना चाहिए।

घर पर कार्यालय के बारे में वास्तु के अनुसार, सकारात्मक और अच्छे वातावरण के लिए वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना चाहिए। यहां पर कुछ उपयुक्त वास्तु शास्त्र के समाधान के बारे में बताया जा रहा है जिन्हें घर पर ऑफिस बनाते समय ध्यान में रखना चाहिए।

क्या आप सोच रहे हैं कि घर पर कार्य करते समय किस दिशा का चयन करना चाहिए वास्तु शास्त्र के अनुसार कार्य क्षेत्र के लिए घर का पश्चिम या दक्षिण पश्चिम किनारा उपयुक्त रहता है यह स्थान व्यवसाय में स्थायित्व प्रदान करता है। सबसे अच्छी बात यह है कि व्यक्ति यहां पर काम करने से अपने निर्णय स्वयं लेने में समर्थ होता है।

  • घर के कार्यालय के लिए हल्के पीले हल्के हरे या हल्के सुनहरे रंग का उपयोग करना चाहिए। कार्य के लिए सुगम वातावरण बनाने में और घर के बीच समन्वय स्थापित करने में प्राकृतिक रंगों का सबसे अच्छा इस्तेमाल किया जा सकता है। दूध ही रंग से कार्य के प्रति समर्पण और आदर की भावना जागृत होती है। हल्के पीले रंग का अच्छे स्वास्थ्य से सीधा संबंध है। हल्का हरा रंग मस्तिष्क, शरीर और आत्मा के लिए सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। अगर आप अपने कार्य में उन्नति चाहते हैं तो हल्का सुनहरा रंग घर पर लगाना कार्यालय के लिए उत्तम है।
  • आप की कुर्सी आरामदायक, मजबूत और उपयुक्त होनी चाहिए जो आपके सर को भी आराम दे सके। वास्तु के अनुसार आपके बैठने का तरीका आपके जीवन पद्धति को परिभाषित करता है।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण पश्चिम स्थान ऑफिस के लिए उपयुक्त होता है जबकि आपका मुंह उत्तर पूर्व में होना चाहिए। आपके ऑफिस के पीछे दरवाजा, खिड़की या छज्जा नहीं होना चाहिए। इस तरह की व्यवस्था आपके ऑफिस पर तनाव को कम करती है और एकाग्रता बढ़ाती है।
  • अपनी जरूरी फाइल और कागजों को रखने के लिए अलमारी और मेजों को पश्चिम या दक्षिण पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। साथ ही सुनिश्चित करें कि उसके विपरीत दिशा में उनके खोलने का स्थान हो। कुछ महत्वपूर्ण चीजों को भी अपने ऑफिस पर रखकर सकारात्मकता को बढ़ाया जा सकता है।
  • गहरे रंग जैसे काला या नीला घर पर ऑफिस के लिए नहीं चुनने चाहिए। काला रंग नकारात्मकता को प्रदर्शित करता है जबकि नीला रंग व्यवसायियों के लिए उपयुक्त नहीं है। नीला रंग पानी का होता है जो आपके विचारों को प्रभावित कर सकता है और स्वास्थ्य संबंधी विकारों को उत्पन्न कर सकता है।
  • टूटे पेन फटे कागज और टूटे हुए अन्य सामानों को ऑफिस पर नहीं रखना चाहिए। ऑफिस हमेशा साफ सुथरा होना चाहिए।
    वास्तु शास्त्र के अनुसार ऑफिस पर एक छोटा ग्लोब रखने से व्यवसाय में उन्नति मिलती है। इससे आपको बाहर से भी अवसर प्राप्त होंगे।

सफलता और समृद्धि के लिए ऑफिस की आंतरिक साज सज्जा हेतु वास्तु ज्ञान

सकारात्मक, ऊर्जावान और शांत कार्य वातावरण का सीधा संबंध सफलता और उन्नति से होता है। वास्तु शास्त्र, वास्तु कला का विज्ञान, कर्मचारियों के प्रबंधन के लिए सकारात्मक वातावरण बनाने में सहायक होता है। अगर आप वास्तु के नियमों का कड़ाई से पालन करेंगे तो आपको सफलता समृद्धि और अच्छे भाग्य की प्राप्ति होगी। यहां पर कुछ वास्तु सलाह आपके व्यापार की समृद्धि और सफलता के लिए दी जा रही है:

ऑफिस की समृद्धि हेतु

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार कार्यालय के लिए उत्तर, पूर्व और उत्तर-पूर्व दिशाएं सर्वोत्तम है। मालिक को इन्हीं दिशाओं की तरफ बैठकर कार्य करना चाहिए।
  • बिक्री और विपणन टीम को उत्तर पश्चिम दिशा की तरफ या उत्तर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए। कर्मचारियों के लिए यह उपयुक्त दिशा है जो सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करती है।
  • धन और समृद्धि के लिए, दक्षिण पूर्व किनारा सर्वोत्तम है जहां पर धन के लेन-देन से जुड़े हुए कर्मचारियों को बैठना चाहिए। इन कर्मचारियों को उत्तर पूर्व दिशा में मुंह करके बैठना चाहिए।
  • व्यावसायिक कर्मचारियों को उत्तर पूर्व किनारे में अपना स्थान बनाना चाहिए जो कि प्रबंधन और परिश्रम को दर्शाता है। अतः यह दिशा नेतृत्व की क्षमता को बढ़ाती है।
  • उत्तर और उत्तर पूर्व दिशा में सर्वाधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार यह दिशाएं सर्वोत्तम है। उत्तर दिशा धन के स्वामी कुबेर की है जबकि उत्तर पूर्व दिशा जल के द्वारा संचालित की जाती है जो व्यवसाय के धन की क्षमता को बताता है। उत्तरी दीवार पर शीशा या कुबेर यंत्र रखना चाहिए जो धन के प्रभाव को बढ़ाता है।

ऑफिस पर मेज का आकार

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार खत्म हो चुकी चीजों को ऑफिस के सामने नहीं रखना चाहिए क्योंकि यह व्यवधान उत्पन्न करती हैं। उत्तर पश्चिम दिशा इन वस्तुओं के लिए उपयुक्त है।
  • ऑफिस के दक्षिण पश्चिम किनारे में स्थित लॉकर में जरूरी कागजात, वित्तीय रिपोर्ट और फाइल्स रखनी चाहिए। सकारात्मकता और समृद्धि को बढ़ाने के लिए लॉकर का वह उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए।
  • आगंतुकों के लिए स्वागत क्षेत्र ऑफिस का सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है। फूलों के गुलदस्ते स्वागत क्षेत्र में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करते हैं। साथ ही अन्य पौधों को लगाकर भी सकारात्मकता को बढ़ाया जा सकता है।
  • ऑफिस के लिए आयताकार मेजों का निर्माण होना चाहिए। टेढ़ी-मेढ़ी मेजें ऑफिस पर नहीं रखनी चाहिए क्योंकि यह तनाव, परेशानियों और दिक्कतों को आकर्षित करती है।

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व्यापार की उन्नति के लिए सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाएं

  • कार्य क्षेत्र के उच्चाधिकारियों, प्रबंधकों और मालिक को मेज पर नहीं सोना चाहिए क्योंकि यह वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
  • अपने ऑफिस को हमेशा साफ सुथरा रखें। सभी चीजें व्यवस्थित होनी चाहिए। टूटे हुए तथा बेकार पेन पेंसिल और अन्य वस्तुओं को फेंक देना चाहिए यह भी नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं और धन संबंधी विकार उत्पन्न करते हैं।
  • कर्मचारियों को प्रवेश स्थान की तरफ मुंह करके बैठना चाहिए। ऑफिस पर एक दूसरे के लिए विश्वास और समर्पण की भावना को बढ़ाने के लिए पर्वत का चित्र दीवार पर लगाना चाहिए। साथ ही कछुए की आकृति ऑफिस पर सकारात्मकता को बढ़ाती है।
  • क्या आप अब भी ऐसे प्रश्न जैसे किस दिशा में घर पर ऑफिस होना चाहिए, को लेकर चिंतित हैं? क्या दक्षिण की तरफ मुंह कर कर ऑफिस पर बैठना उचित रहेगा? यदि हां तो उपरोक्त वास्तु सलाह ऑफिस संबंधित सभी प्रश्नों का उत्तर देती है। आप हमारे ज्योतिष विद्वानों से भी संपर्क कर सकते हैं। यह विद्वान विस्तार से आपको ऑफिस पर वास्तु के हर पहलू के बारे में बताएंगे।

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