होम » चौघडिया
animated-deepak

चौघड़िया अहमदाबाद के लिए

animated-deepak

अगर आप कोई नया काम शुरू करने जा रहे हैं तो शुभ मुहूर्त देखते हैं, लेकिन अगर आपको जल्द से जल्द कोई कार्य करना हो तो चौघड़िया मुहूर्त महत्वपूर्ण हो जाता है। इसी शुभ मुहूर्त की जांच के लिए चौघड़िया या यूं कहें चोगड़िया का प्रयोग किया जाता है। हालांकि, परंपरागत रूप से चौघड़िया का उपयोग यात्रा मुहूर्त का पता लगाने के लिए किया जाता है, लेकिन आसान होने के कारण इसका उपयोग किसी भी मुहूर्त के लिए किया जाता है। किसी भी शुभ काम को शुरू करने के लिए चार अच्छे चौघड़िया हैं। इन चार चौघड़िया अमृत, शुभ, लाभ और चर को शुभ और उत्तम माना जाता है। इसी तरह तीन खराब चौघड़िया रोग, काल और उदवेग से बचने की बात कही जाती है। सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच के समय को दिन का चौघड़िया और सूर्यास्त और अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को रात का चौघड़िया कहा जाता है।

आज का चौघड़िया Tue, 02 Sep 2025

Ahmedabad
शुभ
अशुभ
सामान्य
Rahu kaal राहु काल
Full Sun दिन चौघड़िया
Half sun रोग- अमंगल 06:21 – 07:55
Half sun उद्वेग- अशुभ 07:55 – 09:30
Half sun चल- सामान्य 09:30 – 11:04
Half sun लाभ- उन्नति 11:04 – 12:39
Half sun अमृत- सर्वोत्तम 12:39 – 14:13
Half sun काल- हानि 14:13 – 15:48
Half sun शुभ- अच्छा 15:48 – 17:22
Half sun रोग- अमंगल 17:22 – 18:57
Full Sun रात चौघड़िया
Half sun काल- हानि 18:57 – 20:22
Half sun लाभ- उन्नति 20:22 – 21:48
Half sun उद्वेग- अशुभ 21:48 – 23:13
Half sun शुभ- अच्छा 23:13 – 00:39
Half sun अमृत- सर्वोत्तम 00:39 – 02:04
Half sun चल- सामान्य 02:04 – 03:30
Half sun रोग- अमंगल 03:30 – 04:55
Half sun काल- हानि 04:55 – 06:21

अपनी पहली कॉल या चैट हमारे विशेषज्ञ ज्योतिषियों से निःशुल्क करें – अभी बात करें!

सभी देखें

क्या होता चौघड़िया

किसी भी काम को करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाना आम बात है, लेकिन यदि जल्दी में किसी कार्य को करना है और शुभ मुहूर्त देखने विलंब है, तो चौघड़िया देखकर काम शुरू किया जा सकता है। पहले चौघड़िया का प्रयोग केवल यात्रा के लिए किया जाता था, लेकिन तेज भागते जीवन में अब चौघड़िया का उपयोग किसी भी शुभ काम को करने से पहले किया जा सता है। किसी भी शुभ काम को शुरू करने के लिए चार अच्छे चौघड़िया हैं। इन चार चौघड़िया अमृत, शुभ, लाभ और चर को शुभ और उत्तम माना जाता है। इसी तरह तीन चौघड़िया में कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता है। ये चौघड़िए हैं रोग, काल और उदवेग। सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच के समय को दिन का चौघड़िया और सूर्यास्त और अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को रात का चौघड़िया कहा जाता है। इन चौघड़िया का समय सूर्योदय से शुरू होकर 1.30 घंटे तक रहता है।

जानिए क्या है वार वेला, काल वेला और काल

दिन और रात के चौघड़िया में वार वेला, काल वेला और काल रात्रि का भी समय होता है। ये वार वेला, काल वेला और काल रात्रि किसी भी शुभ चौघड़िये के दौरान भी हो सकती है। वार वेला और काल वेला दिन के समय में होती है, जबकि काल रात्रि रात के समय प्रबल होती है। इस दौरान किए गए मांगलिक कार्य फलदायी नहीं होते हैं। इस समय को छोड़ा जाना चाहिए।

कौन सा चौघड़िया शुभ और कौन सा अशुभ होता है?

सप्ताह में सात दिन होते हैं। ज्योतिष और मुहूर्त शास्त्र के अनुसार प्रत्येक दिन का एक स्वामी ग्रह होता है। हर दिन के पहले मुहूर्त पर उस दिन के स्वामी का शासन होता है। इसे एक उदाहरण से समझें तो रविवार को पहले चौघड़िया मुहूर्त पर सूर्य का शासन होता है, उसके बाद के मुहूर्त पर शुक्र, बुध, चंद्रमा, शनि, बृहस्पति और मंगल का शासन होता है। दिन के अंतिम मुहूर्त पर भी उस दिन के स्वामी ग्रह का शासन होता है।

दरअसर एक दिन में 24 घंटे होते हैं और चौघड़िया 1.30 घंटे की अवधि का होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र, बुध, गुरु और चंद्रमा को शुभ ग्रह माना जाता है, इसलिए इन वार पर पहला चौघड़िया हमेशा अच्छा होगा, लेकिन सूर्य, मंगल, शनि पाप ग्रह है, इन वार पर पहला चौघड़िया हमेशा नकारात्मक होगा।

महत्वपूर्ण शुभ मुहूर्त

उद्वेग चौघड़िया
ज्योतिष में सूर्य के प्रभाव को आमतौर पर अशुभ माना गया है इसीलिए इसे उद्वेग के रूप में चिह्नित किया जाता है। हालांकि, इस चौघड़िया में सरकारी कार्यों को किया जा सकता है।
चर चौघड़िया
शुक्र को एक शुभ और लाभकारी ग्रह माना जाता है। इसलिए इसे चर या चंचल रूप में चिह्नित किया गया है। शुक्र की चर प्रकृति के कारण, चर चौघड़िया को यात्रा उद्देश्य के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
काल चौघड़िया
शनि एक पापी ग्रह है इसीलिए इसे काल के रूप में चिह्नित किया गया है। काल चौघड़िया के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। हालांकि, कुछ मामलों में धनोपार्जन हेतु की जाने वाली गतिविधियों के लिए यह लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
शुभ चौघड़िया
बृहस्पति अत्यंत ही शुभ ग्रह है और यह लाभकारी ग्रह माना गया है। इसलिए इसे शुभ के रूप में चिह्नित किया जाता है। शुभ चौघड़िया को विशेष रूप से विवाह समारोह आयोजित करने के लिए उपयुक्त माना जाता है।
लाभ चौघड़िया
बुध ग्रह भी शुभ और लाभदायक ग्रह है इसलिए इसे लाभ के रूप में चिह्नित किया गया है। लाभ के चौघड़िया में शिक्षा या किसी विद्या को सिखने का कार्य प्रारंभ किया जाता है तो वह फलदायी होता है।
अमृत चौघड़िया
चंद्र ग्रह अति शुभ और लाभकारी ग्रह है। इसीलिए इसे अमृत के रूप में चिह्नित किया गया है। अमृत चौघड़िया को सभी प्रकार के कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है।
रोग चौघड़िया
मंगल एक क्रूर और अनिष्टकारी ग्रह है। इसलिए इसे रोग के रूप में चिह्नित किया गया है। रोग चौघड़िया के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। लेकिन युद्ध में शुत्र को हराने के लिए रोग चौघड़िया की अनुशंसा की जाती है।

Swastikत्यौहार कैलेंडर

सभी देखें
Regain Your Lost Happiness

3 Sep

परिवर्तिनी एकादशी

Regain Your Lost Happiness

4 Sep

वामन जयंती

Regain Your Lost Happiness

5 Sep

ओणम

Regain Your Lost Happiness

6 Sep

अनंत चतुर्दशी

Regain Your Lost Happiness

6 Sep

गणपति विसर्जन

Regain Your Lost Happiness

17 Sep

विश्वकर्मा जयंती

विश्वकर्मा जयंती एक हिंदू त्योहार है जो दिव्य वास्तुकार और शिल्पकारों, कारीगरों और इंजीनियरों के संरक्षक देवता भगवान विश्वकर्मा के सम्मान में प्रतिवर्ष मनाया जाता है।

Regain Your Lost Happiness

17 Sep

इन्दिरा एकादशी

Regain Your Lost Happiness

17 Sep

विश्वकर्मा पूजा

हिंदू धर्म में देवताओं के शिल्पकार विश्वकर्मा को ही समस्त यांत्रिक ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। विश्वकर्मा जयंती पर उनकी पूजा की जाती है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सभी हिंदू देवी – देवताओं के अस्त्र-शस्त्र विश्वकर्मा के ही द्वारा बनाए गए हैं। इस दिन उनके अनुयायी तथा भक्त पूजा कर उनका आशीर्वाद लेते हैं तथा अपने टेक्निकल प्रोफेशन में एक्सपर्टीज पाने के वरदान की कामना करते हैं।

Regain Your Lost Happiness

21 Sep

महालया अमावस्या

Regain Your Lost Happiness

21 Sep

सर्व पितृ अमावस्या

Regain Your Lost Happiness

22 Sep

नवरात्रि रंगोली

Regain Your Lost Happiness

22 Sep

नवरात्रि भोग

Regain Your Lost Happiness

22 Sep

नवरात्रि प्रसाद

Regain Your Lost Happiness

22 Sep

शरद नवरात्रि 2025

Regain Your Lost Happiness

22 Sep

माँ नवदुर्गा

Regain Your Lost Happiness

22 Sep

नवरात्रि का पहला दिन

Regain Your Lost Happiness

22 Sep

नवरात्रि में दर्शन हेतु मंदिर

Regain Your Lost Happiness

22 Sep

नवरात्रि फूल

Regain Your Lost Happiness

22 Sep

घटस्थापना

Regain Your Lost Happiness

23 Sep

नवरात्रि का दूसरा दिन

Regain Your Lost Happiness

23 Sep

माँ ब्रह्मचारिणी

Regain Your Lost Happiness

24 Sep

नवरात्रि का तीसरा दिन

Regain Your Lost Happiness

24 Sep

चंद्रघंटा

Regain Your Lost Happiness

26 Sep

नवरात्रि का चौथा दिन

Regain Your Lost Happiness

26 Sep

माँ कुष्मांडा

Regain Your Lost Happiness

27 Sep

स्कंदमाता

Regain Your Lost Happiness

27 Sep

नवरात्रि का पांचवा दिन

Regain Your Lost Happiness

28 Sep

नवरात्रि का छठा दिन

Regain Your Lost Happiness

29 Sep

नवरात्रि का सातवां दिन

Regain Your Lost Happiness

30 Sep

माँ महागौरी

Regain Your Lost Happiness

30 Sep

नवरात्रि का आठवां दिन

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

चौघड़िया क्या होता है?

चौघड़िया का मतलब होता है चार और घड़िया यानी घड़ी, इस तरह दोनों शब्दों को मिलाकर एक शब्द बनता है चौघड़िया। सूर्यास्त से सूर्योदय के बीच के सम को 30-30 घड़ी और उस 30 घड़ी को 8 भागों में विभाजित किया गया है। हिंदू समयानुसार एक घड़ी 24 मिनट के बराबर होती है और एक चौघड़िया 4 घड़ियों के बराबर यानी करीब 96 मिनट की होती है। इस हिसाब से एक चौघड़िया की अवधि करीब डेढ़ घंटे की होती है। इसी के मुताबिक चौघड़िया का मुहूर्त देखा जाता है।

चौघड़िया मुहूर्त के विभिन्न प्रकार क्या हैं?

चौघड़िया में वार वेला, काल वेला और काल रात्रि का भी स्थान होता है। हालांकि, वार वेला, काल वेला और काल रात्रि के दौरान कोई भी शुभ कार्य वर्जित होता है। अब समय के हिसाब से इसे देखें तो वार वेला और काल वेला दिन के समय प्रबल होते हैं जबकि काल रात्रि रात के समय प्रबल होती है। इस दौरान किए गए मांगलिक कार्य फलदायी नहीं होते हैं।

क्या होगा यदि एक शुभ चौघड़िया मुहूर्त वेला, काल या रात्री के अशुभ समय के साथ मेल खाता है?

यदि किसी शुभ चौघड़िया में वेला, काल या रात्री का अशुभ समय रहता है, तो ऐसे समय को छोड़कर दूसरा चौघड़िया देखा जाना चाहिए।

क्या होगा अगर एक शुभ चौघड़िया मुहूर्त वेला, काल या रात्रि के अशुभ समय के साथ मेल खाता है?

चौघड़िया शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है- चो यानी चार और घड़िया यानी घड़ी। प्रत्येक घड़ी, हिंदू समय के अनुसार, 24 मिनट के बराबर होती है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक 30 घड़ियां होती हैं जिन्हें 8 से विभाजित किया जाता है। इसलिए, 8 दिन चौघड़िया मुहूर्त और 8 रात चौघड़िया मुहूर्त होते हैं। एक चौघड़िया 4 घड़ी (लगभग 96 मिनट) के बराबर होता है। तो, एक चौघड़िया लगभग 1.5 घंटे तक रहता है।