sun eclipse हमें कैसे प्रभावित करते हैं? एक पूर्ण मार्गदर्शन


इंसानों पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव (Impact Of Solar Eclipses On Humans)


सूर्य ग्रहण और उनके प्रभाव की अवधि (The Solar Eclipse and The Duration Of Their Influence)


राशियों को अलग तरीके से प्रभावित करते हैं ग्रहण (Eclipses Affect The Zodiac Signs Differently)


मानव जीवन पर ग्रहण का असर (Influence Of Eclipse On Human Life)


आश्चर्यजनक शुरुआत को दर्शाते हैं सूर्य ग्रहण और इसके प्रभाव (Solar Eclipse And Its Effects Signify Surprise Beginnings)


दुनिया पर ग्रहणों का प्रभाव (Impact Of Eclipses On The World)


ग्रहण के प्रकार जो आपको जरूर जानने चाहिए (Kinds Of Eclipses You Must Know)

सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण, क्या है दोनों में अंतर? (Solar Eclipse and Lunar Eclipse, What Is The Difference?)

सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण, इन दोनों में ही पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य शामिल हैं। इन तीनों पिंडों को जब रखा जाता है, तो ग्रहण के प्रकार का निर्धारण होता है। सूर्य ग्रहण एक ऐसा बिंदु होता है, जिस पर कि चंद्रमा पृथ्वी से दिखने वाले सूर्य की तरह नजर आने लगता है। सूर्य के प्रकाश को यह बाधित कर देता है। चंद्र ग्रहण उस वक्त लगता है, जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया के आगोश में चला जाता है।

यहां ग्रहणों के प्रकार विस्तार से बताए गए हैं, जिनके बारे में आपको जानना चाहिए।

सूर्य ग्रहण: आधा सूर्य ग्रहण (Solar Eclipses: Halfway Solar Eclipses)

इस प्रकार का ग्रहण उस वक्त लगता है, जब पूरी तरीके से यह सूर्य के द्वारा ही संचालित होता है। इस दौरान सूर्य पूरी तरीके से न ढका होकर आधा ही ढका हुआ होता है। जिस बिंदु से ग्रहण लगता है, उसके आधे आकार में ही इसका विस्तार होता है। सामान्य तौर पर पृथ्वी पर मौजूद बहुत सी जगहों से यह ग्रहण देखने को मिल जाता है। नियमित रूप से देखे जाने वाले सूर्य ग्रहण में से यह एक है।

सूर्य ग्रहण: वलयाकार सूर्य ग्रहण (Solar Eclipses: Annular Solar Eclipse)

अर्ध सूर्य ग्रहण तो ज्यादातर देखने के लिए मिल जाते हैं, मगर एक वलयाकार सूर्य ग्रहण इतनी आसानी से नहीं दिखता। आधे सूर्य ग्रहण को धरती पर कई जगहों से बहुत से लोग आसानी से देख पाते हैं, लेकिन वलयाकार सूर्यग्रहण पृथ्वी पर बहुत ही कम जगहों पर देखा जाता है। आखिर चंद्रमा के घुमावदार वृत्त के नीचे ‘आकाश में वलय’ होने के क्या कारण हो सकते हैं।

ऐसा उस वक्त होता है, जब अलग-अलग अवसरों की तुलना में अमावस्या पृथ्वी से काफी दूर पर मौजूद होता है। जिस बिंदु पर इसकी दूरी सबसे अधिक होती है, उसे ‘अपोजी कहते’ हैं। यदि इस समय के आसपास सूर्य का पूर्ण ग्रहण लगता है, तो ऐसे में एक वलयाकार सूर्यग्रहण देखने के लिए मिलता है। वह इसलिए कि सूर्य की तुलना में चंद्रमा कुछ ज्यादा ही मामूली नजर आता है।

सूर्य ग्रहण: पूर्ण सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse: Complete Solar Eclipse)

ऐसा होने के लिए चंद्रमा का एक नए चरण में होना जरूरी होता है। इसके अलावा यह पृथ्वी के चारों ओर की परिधि में अपोजी के नजदीक भी नहीं होना चाहिए। बिल्कुल वलयाकार सूर्य ग्रहण के समान ही दुनिया भर में वास्तव में बहुत ही कम लोग इस ग्रहण के साक्षी बन पाते हैं। यह वह जगह होती है, जिसका विस्तार पृथ्वी पर पश्चिम से पूर्व तक होता है। पृथ्वी का अधिकांश हिस्सा ‘संपूर्णता वाले मार्ग’ से बाहर स्थित होता है। फिर भी पृथ्वी पर बड़ी संख्या में लोग इस कमाल की खगोलीय घटना को देखना चाहते हैं, क्योंकि यह वास्तव में अद्भुत होता है।

चंद्र ग्रहण: उपच्छाया चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipses: Penumbral Lunar Eclipse)

उपच्छाया चंद्र ग्रहण वास्तव में अगोचर होते हैं। इनका तो निर्धारण करना भी कई बार बहुत ही मुश्किल हो जाता है। यह बहुत हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि कितनी गहराई तक ये अस्पष्ट हैं। जब ये स्पष्ट नहीं होते हैं, तो उस दौरान चंद्रमा पृथ्वी की बाहरी छाया से बस स्पर्श ही हो पाता है। जाहिर सी बात है कि ऐसे में आंशिक या पूर्ण चंद्र के कुछ प्रमुख चरण ही देखे जा सकते हैं। फिर भी बार-बार जो चंद्रमा ढक जाता है, वह कभी-कभी उपच्छाया चंद्र ग्रहण के रूप में नजर आ सकता है। पूर्ण चंद्रमा की ओर का एक बहुत ही मामूली ग्रहण देखने के लिए मिल पाता है। उस बिंदु पर पूर्णिमा के फिर से काबिज होने के लिए सबसे पहले धीरे-धीरे चंद्रमा के किनारे के आसपास के हिस्से को यह फैलाना करता है।

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चंद्र ग्रहण: अर्ध चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipses: Halfway Lunar Eclipse)

अर्ध चंद्र ग्रहण तब नजर आता है, जब पूर्ण चंद्र ग्रहण विकसित हो रहा होता है या फिर जब चंद्रमा में धुंधलापन होता है। थोड़े वक्त के लिए यह अधूरा रह जाता है। इस वक्त चंद्रमा की स्थिति बिल्कुल भी स्पष्ट नहीं होती है। बाद में पृथ्वी की छाया के एक हिस्से में यह नजर आने लगता है, जो कि गर्भ कहलाता है। हालांकि, पृथ्वी की छाया चंद्रमा को पूरी तरीके से ढक नहीं पाती है। यहां इन दो छायाओं को दर्शाया भी गया है।


सूर्य ग्रहण वैज्ञानिक प्रभाव और ज्योतिष (Surya Grahan Scientific Effects And Astrology)



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