Mohini Ekadashi (मोहिनी एकादशी) का महत्व और कथा

मोहिनी एकादशी कब मनाई जाती है

जब समुद्र मंथन से अमृत निकला, तब भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लिया। मोहिनी के रूप में भगवान विष्णु ने असुरों से अमृत लेने और देवों को देने के लिए छद्म वेष धारण किया। जिस दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया, उसे मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैशाख महीने में शुक्ल पक्ष के 11 वें दिन पड़ता है।

यह दिन तमिल कैलेंडर, मलयालम कैलेंडर और बंगाली कैलेंडर में अलग-अलग है। इस दिन को हिंदू समुदाय द्वारा मोहिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। मोहिनी शब्द को अक्सर एक आकर्षक व्यक्तित्व या सम्मोहक रूप में माना जाता है। लोग मोहिनी रूप में भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और एक सफल और आनंदमय जीवन के लिए आशीर्वाद लेते हैं।

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कई भक्त भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और इस दिन मोहिनी एकादशी व्रत रखते हैं। आइए हिंदू धर्म में मोहिनी एकादशी के महत्व के बारे में अधिक जानते हैं।


मोहिनी एकादशी तिथि और मुहूर्त समय


मोहिनी एकादशी का महत्व


समुद्र मंथन और मोहिनी एकादशी कथा


मोहिनी एकादशी व्रत कथा और धृतिमान की कहानी


मोहिनी एकादशी का पूजा विधान



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