सेप्टिक टैंक वास्तु (Septic Tank Vastu): क्यों है इतना जरूरी
अपना आशियाना बनाना हर किसी का सपना होता है। हर इंसान चाहता है कि अपने सपनों के घर को सुंदर और सुविधायुक्त बनाया जाए। घर बनाते समय हर व्यक्ति कोशिश करता है कि इसमें किसी तरह की कोई कमी न रह जाए। बनावट भी शानदार हो आधुनिक सुविधाओं से भी सम्पन्न हो। दुनिया कितनी भी आधुनिक क्यों न हो जाए पर एक बात का ध्यान घर बनाते समय जरूर रखा जाना चाहिए कि सेप्टिक टैंक सही जगह पर बना हो। ऐसा नहीं होने पर कई तरह की परेशानी पैदा हो सकती है।
सेप्टिक टैंक होता क्या है?
सेप्टिक टैंक वो वजह होती है, जिसमें सारे घर की गंदगी जमा की जाती है। इसमें रसोई से आने वाली गंदगी, पानी और शौचालय से आने वाली गंदगी जमा होती है। दरअसल, घर से जुड़े कार्यों में कचरा या गंदगी भी होती है। इन सबको रोज एकत्रित करना या इसके लिए कोई दूसरा इंतजाम करना संभव नहीं है। ऐसे में इस गंदगी को घर के बाहर जमा करने के लिए सेप्टिक टैंक बनाया जाता है। इसमें रसोई और शौचालय से जुड़ी गंदगी और पानी जमा हो जाता है। कई ऐसे लोग होते हैं जो सेप्टिक टैंक घर में वास्तु शास्त्र के मुताबिक बनवाना ही पसंद करते हैं।
वास्तुशास्त्र में सेप्टिक टैंक को लेकर टिप्स
वैदिक ज्योतिष की मानें तो सेप्टिक टैंक नकारात्मक और बुराई का प्रतीक है। दरअसल, इसमें जो गंदगी जमा रहती है, वह नकारात्मक असर डालती है। यह लंबे समय तक गलत जगह पर बनी रहे तो घर और परिवार दोनों पर बड़ा असर कर सकती है। सेप्टिक टैंक को वास्तु शास्त्र के मुताबिक बनाना बेहद जरूरी है। वास्तु के मुताबिक बनाए गए नियमों के हिसाब से सेप्टिक टैंक बनाने से नकारात्मक कम होती है, इसका असर भी कम हो जाता है। यह बुराई को घर में प्रवेश करने से रोकता है। वास्तु शास्त्र घर को कई बुराइयों से बचाता है। इससे परिवार पर होने वाले बुरे असर भी नहीं होते हैं। ऐसे में आवश्यक है कि घर में सेप्टिक टैंक वास्तु शास्त्र के नियमों के मुताबिक ही बनाए जाएं।
सेप्टिक टैंक के लिए सही जगह
घर में सेप्टिक टैंक के लिए सही जगह क्या है, यह पता करना मुश्किल नहीं है। इसके लिए आपको अपने घर के उत्तरी क्षेत्र को नौ भागों में बांटना चाहिए। इन भागों में बांटने के बाद उत्तर-पश्चिम दिशा के तीसरे भाग में यह बनाया जा सकता है। उत्तर-पश्चिम के अलावा बाकी दिशाओं में इसे बनाने से परेशानियां बढ़ती है, नकारात्मकता आती है। अगर टैंक गलत दिशा में बनाया जाता है, यह शारीरिक, वित्तीय या फिर मानसिक परेशानी का कारण बन सकती है। अगर ऐसा होता है तो बेहतर है कि टैंक को हनुमान चालीसा का जाप करते हुए बंद कर दिया जाए और नया टैंक बनाया जाए।
दीवार से कितना दूर रहे सेप्टिक टैंक
आम तौर पर दीवार से सेप्टिक टैंक करीब दो फीट दूर होना चाहिए, इससे दीवार में सीलन नहीं आएगी। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि दीवार से टैंक सीधे सम्पर्क में न हो। इसके साथ ही यह भी तय कर लें कि टैंक तीन बराबर भागों में बांटा गया हो। इसमें पानी पूर्व दिशा में और उत्सर्जित किया गया हो, बाकी भाग पश्चिम की दिशा में हो।
टैंक का आकार कितना बड़ा हो?
जहां तक बात टैंक के आकार या आयाम की है, इस संबंध में कुछ भी निश्चित तौर पर कहना सही नहीं होगा। यह जरूर है कि टैंक बनाते वक्त यह ध्यान रखा जा सकता है कि टैंक की लंबाई पूर्व से पश्चिम की तरफ हो और वहीं चौड़ाई दक्षिण उत्तर दिशा में हो। इससे विपरीत किसी दिशा में टैंक का होना शारीरिक या मानसिक परेशानी का कारण बन सकता है।
जमीन से कितना ऊंचा हो टैंक?
जमीन से टैंक का लेवल कितना ऊपर या नीचे हो, यह बात अहम है। इसमें ध्यान रखी जाने वाली बात यह है कि टैंक का लेवल जमीन के स्तर के बराबर ही हो, जमीन से ऊपर टैंक का लेवल होने परेशानियों का सबब बन सकता है।
बाहर का रास्ता किस तरफ हो?
वास्तु शास्त्र की मानें तो टैंक का बाहर निकलने का रास्ता उत्तर या पश्चिम दिशा में होना जरूरी है।
पाइपों की स्थिति क्या होनी चाहिए?
स्नानघर या शौचालय के पाइपों की स्थिति पश्चिम या उत्तर पश्चिम में होनी चाहिए। यह बात जब ये बनाई जाए तब ही ध्यान देने वाली बात है। रसोई के पाइप पूर्व या उत्तर में देना सही रहता है।
इन दिशाओं को नजरंदाज करें
जगह की कमी हो या फिर कोई और कारण, दक्षिण दिशा में किसी भी कीमत पर पाइप न लगाएं। ध्यान रखें कि पाइप पूर्व या उत्तर में लगाए जाएं। भवन का गटर स्पेस उत्तर, पूर्व या पश्चिम में ही रखा जाए, दक्षिण में इसका होना सही नहीं रहता है। अगर आप बहुमंजिला भवन में रहते हैं तो दक्षिण पश्चिम कोने में रहने से बचे, यहां दिशा ड्रेनेज पाइप की होती है, दुर्भाग्य को लेकर आती है।
सामान्य प्रश्न (FAQs)
सेप्टिक टैंक का आकार कितना बड़ा होना चाहिए?
एक सेप्टिक टैंक की क्षमता तीन दिन तक पानी रोकने की होनी चाहिए। हम जानते हैं कि न्यूनतम दो हजार लीटर पानी एक घर में काम आता है। सेप्टिक टैंक 1.8 मीटर से छोटा नहीं होना चाहिए।
सेप्टिक टैंक के लिए सही दिशा कौन सी होती है?
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आपका घर पूर्व मुखी है या पश्चिम मुखी। इससे सेप्टिक टैंक की दिशा प्रभावित नहीं होती है। वास्तु के मुताबिक सेप्टिक टैंक उत्तर पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
शौचालय के लिए कौन सी दिशा सही है?
शौचालय में टॉयलेट सीट लगाते समय बहुत ध्यान रखना चाहिए। ऐसे समय जरूरी है कि टॉयलेट सीट उत्तर पश्चिम दिशा में लगाई जाए। शरीर से अपशिष्ट बाहर उत्सर्जित करने में मदद करता है।
अंतिम शब्द
अंत में यही कहा जाता है कि एक घर बिना सेप्टिक टैंक सही दिशा में न बनें तो अधूरा होता है। इससे सुख-समृद्धि, सेहत में परेशानी आती है।