वास्तु टिप्स : सर्वन्ट ही नही सर्वेंट रूम का भी रखें ख्याल

अधिकतर शहरों में बनने वाले घरों में सर्वेंट क्वाटर या सर्वेंट रूम होते हैं। एक नौकर या सर्वेंट को घर के सदस्य के रूप में ही सम्मान दिया जाता है। घर इस महत्वपूर्ण सदस्य के रहने के लिए बनाए जाने वाले कमरे के लिए वास्तु शास्त्र के नियमों का अनुसरण करना बेहद जरूरी है। इससे घर में न केवल सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, बल्कि मालिक व नौकर के बीच के संबंध भी बेहद सौहार्द पूर्ण हो जाते हैं। घर का वातावरण भी शांतिपूर्ण व सुखद बनता है।

दरअसल, एक नौकर पर घर के महत्वपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारी रहती है। ऐसे में घर में उसका स्थान भी सही जगह पर होना चाहिए। उसे पूरी तवज्जो मिलनी चाहिए। आम तौर पर जगह की कमी के चलते नौकरों का कमरा घर के आखिरी कोने में बनाया जाता है। लेकिन आदर्श तौर पर सर्वेंट क्वाटर को वास्तु के मुताबिक बनाया जाना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-सम्पन्नता व शांति बनी रहती है।

कई लोग होते हैं, जो सर्वेंट क्वाटर को घर का अहम हिस्सा मानते हुए उसे सही तरीके से बनाने को लेकर ध्यान देते हैं, वहीं दूसरी तरफ ऐसे लोग भी होते हैं, जो सर्वेंट क्वाटर अलग नहीं बनाते। उनके घर पर नौकरों को या तो रसोई में या फिर पेंट्री एरिया में सोना पड़ता है। वास्तु के नियमों को मानना और उसके मुताबिक नौकरों के रहने के लिए कमरा तैयार करना, मालिक व नौकरों के बीच अच्छे संबंध बनाता है। नौकर कहें या मजदूर, ये वो लोग होते हैं जो घर को संभालने में हमारी पूरी मदद करते हैं।

वास्तु एक वैदिक विज्ञान है। इसके मुताबिक घर में हर आदमी के रहने की एक सही जगह होती है। उसी के मुताबिक घर का निर्माण करवाया जाना चाहिए। वास्तु के मुताबिक ही घर में सर्वेंट क्वाटर बनाने के लिए भी एक जगह तय की गई है। ऐसा नहीं होने पर मालिक व नौकरों के संबंधों पर बुरा असर होता है।


नौकरों के स्थायित्व के लिए वास्तु के टिप्स:

  • सर्वेंट रूम कभी भी उत्तर पूर्व या दक्षिण पश्चिम कोने में नहीं बनाए जाने चाहिए। इससे घर में लूट या डकैती का खतरा बना रहता है। मालिकों के साथ दुर्व्यवहार की आशंका रहती है।
  • सर्वेंट रूम का फर्श मालिक के कमरे से ऊपर नहीं होना चाहिए।
  • सर्वेंट रूम या सर्वेंट क्वाटर दक्षिण पूर्व या उत्तर पश्चिम कोने में बनाया जा सकता है। इससे नौकरों पर नजर बनी रहती है और वे नियंत्रण में रहते हैं। मालिक व घर के सदस्यों का कहा मानते हैं।
  • नौकरों का कमरा साफ और हवादार होना चाहिए। इसमें अधिक महंगी चीजें नहीं होनी चाहिए। महंगे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स भी नहीं होने चाहिए।
  • नौकरों के कमरे में खिड़कियों व दरवाजों को लेकर भी वास्तु विशेषज्ञों से सलाह ली जानी चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
  • अच्छे व सुंदर रंग नौकरों के कमरों की दीवारों पर किया जाना चाहिए। जिससे सर्वेंट को सुखद अनुभूति हो।
    नौकरों के कमरे में खाली और फ्री जगह भी होनी चाहिए। वह बिल्कुल बंद या घुटन वाला नहीं होना चाहिए।
    नौकरों का खाना, उनके कमरे में नहीं पकाया जाना चाहिए।
  • घर के उत्तर पूर्व कोने में तुलसी का पौधा लगाया जाना चाहिए।
  • नौकरों का कमरा कभी भी दक्षिण पूर्व कोने में नहीं होना चाहिए।

निष्कर्ष

सर्वेंट क्वाटर का वास्तु सही होना एक परिवार की सुख शांति के लिए बहुत ही जरूरी है। नया घर बनाते समय यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि नौकरों का कमरा सही तरीके से बिल्कुल सही जगह पर बना हो। वास्तु के नियमों का पालन किया जाना अच्छा रहता है। ऐसा नहीं होने पर घर परिवार में कई तरह के विवाद सामने आ सकते हैं। मालिक व नौकरों के बीच रिश्तों में दरार आ सकती है, खींचतान और तनाव बना रह सकता है।

वास्तु शास्त्र में हर दिशा का अपना अलग महत्व है। हर दिशा में रहने वालों के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है। उनसे जुड़े निर्देशों का पालन करना जरूरी होता है, यह फायदेमंद साबित होता है। यह जीवन को भी प्रभावित करता है। जो लोग फ्लैट में रहते हैं, उनके लिए दोबारा से निर्माण करना संभव नहीं होता है। ऐसी स्थिति में मौजूद वास्तु दोषों के निवारण के लिए किसी वास्तु विशेषज्ञ से संपर्क किया जा सकता है। जिससे वास्तु शास्त्र के मुताबिक जो बातें गलत है, उन्हें कम किया जा सकता है।



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