जया पार्वती व्रत 2023: महत्वपूर्ण तिथियां और अनुष्ठान
हिंदू कैलेंडर के अनुसार जया पार्वती व्रत या गौरी व्रत आषाढ़ के महीने में मनाया जाता है। इस अवसर पर विवाहित और अविवाहित महिलाएं अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए 5 दिन तक उपवास रखती हैं। मुख्य रूप से यह गुजरात या भारत के अन्य पश्चिमी राज्यों में मनाया जाता है।
महिलाएं आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष के 13वें दिन से अगले पांच दिनों तक इस व्रत को रखती हैं। ऐसा माना जाता है, कि जो भी इस व्रत की शुरुआत करता है, उनको यह व्रत पांच, सात, नौ या 11 साल तक करना चाहिए हैं। अविवाहित युवतियां इस व्रत को मनचाहा जीवनसाथी को पाने के लिए रखती हैं। वहीं विवाहित महिलाएं इस व्रत को सुख, शांति और पति की दीर्घ आयु की मनोकामना के लिए रखती है। ऐसा माना जाता है, कि इस व्रत में रात के समय सोया नहीं जाता। महिलाएं व्रत के अंत तक रात को सोने से परहेज करती हैं। रात्री जागरण में पूरी रात देवी पार्वती की आराधना होती है। यह व्रत देवी पार्वती को प्रसन्न करने के लिए मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है इस व्रत को स्वयं माँ पार्वती ने भगवान शिव के लिए रखा था।