सातवें घर का मंगल: जीवन को भर सकता है संघर्षों से, जानें विस्तार से

सातवें घर का मंगल: जानिए जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर इसका प्रभाव

ज्योतिष में मंगल ग्रह को अक्सर अमंगल का कारक माना जाता है विशेषकर वैवाहिक संबंधों में मामले में। यदि मंगल जन्मकुंडली के सप्तम भाव में बैठा हो तो उस जातक के वैवाहिक जीवन पर अपना असर डालता है और ऐसे व्यक्ति का या तो विवाह लेट होता है या फिर उसका दाम्पत्य जीवन कष्टों से भरा होता है। लोगों में मंगल ग्रह को लेकर जितनी भी जानकारी है, उसके अनुसार इसकी छवि नकारात्मक बना दी गई है। हालांकि मंगल की अनुकूलता मिलने पर जातक अत्यन्त महत्वाकांक्षी और दृढ़ संकल्प वाला होता है। उसमें अदम्य साहस तथा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की अटूट ललक होती है। हालांकि यदि मंगल जातक की कुंडली के सप्तम भाव में विराजमान हो तो वह मांगलिक माना जाता है। मंगल की यह स्थिति व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष का निर्माण करती है। इसके साथ ही यदि यह किसी भी तरह से अनिष्टकारी ग्रहों के साथ मिलकर युति बना रहा हो तो ऐसे जातक सुखी वैवाहिक जीवन के लिए तरस जाते हैं। मंगल ग्रह का हमारे जीवन पर क्या असर होता है, इसे जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि यदि मंगल सातवें घर में बैठा हो तो उसका व्यक्ति पर क्या प्रभाव हो सकता है।


सप्तम भाव में मंगल का फल (Result Of Mars In The 7th House)

सप्तम भाव में मंगल का प्रभाव (Influence of Mars in the 7th house)

  • रिलेशनशिप
  • विवाह
  • प्रेम प्रसंग
  • व्यापारिक व अन्य क्षेत्रों में भागीदारी

सप्तम भाव में स्थित मंगल का आपके व्यक्तित्व पर प्रभाव (Effect of Mars in 7th House On Your Personality)


सप्तम भाव के मंगल का आपके वैवाहिक जीवन पर प्रभाव (Effect of Mars in 7th House On Your Marriage)


सप्तम भाव के मंगल का आपके कॅरियर पर प्रभाव (Effect of Mars in 7th House On Your Career)


7वें घर के मंगल के उपाय (Mars In 7th House Remedies)


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