खरीदते समय कैसे करें प्लॉट का चुनाव : प्लॉट वास्तु टिप्स

यदि आप एक प्लॉट खरीदना चाहते हैं, तो खरीदने से पहले वास्तु के नियम इस बारे में क्या कहते हैं, वो ज़रूर पढ़ लें। क्योंकि वास्तु के अनुसार चुना हुआ प्लॉट या जमीन शुभ और लाभकारी होता है, जो आपको धन, अच्छा स्वास्थ्य, प्रतिष्ठा दिला सकता है। किसी भी ईमारत के निर्माण मे वास्तु शास्त्र संतुलन, सामंजस्य और समरूपता को बढ़ावा देता है।


प्लॉट के लिए वास्तु के टिप्स

जब भी प्लॉट या ज़मीन खरीदें तो हमेशा कार्डिनल दिशाओं की ओर उन्मुख प्लॉट ही खरीदें। कार्डिनल दिशाएं हैं- उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम। इन दिशाओं की तरफ उन्मुख प्लॉट हमेशा लाभकारी होते हैं।
जब कार्डिनल दिशाएं किसी भूखंड के चारों कोनों में घूमती हैं, तो इसे विदिशा भूखंड के रूप में जाना जाता है। इस प्रकार के प्लॉट की चुंबकीय धुरी पृथ्वी के चुम्बकीय अक्ष के साथ एक कोण बनाती है।

सबसे अच्छे प्लॉट चौकोर आकर के होते हैं जिनके चारों कोने समान हों और 90 डिग्री का कोण बना रहे हों। वास्तु का सबसे ज़्यादा लाभ चौकोर प्लॉट में मिलता है। क्योंकि, ऐसे वर्गाकार प्लॉट में वास्तु ज़्यादा लाभकारी होता है।

गौमुखी प्लॉट वो प्लॉट होते हैं जो आगे की ओर संकीर्ण होते हैं और पीछे चौड़े होते हैं। भूखंड का विस्तृत हिस्सा उत्तर-पूर्व में होता है, और सड़कें दक्षिणी या पश्चिमी दिशा की तरफ होती हैं। ऐसे भूखंड, रहने के लिए उपयुक्त होते हैं। यदि प्लॉट का सबसे छोटा हिस्सा उत्तर-पूर्व दिशा की ओर है तो यह अशुभ होता है।

शेरमुखी प्लॉट या व्याघ्रा प्लॉट वो होते हैं, जो आगे से चौड़े होते हैं और पीछे की तरफ संकीर्ण होते हैं। ये प्लॉट व्यावसायिक या कमर्शियल उपयोग के लिए उपयुक्त होते हैं, यदि ऐसे प्लॉट का अधिकांश हिस्सा उत्तर-पूर्व की ओर झुका हो और सड़क पूर्वी या उत्तरी दिशा की तरफ हो।

नकारात्मक ऊर्जा के उत्सर्जन के कारण, तिकोने या त्रिकोणीय भूखंड और दुसरे विचित्र आकार के प्लॉट अशुभ होते हैं। ऐसे प्लॉट के मालिकों को वास्तु का इस्तेमाल कर, कटे हुए प्लॉट के आकार को ठीक करना चाहिए और इसे चौकोर या त्रिकोणीय आकार देना चाहिए।

बड़े बड़े या छोटे कोनो के प्लॉट की भरमार होती है। ये बड़े कोने या छोटे कोने के प्लॉट निसंदेह उनके मालिकों के जीवन को प्रभावित करते हैं। निम्न दिशाओं वाले प्लॉट हमेशा अनुकूल और शुभ लाभ देते हैं।

  • उत्तर- पूर्व दिशा का उत्तरी कोना
  • उत्तरी -पूर्व दिशा का पूर्व कोना
  • उत्तर-पूर्व दिशा

प्लॉट के आकार और वास्तु

कुछ प्लॉट ऐसे भी होते हैं जिनके बीच में से सड़क गुज़रती है। वास्तु में इसे ‘विथी शूल’ के रूप में जाना जाता है, जहां विथी एक सड़क है, और शूल एक तीर है। इस प्रकार की सड़क प्लॉट पर अपनी ऊर्जा केंद्रित करती है। यह जिस दिशा से आ रही है, उसके आधार पर यह ऊर्जा सकारात्मक या नकारात्मक हो सकती है। यह केवल तभी सकारात्मक हो सकती है, जब यह उत्तर-पूर्व दिशा के उत्तर या पूर्व-उत्तर दिशा से आती है।

रिहायशी या व्यावसायिक प्लॉट के लिए ये लाभकारी होता है अगर इनके चारों तरफ से सड़क जा रही हो।
नीचे चार प्रकार की श्रेणियों की सड़कों के तीन किनारे शुभ माने जाते हैं-

  • प्लॉट जिसकी उत्तरी, पूर्व, और पश्चिमी दिशा में सड़क हो परन्तु दक्षिण दिशा में ना हो, वे रहने और व्यापार करने के लिए शुभ माने जाते हैं।
  • वो प्लॉट जिसके उत्तरी, दक्षिणी, और पूर्व दिशा मे सड़क हो पर पश्चिम दिशा मे ना हो वो भी रिहायशी और व्यावसायिक उद्देश्य के लिए उपयुक्त होते हैं।
  • प्लॉट जिसके पूर्व, पश्चिम और दक्षिण दिशा मे सड़क हो परन्तु उत्तर दिशा मे ना हो ऐसे प्लॉट महिलाओं और व्यवसाय करने के लिए उपयुक्त नहीं होते।
  • प्लॉट जिनकी उत्तर, दक्षिण और पश्चिम दिशा मे सड़क हो लेकिन पूर्व दिशा मे ना हो ऐसे प्लॉट व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए तो उपयुक्त होते हैं परन्तु रहने के लिए उतने उपयुक्त नहीं होते।

कार्नर प्लॉट वास्तु

  • कोने वाले प्लॉट जिनके उत्तर और पूर्व दिशा मे सड़क हो शुभ और लाभकारी माने जाते हैं, ऐसे प्लॉट को ईशान्य प्लॉट भी कहते हैं। वैद्य प्लॉट उत्तर और पश्चिम की दिशा में कोने वाले प्लॉट होते हैं।
  • यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि प्लॉट का साउथ-वेस्ट कॉर्नर नॉर्थ-ईस्ट कॉर्नर की तुलना में अधिक ऊंचा हो और इस पर निर्माण वास्तु के नियमों के अनुसार किया गया हो।
  • आग्नेय प्लॉट दक्षिण और पूर्व की सड़कों के साथ कोने वाले प्लॉट होते हैं ,ऐसे प्लॉट लाभकारी नहीं माने जाते क्यूँकि इन आग्नेय प्लॉट की अग्नि ऊर्जा आर्थिक और मानसिक समस्या पैदा करती है ऐसे प्लॉट महिलाओं के लिए भी अशुभ होते है।
  • नैऋत्य प्लॉट वो होते हैं जिनके दक्षिण और पश्चिम तरफ सड़क होती है और ऐसे प्लॉट से हमेशा ही बचें।

सड़क के विपरीत दिशा वाले प्लॉट

  • ऐसे प्लॉट जिनकी पश्चिम और पूर्व दिशा मे सड़क हो और यदि पश्चिमी तरफ सड़क और भूखंड का स्तर कम है, तो ऐसे प्लॉट से बचना चाहिए ये कम फलदायी होते हैं।
  • ऐसे प्लॉट जिनके उत्तर और दक्षिण दिशा मे सड़क हो और उत्तरी दिशा मे सड़क का स्तर कम हो, ऐसे प्लॉट भी उतने शुभ या लाभकारी नहीं होते और ऐसे प्लॉट नहीं लेने चाहिए।

कुछ प्लॉट में केवल एक तरफ सड़क होती है, आइए एक तरफ सड़कों वाले प्लॉट के लिए वास्तु क्या कहता है ,जाने –

ऐसे प्लॉट जिनकी एक तरफ सड़क हो

  • ऐसे प्लॉट जिसके उत्तर की तरफ सड़क हो रिहायशी और व्यावसायिक उद्देश्य के लिए उपयुक्त होते है। अगर प्लॉट और सड़क ढलान पर है तो इसे एक माधयम लाभ देने वाला प्लॉट माना जाता है।
  • आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों के निर्माण के लिए उत्तर की सड़क वाला भूखंड शुभ है। यदि प्लॉट और सड़क उत्तर-पूर्व की ओर ढलान पर है, तो इसे एक मध्यम लाभ देने वाला प्लॉट माना जाता है।
  • इसके अलावा, ऐसा प्लॉट जिसकी पूर्व दिशा में सड़क हो वो भी मध्यम लाभ वाला प्लॉट होता है, इसके साथ
    पूर्वोत्तर दिशा की ओर ढलान वाली सड़क वाला प्लॉट भी मध्यम लाभ देता है।
  • ऐसा प्लॉट जिसके दक्षिण की तरफ सड़क हो वो महिला उद्यमी के लिए उपयुक्त होता है , इसके अलावा ऐसे प्लॉट पर मनोरंजन सम्बंधित व्यवसाय भी खूब फलते फूलते हैं।
  • ऐसे प्लॉट जिनके पश्चिम दिशा मे सड़क हो बेहतर है उन्हें ना ख़रीदा जाए।

प्लॉट के लिए वास्तु -क्या ना करें

  • वास्तु के अनुसार मंदिर, गुरुद्वारा, चर्च या किसी भी धार्मिक स्थलों के पास प्लॉट खरीदने से बचें। जब किसी मंदिर की छाया किसी घर पर पड़ती है, तो यह बहुत ही अशुभ होता है। घर और धार्मिक स्थलों के बीच कम से कम 100 मीटर की दूरी होनी चाहिए।
  • दो बड़े भूखंडों के बीच एक छोटा भूखंड खरीदने से बचें।
  • अगर दक्षिण और पश्चिम दिशा मे कोई जल संसाधन है तो उसे अशुभ माना जाता है। परन्तु अगर प्लॉट के उत्तर और पूर्व दिशा में कुआं बोरवेल या नदी है तो इसे उत्तम माना जाता है।
  • दक्षिण और पश्चिम दिशा में अगर पहाड़ और पहाड़ी इलाके हों तो ये उत्कृष्ट होता है।
  • श्मशान या कब्रस्थान के करीब प्लॉट खरीदने से बचें।
  • प्लॉट के ऊपर कोई हाई टेंशन तार नहीं होना चाहिए, न ही प्लॉट के सामने कोई रुकावट होनी चाहिए, जैसे कि बिजली का खंभा, पेड़ या खंभा।
  • प्लॉट के 100 मीटर के भीतर बरगद, पीपल या सफेद अंजीर के पेड़ नहीं होने चाहिए।

प्लॉट में घर कहां बनाएं ?

यदि आप एक प्लॉट खरीदना चाहते हैं, तो ये सुनिश्चित कीजिए कि वो प्लॉट उत्तर दिशा मुखी हो क्योंकि प्लॉट के लिए ये दिशा सबसे शुभ मानी जाती है।


निष्कर्ष

अंत मे हम कह सकते हैं प्लॉट खरीदते समय वास्तु की नियमों का पालन करना चाहिए, क्योंकि ये बहुत ही महत्वपूर्ण है। प्लॉट या भूखंड के लिए वास्तु के बारे में अधिक जानने के लिए आप हमारे वास्तु विशेषज्ञों से भी परामर्श कर सकते हैं।

वास्तु के और सवालों के लिए अभी बात करें हमारे विशषज्ञों से



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